हेलो फ्रेंड्स, मृणालिनी हियर. उमीद है आपने मेरी सेक्स स्टोरी का पिछला पार्ट पढ़ लिया होगा. जिन लोगों ने अभी तक पहले के पार्ट्स नही पढ़े है, वो पहले उनको पढ़ ले. अपनी आयेज की स्टोरी कंटिन्यू करने जेया रही हू-
लास्ट स्टोरी में आपने पड़ा था की 3 बार सेक्स करके हम रात को टेरेस पे सुत्ता मार के वापस आए. फिर हम 3 बजे के करीब सो गये.
फिर सुबा कुछ 9 बजे के आस-पास मेरी नींद खुली. मैं मौसा से लिपटी सो रही थी. फिर मैने देखा जिस चादर में हम दोनो सो रहे थे, उसमे मौसा के लंड से टेंट बना हुआ था.
ये देख कर मैने चादर में घुस के लंड पकड़ा, और चूसने लगी. उस वक़्त मेरी गांद मौसा के तरफ थी. मेरे लंड चूसने से मौसा की नींद भी खुली, और वो मेरी छूट के दाने को उंगली से च्चेड़ने लगे. उंगली से च्चेड़ने से मेरे मूह से सिसकी निकली आअहह श करके.
फिर मैने पैर मोड़ कर अपनी छूट को मौसा के मूह पे रखा, तो वो मेरी छूट को अपनी जीभ से रग़ाद के चाटने लगे. ऐसे ही 10 मिनिट चाटने से मैं झाड़ गयी. फिर उन्होने मुझे उपर लेके 25-30 मिनिट नीचे से और साइड पोज़ में छोड़ा. उसके बाद उन्होने मेरी छूट में ही पानी झाड़ दिया.
मैं तो वैसे ही सो गयी. फिर 5 मिनिट में उनका फोन बजा. मौसी का कॉल था. तो वो किचन में जाने लगे और मुझे पूछा-
मौसा: छाई पिएगी तू?
मृणाली: हा पियूंगी.
फिर 10 मिनिट बाद वो छाई लेके आए. मैने उनको बोला-
मृणालिनी: क्या बोली मौसी फोन पर?
मौसा: वो बता रही थी की कल रात वो उसकी एक कॉलेज फ्रेंड है उसका कॉल आया था, की 11 बजे रात में घर पे आना है.
मृणालिनी: इतनी रात में उसके घर क्यूँ?
मौसा: अर्रे उसके घर पार्टी रखी थी, और साथ में चुदाई का प्रोग्राम था. तो वो डाइरेक्ट रात में वहीं चली गयी, तो बता रही थी.
मौसी: असमी बोली (मौसी की कॉलेज फ्रेंड) मेरा बाय्फ्रेंड आ रहा है. उसका शौहर 4 दिन के लिए बाहर है, तो उसके ब्फ के 2-3 फ्रेंड है. वो मुझे पूच रहे है. तो मैं भी आ जौ दोनो मिल के चूड़ेंगे.
मृणाली: तो मौसी ने 2 लंड लिए क्या?
मौसा: नही 3 लंड लिए. वो भी रात भर उसको छोड़ रहे थे, और उसकी फ्रेंड ब्फ के साथ दूसरे रूम में थी. पर मौसी को 3 लोगों ने बारी-बारी से छोड़ा. पूच रही थी अओ या राहु, तो मैने बोला आज रात तक रुक जाना, कल सुबा 12 बजे तक आ जाना. इस्पे वो बोली सुबा नही रात को 12 बजे अवँगी, और भी छोड़ा-छोड़ी होने वाली है. वियाग्रा खा के छोड़ रहे है, मज़ा आ रहा है उसे.
मृणालिनी: अर्रे वाह, मौसी की छूट का तो मज़ा है.
मौसा: हा छूट के साथ गांद का भी मज़ा है. पूच रही थी मृणाली सोई है क्या? तो मैने हा बोला. फिर अपना चुदाई का सीन बताया और बोला रूचि भी आ रही है (मेरी मम्मी). आज दिन रात उसे भी छोड़ूँगा.
