दोस्तों आयेज की सेक्स कहानी शुरू कर रहा हू-
अरुण ने मुझे हग किया, और गाल पर किस किया. मैं वहाँ से शर्मा कर बाहर निकल गयी.
मैं (बाहर जाते हुए): अब सो जेया, कल तुझे सोच कर बतौँगी.
अरुण: मौसी प्लीज़ यहाँ रुक जाओ ना.
मैने उसको स्माइल दिया, और उसको मेरी अदाओं से घायल करके उसके रूम से बाहर निकल गयी. मैं अब सीधा च्चत पर चली गयी. मैने देखा तो किंजल भाभी और दामाद जी मुझे कहीं नज़र नही आ रहे थे. फिर मैं पास में बने कमरे की और गयी, तो मुझे किंजल भाभी की सिसकारियाँ सुनाई देने लगी. फिर मैने हल्के दरवाज़ा खटखटाया.
मैं (धीमी आवाज़ में): मैं हू संगीता.
दामाद जी ने दरवाज़ा खोला तो मैं खुश हो गयी. दामाद जी नंगे खड़े थे, और किंजल भाभी ब्लू ब्रा पनटी में गद्दा बिछा कर बैठी थी. भाभी तो मेरी दूध जैसी गोरी अंधेरे में भी चमक रही थी. मैने उनको देख कर स्माइल की.
मैं: क्या बात है, आप तो मेरे बिना ही शुरू हो गये.
परेश जी: क्या करता मौसी जी? मामी जी में इतनी आग लगी है की वो आते ही शुरू हो गयी (मैने किंजल भाभी की और देखा तो वो शर्मा रही थी).
मैं: श हो, कितना शर्मा रही है. चल अब दामाद जी के लंड का मज़ा लेते है.
किंजल अब घुटनो पर बैठ कर दामाद जी का लंड चूसने लगी, और मैं उनको किस कर रही थी. परेश जी मेरे होंठो को चूस्टे हुए काट रहे थे, और मेरे बूब्स को मसल रहे थे. मैने जो निघट्य पहनी थी, वो उतार दी. नीचे मैने रेड कलर का सेक्सी ब्रा पनटी का सेट पहना था, जो मुझे मेरे जेठ जी के दोस्त सुरेश जी ने गिफ्ट किया था.
उस दिन से पहले मैं सुरेश जी से 3-4 बार अलग-अलग जगह पर छुड़वा चुकी थी. मेरी सेक्सी ब्रा पनटी देख कर दामाद जी पागल हो गये. वो मुझे पकड़ कर किस करने लगे.
परेश जी: मौसी आज तो आप कातिल लग रही हो. सोचा नही था आप अंदर इतनी खूबसूरत ब्रा चड्डी पहने हो.
मैं: ये सब तो आपको दिखाने के लिए है (अब उन्हे क्या पता की ये भी मुझे किसी ने गिफ्ट दिया था).
परेश जी (मेरी ब्रा के कप से एक बूब बाहर निकाल कर चूस्टे हुए): घर की संस्कारी औरतें ऐसे कपड़े पहन कर सामने आती है, तो इसमे और मज़ा आता है.
मैं: ह्म… अब आप जैसा चुदाई करने वाला मर्द मिले, तो संस्कारी औरत भी रंडी बनने को मजबूर हो जाती है (मैने देखा तो किंजल भाभी लॉलिपोप की तरह लंड चूस रही थी. उसको देख कर ऐसा लग रहा था की पूरा लंड पिघला कर खा जाएगी).
मैं: ये देखो आपकी मामी सास. सुबह हमे कितनी बातें सुना रही थी. अभी देखो कैसे आपका लोड्ा चूस रही है.
किंजल भाभी (मूह से लंड निकाल कर): मुझे क्या पता था की दामाद जी का लंड इतना मस्त है. और आपके भाई को धोखा देकर चूड़ने में बड़ा मज़ा आ रहा है.
मैं: ये बात तो है. मुझे भी तेरे नंदोई को धोखा देकर इनसे छुड़वाने में बड़ा मज़ा आता है. और तू तो कब से इनका लोड्ा चूस कर मज़ा ले रही है. अब मुझे भी चूसने दे.
हमारी बातें सुन कर परेश जी बड़े खुश हो रहे थे. क्यूंकी उनके लंड के लिए भाभी और ननद के बीच बहस हो रही थी.
परेश जी: अर्रे आप दोनो शांति रखिए. आज आप दोनो की प्यास बुझाए बिना मैं रुकने वाला नही हू. (मेरे दोनो बूब्स को मसल कर) आज आपने जो ये लाल ब्रा पहनी है, उसमे आपके ये बूब्स बहुत मस्त लग रहे है.
अब वो मेरी ब्रा के उपर से बूब्स पर किस कर रहे थे. मैने अपने हाथ पीछे करके ब्रा के हुक खोल दिए, और मेरे बूब्स को पूरा नंगा कर दिया. अब दामाद जी मेरे दोनो बूब्स को मसल कर चूसने लगे. और साथ में वो मेरी गर्दन और होंठो को चूस रहे थे.
