हेलो दोस्तों, मैं आज बताने जेया रहा हू की कैसे मैने पहली बार अपनी मम्मी को चूड़ते हुआ देखा.
मेरी मम्मी 45 की है, बुत उनके शरीर देख करके कोई नही कह सकता की वो 45 की है. एक-दूं गातीला शरीर, और पीछे से गांद भी निकली हुई है. बूब्स भी अभी उतने ढीले नही हुए है.
मेरा नाम राहुल है. ये कहानी कुछ साल पहले की है. तब मैं 19 साल का था. गर्मी के दिन थे और हमारा घर गाओं में है तो गाओं में हमेशा लाइट की प्राब्लम होती है. एक रात ऐसे ही गाओं में लाइट नही थी, और गर्मी भी बहुत ज़्यादा थी. तो पापा मम्मी ने डिसाइड किया की आज च्चत पे सोएंगे.
मेरी फॅमिली में मम्मी, पापा मेरी 4 बहने, 2 भाई, और 1 भाभी है. 3 बहनो की शादी हो चुकी है. फिर हम सब च्चत पे सोने चले गये. मम्मी, पापा, मैं, और मेरी छ्होटी बेहन जिसकी उस समय आगे 18 साल थी.
मुझे जल्दी ही नींद लग गयी, और फिर रात में मेरी नींद खुली तो मुझे कुछ सुनाई दिया जैसे की मम्मी पापा आपस में बातें कर रहे हो.
मम्मी: बच्चे है पास में ही, आज रहने दीजिए.
पापा: साली कुटिया, बच्चे सो गये है.
मैं पहली बार पापा के मूह से मम्मी के लिए गाली सुन रहा था. मुझे तो विश्वास ही नही हुआ की पापा मम्मी ऐसे भी बातें करते थे.
मम्मी: आराम से बोलिए, बच्चे है, सुन लेंगे.
पापा: साली रांड़, ये बच्चे भी इसी से पैदा हुए है. आज अगर यहा पे सोए है तो तुझे छोड़ने से ही सोए है.
मम्मी: तो मैं कब माना की हू? मैं बस ये कह रही हू, की आज के लिए रहने देते है.
मैं तो ऐसे पापा मम्मी की बातें सुन करके परेशन था, और तोड़ा अजीब भी लग रहा था. तब तक मुझे कुछ हलचल सुनाई दी, तो मैने थोड़ी सी आँखें खोली.
मैने देखा, की पापा मम्मी के उपर चढ़ करके मम्मी को चूम रहे थे. पापा मम्मी के लिप्स चूस रहे थे, और अब मम्मी भी तोड़ा-तोड़ा गरम हो रही थी, और अब पापा को रोक नही रही थी.
पापा: साली आज भी कितना रस्स भरा हुआ है तेरे इन लिप्स में.
मम्मी: आपके लिए ही है ये सब.
तभी पापा ने मम्मी की सारी निकालनी शुरू कर दी. मेरा लंड तो ये सब देख करके हल्का-हल्का खड़ा होना शुरू हो चुका था. अब मम्मी पेटिकोट और ब्लाउस में थी. फिर पापा ने मम्मी के पेटिकोट का नाडा खोला, और उसको भी धीरे से सरकाते हुए निकाल दिया.
अब मम्मी नीचे से बिल्कुल नंगी हो चुकी थी. आज मम्मी ने पनटी नही पहनी थी. मैं आज पहली बार अपनी मम्मी को नंगी देख रहा था. वो किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी. क्या मस्त उसकी छूट दिख रही तू चाँदनी रात में. और छूट के उपर उनकी झाँत के बाल क्या मस्त लग रहे थे.
पापा: साली रांड़, आज तो तेरी छूट गीली हो चुकी है.
मम्मी: ये आपके लिए ही हुआ है.
इतने में ही पापा मम्मी से बोले: क्या बोलती है, राजू को भी बुला ले क्या?
राजू मेरे चाचा है. मैं तो ये सुन करके हैरान हो गया. मुझे कुछ भी समझ में नही आया की क्या हो रहा था.
मम्मी: नही बच्चे है यहा च्चत पे. दूसरे दिन देखेंगे.
पापा: बच्चे अभी छ्होटे है, और सोए हुए है. उनको कुछ पता नही चलेगा.
लेकिन मम्मी नही मान रही थी. फिर भी मैने देखा की पापा ने मोबाइल में कुछ टाइप किया जैसे की वो चाचू के पास ही कुछ लिख के भेज रहे हो. थोड़ी देर बाद मैं देख के हैरान रह गया. मम्मी नीचे से नंगी सोई हुई थी. पापा मम्मी को किस किए जेया रहे थे, और चाचू वही पे आ गये थे.
चाचू: भाभी सब बच्चे सो गये है क्या?
मम्मी: हा देवर जी, सो गये है.
