मां बहन का आशिक बेटा 2

मैं मीरा अपने बेटे और बेटी और अपनी आपबीती लिख रहीं हूं यह आप लोगों के बीच शेयर करने में मुझे लगभग 2 साल लग गए हैं, मैं बहुत परेशान हूं बेटे की ज़िद के आगे,

दो साल कैसे बिता मैं बेेटे और बेटी दोनों की जिंदगी के लिए हर काम करती रही लेकिन मैं अब जो चल रहा है उससे बहुत परेशान हूं बेटा कह रहा है कि 18 साल होते ही मैं सोनिया से शादी कर लूंगा, सोनिया भी तैयार हैं मैं कुछ समझ नहींं पा रही हूं कैसे अपने बेटे को समझाया जाए वह मेरी एक बात माान रहा था

मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा मैं क्या फैसला लूं अगर मैं इस सब के खिलाफ जाती हूं या किसी से कहती हूं तुम मेरे बेटे और बेटी दोनों की लाइफ बर्बाद होो जाएगी मैं भी बेसहारा हो जाऊंगी कुुछ फैसला नहीं लेे पा रह हूं

मैं अब पीछे से बतातीं हूं दिन आकाश को काम पर जाने के बाद मैं सोनिया कहा तुम बहुत थकी हुई लग रही हो तबियत ठीक नहीं है क्या , बोली नही मम्मी ठीक हूं
मैं आकाश के बारे में नहीं पूछ पायी पता क्यों हिम्मत नहीं जुटा पाई, रात को सोने के पहले मैं सोनिया से बोली तुम नीचे सो जाओ मैं ऊपर चली जाती हूं
सोनिया और आकाश दोनों कहने लगे कि मम्मी आप लोहे की सीढ़ी पर नहीं
चढ़ उतर पाओगी मैं बोला कोई बात नहीं बेटा मैं चढ़ लूंगी

रात को सोने के बाद आकाश सोनिया के पास जाकर चुदाई करने लगा मुझे नींद आती नहीं थी आंख बंद कर लिया था आकाश सोचा मम्मी सो गई,

आकाश को नीचे जाने के बाद मैं कुछ नहीं कर पा रही थी मैं बहुत विवश हो चुकी थी,
देखा बेटा बेटी के पास जाकर कहा जाान सो गई बेटी बोली आप के बिना नींद नहीं आती ,आप का इंतजार कर रही थी, बेटी बोली मां को पता चल गया तो क्या होगा बेटा बोला मां को भी चोद देंगे और मां किसी को नहीं बताये गी हम
यहां अंजान है मां हमारे लिए कुछ नहीं करेंगीी,

मैं आकाश की बात सुनकर और भी हिम्मत हार गई इनको रोकने-टोकने की कोशिश कैसे करूं,

सोनिया आकाश के लोवर को निकाल कर लन्ड को पकड़ कर चूसने लगी आकाश सोनिया के सर पर हाथ रखकर कहा कि जान अब हम दोनों एक दूसरे के लिए ही य जियेगेें , सोनिया बोली आप मुझे छोड़कर जाने की कभी भी कोशिश नहीं करना नहीं तो मैं मैं जीते जी मर जाऊं आकाश सोनिया को अपनी बाहों की और खींचकर होठों को चूसते हुए बोला बहना तू मेरी जिंदगी दुनिया आ जाए लेकिन मैं तुम्हें छोड़ कर जाऊंगा चाहे जेल जाना ही क्योंं ना पड़े,
सोनिया लव यू कहतेे हुए आकाश के होठों को और तेज से होठों को चूसने लगे दोनों लोग एक दूसरे को उसी तरह 5 मिनट तक चूसते रहे फिर,

आकाश सोनिया के कपड़े उतार कर चूत** में उंगली करने लगा और और चुचियों को दबाने लगा सोनिया कुछ टाइम बाद आकाश को नीचे कर दिया और अपने चूतड़ों को ऊपर रख कर चूसने लगी आकाश बोला मेरी जान पूरी खिलाड़ी हो गई है सोनिया बोली किसने किसने सिखाया है खेलना आपने ही तो,
उछाल उछाल कर च** को रगड़ रहे थीं च** को चाट रहा था 10 मिनट बाद सोनिया सुस्तत पड़ गई आकाश सोनिया को उल्टा लेटा कर उसके दोनों पैर को कंधे पर रखकर च** में ल** डाल दिया और झटके मारने लगा सोनिया नीचे से सहयोोग दे रही थी इसी तरह 20 मिनट तक चोदने के बाद आकाश पानी च** मेंं ही छोड़़ दिया दोनों सो गए,