परेश जी: मौसी आपके इन बूब्स का तो मैं दीवाना हो गया हू. इसके साथ जितना भी खेलु, मेरा मॅन नही भरता.
मैं: हा तो आपको किसने रोका है? आपके लिए तो खोल कर रखे है.
मैं अब दामाद जी का मूह मेरे बूब्स पर दबा कर निपल चुस्वा रही थी. वो भी मेरे दोनो बूब्स को लाल कर दिए. अब मैं किंजल भाभी के साथ बैठ गयी.
मैं: चलो तुम तो इनका लंड छ्चोढना ही नही चाहती. अब मुझे भी तोड़ा चूसने दो.
मैने किंजल के मूह से लंड निकाल कर मेरे मूह में ले लिया, और उसको लॉलिपोप की तरह चूस रही थी. मैने अब उनका लंड पूरा गले के अंदर उतार रही थी. उससे दामाद जी की आँखें उपर चढ़ गयी.
परेश जी: मौसी क्या कर रहे हो? बहुत मज़ा आ रहा है.
मैने लंड चूस्टे हुए देखा की किंजल भाभी अपनी ब्रा पनटी निकाल कर नंगी हो गयी, और गद्दे पर लेट गयी. उसने अपनी दोनो टाँगें फैला दी, और हाथ पर थूक लेकर छूट पर मसल रही थी. वो दामाद जी की आँखों में हवस भारी नज़र से देख रही थी. दामाद जी भी किंजल भाभी को देख कर उनको छोड़ने के लिए तरस रहे थे.
मैं और किंजल उस दिन इतने क्लोज़ हो गये की हम दोनो के बीच शरम नाम की चीज़ ही नही रही. और मैं यहाँ बिना शरम के दामाद जी का लंड चूस कर मज़ा दे रही थी. मैने जैसे ही उनका लंड मूह से बाहर निकाला, वो मेरी आँखों में देखने लगी. मैने भी उनको मुस्कुरा कर कहा-
मैं: देखो आपकी मामी सास आपसे चूड़ने के लिए कितनी बेताब हो रही है. जाओ उनकी प्यास बुझाओ.
किंजल भाभी: हा मेरे प्यारे से बड़े लंड वाले दामाद जी. मुझे छोड़ कर ठंडा करो. अब तो सहा नही जाता.
दामाद जी ये सुन कर इतने खुश हुए की उनकी आँखें चमक गयी. क्यूंकी किंजल भाभी और मेरे जैसी संस्कारी औरतें रंडी की तरह छोड़ने जो मिल रही थी. दामाद जी का लंड तो चूस कर गीला कर दिया था, और किंजल भाभी ने अपनी छूट को मसल कर गीली कर दिया था. किंजल की हल्की गुलाबी छूट बेहद खूबसूरत लग रही थी.
अब दामाद जी उसके दोनो पैरों के बीच बैठ गये, और लोड्ा छूट में घुसा दिया. किंजल की आ निकल गयी. अब वो मोन करते हुए मस्ती से छुड़वा रही थी. किंजल सेक्सी अंगड़ियान ले रही थी. मुझे लग रहा था की अब वो दामाद जी और मेरे से खुल गयी थी. वो नीचे से अपनी गांद उठा-उठा कर लंड खा रही थी.
मैं अब उसके आयेज जेया कर उसके बूब्स को सहला रही थी. किंजल भाभी और मैं एक-दूसरे की आँखों में देख कर मुस्कुरा रहे थे. अब तो हम ननद भाभी संस्कारी औरत से रंडियन बन गयी थी. किंजल के 2 बार झाड़ जाने के बाद वो तोड़ा तक गयी, तो मैं घोड़ी बन गयी.
किंजल भाभी: क्या नसीब है आपका दामाद जी, इतनी सेक्सी मौसी सास आपके आयेज घोड़ी बन कर खड़ी है. इसको भी छोड़ कर ठंडा कर दो.
परेश जी: हा इसमे तो आपसे भी ज़्यादा गर्मी है. और ये मेरे लंड की अब प्यासी बन गयी है. हमेशा चूड़ने को रेडी रहती है.
मैं: अब छूट की आग तो एक असली मर्द बुझा सकता है, और दामाद जी आप ही असली मर्द हो. प्लीज़ अब छोड़ भी डालो. आपकी ये रंडी मौसी अआप्से चूड़ने को तड़प रही है.
किंजल भाभी: हा छोड़ो इस च्चिनाल को, साली ने मुझे भी चुड़क्कड़ बना डाला.
