अब आयेज..
सोनू: दरवाज़ा क्यूँ बंद रखी थी मम्मी? मेरे को तैयार होना है.
मम्मी: तू अभी रूम में मत आ. तू सीधा रात में ही आना. और तू दूसरे रूम में तैयार हो जेया. मैं तेरे कपड़े लाके देती हू.
सोनू: ठीक है.
मैं मम्मी से ज़्यादा सवाल नही किया. मैं जानता था मम्मी मेरा सर्प्राइज़ तैयार कर रही थी. फिर मम्मी मेरे को कपड़े लाके दी, और मैं दूसरे रूम में तैयार होने चला गया.
थोड़ी देर में मैं शेरवानी पहन के तैयार हो गया, और मम्मी का वेट करते हॉल में बैठ गया. थोड़ी देर बाद मम्मी तैयार हो कर मेरे सामने खड़ी हो जाती है. मैं मम्मी को देखता ही रह जाता हू. लहनगा मम्मी के नाभि के नीचे तक रहता है. मम्मी का गोरा-गोरा मुलायम पेट और नाभि सॉफ दिखाई दे रहा होता है.
चोली बहुत ज़्यादा डीप नेक वाली रहती है. मम्मी के आधे दूध बाहर रहते है. वो अंदर ब्रा भी नही पहनी रहती है. कसम से मम्मी का दूध बहुत कमाल का लग रहा होता है. मम्मी एक-दूं डार्क रेड लिपस्टिक लगाए रहती है. ये देख के मॅन करता है, बस अब मम्मी के होंठो को चूस लू.
मैं पीछे से मम्मी को देखता हू. मम्मी की पीठ और कमर पूरी नंगी रहती है. पीठ में बस चोली की एक डोरी रहती है, और ल़हेंगे में मम्मी के उठे हुए गोल चूतड़ और भी ज़्यादा सेक्सी लग रहे थे.
मम्मी का चेहरा बहुत खूबसूरत लग रहा होता है. वो दुल्हन वाला मेकप की रहती है, और बहुत सारे ज़ेवर पहने रहती है. मम्मी अपने हाथो में मेहंदी लगाए रहती है, और हाथो में लाल कलर की चूड़ियाँ पहने रहती है.
लाल कलर का लहनगा-चोली, उपर से इतनी खूबसूरत मेरी मम्मी कसम से क़ायंत लग रही होती है. मेरा मॅन तो अभी मम्मी को छोड़ डालु ऐसा होता है.
सोनू: बहुत ज़्यादा खूबसूरत लग रही हो मेरी जान.
मम्मी मुस्कुराते हुए: आपके लिए ही तो सजी हू.
सोनू: मॅन तो कर रहा है अभी तुमको छोड़ डालु.
मम्मी: तोड़ा सा सबर कर लो.
सोनू: तुमको ऐसा देखने के बाद तो अब मेरे से सबर भी नही हो रहा है.
मम्मी: अगर अभी मेरे को छोड़ लोगे, तो सुहग्रात में मज़ा नही आएगा.
सोनू: इसलिए तो अपने आप को रोका हुआ हू.
मम्मी: बस कुछ घंटो की तो बात है. फिर हम ज़ोरदार चुदाई करेंगे.
सोनू: हा स्वीटहार्ट. तो जल्दी से चले अब?
मम्मी: हा चलो.
फिर मम्मी अपना घूँघट ओढ़ लेती है. घूँघट में मम्मी का पूरा चेहरा धक जाता है. फिर हम लोग कार में निकल जाते है. मैं कार चला रहा होता हू, और मम्मी मेरे बगल में बैठी रहती है. फिर लगभग 2 घंटे बाद हम लोग मंदिर पहुँच जाते है. पंडित ने हम लोगों को 7 बजे का महुरत दिया था. 6:30 बजे ही हम पहुँच गये.
हम लोग वाहा पहुँचे तो पंडित बाहर ही बैठा था. हम लोग कार से उतरे, और पंडित के पास जाने लगे. पंडित मम्मी की चिकनी कमर को घूर रहा था. मम्मी घूँघट डाली हुई थी, इसलिए वो मम्मी का चेहरा नही देख पा रहा था. पंडित बोला-
पंडित: अर्रे आप लोग आ गये.
सोनू: जी हा.
पंडित: चलो ठीक है. थोड़ी देर में शादी का महुरत हो जाएगा. तब तक आप लोग बैठो.
हम लोग बैठ जाते है. फिर पंडित किसी को आवाज़ देता है, और पानी लाने को बोलता है. तो एक खूबसूरत सी औरत हमारे लिए पानी लेकर आती है.