मैं फिर उपर ही लेट गई यही सब सोचते हुए नींद आ गई सुबह उठीं तो देखा आकाश छत पर ही सो रहा था सुबह एकदम नॉर्मल सब था,

अब इनका रोज का यही हो गया था मैं घुटन सीीी महसूस रही थी धीरे धीरे यहांं पर महीने बीत चुके थे

अब धीरे-धीरे 2 महीने हो गए थे आकाश और सोनिया अब जैसे पति-पत्नी की तरह रहने लगे थे मैंं देखती थी तो मैं मैं इग्नोर कर देतीी थ उनको लगता था की मम्मी नहीं समझ रही है मैं जानबूझकर करती थी,

लेकिन 1 दिन ऐसा हुआ की छत पर सांप दिखाई दिया रात के 11:00 बज गए थे मैं जीरो वाट केे बल्ब बहुत किलियर से नहीं देख पा रही थी मैं डर के मारे बोर्ड तक नहीं गई ,

मेरे मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी मैं सीधे नीचे आ गई और बल्ब को जला दिया इतनी जल्दी आई थी कि बेटा और बेटी दोनों को समय नहीं मिल,

दोनों च**** का मजा लेने में मस्त मस्त थे मेरे पहुंचने पर सोनिया उठकर खड़ी हो गई और अपने को ढकने का प्रयास करने लगी, बड़ी बड़ी चूचियां से ओ औरत हो चुकी थी 16/17के बीच में 25 की लगने लगी थी और आकाश 6 फिट लंबा मोटा 30+ लग रहा था वो खड़ा था वो अपने लन्ड को ढकने लगा सोनिया बगल में अपने कपड़े पहने लगी आकाश अपना लोवर पहन चुका था मैं सांप की बात छोड़कर आकाश से बोला उन्हें शर्म नहीं आती अपनी बहन के साथ करते हुए,
सोनिया को तीन चार झापड़ गुस्से में हो गई आकाश कुुछ नहीं बोल रहा था

आज ये कहानी का जो रूप देकर प्रस्तुत कर रही हूं उस समय मैं एकदम नहीं कर पाती, उस समय मैं एकदम इस बात के खिलाफ थी केवल घर की इज्ज़त और अपने बेटे और बेटी के भविष्य के लिए घूंट रही थी मैं अपना आपा खो बैठी थी आकाश सोनिया शांत बैठे थे

आज इस बात के 1साल से ज्यादा हों चुके हैं और मुझे अपने बच्चों के बारे में लिखने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है ,
लेकिन उस समय मैं यह सोच भी नहीं सकता थी चुदाई जैसे शब्द लिख रही

जब यह सब हो रहा था मैं यह सोच कर हैरान थी कि मेरा बेटा भी है लेकिन एक दिन मैं फैमिली सेक्स सर्च किया तो बहुत वीडियो मिला लेकिन सच्चाई मुझे कहानी में लगी जो लोग इसको मेरी तरह मजबूर होते हैं कहानी लिखते हैं,

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कहानी के बारे में जानकारी भी मुझे लक बाई चांस से मिली मैं गुगल पर सर्च कर रहा थाी तभी मुझे कहानी मिली जिसका मैं काफी अध्ययन कीी तब अपने दुःख को बांटने की कोशिश कर रही हूं

मैं मीरा अपनी कहानी शुरू करने से पहले एक बात और बताने जा रहीं हूं ओ दिन मेरे लिए ग़लत था या सही आप मेरी पूरी आप बीती सुनने के बाद जरूर बताएं,
उस रात
बहुत कुछ खत्म हो गया और बहुत कुछ नयाा शुरू हो रहा था अब इस रिश्ते के लिए कर कोई अनजान नहीं रह गया आकाश मेरा बेटा सीधे ऊपर जाने लगा मां की ममता सब भूल कर बोली उपर सांंप है ना जा आकाश लाइट जला कर ऊपर चला गया, मैं सोची कुछ करना ले इसलिए मैं भी पीछेे पीछ छत पर चली गई बेटा सांप को मार डाला मैं आकाश से बोली खिड़की में जाली लगवा दो आकाश कोई जवाब नहीं दिया और बिस्तर पर जाकर सो गए मैं भी नीचे आ गई सोनिया को अपने पास बैठाकर बोला तुम्हें शर्म नहीं आती और तुम्हाराा सगा भाई है,
सोनिया कुछ समय चूप रहीं मैं बोली अब शर्म आ रही है,

