मौसा और भतीजी की सेक्स की तड़प की कहानी

रूम में आ कर मैं बेड पर उल्टी लेट गयी. मुझे बहुत बुरा लग रहा था. मेरी आँखों से आँसू निकल रहे थे. मैं बहुत शर्मिंदा थी अपने आप से.

मैं: ओह मा, मैने पाप किया है. ये बहुत ग़लत है. वो मेरे मौसा जी है, और मैने उनके साथ!

मैं रो रही थी. मेरे आँसू रुक ही नही रहे थे. मेरा जिस्म पूरा काँप रहा था. तभी मुझे मेरी मों का फोन आया. मुझे मेरी मों ने बताया की आज से 21 दिन के लिए लॉक्कडोवन् लग गया था. और मुझे मेरी मों ने कहा की अब मैं 21 दिन के लिए वही राहु. जब लॉक्कडोवन् ख़तम हो जाए, तब अओ. क्यूंकी बीच में आने से प्राब्लम हो सकती थी.

इसलिए मुझे वही रहना पड़ा, और फिर मैं फोन ज़ोर से पटक कर वापस उल्टी हो कर रोने लगी. थोड़ी देर बाद, दरवाज़े पर मौसा जी ने नॉक किया, और मुझसे दरवाज़ा खोलने के लिए बोल रहे थे.

पर मैं दरवाज़ा नही खोल रही थी. लेकिन उनके बार-बार दबाव देने के कारण मुझे दरवाज़ा खोलना पड़ा. लेकिन उससे पहले मैने अपने कपड़े पहने और फिर दरवाज़ा खोला. वो अंदर आए और मुझसे बोले-

मौसा जी: क्या हुआ है? तुम क्यूँ रो रही हो?

मैं: हमने जो किया वो ग़लत है. उससे में बहुत शर्मिंदा हू.

मौसा जी: हमने कोई ग़लती नही की है. मैने तुमसे पहले ही कहा था हमने सिर्फ़ अपने जिस्म की ज़रूरत पूरी करने की कोशिश की थी. और जिस्म की ज़रूरत पूरी करने को ग़लत नही कहा जाता, ठीक है! अगर तुम हम दोनो के बीच रिश्ते को लाओगी, तो हम अपने जिस्म की ज़रूरत पूरी नही कर पाएँगे. और रिश्ता लाने के बाद भी अगर हम करते है, तो ये ग़लत नही होगा, ठीक है?

मैं: आप जो बोल रहे हो, सब ठीक है. लेकिन मेरे दिल में पहले ऐसा कुछ नही था. लेकिन जब से आपको पिंकी के साथ देखा, तब से मेरे साथ हो रहा है.

मौसा जी: ये तो अची बात है ना, की तुमको मुझे और पिंकी को देखने के बाद हुआ. पता है जब मैने तुम्हे पहली बार देखा तो मेरे दिल में क्या ख़याल आए थे, “ओह मी गोद, क्या लड़की है! इसे देख कर मेरे दिल में गंदे ख़याल क्यूँ आ रहे है? और ये पहली लड़की है जिसे देख कर मेरा लंड एक-दूं से खड़ा हो गया है. और इसके साथ सेक्स करने की इक्चा बहुत हो रही है. ऐसा क्यूँ हो रहा है?

ये तो मेरी साली की लड़की है. फिर ऐसा क्यूँ हो रहा है? मुझे ऐसा लगता है मेरा अकेलापन मेरी तन्हाई की वजह से मेरे साथ ऐसा हो रहा है. और वैसे इसका फिगर बहुत सेक्सी है, तो किसी भी आदमी का खड़ा हो सकता है. जैसे इसके गोरे-गोरे पावं, उसकी मस्त टाँगे, और उपर जांघें भारी हुई.

इसके हिप्स, इसकी पतली कमर, और इतने बड़े-बड़े बूब्स. इसकी नशीली आँखें, लाल टमाटर जैसे गाल, गुलाब की पंखुड़ियों जैसे इसके होंठ, और मोरनी के जैसी इसकी नाक. जिसको एक बार मिल जाए, वो तो ज़िंदगी भर इसका गुलाम बन जाए”.

मौसा जी: और पता है तुमसे पहले मैने जितनी लड़कियों से किया, मुझे कभी भी सुख नही मिला. लेकिन आज तुम्हारे साथ किया तो मुझे बहुत सुकून मिल रहा था. लेकिन तुमने वो मेरा सुख छ्चीन लिया.

मैं: ओह अछा, तो आप मुझे पहली बार देख कर मुझ पर लट्तू हो गये थे?

मौसा जी: हा हो गया था. उसी दिन सोच लिया था…

मैं: की मुझे छोड़ोगे, हैईना?