पंडित: ये मेरी पत्नी है कमला.
फिर हम लोग पानी पीते है, और तोड़ा इधर-उधर की बात करते है. लेकिन पंडित मम्मी के दूध और चिकनी कमर को घूरता रहता है. कुछ देर बाद 7 बाज जाते है, और पंडित मम्मी और मेरी शादी करवाता है.
मैं कमला को अपना फोन देता हू, और हम लोगों का फोटो खींचने के लिए बोलता हू. कमला हम दोनो की फोटोस खींचती है. फिर जब मैं मम्मी की माँग में सिंदूर लगता हू, तब मम्मी का चेहरा पंडित को दिख जाता है. मम्मी का खूबसूरत चेहरा देख कर पंडित एक-दूं भौ-चक्का रह जाता है.
फिर कुछ देर में हम लोगों की शादी हो जाती है. उसके बाद मम्मी अपना घूँघट हटा देती है, और मेरे साथ फोटोस खिचवाती है. पंडित बस मम्मी को देखता रहता है. फोटो खिचवाने के बाद मम्मी वापस अपना घूँघट डाल लेती है. कमला बोली-
कमला: रात का 8 बाज गये है, और पूरा इलाक़ा सुनसान है. आप लोग आज की रात यही रुक जाओ
सोनू: नही हम लोग नही रुक सकते. हम लोगों का जाना ज़रूरी है.
कमला: तो आप दोनो हमारे यहा खाना खा लो. मैं खाना भी बना चुकी हू.
सोनू: ठीक है.
फिर हम लोग पंडित के घर अंदर जाते है, और खाना खाते है. खाना खाने के बाद मैं बोलता हू.
सोनू: अब हम लोग चलते है.
पंडित मम्मी के दूध को देखते हुए: आज यही रुक जाते तो अछा रहता.
सोनू: हमारा जाना बहुत ज़रूरी है, नही तो हम ज़रूर रुकते.
कमला: ठीक है, कोई बात नही. लेकिन अगली बार आप अपनी पत्नी के साथ हमारे घर ज़रूर आना.
सोनू: बिल्कुल आएँगे.
फिर मैं और मम्मी कार में घर की तरफ निकल जाते है. मैं बोला-
सोनू: मम्मी पंडित तो आपको बहुत घूर रहा था.
मम्मी: हा मैं देखी, बहुत घूर रहा था.
सोनू: अगर आज हम लोग वाहा रुकते, तो पंडित आपको छोड़ने की कोशिश तो ज़रूर करता.
मम्मी: हा बिल्कुल करता. वो तो अपनी पत्नी के सामने मेरे दूध देख रहा था.
सोनू: अब इसमे उसकी भी कोई ग़लती नही है. आप हो ही इतनी सुंदर.
मम्मी (शरमाते हुए): हा वो भी है. अछा सुनना, कार रोकना.
सोनू: क्यूँ मम्मी, आप देख रही हो पूरी सड़क सुनसान है. चारो तरफ जंगल है. सड़क में एक भी लाइट नही है. मैं कार नही रोकुंगा
मम्मी: अर्रे मेरे को बहुत ज़ोर से सस्यू लग रहा है.
सोनू: अर्रे मम्मी, आपको भी इस टाइम सस्यू. ठीक है रोकता हू.
फिर मैं कार सड़क के किनारे रोकता हू, और कार की लाइट चालू रखता हू. मैं कार से उतरता हू. फिर मम्मी भी कार से उतरती है, और सड़क के किनारे पर अपना ल़हेंगा उपर करके नीचे बैठ जाती है, और मूतने लगती है. मम्मी का पूरा चूतड़ दिखता है. मैं चुप-छाप मम्मी का चूतड़ देखते रहता हू.
फिर मम्मी के मूतने के बाद हम लोग वापस कार में बैठ जाते है, और चल पड़ते है. मम्मी बोली-
मम्मी: तू मेरे को मूट-ते हुए देख रहा था ना, झूठ मत बोलना.
सोनू हेस्ट हुए: हा देख रहा था, और मेरे को बहुत मज़ा भी आया.
मम्मी हेस्ट हुए: चल कमीना!
मम्मी मेरे गाल पे किस की. फिर रात के 11 बजे हम लोग घर पहुँचे. हम लोग घर के अंदर गये. अंदर जाते ही मम्मी रूम में गयी, और दरवाज़ा अंदर से बंद कर ली. मैं बोला-
सोनू: मम्मी अब मस्ती मत करो.
