पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कैसे मैं अपनी सेक्सी मम्मी को देख कर कंट्रोल नही कर सका, और मालिश करते हुए उन पर टूट पड़ा. अब आयेज-
मैने मम्मी की कोई परवाह किए बिना उनकी पनटी में हाथ डाला. मुझे उसकी छूट वेट लगी, और वो झाड़ रही थी. मम्मी ने उसका सर घुमा कर मेरी और देखा. मम्मी की आँखों से आँसू निकल रहे थे. मैं समझ गया था की उसको भी मेरे साथ मज़ा आ रहा था. पर रिश्तों की मर्यादा उसको रोक रही थी.
अब मैने उसकी छूट में उंगली डाल दी. मैं और मम्मी एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे. मैने अपने होंठ मम्मी के होंठो पर रख दिए, और मैं उसको लीप किस करने लगा. 1 मिनिट तक किस किया, पर वो कुछ रेस्पॉन्स नही कर रही थी. मैं मम्मी के आँसू पोंछते हुए उनको दोनो हाथो से हग किया.
मैं: मम्मी आप मुझे ग़लत ना समझे. आपसे बहुत प्यार करता हू मैं. मैं जानता हू की मैं आपका बेटा हू. पर ये जो हम कर रहे है, वो बहुत ग़लत है. मैं रिश्तों की मर्यादा तोड़ रहा हू.
मम्मी: सब जानता है तो क्यूँ कर रहा है?
मैं: क्यूंकी मम्मी आपको इसकी ज़रूरत है. आप तड़प रही हो. आपको मेरे सहारे और प्यार की ज़रूरत है.
मम्मी: लेकिन तुम मेरे बेटे हो. ये पाप होगा ना?
मैं: मम्मी कुछ पाप नही है. इतना नही सोचो. तुम एक औरत हो, और मैं एक मर्द हू. हम एक-दूसरे साथ खुश है ना. क्या आप मुझे पसंद नही करती?
मम्मी: मैं तो तुम्हे बहुत पसंद करती हू. लेकिन..
मैं: लेकिन-वेकीन छ्चोढो, और मेरे साथ इस पल को एंजाय करो.
अब मैं मम्मी के होंठो पर होंठ रख कर किस करता हू, और साथ में उसके बूब्स भी सहलाता हू. धीरे-धीरे मम्मी आहें भरने लगी. अब मम्मी भी मुझे किस में रेस्पॉन्स देने लगी. मैने फिर से उनकी छूट पर हाथ घूमने लगा.
मम्मी अब पलट गयी, और मेरी गोदी में बैठ गयी. मैं उसकी गांद को सहलाते हुए किस कर रहा था. मम्मी भी मेरी बॉडी पर हाथ सहला रही थी. मैने और मम्मी ने ऐसे ही 10 मिनिट तक किस किया. मैं और मम्मी किस तोड़ने के बाद एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे. मम्मी मेरे बालों को सहला रही थी.
मैं: आप कितनी खूबसूरत हो. ई लोवे योउ मुम्मा.
मम्मी: लोवे योउ टू बेटा. बेटा इस बारे में किसी को कुछ पता नही चलना चाहिए.
मैं: मम्मी आप क्यूँ चिंता कर रहे हो. इतने टाइम से क्लोज़ है, किसी को कुछ पता चला?
मम्मी: तुम बहुत स्मार्ट हो. मुझे तेरी यही बात बहुत पसंद है.
मम्मी ने मुझे स्माइल दी, और मेरी नेक पर किस कर रही थी. सच काहु तो मम्मी जिस पॅशन से मेरे साथ मज़ा कर रही थी, ऐसा मज़ा तो मुझे किसी लड़की, भाभी, या आंटी के साथ नही आया था. मेरी मम्मी के टच में अलग ही वाइब्स आती है. मेरी मम्मी बिस्तर में बहुत गरम है, वो मुझे उस दिन पता चला.
मैं ये सोच के हैरान था, की इस औरत ने अपनी आग को इतने टाइम तक कैसे काबू कर लिया था? मुझे तो ऐसा लग रहा था की मैं इस औरत के लिए ही बना था. मम्मी ने आयिल लेकर मेरी चेस्ट पर डाला, और उसको अपने हाथो से मसालने लगी.
