मई बनी अपनाई बाप की रखैल

ही दोस्तो मेरा नाम सीमा है और मई इंडोरे की रहने वाली हू मेरी उमेर 21 साल है और मेरा साइज़ 32 30 34 है. अब तो मुझे लोगो से चूड़ने की आदत हो चुकी है. क्यू की जब आपके अपने बाप ने ही आपको रखैल बना कर रखा हो और वक़्त परने पे आपको दूसरे मर्दो के साथ सोने पे भी मजबूर करता हो.

पर ये कहानी टीबी की है जब मई 18 की थी और मुझे ये सब मई उतना इंटेरेस्ट नही था. तो चली आपको मई अपनी आप बीती बताती हू.

मेरे पापा रियल एस्टेट का काम करते है और अक्सर काम के कारण बेर ही रहे करते थे इसीलिए हुमारे बीच मौ कभी बाप बेटी का रिस्ता बन ही नही पाया.

जब मई 16 की हुई तो पापा का बिज़्नेसमॅन भी अक्चा नही चल रहा था इसी कारण से वो जड़तर घर पे ही रहते थे. तभी से उनकी नज़र मेरे लिए खराब होना सुरू हो गयी थी और उन्होने तो वैसे भी कभी मुझे अपनी बेटी माना ही नही था.

मई भी ये बात नोटीस करती थी. जब मई 18 की हुई तो वो मुझे फिज़िकली भी टच करने लगे. कभी मेरे बूब्स दबा देते तो कभी मेरी छूट छू लेते. काई बार तो कपारे बदलते वक़्त वो मेरे रूम मे घुस आते.

फिर वो रात आई मम्मी नानी घर गयी हुई थी और घर पे हम अकेले थे. उस दिन पापा ने भी खूब पी ली थी. मैने उस दिन सिर्फ़ ओवरसाइज़्ड टशहिर्त और बॉक्सर पहने थे.

तभी बारिश शुरू हो गयी मई भाग के गयी कपारे उठाने वापसीयाई मेरा टशहिर्त पूरी तरह से भीग गया था और मेरे बदन से चिपक गया था. मेरी बूब्स का शेप सॉफ सॉफ पता चल रहा था.

पापा ने भी ये देख लिया मई क्परे रख कर रूम मई कपारे बदलने चली गयी. तभी पापा भी पीछे से आए और मेरे कंडे पे हाथ रखा मई दर गयी. फिर पापा ने मुझे अपनी तरफ खिछा और मेरे दोनो बूब्स टशहिर्त के उपेर से ही दबाने लगे.

मई: पापा आप ये क्या कर रहे हो? चोरो मुझे.

पापा: चुप साली रॅंड जब तेरा बाय्फ्रेंड इन्हे दबाता होगा तब तो तू खूब मज़े लेती होगी.

मई: नही पापा मेरा कोई बाय्फ्रेंड नही है अपने बहुत पी रखी है हटो मुझपर से.

पापा: एक नंबर की झूती है तू. साली रांड़!

ये कह कर पापा ने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरे कपारे खोलने लगे. मुझे यूयेसेस वक़्त सेक्स के बारे मई नही पता था पर मुझे अंदर से मज़ा भी आ रहा था. पापा ने फिर मेरे कपारे खोलने चालू किए.

पहले उन्होने मेरी बॉक्सर्स को जाबर दस्ती उतार दी. मई माना करती रही मगर उन्होने मेरी एक ना सुनी. फिर उन्होने मेरी टशहिर्त को मेरी गले तक उठा दी और मेरे बूब्स पे मु डाल के उन्हे चूसने लगे. मानो को सदियो के भूके को खाना मिल गया हो.

जब उन्होने मेरे बूब्स चूसना चालू की तो मुझे भी पूरा जोश चार गया और मई भी मज़े लेने लगी. मई पूरी खोसिश कर रही थी मोन ना करने की मगर मेरा ज़ोर भी कम होने लगा.

पापा साँझ गये की अब मई उनकी काबू मई हू. उस वक़्त वो मुझे जो करने को कहते मई खुशी से कर देती. ढेरे ढेरे पापा ने भी ज़ूर लगाना कम कर दिया और वो मुझे किस करने लगे. मैं भी सब भूल के उन्हे किस करने लगी.

फिर पापा ने मुझे पालग के कोने पे बैठा के मेरी टशहिर्त उतार दी मुझे विस्वास नही हो रहा था की मई अपने पापा के सामने नंगी चूड़ने के लिए बैठी हू.

