हेलो दोस्तों, तो मेरी इस कहानी का ये 2न्ड पार्ट है, और आपने जाना होगा की कैसे मेरे घर में तोड़ा कॅषुयल माहौल रहने लगा था. मैं अक्सर मम्मी पापा को सेक्स करते देखने लगा था, जो बात मम्मी को पता थी. अब आयेज-
तो ऐसा था की मैने अब तक दोनो में से किसी को भी पूरी तरह बिना कपड़े के तो देखा नही था. क्यूंकी कमरे में अक्सर बाहर से थोड़ी रोशनी होती थी. बस इतनी सी रोशनी में जो दिख पाए उतना ही देखा था.
मम्मी अक्सर घर में कभी वेस्टर्न कपड़े तो कभी कॅषुयल वेर ही पहना करती थी. अब तो ऐसे ही नॉर्मली भी कभी-कभी मम्मी की ब्रा स्ट्रॅप, या शॉर्ट्स, या फिर लेगैंग्स में से उनकी पनटी दिख जया करती थी. आज कल तो जिम से आने के बाद मम्मी ट्रॅक और त-शर्ट भी उतार कर फिर ब्रेकफास्ट बनाने लगी थी. क्यूंकी वो बहुत स्वेटी होते थे.
उसी दौरान एक दिन मम्मी ब्रेकफास्ट करके जब नहाने गयी, तो मैने सोचा की आज जब मैं नहाने जौंगा, तो मैं भी दरवाज़े को लॉक नही लगौँगा. मैने सोचा चलो देखते है बात कैसे आयेज बढ़ती है.
ठीक वैसे ही मम्मी के नहाने के बाद मैं चला गया बातरूम में, और जैसा मैने सोचा था, मैने लॉक नही लगाया, और कपड़े उतार कर बात्ट्च्ब भरने रख दिया था. उसी वक़्त मेरी नज़र मम्मी की उतरी हुई पनटी पर पड़ी. मैने वो उठाई और स्मेल करने लगा.
मुझे उसमे मम्मी की महक और जिम करने से उसमे पसीने की खुश्बू आने लगी. ये सूंघते ही कुछ ही सेकेंड्स में मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था. मैने सोचा जब तक टब भर रहा है, मैं ज़रा हिला लेता हू.
मैं मम्मी की पनटी स्मेल करते-करते अपना लंड हिला रहा था, और मेरी आखें भी बंद थी. इतने में मम्मी की नज़र गयी बातरूम की तरफ तो उन्होने देखा की मैने लॉक नही किया है.
मम्मी ने भी सोचा होगा की मैने उनके लिए ही खुला छ्चोढा होगा दरवाज़ा ठीक उनकी तरह. तो वो भी धीरे से दरवाज़ा खोल कर देखने लगी. जैसे ही उन्होने मुझे देखा, वो गुस्से में अंदर आई, और मेरी आँख खुल गयी. मैं चौंक गया, की मम्मी गुस्से में क्यूँ थी.
मम्मी ने मेरे हाथ से पनटी चीन ली, और लेकर बाहर चली गयी. इससे पहले मैं कुछ समझ पाता, मम्मी एक बार फिर अंदर आई और उनके सारे कपड़े लेकर बाहर चली गयी जो उन्होने उतारे थे.
खैर मैं चुप-छाप नर्वस हो कर नहाने लगा, और फिर जब बाहर आया तो मम्मी थोड़ी गुस्से में लग रही थी. पहले तो बात नही हुई, फिर मैं सोफा पर बैठ कर टीवी देखने लगा. इतने में मम्मी आई और पास आ कर बैठी.
श्रुति: क्या कर रहा था तू अंदर?
राहुल: वो मम्मी मास्टरबेट (तोड़ा साद हो कर).
श्रुति: वो तो ठीक है, लेकिन कैसे? मेरे कपड़ों को क्यूँ उसे कर रहा था? वो भी मेरी डर्टी पॅंटीस के साथ? ऐसी गंदी हरकतें कहा से सीखा तू?