मम्मी: बेटा तुमने मेरी बहुत सेवा की है. अब मेरी बारी है. देख आज तेरी मम्मी तुझे कैसा मज़ा देती है.
मैं: मम्मी मुझे तो ऑलरेडी बहुत मज़ा आ रहा है. ऐसा लग रहा है हम एक-दूसरे के लिए बने है.
मम्मी: सच कहा बेटा. जब तुम मुझे छ्छूते थे तो मुझे अलग ही एहसास होता था. ऐसा एहसास तो तेरे पापा के साथ भी नही आया. जब तुमने मुझे पहली बार मसाज दिया था, तब मैं कोई और दुनिया में खो गयी थी. और तू हर बार कुछ नया करता था.
मम्मी: मैं जो कर रही हू. वो ग़लत है या सही, वो नही पता. पर बेटा मुझे इतना पता है की तेरे बिना अब मैं नही रह सकती. मुझे ऐसे ही प्यार करता रहेगा ना बेटा?
मैं: हा मम्मी, मैं आपसे बहुत प्यार करता हू. और मेरी लाइफ में कोई आए ना आए, पर आपकी जगह कोई नही ले सकता.
मम्मी: श मेरे बेटे अपनी मुम्मा से इतना सारा प्यार करता है.
मैं: मुम्मा आपके लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हू. अब से आपको कोई चीज़ की कमी महसूस नही होगी. आपके जीवन में खुशियाँ भर दूँगा. आपका हर चीज़ में ख़याल रखूँगा.
मम्मी इतना खुश हो गयी की उन्होने मुझे टाइट हग कर लिया, और मेरा कान काट लिया.
मैं: क्या कर रहे हो? दर्द होता है.
मम्मी: अब इस दर्द की आदत डाल लो. मैं तो तेरे साथ जुंगली बिल्ली बन कर रहूंगी.
मैं: श ये बात है!
मम्मी: हा..
अब मैं और मम्मी एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे. दोनो एक-दूसरे को दबोच खाने के लिए तड़प रहे थे. हम दोनो ने एक साथ हमला बोल दिया, और पॅशनेट किस करने लगे. मैं मम्मी के मूह में जीभ डाल कर घुमा रहा था. मम्मी भी उसको आचे से चूस रही थी. हमने कुछ 5-7 मिनिट तक एक-दूसरे को चूसा. वो मेरी लाइफ का सबसे बेस्ट किस था. मम्मी किस करते हुए बहुत एमोशनल हो गयी.
मैं: क्या हुआ मम्मी, रो क्यूँ रही हो?
मम्मी: जो सुख मुझे तेरे पापा से नही मिल रहा. वो मैं तेरे से ले रही हू. कितनी खराब औरत हू मैं. तुमको मैं कैसी लगती होंगी.
मैं (उनको हग करके): आज के बाद कभी ऐसा मत सोचना. ये आपका और मेरा प्यार है. आप ने कुछ ग़लत नही किया. जो बेटा अपनी मा को खुशियाँ ना दे पाए, वो किस काम का? आप मेरी हमेशा बेस्ट मम्मी रहोगी. और ऐसा वैसा मत सोचो.
मैं: आपकी मैं बहुत रेस्पेक्ट करता हू. और आप तो घर की इज़्ज़त रख रही हो. आप चाहती तो बाहर किसी गैर मर्द से कर सकती थी. आपने तो आपकी आग को काबू में किया हुआ है.
मम्मी: तू मुझे ऐसे प्यार करेगा तो और आग बढ़ रही है. तुम इतने आचे हो की मैं अपने आप को रोक नही पा रही.
मैं: आपको रुकना भी क्यूँ है? मैं आपकी हर एक इक्चा पूरी करूँगा.
मम्मी: मैं बहुत खुशनसीब हू की मुझे तुम जैसा बेटा मिला है. जो अपनी मा के लिए कितना कुछ कर रहा है.
मैं: आपको खुश रखना वो मेरी ज़िम्मेदारी है.
मम्मी: ठीक है बेटा, तो अब अपनी ज़िम्मेदारी आचे से पूरी कर.
