मा बेटे ने की दारू पीक चुदाई

ईव्निंग में 7 बजे हमारी नींद खुलती है. मम्मी उठ कर किचन में छाई बनाने जाती है. मैं हाथ मूह धो कर सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगता हू. 10 मिनिट बाद मम्मी छाई लेकर आती है, और हम छाई पीने लगते है.

मम्मी: आज तो इतनी थकान हो गयी की गहरी नींद में पता ही नही चला कब 7 बाज गये.

मैं: मुझे भी अची नींद आई. चलो अब रात भर पार्टी करते है. आप क्या लॉगी मुम्मा?

मम्मी ( मुस्कुराते हुए): तू मानेगा नही. चल ठीक है, मेरे लिए मॅजिक मोमेंट वोड्का ले आ. जब तक मैं चांग कर लेती हू.

मैं फिर मार्केट जाता हू, और एक बॉटल वोड्का और 1 पॅकेट सिगरेट का लेकर रात को 8 बजे तक घर आ जाता हू. घर आ कर देखता हू तो मम्मी ने पूरी तैयारी की होती है. सेंटर टेबल पर 2 ग्लास, आइस का जुग, वॉटर बॉटल, ड्राइ फ्रूट्स, सलाद.

मम्मी तो आज क़यामत ही ढा रही थी. अंदर मम्मी ने मॉडर्न ब्लॅक ट्रॅन्स्परेंट ब्रा पनटी और उपर से स्लीव्ले घुटनो तक ट्रॅन्स्परेंट वाइट कलर का गाउन, जिसमे से तो ब्रा पनटी क्लियर दिख रहे थे, पहना था. खुले बाल और होंठो पर डार्क रेड लिपस्टिक थी.

मम्मी का ये रूप मैने पहली बार देखा था. उनको देख कर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया. मैने अपने आपको कंट्रोल किया, और नहा धो कर, कुर्ता जीन्स पहन कर आया.

मम्मी: क्या बात है ध्रुव, आज तो रेडी हो कर आया है.

मैं: वो आपके साथ 1स्ट्रीट टाइम पार्टी कर रहा हू ना, इसलिए. स्टार्ट करे मम्मी?

मम्मी: हा-हा ज़रूर.

रात के 9 बाज चुके होते है. फेस्टिवल के दिन अब रात को कों आता है. मैने 60-60 म्ल के दो पॅक बनाए. एक पॅक मम्मी को दिया. दोनो ने चियर्स किया. मैने होंठो के लगाया भी नही, और मम्मी अपना पॅक तुरंत गतक गयी.

मैं: मम्मी आप तो च्छूपी रुस्तम निकली.

और मैं अपना पॅक पीने लगा.

मम्मी: वो कॉलेज के दिन याद आ गये.

2-2 पॅक पीने के बाद लाइट्ली नशा होने लगा, और रात के 10 बाज रहे थे. मैने एक सिगरेट जलाई और एक काश लेकर मम्मी को दे दी. मम्मी ने जैसे ही सिगरेट का काश लिया, तो खाँसी आ गयी.

मैं: मम्मी आराम से, शायद आप बहुत दीनो बाद ले रही हो ना, इसलिए.

धीरे-धीरे हमने सिगरेट ख़तम की. फिर मम्मी ने खुद एक-एक पॅक और बनाया.

मैं: मम्मी रात को सिर ने और उनके फ्रेंड ने कितनी बार छोड़ा? मैं तो 1स्ट्रीट रौंद देख कर ही सो गया था.

मम्मी: 2 बार आदि सिर ने, और 4 बार उस बुड्ढे ने. सेयेल बुड्ढे ने तो हालत ही खराब कर दी. रात भर सोने नही दिया. सेयेल के लंड की मोटाई ने जान ही निकाल दी. वो तो शूकर है ज़्यादा लंबा नही था.

मम्मी की बातों से ऐसा लग रहा था, जैसे उनको नशा हो गया था.

मैं: मम्मी पता है कल रात को सिर ने आपके पानी में सेक्स की टॅबलेट मिल दी थी, और खुद ने भी ली थी.

मम्मी: वॉट! तभी अचानक पता नही मुझे क्या हो गया था. ब तो आदि सिर से कॉंटॅक्ट ख़तम.