मौसा जी: हा हा हा.

मैं: तो ठीक है मैं भी आपसे दोस्ती करना चाहती हू. बस उमर में आपसे छ्होटी हू.

मौसा जी: ओह अछा तो इतनी देर से तुम नाटक कर रही थी?

मैं: हा मैं नाटक कर रही थी. लेकिन मैं जल्दबाज़ी नही करना चाहती थी.

इसलिए सब इतना नाटक किया था की आप मेरी फीलिंग को समझो, उसके बाद मेरे साथ करो.

मौसा जी: ओके ठीक है, जब तुम कहोगी तब हम करेंगे.

मैं: ओके, और एक बात सुनो. अगर मुझे आपके साथ अछा लगा. तो हम रिलेशन्षिप में आएँगे, और अपना रिलेशन्षिप चालू रखेंगे.

मौसा जी: तुमने हा बोल दिया मेरे लिए बहुत है. मुझे तुम्हारी हर बात मंज़ूर है.

इतना बोलने के बाद मौसा जी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, और मेरे कानो में हल्की सी आवाज़ में बोला-

मौसा जी: मैं तुमसे बहुत प्यार करता हू. ई लोवे योउ.

मैं: ई लोवे योउ टू. अब मैं आपको कभी अकेलापन और तन्हाई महसूस नही होने दूँगी. क्यूंकी अब से मैं आपके साथ हू.

तो मौसा जी फिरसे जोश में आ गये. मैं उनकी बाहों में थी, और उनका लंड खड़ा हो गया था. सीधा मेरी छूट को टच कर रहा था.

मैं: अछा सुनो, अभी मुझे नहाने जाना है. अभी आप जाओ, हम फिर मिलेंगे.

मौसा जी: ओह मी डार्लिंग सॉरी.

और फिर वो चले गये. मैने दरवाज़ा अंदर से बंद किया, और मैं चली बातरूम में नहाने के लिए. पहले मैने अपने कपड़े उतरे और फिर मैं अपनी ब्रा उतारने लगी. तभी मैने महसूस किया की मेरे बूब्स के निपल अभी तक कड़क थे.

फिर जब नैने अपनी पनटी उतरी, तो मेरी पनटी भी गीली थी. क्यूंकी मेरी छूट ने अपना पानी छ्चोढ़ दिया था, जब मौसा जी ने मुझे हग किया था. फिर मैने शवर लिया, और अपने पुर जिस्म पर साबुन लगाया.

मेरे जिस्म में अभी भी करेंट जैसा महसूस हो रहा था. जब मौसा जी ने च्छुआ था, तब ऐसा हुआ था. लेकिन उसका असर अभी तक था. मुझे पता नही क्या हुआ था, की मैं एक हाथ से खुद अपने बूब्स को दबाने लगी. दूसरे हाथ से अपनी छूट को मसालने लगी.

फिर जैसे-तैसे करके मैं नहा कर बाहर आ गयी, और फिर मैं अपने कपड़े पहन कर सो गयी. नेक्स्ट ईव्निंग:-

मौसा जी: गुड ईव्निंग मी लव्ली डार्लिंग. जागो-जागो, मैं तुम्हारे लिए स्पेशल टी बना कर लाया हू (ओन्ली फॉर योउ).

मैं उठी और अंगड़ाई ली उनके सामने और एक स्माइल दी अची सी. फिर कहा-

मैं: गुड ईव्निंग मी लव्ली बाबू (घड़ी में टाइम देखा तो 6:00 बाज रहे थे).

मौसा जी: ओह हो, तो आज से तुम मेरी सोना और मैं तुम्हारा बाबू.

मैं: हा मेरे बाबू. वैसे इस टी के साथ इस बॉक्स में तुम क्या लेकर आए हो बाबू?

मौसा जी: ये मेरी सोना के लिए मैं गिफ्ट लेकर आया हू.

मैं: अछा मेरे प्यारे बाबू. और हमने साथ में टी पी, और फिर मैने बॉक्स खोला. उसके अंदर से एक जीन्स और टॉप निकली, जो काफ़ी सेक्सी था. साथ में एक ब्रा और पनटी भी थी रेड कलर की शाइनिंग वाली.

मैं: ये तो बहुत प्यारी आंड सेक्सी है मी डियर बाबू.

मौसा जी: तुम भी तो बहुत प्यारी हो, और तुम्हारे लिए प्यारा गिफ्ट.

और तुम्हे देख कर मेरे दिल में ये ख़याल आता है…

मैं: मुझे देख कर मेरे बाबू को क्या ख़याल आता है?

इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में. फीडबॅक के लिए मेरी गमाल ईद है:

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