मुझे और मामू को अब चुदाई करते हुए 14 दिन हो गये थे. अब एक दिन बचा था मज़े का, क्यूंकी नेक्स्ट दे वो सब घर आने वाले थे.
नेक्स्ट रात को मैं बिस्तर लगा रही थी. डिन्नर के बाद तो पीछे से मामू ने आ कर मुझे हग किया ज़ोर से, और मुझे सीधा बिस्तर पर पटक दिया. वो खुद मेरे उपर आ गये.
पिंकी: मुझे गुदगुदी हो रही है मामू.
मामा जी: तो बोलो मैं कुछ भी ना करू तुम्हे?
पिंकी: मैने ऐसा तो नही बोला आपको. क्यूँ आप कुछ ना करो? बस मुझे गुदगुदी हो रही है, मैं ऐसे बोली आपको.
मामा जी: तो ऐसा बोलो ना की गुदगुदी की साथ तुम्हे मज़ा आ रहा है.
पिंकी: हा मुझे जितनी बार भी आपने छोड़ा है, उतना ज़्यादा मज़ा आया है, और आप मुझे बहुत पसंद हो. ई लोवे योउ मामू.
मामा जी: हा, मैं भी तुमसे प्यार करता हू, और मुझे पता है तुम्हे मुझसे छुड़वाने में बहुत मज़ा आता है. और चुदाई के टाइम तुम ह ह आह बहुत करती हू.
पिंकी: मामू मुझे जो लंड पसंद आ जाता है, तो मैं उसे अपनी छूट लिए बिना नही रह सकती हू.
मामा जी: तो क्या तुम मेरा खड़ा लंड महसूस कर रही हो? तुमको देख के तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है.
पिंकी: हा मुझे पता है.
और फिर मैने मामू का लंड उनकी पंत में से निकाला, और अपने हाथ में ले कर सहलाने लगी. थोड़ी देर में लंड हार्ड हो गया, और काफ़ी गरम भी था.
पिंकी: मामू आपका लंड आज तो बहुत बड़ा लग रहा है.
मामा जी: हा क्यूंकी अब ये और इंतेज़ार नही कर सकता. इसको तुम्हारी चिकनी छूट में जाना है. और मैं भी अब तुम्हे छोड़ना चाहता हू.
पिंकी: इसके लिए तो आपको मुझे नंगी करना पड़ेगा, और खुद भी नंगा होना पड़ेगा.
मामा जी: तो फिर देर किस बात की है? उतरो तुम अपने कपड़े, और मैं अपने उतारता हू.
पिंकी: नही मामू, अगर तुम मेरे कपड़े उतारोगे, तो मुझे खुशी होगी.
मेरे इतने बोलने के बाद मामू ने मेरे कपड़े उतार दिए, और अपने भी कपड़े उतार दिए. अब हम दोनो नंगे हो चुके थे. फिर हम दोनो 69 की पोज़िशन में आ गये. मैं उनका लंड अपने मूह में लेकर चूसने लगी, और वो अपनी जीभ से मेरी छूट को चाटने लगे.
ऐसे हम दोनो को एक साथ मज़ा आने लगा छूट और लंड का. वैसे मुझे लंड चूसने में बहुत मज़ा आता है, और अपनी छूट चटवाने में भी बहुत मज़ा आता है.
मामा जी: पिंकी तुम बहुत अची तरह से मेरा लंड चूस रही हो. तुम्हारी जीभ मेरे लंड को इतना मज़ा दे रही है, की मैं बता नही सकता. बहुत बहुत मज़ा आ रहा है मुझे तुमसे अपना लंड चुस्वा कर.
मामा जी: और देखो तुम्हारी छूट कितनी गीली हो गयी है, और तुम्हारी छूट का रस्स मेरी जीभ से हो कर सीधा मेरी हलाक में जेया रहा है. वाउ कितना नमकीन टेस्ट है तुम्हारी छूट के रस्स का. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है इसे अपने अंदर लेने में.
पिंकी: हा मामू, आपका लंड भी मेरे मूह की हलाक तक जेया रहा है, और मुझे लगता है अब आपके लंड को मेरी छूट चाहिए. इसलिए अब उठो, और मुझे छोड़ो मामू.
और फिर मामू उठे, मुझे बेड पर लिटाया, और खुद घुटनो के बाल आ गये, और मेरी टांगे अपने कंधे पर रख ली. फिर अपना लंड मेरी छूट पर सेट किया, और एक धक्के में लंड पूरा मेरी छूट के अंदर घुसा दिया. उनका लंड आराम से मेरी छूट के अंदर घुस गया, क्यूंकी मेरी छूट पहले से बहुत गीली थी.
मेरे मूह से ज़ोर से चीख निकल गयी: आहह मामू.
पर वो नही सुने, और वो तो बस धक्के मारते ही रहे, और अपने दोनो हाथो से मेरे बूब्स को भी दबाते रहे. मैं इसके आयेज कुछ बोलती, उससे पहले मामू ने मेरे मूह से अपना मूह लगा दिया, और मुझे किस्सिंग करने लगे.
