हे बहानो आंड भाइयो यह कहानी मेरे और मेरे दोस्त की बेहन मनमीत के बीच हुई ताबड़तोड़ चुदाई की है तो सब मज़े ले.
मई हू कारण जो पुंजब का रहने वाला हू. और जिम लवर हू अची बॉडी है मेरी और 6.5इंच का लंड है और मुझे इन्सेस्ट बहोट पसंद है. मेरे दोस्त की बेहन मनमीत (मनु) जो की 21 साल की बहोट मस्त माल है. उसपे मेरी नज़र थी काफ़ी टाइम से. वो भी मेरे से काफ़ी हसी मज़ाक करती रहती और बाते वगेरा भी करती रहती थी.
एक दिन हुआ ऐसे की मेरा मेरी गफ़ को छोड़ने का प्लान था. तो मई मनमीत के भाई को बताया तो उसने मुझे एक गोली दी जिससे कम ज्लडी ना होता. तो मैने खा ली और अचानक गफ़ के साथ प्लान कानक्ले हो गया. अब मई मनमीत के घर गया उसके भाई को बताने की अब क्या करू.
जैसे ही मई उसके घर पोंचा तो मनमीत ने गाते खोला. वो शॉर्ट्स और टशहिर्त पहने थी क्या माल लग रही थी. मई उसको देखता ही रह गया. तो वो बोली वीरजी कैसे हो आप? आ जयो अंदर, मई ज्लडी अंदर गया और पूछा की तेरा भाई कहाँ है? वो बोली की वो सब तो गये हुए है, क्या हुआ आप इतनी टेन्षन में क्यू हो?
मैने कहा कुछ नही. बोली वीरजी बता दो क्या पता मई कुछ हेल्प कर साकु.
मई- अरे नही मनु तू क्या हेल्प करेगी, दिक्कत ही ऐसी है.
मनु – अरे वीरजी बतायो तो सही?
मई – अरे यार मनु मुझे अपनी गफ़ को मिलने जाना था तो तेरे भाई ने एक गोली दी थी अब गफ़ साथ प्लान कानक्ले हो गया.
मनु – हहहे अछा तो इसमे इतनी टेन्षन की बात कोंसि है वीरजी?
मई – अरे यार मनु बेहन अब क्या बतायु गोली खाने के बाद बहोट प्रेशन हू मई.
मनु – क्यू वीरजी क्या हुआ?
मई – यार बेहन रहने दे तुझे कुछ नही पता.
मनु – अरे वीरे क्या बात है बताओ, मई कुछ हेल्प कर साकु क्या पता और नॉटी सी स्माइल दी उसने..
मुझे सेक्स चाड र्खा था, मैने सीधा अपना लोवर नीचे कर दिया और बोला यह देख मनु इसको गोली खाने के बाद कैसे आकड़ा हुआ है.
मनु – ऑश वीरजी इतना बड़ा! आपकी गफ़ की तो लग जाती होगी!
मई – अरे नही अब आदत हो गयइ उसको, मज़े लेती है.
मनु बहोट गौर से मेरा लंड देख रही थी ,उसकी आखें चमक रही थी. मई साँझ गया की मनु को कुछ चाहिए. मैने उसको अपनी और खिछा और उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया. मनु तोरा झिझकते हुए.. अरे वीरजी यह क्या कर रहे हो, मई आपकी छोटी बेहन हू.
मई – तो क्या हुआ मनु अपने वीरे की हेल्प कर्दे आज.
मनु – नही वीरजी आपका बहोट बड़ा है.
उसके मूह से यह सुनते है मई साँझ गया की मनु चूड़ना चाहती है और मई उसके होंठ चूसने लगा.
फ्ले तो मनु तोरा नखरे कर रही थी फिर वो भी साथ देने लग.ई मई उसको रूम में ले गया और उसके कपड़े और अपने कपड़े उतार दिए और उसका जिस्म चूमने चाटने लगा.
उूुउउम्म्म्ममम उूुउउम्म्म्मम मनु बेहन क्या जिस्म है तेरा उूुउउफफफफफफ्फ़ क्या खुसबू है..
मनु अभी शर्मा रही थी बस ओह वीरजी ऐसे ही कर रही थी. फिर मई उसके बूब्स वगेरा जाम कर चूसने लगा मनु सिसकिया लेने लगी.
उउउम्म्म्ममम कार्मे वीरे आआहह ज़ोर से चूसो उूुुउउफफफफफ्फ़ खा जाओ आज अपनी बेहन को..