राहुल: वो मम्मी मुझे लगा हम थोड़े क्लोज़ आ गये है, तो अगर आप ऐसा करते मुझे देख लोगे, तो आपको अछा लगेगा. लेकिन आप तो नाराज़ हो गयी जो मैने एक्सपेक्ट नही किया था.
श्रुति: वो मैने भी ऐसा कुछ एक्सपेक्ट नही किया था, और मुझे अछा नही लगा की अगर मैं तेरे साथ इतना फ्रेंड्ली होती हू, तो तू उसका ऐसा मतलब निकलेगा. खैर जो हुआ सो हुआ, हीट ऑफ थे मोमेंट में था वो.
राहुल: सॉरी मम्मी.
श्रुति: ठीक है, लेकिन ऐसा कुछ गंदा ख़याल अपने मॅन में मत लाना अपनी मम्मी के लिए. हम बस चाहते है की हमारी फॅमिली खुश रहे, मस्ती में रहे. बस और कुछ नही.
राहुल: ओके मुम्मा. ई लोवे योउ (प्यार से हग करते हुए).
श्रुति: लोवे योउ टू बच्चा (हग करते हुए और पीठ पे हाथ घूमते हुए). वैसे फिर हिलाया की नही तूने?
राहुल: नही मम्मी, कोशिश की, लेकिन पूरा नही कर पाया.
श्रुति: ठीक है. अब कर ले.
राहुल: अभी? नही मम्मी, रात में कर लूँगा.
श्रुति: रात में नही, अर्जस अभी हुए है तो अभी करना ज़रूरी है.
राहुल: ओके मम्मी, मैं अपने कमरे में जाता हू.
श्रुति: ओके. फिर पॉर्न देखेगा?
राहुल: पता नही, शायद हा
श्रुति (तोड़ा सोचते हुए): पनटी चाहिए मेरी?
राहुल (मुझे लगा मम्मी मेरा टेस्ट ले रही थी): नही मम्मी, थॅंक योउ, बुत ई विल मॅनेज.
श्रुति: अर्रे साची पूच रही हू. पहले की बात भूल जेया. पनटी दूँगी लेकिन एक शर्त पे.
राहुल: कैसी शर्त?
श्रुति: यही सोफा पे बैठ कर हिलना पड़ेगा.
राहुल (मुझे लगा की मम्मी शायद अपने काम में लग जाएँगी): ओके मम्मी.
फिर मैं सोफा पे बैठ कर मम्मी के जाने का वेट करने लगा, और पनटी कब देंगी देखने लगा.
श्रुति: क्या सोच रहा है? शुरू कर.
राहुल: वो मम्मी, पनटी?
श्रुति: दूँगी, पहले शुरू तो कर.
राहुल: मम्मी आप जाओगी तब ही तो मैं (धीमी आवाज़ में).
श्रुति: सोफा पे हिलने से मेरा मतलब था. पनटी तब मिलेगी जब तू मेरे सामने हिलाएगा.
मुझे ये सुन कर पहले अजीब तो लगा. लेकिन खैर शुरू से मेरा मोटिव तो यही था. मैं मम्मी के सामने खड़े हो कर अपनी पॅंट्स खोलने लगा, और जैसे ही मैने पॅंट्स उतरी, मम्मी मुझे देखने लगी.
मम्मी ने बस इशारा किया आँखों से की अंडरवेर भी उतार डू. फिर धीरे से मैने अपनी अंडरवेर भी उनके सामने उतरी, और सोफे पर बैठ गया. सच बतौ तो इस वक़्त मेरा लंड बिल्कुल भी खड़ा नही था.
श्रुति: स्टार्ट कर (इतना कहते ही मम्मी देखने लगी).