अब नीचे छूट में लंड, बूब्स पर हाथ, और मूह पर मूह. वाउ, क्या मज़ा आ रहा था चुदाई का. और ऐसे ही मामू ने मुझे 5 मिनिट तक ज़बरदस्त छोड़ा. फिर वो उठे, और अपना लंड मेरे मूह में दे दिया.
फिर वो बोले: अब चूसो.
मैं भी अपने घुटनो के बाल आ कर उनका लंड चूसने लगी. फिर थोड़ी देर बाद मैने उनका लंड अपने हाथ से पकड़ कर अपनी छूट में लिया, और उनका लंड मेरी छूट में घुस गया.
सेक्स पोज़िशन थी, जिसमे मैं उनके लंड के उपर चढ़ि हुई थी.
पिंकी: आहह ऑश उफ़फ्फ़ अहह.
बहुत मज़ा आ रहा था मुझे, और साथ में मामू मेरे बूब्स निपल्स चूस रहे थे अपने मूह में लेकर, और मैं उनके लंड के उपर-नीचे उपर-नीचे हो रही थी. उनका लंड सीधा मेरी छूट के अंदर तक घुस रहा था.
क्यूंकी मेरी छूट गीली थी ना, इसलिए पूरा लंड अंदर जेया रहा था. ऐसे ही मैने 5 से 7 मिनिट तक उछली, और फिर मामू बोले-
मामा जी: चलो पिंकी अब उठो उठो, और सामने बेडरूम की दीवार की तरफ हो कर झुक जाओ. अब मैं तुम्हे बताता हू की चुदाई क्या होती है.
पिंकी: ओके मामू.
और वैसे ही मैं उस पोज़िशन में आ गयी, और मामू मेरे पीछे खड़े हो गये. फिर उन्होने अपने लंड पर तोड़ा सा थूक लगाया, और एक झटके में मेरी छूट के अंदर घुसा दिया. वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगे. मेरे मूह से भी चीखे निकालने लगी.
पिंकी: ह आह ह ह ऑश उफफफ्फ़ आ.
वो इतनी ज़ोर से धक्के मार रहे थे, की मेरा पूरा जिस्म हिल रहा था. और मेरी छूट में उनका लॅंड गुपच गपच कर रहा था. इस पोज़िशन में तो मुझे सबसे ज़्यादा मज़ा आ रहा था, क्यूंकी उनका लंड सीधा मेरी छूट के अंदर तक टच हो रहा था,
इस पोज़िशन में मामू को भी बहुत मज़ा आ रहा था. वो भी ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहे थे, और अपने मूह से आ आ कर रहे थे.
मामा जी: पिंकी अब तुम अपनी टाँगो को तोड़ा और फैलाओ. मैं तुम्हे अब और ज़ोर से छोड़ने वाला हू.
पिंकी: ओह अछा मामू, हा मेरी छूट भी बहुत तेज़ चुदाई माँग रही है. मामू छोड़ो मुझे छोड़ो, और ज़ोर से. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. पूरा लंड घुसाओ मेरी छूट के अंदर. मेरी छूट को बहुत चुदाई चाहिए.
मामा जी: पिंकी तुम्हारी छूट मेरे लंड को कभी नही भूलेगी. क्यूंकी मेरा लंड तुम्हारी छूट को बहुत मज़ा देता है.
पिंकी: हा मामू, आप जब भी मुझे छोड़ते हो, मैं पूरा मज़ा लेती हू चुदाई का.
मामा जी: पिंकी मैं तुम्हारी छूट का मलिक हू. जब चाहे तुम्हारी छूट में अपना लंड डाल कर तुम्हे छोड़ सकता हू.
पिंकी: मामू मेरी छूट ही क्यूँ, मैं पूरी आपकी हू. आप जब चाहे मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो.
मामा जी: हा पिंकी, तुम सही बोल रही हो. मैं जितनी बार तुम्हे छोड़ता हू, मेरा दिल ही नही भरता है. दिल करता है बस तुम्हे छोड़ता ही राहु.
पिंकी: हा मामू, मैं भी चाहती हू की हमे ऐसा मौका मिलता रहे, और हम चुदाई करते रहे. एक-दूसरे को मज़े देते रहे हमेशा. और मामू मेरी छूट को अब आपके लंड की आदत पद गयी है, और अब मेरी छूट आपके लंड के बिना रह नही सकती. मतलब चुदाई के बिना.
फिर मामू ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और एक-दो झटके मार कर लंड मेरी छूट के अंदर ही रखा, क्यूंकी मामू का लंड अब मेरी छूट के अंदर पिचकारी छ्चोढ़ रहा था गरम-गरम माल की, और मेरी छूट ने भी अपना पानी छ्चोढ़ दिया था.
इसके बाद हम बातरूम में जेया कर दोनो एक साथ फ्रेश हो गये.
इसके आयेज क्या हुआ, वो नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी. और प्लीज़ आप सब को मेरी कहानी पसंद आई हो, तो प्लीज़ मुझे कॉमेंट करना.