प्रिंसिपल ने माँ को मेरे सामने चोदा

मैं 19 साल का था जब ये बात हुई थी. मैं तब कोलेज में पढाई करता था और मेरा पढ़ाई में ध्यान नहीं था. तब मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं था और लंड रोज खड़ा हो के मुझे परेशान करता था. मैं किसी चूत की तलाश में था जिसे चोद के मैं मजे कर सकूँ.

कोलेज की ही कुछ लड़कियों के साथ मैं क्लोज था लेकिन अब तक चांस नहीं मिल रहा था किसी के साथ भी रिलेशन बनाने का. और एक लडकी ने तो साली ने मुझे केंटिन में सब के सामने मुझे तमाचा मारा था और मुझे रोमियो बोल दिया था. उसने हालांकि बाद में मेरे से माफ़ी मांगी थी लेकिन मैं उस दिन से काफी हर्ट हुआ था.

मैं केंटिन के कौने में बैठा हुआ था और खुद के ऊपर ही मुझे शर्म आ रही थी. मेरे को तो बस एक औरत की तलाश थी जो मुझे खुश कर सके. 7 बज गए शाम के और सभी स्टूडेंट एक एक कर के जाने लगे और केंटिन खाली होने लगा था. ये केंटिन दो विधवा औरतों द्वारा चलाया जाता था. वो दोनों मेरे पास आई और उसमे से एक ने मेरे को कहा, अरे अब छोड़ दे उस बात को, अपने दिमाग से वो थप्पड़ को निकाल दे. तेरे को भी कोई मिलेगा जो तेरे सपनो में है. अब तुम घर जाओ क्यूंकि केंटिन बंद करने का वक्त हो गया है.

और तभी मैंने देखा की बहार जोरदार बारिश होने लगी थी. मैंने आंटी से पूछा की क्या आप के पास छाता है? वो दोनों ने कहा छाता तो नहीं है लेकिन तुम चाहो तो यहाँ रुक सकते हो आज रात के लिए.

मैंने कहा मैं अपनी माँ को कॉल कर के बोल दूँ की मैं नहीं आ पाऊंगा.

मैंने माँ को कॉल कर दिया की यहाँ बारिश ज्यादा है इसलिए मैं यही रुक रहा हूँ एक दोस्त के घर. माँ ने कहा ठीक है लेकिन ध्यान से रहना और भीगना मत.

उन दोनों आंटी के नाम काजल और विनीता थे. लेकिन सब लोग उन्हें काजू और विनी कह के बुला रहे थे. मैंने उन दोनों को थेंक्स कहा मुझे आश्रय देने के लिए.

काजल आंटी ने कहा थेंक्स की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर तुम कुछ और कर दो तो अच्छा है?

मैंने कहा क्या?

वो बोली, हम दोनों को सेक्स का आनंद नहीं मिला है बहुत सब सालो से. और शायद हम दोनों को इस काम में तुम हमारी मदद कर सको?

मैंने कहा, सच में मेरी सेक्सी आंटीयों, यहाँ पर सीसीटीवी केमरा है इसलिए यहाँ नहीं पीछे चलो किचन में चलते है और वही चोदते है.

वो दोनों मुझे किचन में चोदने के लिए ले के गई. विन्नी ने काजल आंटी को कहा, मैं पहले इसका लंड लुंगी तब तक तुम दरवाजे पर खड़ी रह के देखो की कोई इधर आये नहीं.

विन्नी आंटी मुझे अंदर ले गई और उसने अपनी साडी उतार दी. उसने अपने बाल को बाँध लिए और बोली, इस लम्हे का इंतजार मैं कितने समय से कर रही थी राजू! आज कुछ सालों के बाद कोई चोदने वाला मिला है हमें, चलो चोद लो मेरे को.