मृणाली: तो मौसी क्या बोली?
मौसी (मौसा के मूह से): ठीक है बोली मज़ा करो और तुम दोनो का ध्यान रखो बोली. और बोली की किसी का फोन आए तो कहना मैं घर में ही हू, सिर्फ़ रूचि दीदी को पता है मैं कहाँ हू, और शायद नित्यश्री को भी.
मृणाली (बात कटके): नित्या मौसी को कैसे पता चला?
मौसा: शायद उसने अनुश्री को फोन पे बात करते हुए सुना. वो भी छूट, गांद, लंड, रंडी, बहनचोड़ जैसे वर्ड्स. तो शायद कुछ समझ गयी होगी.
तब तक हमारी छाई ख़तम हो गयी थी. मौसा ने नाश्ते का पूछा तो मैने माना किया, और वापस सो गयी. मेरे सोने के बाद मम्मी का कॉल आया, पर फोन साइलेंट था तो पता नही चला. फिर मम्मी ने मौसा को कॉल किया टेरेस पे आके.
मौसा: हेलो दीदी, गुड मॉर्निंग.
मम्मी: ही आदि, कब उठे. मृणाली उठी या सोई है?
मौसा: मृणाली उठी थी, पर छाई पी कर वापस सो गयी.
मम्मी: आदि अब सब कुछ डिसाइड हुआ है जो मृणाली ने बताया होगा तुझे, तो फ्रीली बात करू क्या? कुछ माइंड तो नही करोगे ना?
मौसा: अर्रे नही यार दीदी. उसमे माइंड करने जैसा क्या है? मृणाली भी वैसे ही बात करती है, तो तुम भी खुल के बोल सकती हो.
मम्मी: ओक, पर तू भी मुझे दीदी ना बोल. नाम से बुला, और अब बता कैसी बीती रात? कैसे चुडवाया मृणाली ने? मज़े से छूट चुडवाई ना उसने?
मौसा: रात तो मस्त कटी और रात में 3 बार और सुबा उठ के भी 1 बार छोड़ा. पूरा प्लान करके आई थी मृणाली.
मम्मी: हा वो तो है. मुझे भी बोल रही थी की उसे चूड़ना है तुझसे, और उसके साथ मेरा भी जुगाड़ हो गया.
मौसा: हा वैसे भी तुम सब बहने पूरी रंडी बन गयी हो.
मम्मी: काव्या के बारे में भी बोला क्या उसने?
मौसा: हा और अनुश्री भी कों सी कम है? वो भी चूड़ने के लिए गयी है.
मम्मी: हा वो जाने से पहले बोल के गयी है, और लगता है नित्या भी चूड़ने के लिए लंड ढूँढ रही है. कल रात मृणाली तेरे साथ घर आने का बताने टेरेस पे आई तो नित्या एक कोने में खड़ी थी. उसने टू पीस निघट्य पहनी थी, पर मैने देखा तो वो कोने में नीचे नंगी बैठ के उंगली कर रही थी.
मम्मी: फिर मृणाली नीचे गयी तो मैने डोर अंदर से लॉक करा, और उसके पास गयी. फिर उसकी छूट चाट के पानी निकाल के दिया. मैने भी निघट्य उतार के छूट चटवाई. फिर मैं नीचे आई वो उपर नंगी ही बैठी थी. बाद में क्या हुआ पता नही.
मौसा: काव्या को भी सेट कर देना यार रूचि.
मम्मी: डॉन’त वरी, आज मेरी छूट गांद दोनो मार दे. फिर उसकी भी ले लेना. और हा, मुझे 15 मिनिट में लेने आजा, और वियाग्रा ले लेना, शायद कम पड़े.
मौसा ने ओक बोल के कॉल कट कर दिया. इसके आयेज इस परिवारिक चुदाई कहानी में क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. यहाँ तक की कहानी के बारे में आपके क्या विचार है, और कहानी आपको कैसी लग रही है, ज़रूर बताए. अगला पार्ट जल्दी आएगा. कॉमेंट करना ना भूले.