हेलो फ्रेंड्स, मैं थोर अपनी हॉट सेक्स स्टोरी का अगला पार्ट लेके हाज़िर हू. उमीद है आपने पिछला पार्ट पढ़ लिया होगा. अगर नही पढ़ा है, तो पहले उसको ज़रूर पढ़ ले.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की अरमान अपनी सेक्सी मौसी के लिए पागल था, और उसके बारे में सोच-सोच कर मूठ मारता था. फिर एक दिन उसने अपनी मौसी को फिंगरिंग करते देखा, और मौके का फ़ायदा उठाते हुए अपने मॅन की बात मौसी को बता दी. उसके बाद उसने अपनी मौसी की छूट का पानी पिया. अब आयेज की कहानी अरमान की ज़ुबानी-
मौसी ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे, और अब मैं पूरा नंगा था. मेरा मोटा लंबा लंड देख कर मौसी खुश हो गयी. उसने मेरी तरफ नॉटी नज़रों से देखा, और मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगी.
वो बोली: तेरा लंड तो काफ़ी तगड़ा है. आज जी भर के इससे मैं अपनी प्यास बूझौँगी.
ये बोल कर मौसी ने मेरे लंड पर किस किया, और फिर मूह में लेके चूसने लगी. मौसी किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी. एक खूबसूरत महिला के मूह में जब आपका लंड होता है, तो जो मज़ा आता है, वो वहीं समझ सकता है जिसने ये काम किया हो. और मेरा तो ये पहली बार था.
मौसी मेरा लंड चूस रही थी. उनकी आँखें मेरी आँखों से मिली हुई थी. मैने भी फिर अपने पॉर्न गयाँ का इस्तेमाल किया, और मौसी के सर पर हाथ रख कर उसको लंड पर दबाने लगा. इससे मौसी की साँस रुकने लगी, और वो खाँसने लगी. ये देख कर मुझे बहुत मज़ा आया. मेरा लंड उनकी थूक से चिकना हो चुका था.
कुछ देर लंड चूसने के बाद मौसी मेरे उपर आके बैठ गयी. उनकी गांद मेरे लंड पर थी, और नरम गांद जब लंड पर हो, तो लंड लोहे का सरिया बन जाता है. ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी था.
फिर मौसी आयेज-पीछे हो कर अपनी छूट मेरे लंड पर रगड़ने लगी. मुझे स्वर्ग के दर्शन हो रहे थे. मेरी मौसी ही मेरे लिए स्वर्ग थी. फिर मौसी ने लंड हाथ में लेके छूट पर सेट किया, और उसके उपर बैठने लगी. उनके मूह से सिसकियाँ निकल रही थी, और चेहरे से पता चल रहा था की उनको दर्द हो रहा था.
जैसे ही लंड का टोपा अंदर गया, मौसी की आ निकल गयी. मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा लंड वॅक्यूम मशीन में चला गया हो, जो मेरे लंड को अंदर खींच रहा था. ये एहसास बिल्कुल अलग था, और मूठ मारने से कहीं ज़्यादा बेहतर था.
मौसी आ आ करने लग गयी, और मैं भी नीचे से लंड और अंदर डालने की कोशिश करने लगा. धीरे-धीरे मेरा पूरा लंड मेरी मौसी की गरम छूट के अंदर था. मौसी ने आँखें बंद कर ली थी, और उनकी बंद आँखों से आँसू निकल रहे थे. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे लंड के इर्द-गिर्द गरम पानी का टवल लपेट दिया गया हो.
कुछ सेकेंड्स रुकने के बाद मौसी आयेज-पीछे होना शुरू हो गयी. इससे लंड उनकी छूट के अंदर-बाहर होने लगा. लंड छूट की दीवारों से रगड़ता हुआ अंदर-बाहर हो रहा था, और मौसी आ ऑश आ आ हमम्म कर रही थी. उनके हिलते हुए बूब्स देखते हुए मेरी उत्तेजना बढ़ती जेया रही थी.
कुछ देर बाद मौसी ने मेरी चेस्ट पर अपने हाथ रखे, और मेरे लंड के उपर अपनी गांद को उछालने लगी. अब मेरा लंड मौसी के अंदर उनकी बच्चे-दानी तक पूरा जेया रहा था. मैने भी मौसी के छूतदों को अपने हाथो में कॅसा, और उनको स्पीड बढ़ने में मदद करने लगा.