मैं उसके पास गया और विन्नी आंटी के होंठो पर किस कर दिया. वो बोली अरे ये सब का वक्त नहीं है, जल्दी से अपने कपडे खोलो और मेरे अन्दर अपना लंड घुसा दो. मैंने अपनी टी शर्ट निकाली और जींस भी. फीर उसको अपनी बाहों में ले लिया. वो किचन के प्लेटफोर्म को पकड के खड़ी हो गई. और मैंने अपने लंड को निकाल के पीछे से उसकी चूत में घुसा दिया.

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मैं उसके बूब्स मसलते हुए उसे चोदने लगा था. और वो मेरे झटको के साथ अपनी गांड को हिला के मजे ले रही थी. पांच मिनिट में ही मेरा पानी उसकी चूत में झड़ गया. उसने कहा इतना जल्दी?

मैं कहा अरे बहुत दिनों के बाद चोदा है किसी को इसलिए.

वो हंस के बोली, आगे से इतना जल्दी पानी नही निकालने दूंगी. और मैं खुश हुआ की शायद ये आगे भी मेरे लंड से चुदेंगी!

और फिर उसने कहा तुम यही रुको मैं काजल को भेजती हूँ. और वो जल्दी से अपनी साडी पहन के बालों को सही कर के बहार गई. और उसने बहार जा के काजल आंटी को अंदर भेज दिया.

काजल आंटी ने ग्रीन सलवार कमीज पहना हुआ था. उसने मुझे कहा कहीं थक तो नहीं गए ना विन्नी को चोद के?

वैसे मैं सच में थका हुआ ही था तो मैंने कहा हाँ थोड़ी थकान है इसलिए कुछ देर रुक के चोदते है.

दो मिनिट के बाद ही वो मेरे पास आ गई और मुझे निचे लिटा के वो मेरे ऊपर ही बैठ गई. और मेरे लंड को उसने पकड़ा और थोड़ा हिला के खड़ा कर दिया. फिर मेरे लंड को चूस के मुझे एकदम हार्ड कर के अपनी सलवार खोल के वो मेरे लंड के ऊपर बैठ गई.

वो अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह और मार आह्ह्ह अह्ह्ह करते हुए मेरे लंड पर उछल रही थी. और मैंने उसके दोनों बूब्स को हाथ में पकडे हुए थे. वो कुछ पांच मिनिट उछली मेरे लंड पर. और फिर मैंने उसको घोड़ी बना के पेला. और उसकी चूत के अंदर ही मेरे लंड का पानी छोड़ दिया. वो बोली, मजा आ गया तेरा लंड ले के!

और फिर मैंने अपने कपडे पहन लिए क्यूंकि वो दोनों ही एकदम हॉट थी. और मुझे डर था की कहीं मुझ बांध के पूरी रात मेरी इज्जत ना लुटे वो दोनों!

काजल आंटी ने भी अपने कपडे पहन लिया और फिर हम दोनों बहार आ गया. मैने कहा आप दोनों को चोदने में मुझे बहुत मजा आ गया आंटी. और अब बारिश भी बंद हो गई है इसलिए मैं घर चला जाऊँगा. विन्नी आंटी ने कहा ठीक है राज लेकिन अब ये केंटिन तुम्हारा ही है और कल से तुम यहाँ फ्री में खा सकते हो, बदले में कभी कभी हमारी चूत की ऐसी सर्विस कर देना. मैंने उसे आँख मारी और वहां से निकल पड़ा.

रिक्शा ले के मैं घर पर आ गया. माँ ने कहा तुम तो मोर्निंग में आनेवाले थे. मैंने कहा बारिश कम हुई इसलिए जल्दी आ गया. दो मच्योर चूत को चोद चोद के थका हुआ हुआ था इसलिए नींद बड़ी ही जल्दी आ गई. आगे दिन मैं कोलेज तो गया लेकिन क्लास अटेंड नहीं की. सीधे ही किचन में चला गया. और वो दोनों मुझे देख के चहक रही थी. दोनों ने मुझे बहुत सब नास्ता और कोल्ड ड्रिंक की बोतल दे दी.

