फ्रेंड्स मेरी फॅमिली सेक्स स्टोरी के अगले पार्ट में वेलकम. किशन जी मेरी नेक को चाट रहे थे, जिससे मैं और लंड के लिए प्यासी हो रही थी. मैने सारी उठा कर मेरी पनटी में हाथ डाला. क्यूंकी मुझे छूट में बहुत खुजली हो रही थी. मेरे से रहा नही जेया रहा था. किशन जी ने मेरा हाथ पकड़ लिया, और बाहर निकाल दिया.
मैं: प्लीज़ जानू, ऐसा क्यूँ कर रहे हो (समधी जी के चेहरे पर बड़ी स्माइल आ गयी)?
किशन जी: अर्रे सुमन जी, आज तो आपको मेरे लंड चूसना ही पड़ेगा.
मैं (थोड़ी नाराज़ हो कर): ये तो आप भूल जाओ.
किशन जी को इस बात का बुरा लगा और उन्होने उनका लंड पंत में डाल कर सीडी से नीचे उतरने लगे. दोस्तों उस टाइम पर मैं इतनी प्यासी थी की मैं उनके बिना तोड़ा भी रह नही सकती थी. मैं उनके पीछे भाग कर गयी, और उनको पकड़ लिया.
मेरी हालत ऐसी थी, की मैं बिना ब्लाउस के पल्लू सारी में लपेटे सीडी उतरने लगी. सीडी से उतरते टाइम ब्रा में मेरे बूब्स बाउन्स हो रहे थे. और ये मेरे बेटे का ससुराल था. मेरे अंदर जो आग लगी थी, वो मुझसे ऐसा करवा रही थी. किशन जी का मैने हाथ पकड़ा और रोक दिया.
मैं: आप जो बोलेंगे वो सब कुछ करूँगी. आप मुझे ऐसे छ्चोढ़ कर ना जाइए.
किशन जी (स्माइल के साथ): अछा? सब कुछ करूँगी, मेरा लंड भी चूसोगी?
मैं (नॉटी स्माइल के साथ): हा सब कुछ.
अब मैने उसका हाथ पकड़ा, और हम जिस जगह पर थे, वहाँ उनको ले गयी. मैने उनकी त-शर्ट उतार दी. फिर उनके गले पर किस करने लगी. मैं किस करते हुए उनको काट भी रही थी. साथ में मैं उनके कान पर अपनी जीभ घुमा रही थी.
मैं (उनके कान में): आप ना अब बहुत ज़िद्दी हो गये हो. आज आपको ऐसा प्यार करूँगी की आप आपकी सुमन के बिना रह नही पाओगे.
समधी जी (खुश हो कर): मेरी सुमन?
मैं: हा मैं आपसे बहुत प्यार करती हू. मैं आपके बिना नही रह सकती. मुझसे वादा करिए चाहे कुछ भी हो जाए, आप मुझे छ्चोढ़ कर नही जाएँगे.
समधी जी: मैं वादा करता हू सुमन जी, मैं अब आपको इतना प्यार करूँगा की आप मेरी दीवानी हो जाओगी.
मैं: आपकी दीवानी हो गयी हू. ई लोवे योउ किशन जी.
किशन जी: लोवे योउ टू सुमन जी.
मैं किशन जी की नेक पर किस करते हुए उनकी चेस्ट पर आ गयी. उनके घुंघराले बालों वाली चेस्ट पर मुझे हाथ घूमना अछा लगता है. मैं उनकी चेस्ट पर भी काटने लगी. मैं उनके निपल पर जीभ घुमा रही थी, और मुस्कुरा रही थी. अब मैं बेशरम हो कर बूब्स की तरह उनकी चेस्ट दबाने लगी. किशन जी की आ निकली तो मुझे हस्सी आ गयी.
वो भी मेरे ऐसा करने से खुश हो रहे थे. मैं अब उनकी चेस्ट पर हाथ घूमते हुए घुटनो पर बैठ गयी, और उनके पेट पर किस करने लगी. धीरे-धीरे मेरा मूह उनके लंड तक चला गया. मेरा तो मूह उतार गया, क्यूंकी मैने कभी लंड नही चूसा था. लेकिन मैने सोच लिया की किशन जी मुझे इतना सारा प्यार कर रहे है, तो मैं उनकी खुशी के लिए कुछ भी करूँगी.
