मा को नंगी करके गंगबांग किया

अब तक आपने पढ़ा की मैने वंदना को थ्रीसम के लिए माना लिया था और फिर पीछे से मैने 2 और लोगो को बुला लिया जिससे अब हम 4 और मा अकेली हो गयी. आरिफ़, आनवार और आफताब अब मेरे साथ बैठे थे और रात का 7 भाज चुके थे, अब आयेज…

आफताब – जिस काम के लिए आए है वो शुरू किया जाए?

आरिफ़ – हन शुरू करते है.

मैने हन में सिर हिलाया तो आनवार ने मा को गोद में उठाया और भाग कर बेडरूम की तरफ गया. आरिफ़ और आफताब अपने कपड़े उतरने लगे. मैने भी अपना कपड़ा निकाला और फिर हम बेडरूम में गये वाहा आनवार ने मा का पल्लू हटा दिया था. और उनकी सारी उठा कर पनटी घुटनो तक कर के उनके छूट को चाट रहा था.

आरिफ़ गया और उसने वंदना के ब्लाउस को खोल दिया और ब्रा उपर कर के एक बूब्स को पकड़ कर चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा. आफताब ने अपना लंड वंदना के मूह में दे दिया अब मेरे लिए कुछ बचा नही था तो मैने वंदना के नाभि को चाटना शुरू किया.

वंदना ने अपने दोनो हाथों से मेरे और आरिफ़ के लंड को पकड़ा हुआ था. थोड़ी देर बाद आफताब और आनवार और मैने और आरिफ़ ने अपने पोज़िशन चेंज कर लिया. करीब 30 मिनिट्स तक वंदना की बॉडी को चूसने के बाद

आनवार – बातरूम कहा है?

मैने उसको अटॅच्ड बातरूम दिखाया उसने सभी को हटाया. फिर वंदना को लेकर वाहा गया और उसके पीछे हम गये.

उसने शवर ओं किया और वंदना के उपर पानी गिरने लगा. वंदना ने अपने कपड़े निकालने चाहे तो उसने माना कर दिया. फिर ज्ब वंदना भींग गयी तो आफताब ने मा के बॉडी पर उनके कपड़ो के उपर से ही साबुन मलने लगा. और फिर आरिफ़ ने मा के कपड़े निकले और उनके छूट पर साबुन रगड़ने लगा.

इसके बाद हम सभी ने साबुन लगाया और फिर हुँने वंदना को नीचे घुटनो पर बिताया. और शवर ओं कर के लंड हिलने लगा. पानी हुमारे उपर से हो कर मा पर जेया रहा था. करीब 10 मिनिट्स तक लगातार हिलने के बाद लंड ने पानी चोर दिया. और सभी ने अपना पानी वंदना के बालों पर गिराया.

उसके बाद आनवार ने उसी रस से वंदना के बालों को धोया जिससे मा के बालों से हुमारे रस की खुसबू आने लगी.

वंदना ने हुमको बाहर भेजा और फिर अंदर से ही बोली..

मा – कुछ पहन कर अओ या नंगी ही आ जौ?

आरिफ़ – नंगी ही आ जाओ कपड़े तो निकालने ही है यहा.

आफताब – नही कोई ब्लॅक रंग का पेटीकोत पहन कर आओ.

मा – पेटीकोत फाइनल ना?

सभी ने एक साथ हन बोला तो मा टवल लपेट कर आई और आल्मिराह से पेटीकोत निकाला तभी आनवार उनके पास गया.

मा – अभी नही पेटीकोत तो पहन लेने दो.

आनवार – हन तो पहनो ना कों सा माना किया है मैने.

वंदना ने अपना टवल निकाला और फिर ब्लॅक कलर का पेटीकोत पहन लिया. और उसे अपने बूब्स पर बाँध लिया,आनवार ने अब मा को अपने से चिपका लिया था.

मा – एक सेकेंड और होल्ड करो मई आती हू.

