सेक्स की प्यासी मामी की चूत चुदाई

मेरा नाम पंकज है, बिहार का रहने वाला हूँ। मैं अपनी मामी की चूत चुदाई की हिन्दी सेक्स कहानी आपके लिए लिख रहा हूँ।

बात उस समय की है.. जब मैं स्नातक की पढ़ाई कर रहा था। मैं अपने मामा के घर जब कभी घूमने जाया करता था। जहाँ मेरे मामा-मामी नाना तथा नानी रहते हैं।

मेरे मामा आर्मी में होने के कारण बहुत कम घर पर रहते हैं। मेरी मामी बहुत ही हँसमुख स्वभाव की हैं, मेरी और उनकी अच्छी जमती थी।
मेरी मामी का नाम सपना है।

एक बार मुझे अपने मामा के यहाँ पर जाना पड़ गया था। क्योंकि उधर सभी लोग घूमने जा रहे थे.. लेकिन मामी नहीं जा रही थीं, तो घर में उनके साथ रहने के लिए मैं चला गया।

सब लोग चले गए.. घर में केवल मैं और मामी रह गए।

दिन भर मैं उनके साथ रहा और इधर-उधर की बात करता रहा।
धीरे-धीरे शाम हो गई.. मामी ने खाना बनाया।

फिर मैं और मामी खाना खाकर टीवी देखने लगे।
दस बजे तक हम लोग टीवी देखते रहे फिर सोने लगे।

मैं और मामी एक ही बिस्तर पर लेटे थे।
कुछ देर बाद हम लोग सो गए।

रात को मुझे पेशाब लगी.. तो मैं उठकर पेशाब करने चला गया। जब मैं वापस आया तो देखा कि मामी की साड़ी उनके घुटनों तक है।
मामी की सेक्सी टाँगें देख मेरा लंड खड़ा होने लगा.. क्योंकि मामी की गोरी पिंडलियाँ देखकर मेरी साँस अटक गई थी।
मेरी मामी के जिस्म का साइज 30-28-34 है।

अब मेरी आँखों से नींद उड़ चुकी थी।
मैं धीरे से उनके बगल में आकर लेट गया।

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मेरी मामी बहुत गहरी नींद में सोती हैं। यह बात मुझे पहले से पता थी.. इसी बात का फायदा उठाकर मैंने धीरे-धीरे मामी की साड़ी और पेटीकोट एक साथ उठाना शुरू किया।

मामी की चूत
साड़ी को थोड़ा उठाने पर मुझे मामी की काली पैंटी नज़र आने लगी।
मैंने मामी की साड़ी को उठाकर उनकी कमर के ऊपर कर दिया।

अब जो नज़ारा मेरे सामने था.. उससे मेरे साँसों की गति तेज़ होने लगी।

मैंने मामी के चेहरे की तरफ देखा.. वो अभी भी गहरी नींद में सो रही थीं।
मामी की गोरी-गोरी जांघें.. और उनके बीच मामी की चूत के ऊपर काली पैंटी देखकर तो मैं पागल हो गया।

मैंने मामी की चूत को पैंटी के ऊपर से सूंघा.. चूत की मादक खुशबू से मेरा लंड काबू से बाहर हुआ जा रहा था।

मैंने धीरे से मामी की पैंटी को एक साइड में खिसकाया.. जिससे मुझे मामी की एकदम चिकनी चूत दिखाई दी।

मैं अब काबू से बाहर हो गया और मैंने अपनी जीभ मामी की चूत में लगा दी।
जैसे ही मैंने जीभ को चूत में लगाया.. मामी थोड़ा सा हिलीं.. तो मैं डर गया और फिर अपनी जगह पर आ गया।

लेकिन थोड़ी देर में फिर मैं उठा और मामी की चूत पर हाथ फेरने लगा। कुछ देर बाद अचानक मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलीं- क्या कर रहे हो?

मैं तो डर के मारे घबरा गया और मामी को ‘सॉरी’ बोलने लगा।
पर मामी बोलीं- कभी किया है?
तो मेरे मन से डर दूर हो गया और बोला- नहीं!

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मामी ने हरी झण्डी दिखा दी।
मैंने मामी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनको चूमना शुरू कर दिया।

कुछ देर बाद मामी गर्म हो गईं और उन्होंने सिसकारियां भरना शुरू कर दिया।
इतनी देर में मैंने मामी का ब्लाउज और साड़ी को खोल दिया।
मामी ने ब्रा नहीं पहनी थी, अब वो मेरे सामने पेटीकोट और उसके नीचे काली पैंटी में थीं।

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