मई भी मस्त उसके जिस्म का टेस्ट ले रहा था. फिर मई नीचे उसकी लेग्स को किस करने लगा और उसकी छूट पर मूह र्ख दिया जिस से मनु सिसक उठी.
मनु – उूउउम्म्म्मममम वीरजी आज तो खा जयो गे मुझे लगता है..
मई- उउंम्म मनु क्या फुदी है तेरी बेहन क्या मस्त खुसबू है काब्से इसका टेस्ट करना चाहता था मई उउउम्म्म्ममम..
मई खूब उसकी छूट को चाटने लगा क्लिट चूसने लगा 2. मीं में ही मनु ने अपना पानी चोर दिया जो मई छत छत कर सॉफ कर दिया.
फिर मई उसको अपना लंड चुसवाने लगा. मनु पहले तो सिर्फ़ लंड का टोपा मूह में लेकर बहोट मस्ती में चूसने लगी. फिर धीरे धीरे एकद्ूम रंडी जैसे डीप थ्रोट ब्लोवजोब देने लगी. जिससे मुझे बहोट मज़ा आ रहा था. मई भी खूब उसका मूह छोड़ा लेकिन गोली की वजह से मेरा काम ही नि हो रहा था. मनु बेचारी लंड चुस्ती तक गयइ और बोली-
वीरजी मई तो तक गयइ चूस चूस कर, अब तो मेरी फुदी आपकी वेट कर रही है.
मई भी हस्स कर बोला हन मेरी जानेमन आज तो तेरी फुदी खोल कर जौंगा. तेरे भाई की दी हुई गोली आज तेरे पे ही उसे करूँगा. मनु शर्मा गयइ. मई उसकी लेग्स के बिछे आया और लंड सेट करके मनु के होंठ चूसने लगा और धक्का मारा ज़ोर से. जिससे मेरा आधा लंड उसकी फुदी में फस गया.
मनु की आखें बाहर आने लगी, उसको दर्द हो रहा था लेकिन मैने उसके होंठ दबाए हुए थे. जिससे वो चीक नही पाई लेकिन अपने नाख़ून मेरी पीठ में मारने लगी.
मैने तोरा वेट किया और आधे लंड से ही उसको छोड़ने लगा. जब मनु तोरा रिलॅक्स हुई और मज़े लेने लगी. तब मैने फिर एक जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया और मनु चीक पड़ी..
मनु – आअहह आअहह मार दिया तुमने तो बाहर निकल लो वीरजी प्लीज़…
मई – अरे मेरी प्यारी बेहन बस अब पूरा अंदर चला गया अब मज़ा ही आएगा.. और मई धक्के मारने लगा.
मनु – आअहह वीरजी प्लीज़ आराम से आहह दर्द हो रहा है..
मई छोड़ता रहा उसकी बातों को उनसुना करके. फिर 5 मीं में मनु की फुदी भी ढिल्ली हो गयइ और मनु को मज़ा आने लगा, मनु भी नीचे से गांद उठाने लगी और बोलने लगी-
आअहह एस वीरजी छोड़ो मुझे उूुुुउउफफफफफफफ्फ़ क्या लंड है आपका मज़ा आ रहा है..
मई – हन मेरी मनु आज तो मज़ा आ गया तुझे नंगी करके, क्या खुसबूदार और नरम फुदी है तेरी!
मनु – एस वीरजी मई भी बहोट किस्मत वाली हू जो ऐसा लंड मिला मुझे पहली चुदाई में.. प्लीज़ आप मेरी फुदी का ध्यान र्खना.
मई – हन मेरी रांड़ आज से तुझे जब चूड़ना हो बस बता देना तेरा वीरा लंड खड़ा करके तेरी सर्विस के लिए आ जाएगा.
मनु- आअहह हन वीरे ज़ोर से छोड़ो बहोट मज़ा आ रहा है.. आज छोड़ छोड़ कर मेरी फुदी सूझा दो आअहह..
ऐसे ही मैने मनु को आधा घंटा अलग अलग पोज़ में छोड़ा. फिर मैने अपने माल मनु के मूह में निकल दिया. मनु भी खुशी से छत गयइ और हम ऐसे ही लेते रहे शाम तक. मनु बहोट खुश थी चुड कर, मई तो उसको छोड़ कर जन्नत जैसा फील कर रहा था.
अब जब भी मनु को चूड़ना होता वो मुझे बता देती और हम कैसे भी जुगाड़ करके खूब चुदाई करते है.
कैसी लगी स्टोरी बाय्स आंड गर्ल्स मुझे मैल करके ज़रूर बताना