इतना बोल कर वंदना नीचे गयी और फिर हूमें एक एक पवर की कॅप्सुल दे कर बोली-

मा – तुम 4 हो और मई अकेली मुझे ज़्यादा ज़रूरत है आज इसकी.

हुँने गोली खाई फिर मा ने गद्दा ज़मीन पर कराया ये बोल कर की 5 लोग के वजह से कही बेड ही ना टूट जाए. अब मा हुमारे बीच में लेट गयी और हम चारो ने उन्हे घेर लिया. एक बार फिर हम चारो ने मा के छूट मूह बूब्स और नाभि को निचोड़ने लगे.

वंदना को भी अब जोश चाड रहा था और वो बिस्तर को पकड़ रही थी और कभी कभी किसी का लंड भी सहला देती तभी वंदना का फोन बजा.

कॉल पापा का था, मा ने कॉल उठाया और पापा से बात करने लगी तभी आफताब को जोश चड़ा और वो उनके पास गया.

मा – हन सब बढ़िया है.

अब आफताब ने मा के पेटीकोत को खोला और उनके बूब्स को चूसने लगा.

मा(कॉल पर) – हन सब ठीक है ऋतिक के कुछ दोस्त आए है तो उन्ही के साथ हू मई भी.

आफताब ने मा को घुटनो पर खड़ा किया और धीरे से उनके गांद पर एक छपात लगाया जिससे मा के मूह से एक आअहह निकल गयी पर मा ने वो आवाज़ दबा ली.

मा – अरे वो सब आपस में खेल रहे है.

अब आनवार आया और उसने पीछे से मा के पेटीकोत को उठाया और उनकी गांद चाटने लगा.

मा – हन खाना हो गया है सबका अब बस सोने की बारी है.

आरिफ़ ने मा को लिटा दिया जिससे वंदना की गांद के नीचे आनवार. उनके बूब्स पर आफताब और छूट पर आरिफ़ हो गया और सब उनको चाटने लगे.

मा – सोच रही हू सबको एक एक ग्लास दूध दे डू फिर जेया कर सो जौ मई भी.

अब मई गया और मा के मूह में अपना लंड दे दिया और मा उसको चूसने लगी.

ज्ब मा को कुछ बोलना होता तो वो मेरा लंड हटा देती. कुछ देर बाद मा ने फोन कट कर दिया.

मे – मा तुम्हारा मंगलसूत्रा कहा है?

मा – वही आल्मिराह में.

मई गया और मंगलसूत्रा लाया और उनको पहना दिया.

मा – अब स्टार्ट करते है बिना किसी डिस्टर्बेन्स के.

इतना बोल कर मा ने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया.

अब मा फिर से लेट गयी और हम चारो ने उन्हे घेर लिया. फिर आनवार ने मा के पैरों को फैलाया और एक ही बार में उनके छूट में अपना लंड घुसा दिया.

डॉवा की वजह से मा पर ज़्यादा असर नही हुआ और फिर आनवार अपनी स्पीड बढ़ने लगा. अब मा को भी मज़ा आना शुरू हुआ और उन्होने आआअहह आआहह की आवाज़ें निकलनी शुरू की.

आफताब मा के उपर आया और उनके मूह में अपना लंड डाल दिया जिसे वो चूसने लगी. आरिफ़ माआ के पेट पर बैठ गया और उनके मंगलसूत्रा से उनके बूब्स को बाँध दिया और उनके बूब्स को पेलने लगा.

मेरे पास कोई छेड़ नही बचा था तो मैने अपना लंड वंदना के हाथ में दे दिया और वो उसे आयेज पीछे करने लगी.

डॉवा अपना असर दिखा रही थी और 20 मिनिट्स की चुदाई के बाद भी कोई तका नही था. तो आनवार हट गया और फिर अगला नंबर आफताब का था. उसने मा को डॉगी पोज़िशन में किया और फिर से लंड उनकी छूट में पेल दिया. उसने भी करीब 20 मिनिट्स चुदाई की और फिर हट गया.

इस तरह हम चारो ने उनकी एक एक बार चूत मारी.

स्टोरी जारी रहेगी..

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