अब मम्मी ने मुझे उल्टा सोने को कहा. उन्होने मेरा बॉक्सर निकाल दिया, और मुझे नंगा कर दिया. फिर उन्होने पनटी निकाल कर मेरे मूह के पास रख दी, और वो भी पूरी नंगी हो गयी. अब मेरी बॅक पर आयिल डाल कर मुझे चिकना कर दिया. अब उन्होने उनके बूब्स पर आयिल लगाया, और मेरे उपर लेट कर मुझे बूब्स से मसाज देने लगी.
मैं तो सोच भी नही सकता था, की मम्मी ऐसा मज़ा देगी. क्या फीलिंग आ रही थी दोस्तों. वो अपने बूब्स मेरी बॅक पर रग़ाद रही थी. उसके बाद वो अपनी थाइ से मेरी बॅक को मसाज देने लगी. वो मेरे उपर लेट गयी, और मेरे कान को चाटने लगी.
मम्मी: कैसा लग रहा है?
मैं: मम्मी योउ अरे आसम. कहाँ से सीखा ये सब?
मम्मी: जहाँ तुमने सीखा. आज कल इंटरनेट पर सब कुछ मिल जाता है.
मैं: श तो आप पहले से प्लॅनिंग करके बैठी थी?
मम्मी: सच काहु बेटा तो कभी इतना तेरे साथ बढ़ जौंगी सोचा नही था. पर अब मुझे इस बात का कोई अफ़सोस नही है. तुम सच कह रहे हो. हमे एक-दूसरे का सहारा बन कर रहना है.
अब मम्मी ने मुझे सीधा कर दिया, और आयेज भी बूब्स से मसाज कर रही थी. मम्मी की थाइस मेरे लंड से टकरा रही थी. उनकी मुलायम चिकनी थाइ के टच होने से लंड को बेहद आनंद मिलने लगा. दोस्तों मैं इतना एग्ज़ाइटेड हो गया था की मुझे लगा की मैं ऐसे ही ना झाड़ जौ.
मम्मी उनके बूब्स से मेरी चेस्ट और पेट पर मसाज कर रही थी. जब वो मेरे पेट की मसाज करती, तो उनका पेट मेरे लंड को छ्छू रहा था.
मैं: मम्मी बहुत मज़ा आ रहा है. आपकी मसाज ने तो मेरी मसाज को फैल कर दिया.
मम्मी (स्माइल करते हुए): मैं तेरी मा हू. तो तेरे से बेहतर तो रहूंगी ही.
मम्मी उसके बूब्स पेट पर रगड़ते हुए उपर आई, और मुझे किस करने लगी. मैं तो पागल हो रहा था. बहुत आग भारी है मेरी मम्मी में. हम एक-दूसरे की लार को भी चाट रहे थे. क्या किस था दोस्तों. पुर कमरे में हमारी किस की आवाज़ गूँज रही थी.
अब मम्मी ने मुझे आँख मारी, और धीरे-धीरे वो उसका मूह मेरे लंड के पास लेकर गयी. उसने मेरे लंड को स्मेल किया. वो बिना हाथ लगाए मेरे लंड को जीभ निकाल कर छत रही थी. कभी ये चीज़ आपको एक्सपीरियेन्स होगी, तब पता चलेगा की ऐसा होने से कितना मज़ा आता है. मम्मी ने फिर मूह में टोपा लिया, और चूसने लगी.
उसने अभी तक मेरे लंड को च्छुआ नही था. वो दोनो हाथो से मेरी थाइस सहला रही थी. मम्मी ने धीरे-धीरे मेरा लंड मूह में ले लिया. मेरा लंड तो उसके मूह में गायब हो गया. वो ऐसे ही डीप्ली गले तक लंड को ले रही थी. वो खुद से चोक कर रही थी. ऐसा ब्लोवजोब तो मुझे किसी भाभी आंटी से नही मिला था. मम्मी 5-6 मिनिट ऐसे ही लंड चूस्टी रही. मैने बहुत कोशिश की पर मैं मम्मी के ब्लोवजोब के सामने टिक नही पाया. फिर मैं मम्मी के मूह में झाड़ गया.
मम्मी ने जब लंड बाहर निकाला, तो उसके मूह में से मेरा स्पर्म तपाक रहा था. उन्होने मेरी और देख कर स्माइल की.
मम्मी: मज़ा आ गया बेटा. तेरा लंड तो बहुत मस्त है. उसका टेस्ट भी बहुत मस्त लगा.
मैं: मम्मी आपने तो मुझे कुछ करने से पहले ही ख़तम कर दिया.