मैने उनकी और देखा तो उनकी आँखों में मेरे लिए बहुत उम्मीद दिख रही थी. मैने बिना कुछ सोचे उनको स्माइल दी, और उनकी पंत खोल कर नीचे कर दी. फिर उनकी अंडरवेर में हाथ डाल कर लंड बाहर निकाला. मैने देखा तो उन्होने लंड को शेव कर लिया था. मैं उनका काला, मोटा, और चिकना लंड देख कर खुश हो गयी. मेरा हाथ लगते ही लंड तंन कर खड़ा हो गया. मैं हवस भारी निगाहों से समधी जी की और देख रही थी.
मैने उनकी आँखों में देखते हुए लंड को च्छुआ, और उनको स्मेल करने लगी. मुझे उसमे से एक अजीब सी गंध आने लगी. लेकिन उस गंध में भी कुछ बात थी दोस्तों. मैं उनके लंड को सहलाने लगी.
किशन जी: अब मूह में लेके चूस भी लो रानी.
मैने अपने पल्लू से लंड के उपर लगा प्रेकुं पोंचा, और अपनी जीभ निकाल कर उनके लंड का टोपा चाटने लगी. मुझे बहुत ही गंदा फील हो रहा था. लेकिन लंड से आती हुई वो अजीब सी गंध मुझे वो करने के लिए उकसा रही थी. मैने थोड़ी हिम्मत करके मेरा मूह खोला, और लंड का उपरी हिस्सा मूह में रख दिया.
मूह में रखते ही ऐसा लगा की कोई गरम चीज़ हो. उनके लंड की गंध और टेस्ट मुझे मदहोश करने लगी. मैं मस्ती में चुल हो कर लंड चूसने लगी. धीरे-धीरे मैने पूरा लंड मूह में ले लिया, और आइस क्रीम की तरह चूसने लगी. सच काहु दोस्तों शुरू के 2 मिनिट्स तो मजबूरी में चूस रही थी. लेकिन फिर मुझे समधी जी का लंड मूह से निकालने की इक्चा भी नही हो रही थी.
मैं तो वो सब औरतों को सलाह दे रही हू की हम एक ही मर्द से चूड़ने के लिए नही बनी है. जो एक्सपीरियेन्स मैने 27 साल की मॅरीड लाइफ में नही किया था. वो एहसास मेरे समधी जी मुझे हमारी पहली चुदाई से करवा रहे थे. मैने तो उसी टाइम सोच लिया था की काश मैने पहले हिम्मत करके किसी और से रिश्ता बना लिया होता.
मैं तो मस्त हो कर लंड चूस रही थी. मुझे तो पता भी नही चला कब समधी जी ने मेरे सर के पीछे हाथ रख दिया, और मेरे मूह की चुदाई शुरू कर दी. मेरे मूह से लार तपाक कर मेरे बूब्स और ब्रा के उपर गिर रही थी. लंड से आती हुई गंध अब खुश्बू बन गयी थी, और वो घटिया सा टेस्ट अमृत लगने लगा था. अब तो मैं पूरा लंड मूह में लेने के लिए ट्राइ करने लगी. मैं तो मेरे समधी जी का लंड बाज़ारु रंडी की तरह चूस रही थी.
अब मैने अपनी सारी उपर करके छूट में उंगली करने लगी, तो समधी जी उनके दोनो हाथो से मेरा सर पकड़ कर मेरे मूह की चुदाई करने लगे. मेरे मूह से सेक्सी आवाज़ आ रही थी. मैने अपनी आँखें उपर की तो समधी जी की आँखें उपर चढ़ गयी थी. वो तो जन्नत की सैर कर रहे थे, क्यूंकी उनकी सीधी-सॅडी धार्मिक टाइप संधान आज उनका रंडी की तरह लंड चूस रही थी.
हर एक औरत में एक रंडी च्छूपी हुई होती है. बस उसको बाहर निकालने वाला जिस दिन मिल जाता है, तब वो बाहर आती है. मैं तो उन सभी औरतों को सलाह देती हू की बहुत पतिव्रता बनने की ज़रूरत नही है. अगर असली चरम सुख लेना चाहती हो तो थोड़ी हिम्मत दिखा कर किसी पराए मर्द से चूड़ो.
अब समधी जी ने लंड बाहर निकाला, और मुझे खड़ा कर दिया. और वो मेरे हाथ पकड़ कर उपर ले जाने लगे.