तुरंत मम्मी बाहर आई और बोली-
मम्मी: मस्ती नही कर रही. तू पहले किचन में जेया, और एक ग्लास पानी लेके आ.
मैं किचन में गया, और पानी लेके आया. मम्मी मेरे को 1 गोली दी और बोली-
मम्मी: ये ले सेक्स की गोली. आज चुदाई में मैं कोई कमी नही छ्चोधूंगी.
फिर मैं गोली खा लिया, और मम्मी भी 1 गोली खाई.
मम्मी: अब सुन, तू दूसरे रूम के जाके फ्रेश हो जेया. फिर यही हॉल में आके बैठना. मैं जब आवाज़ दूँगी, तब रूम में आना.
सोनू: ठीक है मेरी जान. लेकिन जल्दी बुलाना.
मम्मी: हा जल्दी बूलौंगी.
फिर मैं हाथ मूह धो कर हॉल में आके बैठ जाता हू. हॉल में बैठे-बैठे थोड़ी देर हो जाती है. उपर से गोली का भी असर शुरू हो जाता है. ऐसे भी मैं तो पहले से ही जोश में रहता हू. पर गोली की वजह से और ज़्यादा जोश में आ जाता हू. मेरा लंड खड़ा होके एक-दूं डंडे जैसा हो गया रहता है. तभी रूम से आवाज़ आई-
मम्मी: सोनू मेरी जान, अंदर आ.
मैं तुरंत रूम में जाता हू, और अंदर देखता हू. पूरा रूम फूलों से सज़ा रहता है. बिस्तर में भी फूलों की पंखुड़ीयान फैली रहती है, और मम्मी घूँघट डाले नयी नवेली दुल्हन के जैसे बैठी रहती है. मैं मम्मी के पास जाके बैठ जाता हू, और बोलता हू-
सोनू: मेरी जान, और कितना तड़पावगी. अब मेरी गोदी में आ जाओ.
मैं मम्मी को पकड़ के अपनी तरफ खींचता हू. तभी मम्मी बोली-
मम्मी: पहले दूध तो पी लो.
मम्मी मेरे को दूध से भरा ग्लास देती है.
सोनू: इस दूध के बाद तुम्हारा दूध पीना है मेरे को.
मम्मी: हा बिल्कुल पिलौंगी, लेकिन पहले ये पियो.
फिर मम्मी ग्लास अपने हाथ में पकड़ती है, और मेरे को अपने हाथ से दूध पिलाती है, और खुद भी पीटी है. फिर दूध पीने के बाद मैं मम्मी का घूँघट उठता हू. मम्मी मेरे को देख के शरमाने लगती है.
फिर मैं मम्मी के सारे ज़ेवर उतार देता हू, और मम्मी के बाल खोल देता हू. अब धीरे से मम्मी के होंठो को चूसना शुरू करता हू. मम्मी भी मेरे होंठो को चूस्टी है. फिर मम्मी मेरी शेरवानी और पाजामा निकाल देती है, और मैं सिर्फ़ चड्डी में रहता हू.
मैं मम्मी की चोली निकाल देता हू, और मम्मी के दूध को चूसने लगता हू, और मम्मी मेरे सर को पकड़ के अपने दूध में दबा लेती है.
मम्मी: आ उम्म्म आ चूस और चूस.
फिर मम्मी लेट जाती है, और मैं मम्मी के दूध को दबा-दबा के चूस रहा होता हू. मम्मी को भी मज़ा आ रहा होता है. फिर मैं मम्मी के पेट को चूसने-चाटने लग जाता हू.
मम्मी: अम्म्म अया अयाया अम्म्म्म.
मम्मी की साँस एक-दूं तेज़ चलने लग जाती है. फिर मैं मम्मी का ल़हेंगा उतारता हू. अंदर मम्मी रेड कलर की चड्डी पहने रहती है, और चड्डी में लिखा रहता है (अब से ये छूट तेरी है, जब मॅन करे छोड़ लेना).
सोनू: वाह क्या बात है मेरी रानी.
मम्मी: अछा लगा ना?
सोनू: हा बहुत अछा लगा.
मम्मी: तो जल्दी से मेरी छूट को छातो ना मेरे राजा.
फिर मैं मम्मी की चड्डी निकाल देता हू, और मम्मी की चिकनी और गुलाबी छूट को चाटने लगता हू. मम्मी मेरा सर अपनी छूट में दबा कर सिसकारी लेने लगती है.
हमारी सुहग्रात में और क्या हुआ, वो मैं अगले पार्ट में बतौँगा. कहानी पढ़ कर फीडबॅक ज़रूर दे.