सोनिया तुरंत बोल पड़ी हम दोनों बहुत दिनों से प्यार करते हैं आकाश मेरे लिए कुछ भी करेंगे मैं बोली तुम इसको प्यार कहते हुए शर्म नहीं आती,
सोनिया कैसी शर्म किसी की हत्या नहीं की हुं प्यार करती हूं मैं बोली ओ तुम्हारााा भाई है सोनिया कहां लिखा गया है कि भाई केे साथ प्यार नहीं करना अच्छा है कहां लिखा गया है कि किसके किसके साथ प्यार करना चाहिए जो इंसान खुश रख सके उसी के साथ जीना चाहिए मैं बोली समाज को क्या मुंह दिखाऊंगा तुम्हें खाने को समाज देता है,

जब भाई काम आ नहीं रहाा थ तब शाम को खाने को रोटी नहींं मिलती थी सब्जी और दाल 15,20 दिन में दो चार बार ही बनती थी तब तुम्हारा समाज कहा था,
मेरे लाख समझाने पर भी सोनियाा कोई फर्क नहीं पड़ रहा था मैं उसके तर्क आगे कुछ जवाब नहीं दे पा रही थी उसके कम उम्र नाा समझी आ गया मैं विवश थी,

अब मैं सोनिया के साथ सो हो रही थी, आकाश मुझसे बोलनाा छोड़ दिया था 1 सप्ताह सेे ऊपर हो गयाा आकाश शराब पीना लगा था एक मैं आकाश को अपने पास बुलाई आकाश नहीं रुका सीधे छत पर चला गया पीछे पीछे मैंं भी
पहुंच गई आकाश से बोली बात करो तुम यह सब करके उल्टााा मुझ पर गुस्सा कर रहे हों,
आकाश कुछ नहीं बोल रहा था दारू की बास आ रही थी मैं आकाश से जुड़ी बोली कब तक ऐसा चलेगा मैं तुम्हारी अच्छेेेे से शादी करा दूंगाी बेटा यह गलत है जो हुआ उसेेे अनजाने में हों गया,

बेटा बोला मुझे शादी नहीं करनी तुम मुझसे बात ना करो मैं जी लूंगा जैसा ठीक है और तुम घर चली जाओ मैं आकाश को समझाने कीी कोशिश कर कर रही थी,
आकाश बोला मैंं तुम्हारा टिकट निकलवाने को कह दिया हूं आज केे बाद मैं तुमसे कुछ नहीं कहूंगा सोनिया अगर जाना चाह रही है तो उसको भी लेकर चले जाओ अगर नहीं तो उसकी मर्जी आज से मैं खर्चे नहींं दें दूंगा,

मैं आकाश से बोलाी बेटा यह तुम्हारे भविष्य के लिए बोल रही हूं सब ठीक हो जाएगा सोनियाा की शादी कर देंगे, आकाश बोला तुम जो करनाा चाहो करो मुझसे कोई मतलब नहीं इतने में सोनिया छत पर आ गई,

आकाश सोनिया की देखकर आशु निकलने लगे आकाश सोनिया आकाश को देखकर बोली क्या हुआ, कहां से कुछ नहीं बोल पाए सोनिया मेरे सामने ही आकाश से लिपट कर बाल सहलाने लगे और कहने लगी आप रो क्यों रहे हैं मैं हूं दुनिया चाहे जो करें मैं आपका साथ दूंगा, और हमारे रिश्तेेे के बारे मेंं जब हम बताएंगे तब ही तो कोई जानेगा आकाश को हाथ पकड़ कर नीचे ले कर चली गई मैं बहुत कशमकश में वही बैठी रही मुझ कुछ समझ में नहीं आ रहा था ,

सोनिया आकाश से पता नहीं क्यााा बात रही थी बहुत धीरे-धीरे और दोनों बात कर रहे थे मैं बात करने की कोशिश कर रही थी लेकिन बात मेरे कानों को सुनाई नहीं दे रहा था सब नॉर्मल रहा आकाश और सोनिया नॉर्मल हो गए थे उनके दिमाग में कुछ ना कुछ प्लान को किया था मैं उनकेे चेहरे को पढ़ने की कोशिश कर रही थी वह बड़े खुश दिख रहे थे सोनिया आकाश से क्या कहा किया था प्रकाश आकाश इतना चेंज हो गया था,