तब तक पापा ने मम्मी का ब्लाउस खोलना शुरू कर दिया, और मम्मी भी अब गरम हो चुकी थी.
चाचू: आज भाभी पहले से ही छुड़वाने के लिए खोल के तैयार हो?
पापा: आख़िर हम दोनो भाइयो की रंडी जो है.
मम्मी: हा, मुझे इस तरह से रंडी बनना पसंद है.
तभी चाचू मम्मी के पास आए, और मम्मी की छूट की सहलाने लगे. मम्मी भी अब पुर जोश में थी, और आहें भर रही थी. और पापा मम्मी के लिप्स चूज़ जेया रहे थे.
मेरा तो ये सब देख करके ही खड़ा हो गया था, और मेरे बगल में मेरी छ्होटी बेहन सोई हुए थी, उसके भी हिलने से लगा की शायद वो भी जाग गयी थी उनकी आवाज़ से.
पापा: अगर तुमको छोड़ते समय तेरे बच्चे जाग गये तो?
मम्मी: तो क्या हो जाएगा, उनकी मा चूड़ी है, तब ही तो आज ऐसे साथ में सोए है.
अब चाचू भी पुर जोश में आ गये थे.
चाचू: साली छिनाल, तेरे बच्चो को क्या पता की उनकी मा एक रंडी है.
मम्मी: बोल तो ऐसे रहे हो जैसे मैं शौंक से रंडी बनी हू. तुम दोनो भाइयो ने मिल करके ही मुझे रंडी बनाया है.
पापा अब मम्मी के शरीर के उपर बचा हुआ ब्रा का हुक भी खोल दिए, और उसको मम्मी के अंधेरी रात में जगमगाते शरीर से अलग कर दिए.
अब मम्मी बिल्कुल नंगी हो चुकी थी. मम्मी हुस्न की देवी लग रही थी. और मेरा लंड अब मम्मी को सलामी देने के लिए उठ खड़ा हुआ था. तभी पापा खड़े हुए और अपने सारे कपड़े खोलने लगे. और देखते ही देखते पुर कपड़े खोल कर के नंगे हो गये. मैने पहली बार पापा को नंगा देखा था.
क्या मस्त लंड था उनका, एक-दूं काला, और लंबा भी था.
पापा: ले साली अपने मूह में, और चूस इसको.
मम्मी मूह में ले करके लंड को चूसने लगी. चाचू अभी भी मम्मी की छूट खाए जेया रहे थे, जैसे काई सालों से उनको मम्मी की छूट की ही भूख हो. अब पापा मम्मी का मूह छोड़ रहे थे, और मम्मी आहें भर रही थी.
इधर पीछे से बेहन के भी तोड़ा बहुत हिलने से मुझे लग गया की बेहन भी जाग चुकी थी, और बेहन भी उनकी थ्रीसम चुदाई देख रही थी.
चाचू अब उठे, और अपने कपड़े खोलने लगे, और वो भी अपने सारे कपड़े खोल दिए. चाचू का लंड तो पापा के लंड से भी बड़ा और मोटा लंड था. अब पापा मम्मी के मूह से लंड निकाल करके छूट पे आ गये, और चाचू ने अब अपना लंड मम्मी के मूह में डाल करके चूसने को बोला.
चाचू: साली रांड़ इसको ऐसे चूस जैसे लॉलिपोप चूस्टी है.
मम्मी भी बड़े प्यार से चाचू का लंड मूह में ले करके चूस रही थी. इस समय की सिचुयेशन यू थी की, मम्मी पूरी नंगी नीचे लेती हुई थी. चाचू पुर नंगे हो करके मम्मी के मूह में अपना लंड डाल करके छोड़ रहे थे. और पापा मम्मी के नीचे जेया करके अभी थूक लगा कर के मम्मी की छूट को चुदाई के लिए तैयार कर रहे थे.
तभी बेहन को खाँसी आ गयी, और इतनी हसीन रात में एक पल में ही सब की फटत गयी. जल्दी से चाचू अपना लंड मूह से निकाले, और मम्मी के बगल में लेट गये. पापा भी जल्दी से मम्मी की छूट से हॅट करके चाचू के बगल में लेट गये.
अब मम्मी, चाचू, और पापा तीनो नंगे थे. तो उपर से अपने शरीर पे एक चादर डाल लिए.
आयेज की कहानी में पढ़िए की बेहन के उठने के बाद क्या हुआ, और अब ये कहानी किस मोड़ पे जेया करके ख़तम होती है. आप ये स्टोरी देसीकाहानी पे पढ़ रहे है. अगर मेरी स्टोरी आपको पसंद आ रही है, तो मुझे फीडबॅक ज़रूर दे सुसिँघ123452001@गमाल.कॉम पर. आपका प्यारा सा फीडबॅक ही हम ऑतर्स के लिए सब कुछ है.