किंजल ने मेरी गांद पर छाँटा मारा और मेरे बाजू में लेट गयी. भाभी मेरी और देख कर मुस्कुरा रही थी. अब मैं भी दामाद जी से छुड़वाने लगी. वो मेरे बाल पकड़ कर मुझे छोड़ रहे थे, और फिर वो मेरे उपर आ कर मुझे मिशनरी पोज़िशन में छोड़ने लगे.
उसके बाद मैं उनके लंड पर उछाल-उछाल कर चुड रही थी. मेरे बाद किंजल भाभी भी उनके लंड पर उछाल-उछाल कर चूड़ी. अब वो किंजल को मिशनरी पोज़िशन में छोड़ रहे थे, और साथ में उसके लिप्स भी चूस रहे थे.
मैने नोटीस किया की दामाद जी मुझे रंडी की तरह छोड़ रहे थे, और किंजल भाभी को बड़े प्यार से छोड़ रहे थे. मुझे ये देख कर थोड़ी जलन भी हो रही थी. लेकिन मैने सोचा की अभी नयी-नयी है तो उनको मज़ा आ रहा था. 2-4 बार और चुड लेंगी तो उसको भी रंडी की तरह ही छोड़ेंगे.
परेश जी: मेरा होने वाला है.
किंजल भाभी: आप मेरी छूट में झाड़ जाओ. बहुत दिन हो गये मेरी छूट में वीर्या नही गया. मैं आपको मेरे अंदर महसूस करना चाहती हू.
मैं ये सब देख कर समझ गयी की किंजल भाभी को दामाद जी से अब लगाव होने लगा था. और मैं भी जब मेरे भनजे कमाल से पहली बार पति को धोखा देकर चूड़ी थी, तब मुझे भी उससे प्यार हो गया था. लेकिन छुड़वाने की आदत पद गयी, और मैं अब और मर्दों से चूड़ने लगी.
दामाद जी अब किंजल भाभी की छूट में झाड़ गये, और तक कर उनके बाजू में लेट गये. हम दोनो ननद-भाभी हमारे दामाद जी से चिपक कर सो गये और बातें करने लगे.
दामाद जी: हे भगवान. क्या ससुराल मिला है. सोचा नही था इतनी मस्त सास मिलेगी. पहली एक मिली थी, अब 2-2 मिली है.
मैं: अभी तक सब को पता नही है की आप इतना मज़ा देते हो. नही तो सब आपसे चूड़ने को तैयार हो जाती. जैसे किंजल का दिल आप पर आ गया.
किंजल भाभी: अर्रे आपने हिम्मत नही दी होती तो मुझे भी कहाँ पता चलता की दामाद जी में ऐसा दूं है. कितने मस्त दिखते है, और मस्त चुदाई करते है.
किंजल अब दामाद जी के लिप्स चूसने लगी. हम दोनो हमारे एक-एक पैर दामाद जी के उपर रख कर लिपट कर उनको किस करने लगी. परेश जी तो स्वर्ग में सवारी कर रहे थे. उसके बाद मैने अपने कपड़े पहने, पर किंजल भाभी दामाद जी से लिपटी हुई थी.
मैं: किंजल भाभी लगता है आप का अभी तक मॅन नही भरा है.
किंजल भाभी: हा मुझे अभी एक और रौंद मज़ा करना है. (दामाद जी को नॉटी स्टाइल में) आप एक रौंद लगा दोगे ना?
परेश जी (किंजल भाभी को अपने नीचे ला कर): आप ऐसे पूचोगे तो एक क्या 2-3 रौंद लग जाएँगे.
अब वो दोनो किस करने लगे. मैने सोचा दोनो में अब इतना प्यार बढ़ रहा था, तो मैं क्यूँ वहाँ कबाब की हड्डी बनू. तो मैं उस कमरे से बाहर आ कर पहरेदारी करने लगी. कुछ एक घंटे बाद वो दोनो कपड़े पहन कर बाहर निकले. मुझे अभी भी वहाँ देख कर दोनो मेरे पास आए.
किंजल भाभी: आप अभी तक यहाँ थी?
मैं: तो आप दोनो अंदर थे तो पहरेदारी तो मुझे ही करनी पड़ती ना. कोई आ जाता तो?
किंजल भाभी (मुझे हग करके): आप कितनी अची हो!
मैं: अर्रे अब हम दोस्त है. (मैने दामाद जी का हाथ पकड़ कर कहा) देखो जमाई राजा, ये बात किसी को भी नही बताना की आप हम दोनो को छोड़ रहे है. हमारी इज़्ज़त आपके हाथ में है.
परेश जी: मैं किसी को कुछ नही कहूँगा. मैं आपसे वादा करता हू ये बात हम तीनो के बीच ही रहेगी.
मैने और दामाद जी ने एक और बार किस किया, और हम एक-एक करके नीचे उतार गये. फिर हम अपना-अपना बिस्तर पकड़ कर सो गये. परेश जी भी मीयर्रा के साथ सो गये. इसके आयेज क्या हुआ आपको सेक्स कहानी के नेक्स्ट पार्ट में पता चलेगा.