मैं खाना नहीं खाई और सो गई एक बात और सोनिया भी छत पर हीी आकर सोो गई आकाश नीचे सो गया, सुबह उठाा तो बहुत खुश दिख रहे था और रोज की तरह खाना खाकर ऑफिस चला गया सोनिया बहुत खुश थी मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी कि क्याााााा चल रहा है इनके दिमाग में,

सोनिया मुझे भी खाना लाकर देदी मैं खाना खाने के बाद आराम करने छत पर चली गई लेकिन नींद नहीं आ‌ रही थी,

आकाश रोज लगभग 8:00 बजे के बाद आता था लेकिन आज 7:00 बजे ही आ गया सोनिया को गले लगाया और कुछ सामान दिए और सीधे छत पर चला गया सोनिया आज बहुत खुश दिख रही है खाना बनाने में लग गई और आकाश छत पर ही बैठा था लगभग 9:00 बजे सोनिया मुझे खाना लाकर देदी मैं खाना खाने जा रहा हूं कहकर चली गई,

मैं बोली आकाश को खाना लेकर छत पर चली गई आकाश शराब पी रहा था , मुझे देख कर मुस्कुराने लगा मैं बोली बेटा यह क्या कर रहा है , आकाश गोला बहुत टेंशन है इसलिए मुझे छोड़ दो तुम जाकर खाना खाओ मैं खाना खाने को कहां आने पर भी नहीं हटी आकाश अपने हाथों से तुझे खाना खिलाने लगा,
नशे में उसकी आवाज सहीी नहीं आ रही थी, आधा खाना लेकर नीचे आ गई और खुद खा लिया,

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सोनिया से बोला तुम खाई सोनिया बोले मैं दूध रोटी खा लूंगी आप खा लीजिए मैं बोली आकाश को भी खिला दो सोनिया बोले वह खाकर आए हैं,
9:30 बजे थी आकाश छत से नीचे आ गया सोनिया सोनिया खाकर किचन साफ करके दरवाजाा बंद करके टीवी चालू कर दी,

आकाश टीवी में छोोीीोीोीी छोटी सी चिप लगा दिया और मुझे हल्का हल्का मदहोशी आने लगे थी , बेटी से बोली मुझे अजीब सा लग रहा है सोनिया मुस्कुराते हुए बोली मम्मी कोई बात नहीं है सब ठीक है इतने में आकाश टीवी पर सेक्सी पिक्चर लगा दिया,

मेरी निगाह टीवी पर चली गई इस महिला को दो पुरुष चोद रहे थे महिला चिल्ला चिल्ला कर आवाज निकाल रही थेी, मैं उठकर ऊपर जाने लगी, यह सोच कर कि आकाश और सोनिया दोनों अब मानेंगे नहीं दोनोंं अपना च**** करना है आकाश बहुत शराब पी रखी थी,
मेरे उठते ही आकाश मुझे पकड़ लिया और मेरे चुचियों को दबाने लगा सोनिया
पीछे से बोली मां यह तुम्हारे लिए ही प्रोग्राम चालूू किया गया है और तुम क्यों जा रही हो मैं आकाश को छुड़ाने की कोशिश करने लगी सोनिया पीछे से मेरे साड़ी को उतार दिया, और आकाश मेरे ब्लाउज का बटन खींच कर तोड़ दिया पूरे नशे में मेरी था मैं छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन विवस होकर कुछ नहीं कर पाा रही थी आकाश के मजबूत हथेलियों में मुझे जकड़ रखा था वह मेरे चुचियों को पी रहा था सोनिया मुझे पकड़े हुए थे लगता था मुझे

इन लोग कोई दवा खिलाई है जो मुझे अंदर से उत्तेजना ला रही थी आकाश मेरे चुचियों को दबा दबाा कर चूस रहा था सोनिया बोल रही थी भैया जी आज मम्मीी को सामाजिक बंधन से मुक्त कर दो बस चूत** और लन्ड** का रिश्तेे
का मजा क्याा होता बता दो,
आकाश मेरे च** में अपने होंठ रख दिए मेरी च** में बहुत बड़े बड़े बाल होो गये थे आकाश च** को चाटने लगा मैं विरोध कर रही थी लेकिन दवा के असर से अंदर से उत्तेजना बहुत चरम पर थी आकाश मेरी च** को अपनी जीभ सेेे गर्म कर रहा था,