मैं: कहा ले जेया रहे हो?
समधी जी: उपर स्टोर रूम है, वहाँ.
मैं कुछ बोलू उससे पहले उन्होने मेरे होंठो पर उंगली रख दी, और मुझे लिप्स किस करने लगे. मैं भी अब इतनी गरम हो गयी थी की बिना चुड़े रह नही पाती. मुझे अब कुछ भी करके छूट में लंड चाहिए था. मैने अपना ब्लाउस और उनकी त-शर्ट उठाई और किशन जी के पीछे चलने लगी.
वो मुझे बेडरूम के जस्ट बाजू में एक कमरा था, जिसमे एक्सट्रा समान रखा हुआ था, वहाँ लेकर गये. उन्होने डोर लॉक किया, फन ओं किया, और एक गद्दा नीचे बिछा दिया.
मैं: कोई आ गया तो प्राब्लम नही होगी?
समधी जी: इस रूम में 2 डोर है. अगर कोई यहाँ से आया तो आप च्चत से बगल वाले बेडरूम में चले जाना. वहाँ भी 2 डोर है. उसमे से एक च्चत की साइड खुलता है.
मैं: आज आपका दिमाग़ बहुत तेज़ चल रहा है. ऐसे सब के होते हुए ये सब करना बहुत एग्ज़ाइट कर रहा है.
समधी जी (मुझे गद्दे पर सुला कर): हा मेरी प्यारी संधान. आपके लिए तो कुछ भी कर सकता हू.
किशन जी ने अब पंत और अंडरवेर निकाल दिया. वो पुर नंगे हो कर मुझसे लिपट गये. अब उन्होने मुझे किस करते हुए मेरी ब्रा के हुक खोल दिए, और मेरी ब्रा निकाल कर फेंक दी. मैने अपनी सारी उठा कर मेरी पनटी निकाल दी. अब समधी जी मुझे किस कर रहे थे, और साथ में मेरी छूट में एक साथ 2 उंगलियों से चुदाई कर रहे थे.
मैं (सिसकारी लेती हुई): किशन जी आप मेरी छूट छातो ना. मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था.
किशन जी अब मेरे पैरों की और अपना सर लेकर गये, और मेरी सारी को उपर उठा दिया. अब हम 69 पोज़िशन में आ गये. वो मेरी छूट चाटने लगे. मुझे तो मानो जन्नत मिल गयी हो. उनका लंड और आँड मेरे मूह के ठीक सामने थे. मैं भी अब उनके लंड को चाटने लगी. मैं आपको बता देती हू की मैने ये सब पॉर्न में देखा हुआ था. और मुझे पॉर्न वीडियो के लिंक समधी जी भेज रहे थे.
मुझे वो देखने में बहुत अजीब और गंदा लगता था, पर आज वो सब खुद से एक्सपीरियेन्स कर रही थी, तो बहुत अछा लग रहा था. मैं अब उनके एक आँड को मूह में लेकर चूसने लगी.
किशन जी: वाह सुमन जी, आप तो बहुत जल्दी सब कुछ सीख रही हो.
मैं: आप जैसा सीखने वाला अभी तक मिला नही था ना.
हमने कुछ 5-7 मिनिट तक एक-दूसरे को चूसा और छाता, उसके बाद मैं झाड़ गयी. किशन जी मेरा सारा रस्स चाट गये. अब वो खड़े हुए और मेरी छूट के उपर लंड को रब करने लगे.
मैं: अब डाल भी दीजिए ना. इतना क्यूँ तडपा रहे हो?
वो मेरी और देख कर स्माइल किए, और लंड को पुश करके अंदर घुसा दिया. मेरी आ निकली गयी, तो उन्होने मेरे लिप्स उनके लिप्स से लॉक कर दिया, और किस करने लगे. वो मुझे मिशनरी पोज़िशन में छोड़ने लगे. कुछ 2 मिनिट के बाद मैं उनकी लंड से एंजाय करने लगी. और मेरी मधुर सिसकारी निकल रही थी.
समधी जी वो सुन कर और उत्तेजित होने लगे. उन्होने अब मेरे पीछे एक तकिया लगा दिया, और घुटनो पर बैठ गये. मेरी एक टाँग कंधे पर रख कर मेरी चुदाई करने लगे. ये पोज़िशन में मेरे पति बहुत छोड़ते थे. पर समधी जी से चूड़ने में और मज़ा आ रहा था.