फिर पापा ने अपने कपारे उतार दिए और मुझे उनकी चड्डी उतरने को कहा. जैसे ही मैने उनकी चड्डी उतरी उनका 8 इंच का लंड सीधा मेरे आँखो के सामने खरा था. पापा ने बिना वक़्त गवाए अपना लंड मेरे मूह मई डाल कर मेरे मूह को छोड़ने लगे.

मुझे दर्द भी बहुत हो रहा था मगर मज़ा भी खूब आ रहा था. ऐसे लगभग उन्होने मुझे 10 मीं छोड़ा अपने गोते मेरे मूह मई डाल कर बोला चूस इससे रॅंड साली. वो जब जब मुझ पर धोस जमा रहे थे या गली दे रहे थे मुझे और मज़ा आ रहा था.

फिर वो मुझे बेड पे लेता के मेरी छूट मसालने लगे मई पहले से ही गीली हुई पारी थे. उनके छूट मसालते ही मानो मेरे अंदर से पानी का फ़वारा छूट गया हो. उन्होने अपनी गीली उंगली मेरे मु मई डाल कर बोले. देख तू कितनी बरी रांड़ है छत इसे. मई भी उनकी उंगली को चाटने लगे.

फिर उन्होने मुझे चावल की बोरी की तरह पलट कर मेरे दोनो हाथ मेरी टशहिर्त से बाँध दिए. और अपना लंड मेरी छूट पर रग़ाद ने लगे और मुझे पूछा

पापा: बोल साली रांड़ चुड़ू तुझे?!

पहले तो मई कुछ नही बोली तो उन्होने मेरी गांद पे एक छाँटा मारा.

मई: हन..

पापा: सॉफ सॉफ बोल तुझे क्या चाहिए.

मई: मुझे आपका लंड छाईए अपने अंदर, छोड़िए मुझे प्लीज़.

मेरे बोलते ही पापा ने अपना लंड मेरे अंदर डाल दिया मई दर्द से चिल्ला उठी मगर पापा ने एक ना सुनी और मुझे ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगे. मेरे आँखो से आँसू ट्के आ गये. पर मेरी आवाज़ सुनने वाला कोई नही था.

पापा ने मुझे 10 मीं ट्के वैसे ही छोड़ा आख़िर मई तक के मई संत हो गयी. ढेरे ढेरे मुझे भी मज़ा आने लगा. फिर पापा ने मेरे बाल पीछे घिच कर चुदाई चालू की. मुझे दर्द होने चाहिए था पर मुझे मज़ा आ रहा था. पापा बीच बीच मई मेरे गांद पे टप्पड़ भी मार रहे थे. मेरी सफेद गांद लाल हो गयी थी.

पापा बीच बीच मई मुझसे उल्टे पुल्टे बात भी बुलवा रहे थे. जैसे की “मई एक रंडी हू”, “मुझे मेरे पापा से छुड़वाना अछा लगता है”, “मई अपने पापा की रखैल हू आज से” और मई भी इन सब बात को धावरा रही थी.

पापा ने मुझे फिर खरा के वॉल पे पुश कर दिया और मेरी घर्दन फोर्स्फुली झुका कर छोड़ना फिर स्टार्ट कर दिया. उनके हर एक शॉट मई दर्द और मज़ा दोनो आ रहा था.

कुछ देर बाद पापा ने मुझे घुटनो मई बिता कर अपना माल मेरे बूब्स और चेहरे मई गिरा दिया और मेरी एक फोटो क्लिक कर ली और कहा अब जब भी तू चूड़ने मई नाटक करेगी ये फोटो तेरी मा को दिखा दूँगा.

मई दर्र गयी और बोली ऐसा मत करो प्लीज़ आप जो बोलॉगे मई वो करूँगी. पापा बोले अभी ये लिए ये सारे माल को छत जेया. मई दर से सारे माल को छत गयी. उसका टेस्ट काफ़ी अक्चा था.

उस दिन मेरी 3 बार और चुदाई हुई, पापा वायग्रा खा खा कर मेरी चुदाई कर रहे थे. मई पूरे दिन नंगी सिर्फ़ चुड्ती रही और कुछ नही काइया मैने उस दिन.

काई बार मुझे पापा बिज़्नेस ट्रिप के बहाने बेर ले जाते थे और अपने दोस्तो से या क्लाइंट से मुझे चुड़वते थे. जिससे उनका काम निकल जाता था. इससे पापा का बिज़्नेस भी बादने लगा.

आज 3 साल बाद भी मई पापा के क्लाइंट से चुड़वति हू. अब तो मई गंबांग और गांद भी मरवा लेती हू. खैर वो सब बाद मई फिर कभी बतौँगी. अभी की कहानी कैसी लगी मुझे कॉमेंट मे ज़रूर बताईएएगा.

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