मैं असफल प्रयास कर रही थी क्योंकि एक भारी-भरकम मर्द और एक दूसरे लड़की मेरी बेटी अपनी मां को अपनी हवस का शिकार बना रहे थे
उधर टीवी पर सेक्सीी मूव चल रही थी लड़का पूरा मेंेे हवास में अपनी मां को
च** को चाट रहा था और बेटी चुदाई कराने में सहयोग दे रही थी मैं अब विवश होकर शरीर को ढीला छोड़ दिया पैर भीी ढीला कर दिया अब बेटा मेरेे च* में अपना लन्ड* डाल दिया

5 वर्षों से मैं सेक्सस नहीं किया मेरा च** पूरा टाइट था बेटे का लन्ड जाने से दर्द होने लगा लेकिन बेटा पूरी नशे में मेरे चूतड़ों में घुस दिया मैं चिल्ला उठी सोनिया बोली मां की सील टूट गई,
आकाश मुझे झटके मार माार कर दर्द की परवाह किए बिना चोद रहा था मैं अब बेवस हो गई थी ,
सोनिया मेरे हाथ को ढीला छोड़ दिया मैं अब शांत हो गई थी घर की इज्ज़त के लिए चिल्ला भी नहीं पाई आकाश पूरी तरह नंगी कर दिया था मुझे सोनिया बोली भाई अपने लन्ड को मां के मुंह में डाल कर गरम करों,

मैं अपनी बेटी की बात सुनकर हैरानी में थी यह इतना हरााामी कैसे हो गई थी अगर सोनिया नहीं कही होती तो आकाश कभी नहीं सोचा होता मुझे चोदने को,
आकाश अपना लन्ड मेरे मुंह में डालने लगा मैं अपने मुंह को खोली नहीं इतने में सोनिया ने आकाश के लंड को अपने मुंह में डाल लिया और चूसने लगी मैं मौका देख कर उठने लगी आकाश तुुंरत मुझे पकड़ लिया और दबा कर लन्ड दूबाराा चूत में घुसा दिया और चूचियों को दबाने लगा , झटके मारने लगा और फिर एक बार फिर से चोदने लगा अभी पााी नहीं निकला था,
मैं कुछ नहीं कर पाती 10मिनट तक चोदता रहा और झड़ गया मैं खड़ी हो गई और छत पर चली गई,
12 बजे फिर सोनिया आयी ओ चिपक कर सो गई और बोली मम्मी एक दो सप्ताह बाद आदत हो जाती है मैं उसको धक्के मार कर अलग कर दिया,
बोली मां सील टूट गई और ओ भी अपने बेटे के लंड से कितनी खुश नशीब हो तुम मैं बोली सरम नहीं आती तुझे बोली शर्म कैसी अब तो तुम मेरी सौतन हो

अभी पति देव जी आंतें होंगें मैं बोली तुम करो मुझे अब घर जाना है सोनिया बोली मां की सील टोड कर मां के चूत के रस में खो जाना चाहते हैं ,

इतने में आकाश आ गया और मुस्कुराने लगा कहा जान आज पूरी रात मज़ा दूंगा मैं नीचे जाने लगी आकाश मुझे पकड़ कर बााों में भर लिया सोनिया ने कहा मम्मी क्यों अब भाग रही हो

अब तो सील टूट गई मैं छुड़ाने का प्रयास करती रही लेकिन आकाश अपनी मजबूत बाहों में जकड़ लिया और मुझे किस करने लगा मैं अपने पैर उसको अलग करने की कोशिश करने लगी पहली बार जब मुझे चोदा था तब मैं इनकेे द्वारा गाय के दवा के असर में कुछ नहीं कर पाई थी लेकिन अब दवा का असर कम हो गया था मैंंं विरोध कर रही थी बहुत जोर सेेे झटके मार था लेकिन मैं पैरों को मोड़ लेती थी लंड निकल जाता था,
सोनिया ने मेरे पैरों को फैला कर पकड़ लिया मैं पूरी तरह हिल भी नहीं पा रही थी आकाश मेरे चुचियों पर हाथ रख कर दबा रहा था मम्मी मम्मी मम्मी मान जाओ, मैं भी अपना पानी छोड़ दिया और आकाश भी मैं शांत हो गई और बिना कपड़े के ही सो गई आकाश उस रात 4 बार चोदा मैं कुछ नहीं कर पाती,



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