मौसा और भतीजी की पहली चुदाई की कहानी

मौसा जी: तुम्हे देख कर मेरे अरमान जाग जाते है. ये तुम्हारी ज़ूलफें, इसमे खुद को गुम करना चाहता हू.

ये तुम्हारे लाल टमाटर जैसे गाल, इन्हे अपनी जीभ से चाटना चाहता हू. तुम्हारे ये गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ, इन्हे अपने होंठो से चूसना चाहता हू. और ये तुम्हारे बिग बूब्स आंड निपल देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता है, और जी करता है की अभी तुम्हारी सलवार उतार कर तुम्हारी रस्स-भारी चिकनी छूट में अपना लंड डाल डू.

मैं: बस करो मेरे बाबू, मैं पानी-पानी हो गयी हू.

मौसा जी: चलो ठीक है, तो मैं चलता हू. तुम तैयार हो कर ये जीन्स-टॉप पहन कर 2 घंटे बाद नीचे आ जाना. तुम्हारे लिए एक सर्प्राइज़ है.

मैं: ठीक है मेरे बाबू. मैं तैयार हो कर नीचे आती हू, तुम चलो.

(2 घंटे बाद करीब 8:00 बजे)

मैं तैयार हो कर नीचे आई तो मैने देखा. नीचे हॉल पूरा सज़ा हुआ था, और डाइनिंग टेबल पर खाना सज़ा हुआ था. मेरे सामने मौसा जी खड़े थे.

मैने उनसे पूछा: मेरे बाबू को उसकी सोना कैसी लग रही है?

मौसा जी: ओह बाप रे, मेरी सोना इतनी खूबसूरत है, मैने कभी नही सोचा था की तुम जीन्स-टॉप में इतनी सेक्सी हॉट लगोगी. तुम इस तरह देख कर तो किसी भी मर्द की हालत खराब हो सकती हो.

मुझे देख कर मौसा जी का मूह खुला का खुला रह गया था, और मूह में पानी आ गया था. फिर उन्होने मेरा वेलकम किया, और मुझे डाइनिंग टेबल की तरफ ले गये. खाना बहुत मस्त लग रहा था, जैसे की शाही पनीर, मलाई कोफ्ता, टंग्डोरी रोटी, बिरयानी, और साथ में रसगुल्ले. अब इन सब आइटम्स को देख कर मेरे मूह में पानी आ रहा था.

मैं: मैं यकीन नही कर पा रही, की मेरे बाबू ने ये सब मेरे लिए किया है.

मौसा जी: यकीन करो मेरी सोना, ये सब कुछ मैने सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारे लिए किया है. क्यूंकी मैं तुमसे बहुत प्यार करने लगा हू.

मैं: अछा मेरे प्यारे बाबू, तो चलो शुरू करते है हम आज का अपना फर्स्ट डिन्नर.

मौसा जी: हा, लेकिन पहले हम ड्रिंक करेंगे. उसके बाद खाना.

मैं: नही रे बाबा, मैं ड्रिंक नही करती.

मौसा जी: मुझे पता है तुम ड्रिंक नही करती, और मैं भी नही करता हू.

लेकिन ये हमारी दोस्ती का पहला दिन है, और पहला डिन्नर. इसलिए पहले थोड़ी से ड्रिंक करते है, उसके बाद खाना खाते है. और फिर हमने दो ग्लास उठाए, और दोनो में ड्रिंक भारी. मैने मौसा जी को पिलाई, और उन्होने मुझे पिलाई. हम एक-दूसरे को देख रहे थे. हम दोनो को नशा चढ़ गया था. फिर हम दोनो ने एक साथ डिन्नर किया, और खाना बहुत टेस्टी था.

मैं: आज आपने एक देसी लड़की को इंग्लीश दारू पीला दी है, तो मुझे नशा चढ़ गया है.

मौसा जी: मेरी सोना को इंग्लीश बनाना था, क्यूंकी मुझे इंग्लीश सेक्स पसंद है, देसी सेक्स नही.

मैं: अछा और?

फिर मौसा जी ने मुझे अपनी बाहों में उठाया, और सीधा सोफे पर ले गये. उन्होने मुझे सीधा सोफे पर बिता दिया, और खुद घुटनो के बाल बैठ कर उनकी सीधी नज़र मेरे बूब्स पर थी.

मैं: मेरे बाबू क्या देख रहे है? मेरे बूब्स देख रहे है?

मौसा जी: हा मेरी सोना के बूब्स है इतने प्यारे, की ना चाहते हुए भी मेरी नज़र उधर चली जाती है.

इतना सुन कर मैने मौसा जी का सर पकड़ के अपने बूब्स के बीच में कर दिया. फिर अपने एक हाथ से उनके सर को उपर-नीचे दबाने लगी. उनको बहुत मज़ा आने लगा था. फिर मैं उठी, और उनको सोफे पर बिता दिया, और मैं उनके सामने खड़ी हो गयी, और अपनी अदाएँ दिखाने लगी.