मैं: मम्मी अब तो मेरा लंड आपकी छूट में जाएगा. तो आपको तो मज़ा ही नही आएगा. आपकी छूट का तो होल बना हुआ होगा.

मम्मी: डॉन’त वरी बेटा, छूट रब्बर की तरह होती है. 1 वीक तक लंड नही जाएगा तो दोबारा टाइट हो जाएगी. जब तक तू मेरी गांद मार लेना.

मम्मी की बात सुन कर मेरा लंड खड़ा हो जाता है. मैं मम्मी के पास जेया कर बैठ जाता हू, और मम्मी को बाहों में लेकर उनके होंठो को चूसने लग जाता हू. मम्मी भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठो को चूसना शुरू कर देती है.

अब मम्मी म्यूज़िक ओं कर देती है. फिर मैं और मम्मी बाहों में हाथ डाल कर डॅन्स करने लगते है, और खड़े-खड़े किस स्टार्ट कर देते है. मम्मी के बड़े-बड़े बूब्स मेरी चेस्ट पर दबाव डालने लगते है.

10 मिनिट के बाद मम्मी सोफे पर बैठ कर मुझे खड़ा करती है, और मेरी पंत को खोल कर, अंडरवेर नीचे कर देती है. फिर वो मेरे पत्थर जैसे कड़क लंड को चूसने लगती है. वाइन के नशे में मुझे भी जोश आ जाता है. मैं अपना कुर्ता बनियान निकाल देता हू, और मम्मी के गाउन को फाड़ कर अलग कर देता हू, और मम्मी के मूह को पकड़ कर लंड को आगे-पीछे करने लगता हू.

2 मिनिट बाद मैं मम्मी को सोफे पर ही घोड़ी बनने के लिए बोलता हू. मम्मी को भी जोश आ जाता है.

मम्मी: ध्रुव, तुम एक पॅक और बनाओ, मैं किचन में से आयिल लेकर आती हू.

मैं: मम्मी कॉंडम भी.

मम्मी: उसकी ज़रूरत नही है. कल रात को 6 बार दोनो ने अपना पानी मेरी छूट में ही छ्चोढा है. कल पिल ले आना.

और मम्मी किचन में चली जाती है. मैं एक पॅक बनता हू, जिसे मैं और मम्मी आधा-आधा पी लेते है. मम्मी मुझे आयिल देते हुए सोफे पर ही घोड़ी बन जाती है. वो जैसे ही घोड़ी बनती है, उनके गुब्बारे जैसे कुल्हों के बीच में फ़ससी ब्लॅक पनटी, जिससे सिर्फ़ छूट ही ढाकी होती है, दिखने लगती है. मम्मी की मखमली जांघों और पीठ पर अभी भी हल्का-हल्का कलर लगा होता है. ये सब मेरे अंदर क़यामत ला देती है.

मैं गांद में फ़ससी पनटी को साइड में करके जीभ से मम्मी की छूट छोड़नी शुरू कर देता हू. मम्मी की छूट का च्छेद काफ़ी बड़ा होता है, जिसमे मेरी जीभ तो ऐसी लग रही होती है, जैसे कुए में से पानी चाट रही हो.

मम्मी: आहह ध्रुव ऊहह. क्या मज़ा आ रहा है.

अब मम्मी की छूट में टीन उंगलियाँ घुसा कर छूट चाटना स्टार्ट कर देता हू. इससे मम्मी तड़प उठती है, और सिसकारिया लेने लगती है.

मम्मी: लगता है तेरी जीभ ही मेरा पानी निकाल देगी. और चूस, और तेज़, शाबाश ध्रुव. अपनी जीभ को अंदर तक डाल. मेरा पानी निकालने वाला है.

5 मिनिट की छूट चुसाई के बाद मम्मी की छूट से पानी बहने लगता है.

मैं: लो मम्मी, आपका तो हो गया. अब मेरी बारी. आप रेडी हो?

मम्मी: हा ठीक है, लेकिन धीरे-धीरे.

अब में खूब सारा तेल मम्मी की गांद पर और अपने लंड पर लगता हू, और एक सिगरेट जला कर लंड मम्मी की गांद के च्छेद पर रख कर एक ज़ोरदार शॉट मारता हू. लंड गुप से मम्मी की गांद में घुस जाता है, और मम्मी आअहह की आवाज़ निकालती है, और आयेज झुक जाती है.