मैं अपने लंड को हिलने लगा था, जो काफ़ी ड्राइ था. इतने में मम्मी सोफा से उठी, और मेरे सामने आई. मम्मी ने डार्क ब्लू कलर की मॅक्सी पहनी हुई थी स्लीव्ले और एक-दूं पतली स्ट्रॅप वाली. खैर फिर मम्मी मेरी आँखों में देखने लगी, और तोड़ा झुक कर वो अपनी मॅक्सी उठाने लगी.
मेरी नज़र नीचे पैरों की तरफ जाने लगी, तो मम्मी ने मेरा चेहरा पकड़ कर इशारे में कहा की मैं सिर्फ़ आँखों में देखु. मैं ठीक वैसे ही देखता रहा. इतने में मम्मी ने अपनी मॅक्सी उठाई, और अपने कोमल हाथ अंदर डाले. फिर अपनी पहनी हुई पिंक कलर की पॅंटीस मेरे सामने उतरी, और मेरे मूह के सामने रख दी.
खैर अगर आप ऐसे ही अगर किसी की आँखों में देखो, तो डाइरेक्ट ना सही इनडाइरेक्ट तो आपने किसी को आँखों के सामने पनटी उतारते हुए देख ही लिया था, जो मेरे लिए बहुत एग्ज़ाइटिंग था. फिर मैने मम्मी के हाथ से पॅंटीस ली जो पूरी रोल हो चुकी थी, जैसे कोई भी जब उतारता है तो हो ही जाती है.
मैने पहले पॅंटीस को सीधा किया, और बीच के हिस्से को लेकर सीधा उसे स्मेल करने लगा. साथ ही साथ मैं अपना लंड सहला रहा था. इतने में मम्मी अंदर बेडरूम में चली गयी, और आइ मास्क लेकर आई.
श्रुति (पहनते हुए): आँखें बंद करके स्मेल कर, ज़्यादा फील आएगा.
फिर मेरी आँखों पे तो आइ मास्क लगा हुआ था. मैं मम्मी के सामने उन्ही की पॅंटीस सूंघ रहा था, और मेरा लंड अब खड़ा होने लगा था. लेकिन अब भी वो ज़्यादा ड्राइ था. मैं हिला रहा था इतने में मुझे मेरे हाथो पर गीला-गीला महसूस हुआ जो मुझे पता लगा की मम्मी ने मेरे लंड पे थूक लगाया, ताकि प्रॉपर ल्यूब्रिकेशन मिल सके.
मैं और एग्ज़ाइट होने लगा, और अब मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था, जिसके बाद मैने महसूस किया की मम्मी धीरे-धीरे मेरे करीब आ रही थी. उनकी साँसे मुझे मेरे चेहरे पर महसूस होने लगी थी.
फिर मम्मी अपनी जीभ निकाल कर पहले तो मेरे चीक्स पे, फिर साइड्स में आयेज जाते हुए मेरे कानो पे, और नीचे आते हुए मेरे गले को चाटने लगी. उसके बाद धीरे-धीरे वो मेरे पुर चेहरे को चाटने लगी थी, और मैं उनका गीलापन अपने चेहरे पे महसूस कर पा रहा था. कुछ ही देर में मम्मी मेरे पुर चेहरे को चाट चुकी थी, यहा तक की फोर्हेड को भी.
बस यही फील लेते-लेते मैं वही झाड़ गया, और मेरा सारा पानी निकल गया. इतना पानी पहले कभी नही निकला था. फिर मम्मी ने मेरी आँखों पे से आइ मास्क हटाया. उसके बाद मेरे हाथो से उनकी पॅंटीस ली, और मेरे चेहरे को सीधा उनकी आँखों में देखने का इशारा करते हुए अपनी पॅंटीस पहन ली.
श्रुति: गुड बॉय. जेया जेया कर क्लीन कर ले खुद को.
राहुल: थॅंक योउ मम्मी.
श्रुति: नेक्स्ट टाइम जब भी मॅन करे, च्छूप-च्छूप के नही, मम्मी के सामने करना. मैं तेरे सामने ही करती हू ना सेक्स पापा के साथ?