सोफे पर बैठे मौसा जी का लंड एक-दूं कड़क हो गया था. मुझे ये सॉफ-सॉफ दिख रहा था. उनसे अब कंट्रोल भी नही हो रहा था. वो तड़प रहे थे, और मुझे उनको तड़पाने में मज़ा आ रहा था. फिर वो उठ गये, और मेरे पास आ गये. पहले वो मेरे पावं पर हाथ फेरते-फेरते मेरी जांघों तक पहुच गये.

मैं: तुम मुझे ऐसे ना छुओ. तुम्हारा निकल जाएगा, फिर क्या करोगे?

पर वो पुर जिस्म पर हाथ फेरते ही रहे. मेरे जिस्म में आग लग गयी थी. मैं अपने होंठ काट रही थी. फिरसे मौसा जी ने मुझे सोफे पर ले जेया कर सीधी लिटा दिया, और खुद मेरे उपर चढ़ गये. वो मेरा टॉप उपर करके मेरी नाभि को अपनी जीभ से चूमने-चाटने लगे.

मौसा जी पुर जोश में थे, और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मौसा जी आयेज बढ़े, और मेरा टॉप उतार दिया. अब वो मेरी ब्रा के उपर से मेरे बूब्स को मसालने लगे. उनसे कंट्रोल नही हुआ तो उन्होने मेरी ब्रा भी निकाल दी.

अपने दोनो हाथो से वो मेरे बूब्स को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगे. फिर मेरे निपल को अपनी उंगलियों से मसालने लगे.

मौसा जी: देखो मेरी सुनो, तुम्हारे ये निपल कितने कड़क हो गयी है. तुम्हारे निपल्स को मसालने से तुमको बहुत मज़ा आ रहा है.

मैं: आह ह ह ह श बाबू बहुत मज़ा आ रहा है.

ओह मेरे बाबू, तुम बहुत बड़े कमीने हो. तुम्हे पता है एक लड़की के निपल्स को इस तरह चूसने और मसालने से कितना मज़ा आता है.

मौसा जी: हा मेरी सोना, मुझे पता है की तुम्हे कितना मज़ा आ रहा है. अगर तुमको मज़ा नही आता तो तुम मुझे रोकने की कोशिश करती.

और आज मैं तुमको बहुत मज़ा देने वाला हू. तुम ज़िंदगी भर इस मज़े को याद रखोगी.

मैं: ओह अछा.

और फिर मौसा जी अपना सर मेरे दोनो बूब्स के बीच में रख दिए, और दोनो हाथो से मेरे बूब्स को दबाने लगे. उसके बाद वो मेरे निपल्स अपने मूह में लेकर चूसने लगे, और दूसरे हाथ से मेरे दूसरे निपल को मसालने लगे.

फिर मौसा जी मेरे निपल्स पर अपनी जीभ फेरने लगे. आहह आह ह बहुत मज़ा आ रहा था.

उसके बाद मौसा जी ने मेरी जीन्स उतार दी, और मेरी गीली पनटी भी उतार दी. मेरी छूट ने पानी छ्चोढना स्टार्ट कर दिया था. फिर मौसा जी ने अपने भी कपड़े उतार दिए. वो भी नंगे हो गये. उनका लंड एक-दूं टाइट हो गया था.

अब वो मेरी टाँगो के बीच में आ गये, और मेरी गीली छूट को अपनी जीभ से चाटने लगे. मेरे मूह से ह ह ह ह की आवाज़े निकल रही थी. करीब 2 मिनिट्स के बाद मौसा जी उठे, और अपना लंड मेरे मूह में दिया, और मैं उनके लंड को कुलफी की तरह चूसने लगी.

उनका लंड बहुत गरम था. मैं उनके लंड के टोपे पर अपनी जीभ फेर रही थी, और वो अपने मूह से अब ह श ऑश ह की आवाज़े निकाल रहे थे. फिर झट से उन्होने अपना लंड मेरे मूह से निकाला, और मेरी टांगे खोली. उसके बाद वो घुटनो के बाल बैठ गये, और अपना लंड सीधा मेरी छूट में एक झटके में पूरा का पूरा घुसा दिया.

जैसे उनका लंड मेरी छूट में गया, मेरे मूह से ज़ोर से चीख निकल गयी. लंड अंदर अभी गया ही था, और उनके लंड ने मेरी छूट के अंदर उल्टी कर दी (मतलब उनके लंड ने अपना पानी छ्चोढ़ दिया).

इससे आयेज क्या हुआ इस कहानी के नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी. मेरी गमाल ईद है म्‍मातरानी19@गमाल.कॉम.

मेरी सेक्स कहानी पसंद आई हो तो प्लीज़ मुझे मैल कीजिएगा.

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