समधी जी का हर एक धक्का मेरी पूरी बॉडी हिला देता था. उन्होने ऐसे ही मेरी 10 मिनिट चुदाई की, और उनका लंड झटके देने लगा. समधी जी ने उनका लंड निकाला और मुझे चूसने दे दिया. मैं भी लॉलिपोप की तरह उसको चूसने लगी. मैं एक ही चुदाई में लंड चूसना सीख गयी थी. और कहते है जो चीज़ नयी सीखते है, उसको करने में और मज़ा आता है. मैं भी लंड चूसना एंजाय कर रही थी.
अब उनकी बॉडी हिलने लगी. उन्होने मेरे मूह पर दबाव बनाया, और लंड से एक-दूं से स्पर्म की पिचकारी निकली जिससे मेरा पूरा मूह भर गया. मैने झटके से लंड बाहर निकाल लिया, जिससे तोड़ा स्पर्म मेरे बूब्स पर गिरा. मैं स्पर्म को थूकती उससे पहले ही समधी जी ने मेरा मूह पकड़ कर उपर कर दिया.
समधी जी: सुमन जी ये तो हमारा प्यार है. उसको निगल जाओ.
मैं भी बिना कुछ नाटक किए उसको गतक गयी. क्यूंकी मैने सोच लिया था की मैने इतने साल एक मर्द के पीछे बर्बाद कर दिए थे. और मैं 48 की हो गयी थी. अब बचे कुचे कुछ साल है उसमे वो सब कुछ करना है जो इतने साल नही किया. मुझे समधी जी के लंड से निकला हुआ अमृत डॉवा की तरह लगा. डॉवा की तरह इसलिए बोल रही हू की डॉवा भी फीकी होती है.
समधी जी के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे, और मैं भी मेरी अनोखी चुदाई से खुश थी. हम दोनो एक-दूसरे की और देख कर मुस्कुरा रहे थे. समधी जी ने मेरे बूब्स पर गिरा स्पर्म उंगली पर लिया.
समधी जी: सुमन जी अब इसको भी बर्बाद ना करो तो अछा है.
मैं मुस्कुराते हुए उनकी उंगली चाट गयी. फिर मैने उनका हाथ खींच कर लिटा दिया. मैं समधी जी से लिपट गयी, और उनकी बॉडी पर किस करने लगी. समधी जी भी मेरे बूब्स को दबा रहे थे, और निपल्स को चूस रहे थे.
मैं: किशन जी मैं बहुत खुशनसीब हू की आप मेरे जीवन में आए. आप नही होते तो मैं ये सब कभी महसूस ही नही कर पाती.
किशन जी: मुझे आपका शुक्रिया अदा करना चाहिए. आप मेरी सारी इक्चा पूरी कर रही है.
हम दोनो ऐसे ही कुछ टाइम साथ में लेते रहे. मैने टाइम देखा तो पता चला की हम दोनो कुछ 40-45 मिनिट से रोमॅन्स और चुदाई कर रहे थे. मैने उठ कर अपनी ब्रा और ब्लाउस पहन लिया.
मैं (किशन जी के गाल पर किस करके): अब आप नीचे जाइए मैं अशोक जी के साथ सोने जेया रही हू. वैसे भी सेटुल और शरुष्टि आते ही होगे.
किशन जी: आपको छ्चोढ़ कर जाने का मॅन नही करता.
मैं (उनको हग करके): मॅन तो मेरा भी नही कर रहा, पर कहीं हमारे इस रिश्ते के बारे में किसी को पता चला तो बहुत बड़ी मुसीबत हो जाएगी. और मैं आपको खोना नही चाहती. आज हमने कुछ ज़्यादा ही रिस्क ले लिया हे.
किशन जी (मेरे माथे पर किस करके): आप सही कह रही हो.
अब मैं उनके बेटे के बेडरूम में चली गयी जहाँ मेरे पति सो रहे थे, और वो नीचे हॉल में चले गये. मैं बातरूम में फ्रेश होने चली गयी. तब मैने मेरा चेहरा देख तो वो काफ़ी खिल गया था. मैं अपने आप को देख कर मुस्कुरा रही थी. मेरे बदन से समधी जी की खुश्बू आने लगी थी. जो मुझे बहुत अछा एहसास दे रही थी. उसके बाद शाम को हम सब अपने घर आ गये. हमारा रिश्ता आज भी कायम हे.
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