राहुल: ओके मम्मी. थॅंक योउ (मैं मम्मी की हग करने ही वाला था, की मम्मी ने रोक दिया).
श्रुति: जेया जाके पहले क्लीन कर ले.
मैं उठ कर अपनी अंडरवेर और पॅंट्स उठा कर वॉशरूम चला गया, और खुद को क्लीन करके बाहर आया.
श्रुति: कैसा लग रहा है अभी?
राहुल: बहुत अछा मम्मी, हल्का-हल्का महसूस हो रहा है. सच बतौ तो मैं बहुत एग्ज़ाइट हो गया था. जैसे-जैसे आप मेरे फेस को लीक कर रही थी, आपकी साँसे, और मेरे पास वर्ड्स नही है (बहुत खुश होते हुए).
श्रुति (हासणे लगी): कोई बात नही. चल अब बाकी घर के काम करे?
राहुल: हा ओके मम्मी.
श्रुति: वैसे, तूने मुझे और तेरे पापा को पूरी तरह तो देख ही लिया होगा रात में?
राहुल: सच बतौ तो मम्मी लाइट्स बंद होने की वजह से क्लियर्ली मैने अभी तक नही देखा है आप दोनो को. लेकिन थोड़ी-थोड़ी रोशनी में आक्षन्स दिखाई देते है की कों क्या कर रहा है बस.
श्रुति (कुछ सोच कर स्माइल करते हुए): अछा, तो आज तुझे एक डरे देती हू. अगर तू चाहे तो आज हमारे रूम में अंदर आ कर देख सकता है.
राहुल: वो कैसे? मतलब पापा भी तो होंगे और मेरे सामने आप दोनो? कुछ समझा नही.
श्रुति: तुझे समजने की ज़रूरत भी नही. मैं बस इतना बोलूँगी की आज अगर तेरा मॅन करे, और अगर तेरे में हिम्मत है, तो रूम में अंदर आ कर करीब से देख सकता है.
राहुल: मम्मी क्यूँ मज़ाक कर रही हो? पापा को पता चल गया तो देखने के चक्कर में पापा मेरी मार लेंगे.
श्रुति (हम सोफा पे बैठे थे, तो मम्मी ने मुझे हग किया हेस्ट हुए): वैसे अछा ही है ना पापा को दो-दो गांद मारने मिल जाएँगी. एक मेरी, और एक तेरी.
राहुल: मेरा मतलब था की पापा बहुत मारेंगे उन्हे पता चला तो.
श्रुति: बेटा, अगर ऐसी ही बात है तो थोड़ी हिम्मत बढ़ा के, तू मेरी ले लेना. और पापा वैसे भी तुझे मारेंगे ही, लेकिन तुझे मम्मी की गांद लेने के चक्कर में ऐसा सोच अपनी गांद पापा को देनी पड़ेगी. हहे.
राहुल: नही मम्मी, आप मज़ाक कर रही हो ना?
श्रुति: अर्रे हा बाबा, पागल है तू भी. कोई मा ऐसे अपने बेटे को देख सकती है भला? मार खाते हुए और गांद मरते हुए (आज तो मम्मी थोड़ी ज़्यादा ही ओपन हो रही थी). और वैसे भी, पापा के वैसे शौंक नही है. उन्हे सिर्फ़ तेरी मम्मी की गांद पसंद है. और टेन्षन मत ले, मैने तुझे ओपन चॅलेंज दिया है. ठीक है? अब इस टॉपिक पर कोई बात नही होगी.
उसके बाद हम अपने-अपने काम में लग गये, और इसके आयेज क्या हुआ पढ़िए अगले पार्ट में.
यहाँ तक की कहानी आपको कैसी लगी मुझे कॉमेंट्स करके और नीचे दी गयी मैल ईद पे मैल कर के ज़रूर बताए.