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और फिर ये डेली हो गया. मुझे अब उन्हें पैसे नहीं देने होते थे. अक्सर लेट रूक के मैं उन्हें केंटिन के पीछे के कमरे में चोद लेता था.

और फिर एक दिन हमारे प्रिंसिपल ने मुझे अपने कमरे में बुलाया. मैं गया तो वो एकदम गुस्से से मुझे बोले, अरे तुम सब क्लास क्यूँ बंक करते रहते हो? आज तो तुम्हारे पेरेंट को ही बुलाना पड़ेगा. और उसने मेरे घर कॉल किया जो माँ ने पिक किया. और फिर कुछ देर के बाद माँ वहां प्रिंसिपल के केबिन में आ गई.

प्रिंसिपल मिस्टर शेठी ने माँ को बोला की मैं क्लास में नहीं बैठता हूँ तो माँ ने मूझे गुस्से से देखा और बोली, फिर तू कहाँ होता है क्लास के वक्त? और ये कह के उसने मुझे एक चांटा मार दिया.

प्रिंसिपल ने सीसीटीवी फुटेज देख के माँ को बोला वो केंटिन में तो डेली आता है. और फिर उसने ये भी देखा की मैं केंटिन के पीछे के कमरे में जाता था और दोनों आंटी में से एक मेरे साथ आती थी. वो समझ गया और उसने मेरी माँ को भी ये दिखाया.

माँ के पूछने पर मैं कबूल लिया की केंटिन की विधवा आंटियों के साथ मेरे फिजिकल रिलेशन थे. माँ ने ये सुन के दरवाजे का लोक बंद किया. और वो प्रिंसिपल के पास आ के बोली, सर सेक्स से ये सब स्टार्ट हुआ था और अब सेक्स से ही ख़त्म करना पड़ेगा.

और माँ ने उसके सामने अपनी साडी को खोल दिया और ब्लाउज को भी. माँ के बूब्स अब मिस्टर शेठी के सामने थे. माँ को ऐसे देख के वो बोला, मेडम आप ये क्या कर रही हो? आप का बेटा भी यही पर है!

माँ ने बोला, आप उसकी चिंता ना करो सर! आप बस मजे लूटो मेरे बदन के! माँ ने मुझे चुपचाप कौने में बैठने के लिए कहा. और अब प्रिंसिपल भी खड़ा हुआ और वो मेरी माँ के पास आ गया. वो दोनों एक दुसरे को किस कर रहे थे और उसने मेरी माँ के बूब्स दबाये.

माँ ने भी उसकी पेंट के ऊपर से ही प्रिंसिपल के लंड को दबोच लिया और बोली, काफी तगड़ा है आप का तो!

और फिर माँ ने फटाक से उसे नंगा कर के उसके अंड और लंड दोनों को मुहं में ले के चूसा. और वो अपनी बड़ी चेयर में बैठ के बस कराह रहा था. माँ ने अब घोड़ी बन के शेठी सर का लंड ले लिया. और माँ की गांड के होल पर ही उन्होंने पिचकारी मारी.

बगल में पड़े हुए टिश्यू बॉक्स से माँ की गांड साफ कर दी उन्होंने. माँ ने कपडे पहनते हुए कहा की आप अब ये ध्यान रखना की मेरे बेटे के मार्क्स कम ना आये!

शेठी बोला उसके लिए तो आप को आते रहने होगा!

माँ बोली, आप बुला लेना जब आप को मेरा बेटा या आप का छोटा भाई तंग करे!

माँ और मैं जब केबिन से बाहर निकले तो माँ ने कहा, अब तू उन दोनों के चक्कर को छोड़ दे. मैं तुझे कॉलेज वालों से बचाने के लिए रांड बन गई. वो लोग पुलिस केस करते तो इज्जत सब के सामने उछलती अखबारों में. और अभी सिर्फ हम तीनो को पता हे ये!



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