मम्मी: क्यूँ तुझे और क्या करना है?
मैं: आपकी चुदाई करनी है.
मम्मी (मेरे मूह के पास आ कर धीरे से बोली): तो मेरा प्यारा बेटा अपनी मुम्मा को छोड़ना चाहता है?
मैं: हा मम्मी. आपकी छूट को छोड़ कर आपकी प्यास बुझाना चाहता हू. मुझे आपकी छूट को चाटने का बहुत मॅन कर रहा है.
मैं (मुझे किस करके): बेटा तू मेरा कितना ख़याल रख रहा है. आज अपनी सारी इक्चा पूरी कर लो.
मैं अब मम्मी को बेड के कोने पर लिटा दिया, और खुद नीचे घुटनो के बाल बैठ गया. मैने मम्मी की टाँगें खोली. मेरे सामने वो योनि थी, जिसके अंदर से मैं निकला था, और आज मैं उसी योनि का भोग लेने जेया रहा था. कितना खुशनसीब हू मैं. क्या छूट थी मम्मी की क्लीन शेव्ड, ब्राउन कलर की, और उसके अंदर पिंक दीवारें.
उसकी छूट को देख कर लग रहा था की पापा उनकी बहुत कम चुदाई करते थे. मम्मी की छूट की खुश्बू मुझे पागल बना रही थी. मैने जीभ निकाल कर छूट पर रखी, तो मम्मी जल बिन मछली की तरह तपद रही थी.
मैं भी मेरी मा को वो हर एक सुख देना चाहता था, जिसकी वो पूरी हकदार थी. 48 साल की उमर में भी मा में इतनी आग थी, तो सोचो जवानी में क्या कुछ सहा होगा? इतनी प्यासी औरत बिना चुड़े कैसे रही होगी? मैं बहुत खुश था की मुझे अपनी मा के साथ इतना खुल कर ज़िंदगी जीने का अवसर मिल रहा था.
मेरे जीवन में छूटो की कमी नही थी, पर मेरी मा के लिए मैं ही एक-लौटा था जो उनकी सारी इक्चा पूरी कर सकता था. मैं भी एक आदर्श बेटा बन कर मेरी मा को सॅटिस्फाइ करने में जुट गया.
मैं मम्मी के ग-स्पोर्ट पर अपनी जीभ का पॉइंट लगा कर टारगेट कर रहा था. वो मेरे बालों को सहला रही थी. धीरे-धीरे मेरी मम्मी का शरीर झटके मारने लगा, और छूट से अमृत के जैसी धारा बहने लगी. उसने मेरी गर्दन को जाकड़ लिया, और मेरा मूह उसकी छूट पर दबा दिया.
मैं भी एक भी बूँद वेस्ट नही करना चाहता था. मैं छूट के अंदर तक जीभ दल कर आचे से चाटने लगा. मम्मी ने आख़िरकार मेरी गर्दन को छ्चोढ़ दिया, और मुझे उसके उपर खींच लिया. उन्होने मुझे स्मूच कर लिया, और 2-3 मिनिट तक मुझे छ्चोढा ही नही.
मम्मी: अभी मुझे ऐसा मज़ा आज तक नही आया. मुझे लगता है मेरा शरीर तेरे लिए ही बना है. तेरे पापा मुझे संभाल नही सके. तू ही मेरी प्यास बुझा सकता है.
मैं: मैं तो आपकी सेवा करने के लिए कब से तपद रहा हू.
मम्मी (मेरा लंड पकड़ कर): तेरे इस प्यारे लंड से मुझे छोड़ डाल. मैं मेरा बाकी का जीवन इसकी दासी बन कर रहना चाहती हू.
मैं: आप मेरी मम्मी ही सही हो. आपकी जगह मेरे दिल में है. और आपका मेरे उपर पूरा अधिकार है.
मम्मी: मैं बहुत खुशनसीब हू, की मुझे तेरे जैसा बेटा मिला है. तेरा भी मेरे उपर पूरा अधिकार है.
अब मम्मी और मैं लीप किस करने लगे. अब मैने मेरी मम्मी को कैसे छोड़ा, वो जानने के लिए अगले पार्ट का इंतेज़ार करे. कहानी कैसी लगी वो प्लीज़ कॉमेंट करके बताए.