फिर मैं एक हाथ से मम्मी की ब्रा को पकड़ कर पीछे की और खींचता हू, और दूसरे हाथ से सिगरेट पीते हुए गांद में लंड को आयेज-पीछे करने लगता हू. रूम ठप-ठप और मम्मी की आहह आहह आहह की आवाज़ो से गूँज उठता है. अब मैं अपने धक्को की रफ़्तार को तेज़ कर देता हू. मम्मी आयेज की तरफ होती है. वैसे ही मैं पीछे से ब्रा को खींच लेता हू.

मम्मी: ध्रुव क्या कर रहा है? प्लीज़ धीरे, दर्द हो रहा है. मेरी ब्रा तो छ्चोढ़.

अचानक से ब्रा की स्ट्रीप टूट जाती है. मैं मम्मी को सोफे पर उल्टा लिटा कर फिर चुदाई स्टार्ट कर देता हू. 10 मिनिट की चुदाई के बाद पूरा माल मम्मी की गांद में भर देता हू. मम्मी खड़ी होती है, और अपनी पनटी खोल कर, अपनी गांद में से मेरे बहते हुए पानी को सॉफ करती है.

मम्मी: ध्रुव, लगता है मेरी गांद का छूट जैसा हाल करके ही मानोगे. (5 मिनिट की रेस्ट के बाद) तुम एक पॅक बनाओ. मैं वॉशरूम से हो कर आती हू.

मम्मी वॉशरूम हो कर आती है. फिर एक-एक पॅक पीने के बाद हम खाना खाते है. रात के 11 बाज रहे होते है. मैं और मम्मी सिगरेट पीते है, और बेडरूम में आ कर दोबारा चुम्मा-छाती स्टार्ट कर देते है.

अब डन को नशा हो जाता है. मम्मी मेरे मूह को अपने बूब्स पर ले जाती है. मैं एक बूब को चूस्टा हू तो दूसरे को दबाता हू. मम्मी के दोनो बूब्स लाल हो जाते है. 10 मिनिट्स बाद 69 की पोज़िशन में लंड और छूट की चुसाई स्टार्ट कर देते है. फिर मुझे प्रिन्सिपल सिर की मम्मी को गोदी में उठा कर छोड़ने वाली स्टाइल याद आ जाती है.

नशा तो होता ही है, और लंड भी दोबारा खड़ा हो जाता है. अब मैं मम्मी को गोद में उठता हू, और लंड पर बिता कर उछालने लगता हू.

मम्मी: ध्रुव आराम से, गिरा मत देना.

मैं: डॉन’त वरी मुम्मा.

मम्मी भी दोनो हाथ गले में डाल कर चुदाई का मज़ा लेने लगती है. मेरा मूह मम्मी के दोनो बूब्स के बीच होता है. मम्मी की छूट ढीली होती है, तो लंड फॅक फॅक फॅक की आवाज़ के साथ आसानी से छूट में घुसता निकलता है.

थोड़ी देर बाद मम्मी मुझे लिटा कर, लंड को छूट में डाल कर कूदने लगती है. मम्मी के बूब्स हवा में उछालने लगते है. वो लंबे-लंबे शॉट्स ले रही थी. इससे ठप ठप ठप ठप की तेज़ आवाज़ आ रही थी. 5 मिनिट की चुदाई के बाद दोनो का पानी निकल जाता है, और दोनो वही बेड पर लेट जाते है. फिर हम सिगरेट के काश लेने लगते है.

मम्मी: क्या बात है ध्रुव, इतना पवर? कल उन दोनो ने मेरी हालत खराब कर दी. लेकिन आज तो तुम अकेले ही मुझ पर भारी पद रहे हो. कल तो सिर्फ़ दर्द था, आज तो दर्द और मज़ा दोनो आ रहा है.

इस तरह दारू के नशे में रात 3 बजे तक मैने 2 बार मम्मी की छूट और 2 बार गांद मारी.

ये सीरीस यही ख़तम होती है. स्टोरी कैसी लगी मुझे एमाइल करके ज़रूर बताए.

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