उनकी गांद जब मेरी जांघों पर टकराती, तो ठप की आवाज़ आती. जिन्होने भी चुदाई के दौरान ये ठप ठप की आवाज़ सुनी है, उनको बताने की ज़रूरत नही है की इससे जोश दुगना हो जाता है. मौसी की छूट से इतना पानी निकल रहा था की मुझे अपने पेट पर गीला-पन्न महसूस हो रहा था.
फिर मैने मौसी के छूतदों से अपने हाथ हटाए, और उनके चुचो को पकड़ कर मसालने लगा. मैं मौसी के निपल्स को खींचने लगा, और उनको मूह लगा कर चूसने लगा. मौसी आ आ करते हुए मेरे लंड पर कूड़े जेया रही थी.
कुछ देर बाद मौसी अचानक से और तेज़ हो गयी, और उनकी सिसकियाँ भी तेज़ हो गयी. फिर वो कूदते-कूदते मेरे उपर गिर पड़ी. मैं समझ गया था की वो झाड़ चुकी थी. मुझे लंड पर भी उनकी छूट का गरम पानी महसूस हुआ था.
फिर मैने मौसी को अपने उपर से उतार कर साइड में लिटा दिया, और उनके चुचे चूसने लगा. मैं उनके पुर बदन को चाटने लगा. फिर उनकी छूट कपड़े से सॉफ करके उसके दाने को फिर से च्चेड़ने लगा. कुछ देर में मौसी फिर से उत्तेजित हो गयी. फिर मैने उनको घोड़ी बनने को कहा.
जैसे ही मौसी घोड़ी बनी, पीछे से उनकी गांद फैल कर डेढ़ गुना बड़ी लगने लगी. मैं उनकी गांद देख कर पागल हो गया, और उसको चाटने लगा. मैने उनकी गांद पर थप्पड़ भी मारे. फिर मैने पीछे से उनकी छूट में लंड पेल दिया, और घपा-घाप छोड़ने लगा. इस पोज़िशन में चुदाई का मज़ा और ज़्यादा आने लगा.
मैं झुक कर मौसी की पीठ चूमता, और उनके चुचे आयेज हाथ ले जेया कर दबाता. मौसी आ आ कर रही थी. अब मेरा मॅन मौसी की गांद मारने का था, तो मैने उनसे पूछा.
वो बोली: मैने सिर्फ़ एक बार गांद मरवाई है. बहुत दर्द होता है.
मैं: मौसी मेरे लिए भी तोड़ा दर्द से लो.
मौसी: चल ठीक है, जैसा तू चाहे.
फिर मैने मौसी की गांद के च्छेद पर थूका. उनकी गांद का च्छेद लाइट ब्राउन कलर का था. फिर मैने उस पर लंड सेट किया, और दबाव बनाने लगा. मौसी आयेज को जाने लगी, लेकिन मैने उनकी कमर को अपनी बाहों में जाकड़ लिया.
मैं दबाव बनता गया, और मेरे लंड का टोपा अंदर घुस गया.
मौसी: आह अरमान, रहने दे. नही हो पाएगा. बहुत दर्द करता है.
मैं: मौसी तोड़ा सा और.
मौसी: नही पागल, ज़्यादा दर्द है. कम होता तो मैं माना थोड़ी करती.
मैं: चलो ठीक है, जैसे आप कहो.
ये बोलते ही मैने पूरा ज़ोर लगाया, और लंड पूरा गांद में पेल दिया. मौसी दर्द से तड़पने लगी, और मुझसे डोर होने की कोशिश करने लगी. लेकिन मैं फेविकोल जैसा उनसे चिपका रहा मेरा लंड गांद में फसाए हुए.
थोड़ी देर में जब मौसी का दर्द कम हुआ, तो मैने धक्के मारने शुरू किए. अब मौसी आ आ करने लगी. कुछ देर बाद उनको मज़ा आने लगा, और वो अपनी गांद खुद पीछे की तरफ मारने लगी. मैं फुल स्पीड से गांद छोड़ने लगा, और नीचे हाथ डाल कर छूट रगड़ने लगा.
15 मिनिट आचे से चुदाई करने के बाद मैने मौसी की गांद को अपने माल से भर दिया. फिर मैं उनके साथ लेट गया. उस रात 4 बार और हमने अपनी हवस मिताई. फिर जीतने भी दिन मैं वहाँ रहा, हमने रोज़ पूरी-पूरी रात चुदाई की, और आज भी करते है.