तभी शांटबैई ने मेरे हाथ से मोबाइल छ्चीनने की कोशिश की. लेकिन मैने मोबाइल को एक हाथ में रख कर उपर उठा दिया, जिसकी वजह से मेरा मोबाइल उनकी पहुँच से डोर हो गया. लेकिन इसका ये फ़ायदा हो गया की वो मेरे नज़दीक आ गयी.
मैने अपना एक हाथ उनकी कमर में डाल कर अपनी और खींचा, और जैसे ही मैने उन्हे भींचा, उनके दोनो माममे मेरी छाती से टकरा गये. मेरी इस हरकत की वजह से वो तोड़ा सा घबरा गयी, और खुद को च्चूधने की कोशिश करने लगी.
लेकिन मैने भी उन्हे कस्स कर पकड़ कर रखा था, और मैने उनसे कहा: शायद ये वीडियो सूर्या को और उसके बाप को भेजनी पड़ेगी.
तब उन्होने मेरे सामने हाथ जोड़ते हुए कहा: प्लीज़ ऐसा मत करो. मैं तुम्हारी मा की उमर ही हू. और मैं तेरे दोस्त की मा हू. क्या तू मुझे इस तरीके से बदनाम करेगा? ये वीडियो डेलीट कर दो, और यहा से चले जाओ.
मैने उनसे कहा: ये वीडियो एक ही शर्त में डेलीट होगी. बस एक बार मुझे तेरी छूट का स्वाद लेने दे. एक बार तुझे छोड़ने दे.
तो उन्होने कहा: ये पाप है. ये कैसे हो सकता है?
तब मैने उन्हे अपने से डोर करते हुए कहा: ठीक है, तू ना-ना करते रह, मैं सूर्या को वीडियो भेजता हू. फिर तू देख ले और सूर्या देख लेगा.
तब उन्होने मेरे पैरों पर गिरते हुए कहा: ना बेटा, ऐसा मत करना. मेरी अची ख़ासी ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी.
तब मैने उनसे कहा: मेरी तो एक ही शर्त है, और वही रहेगी. अगर आपको मंज़ूर है तो जेया कर चुप-छाप मैं डोर बंद करो, और बेडरूम की और चल दो.
जब उन्होने देखा की कुछ होने वाला नही था, और उनकी किसी भी बात का मुझ पर कोई असर नही होने वाला था, तो ना चाहते हुए भी उनके पैर मैं डोर की और चले गये. फिर उन्होने दरवाज़ा बंद किया, और मेरी तरफ देख रही थी वो. उनके चेहरे पर गुस्सा सॉफ झलक रहा था. उन्होने बेडरूम में जाते हुए मुझसे कहा-
शांटबैई: ये जो तू कर रहा है, ये पाप है. और इसकी सज़ा तुझे ज़रूर मिलेगी.
तब मैने उनसे कहा: जब सज़ा मिलेगी, तब की तब देखेंगे. लेकिन आज मज़ा करने का दिन है. और मैं तेरे साथ पुर मज़े करूँगा.
फिर वो बेडरूम में चली गयी. मैं भी उनके पीछे-पीछे पंत के उपर से अपना लंड सेट करते हुए, जो की अब तक खड़ा हो चुका था, उनके पीछे चला गया. वो मेरी तरफ पीठ करके खड़ी थी. मैने पहले तो उनके बाल खोले. वो तोड़ा बहुत आना-कानी कर रही थी. लेकिन जब मैने उनको बोला, की वीडियो सूर्या को भेज दूँगा, तब वो चुप-छाप खड़ी रही.
मैं पीछे से आया, और उनके दोनो मम्मो को कस्स के पकड़ा, और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. वो दर्द के मारे चीख उठी. मैं उनकी चीख को नज़र-अंदाज़ करते हुए उसी तरीके से उनके दोनो माममे दबा रहा था, और अपने होंठ उनकी गर्दन पर घुमा रहा था.
इसी पोज़िशन में उनकी गांद को मैं पीछे से हल्के-हल्के धक्के लगा रहा था. मैने उनसे कहा-
मैं: जानेमन, अब और मत तड़पाव. सारी खोल दो.
तब उन्होने चुप-छाप सारी खोलनी शुरू कर दी, और मैं उनके माममे दबा रहा था. जब सारी पूरी तरीके से खुल गयी, क्या ग़ज़ब लग रही थी वो. जैसे मैने कहा, की सूर्या की मा बहुत पतली है. गोरा रंग, लंबे बाल, चेहरा दिखने में इतना ख़ास नही, लेकिन उनके माममे काफ़ी बड़े है उनके शरीर के सामने.
मैने उनको अपनी तरफ घुमाया, तो उन्होने अपना सर नीचे कर लिया. फिर मैने उनके दोनो नम्मो को सामने से दबाना शुरू कर दिया. क्या माममे थे उनके, मज़ा आ रहा था, और ब्लाउस के उपर से ही मैने उनकी निपल को दबाया. उनके मूह से हल्की सी चीख निकल गयी.
शांटबैई ने कहा: जो करना है जल्दी कर लो. मुझे ये सब अछा नही लग रहा. मेरी मजबूरी है, वरना तुझे पास भी भटकने नही देती.
मैने उनसे कहा: देख शांटबैई, मेरे नसीब में तेरी छूट लिखी थी, तो वो आज मैं लेकर रहूँगा. बस इतना ख़याल रहे, की चुदाई के वक़्त नखरे नही होने चाहिए.
अब मेरे अंदर का भी जानवर जाग गया था. मैने तो सोच लिया उनकी चुदाई तो करनी थी. लेकिन तोड़ा हॅट के करेंगे, ताकि ये ज़िंदगी भर याद रखे. फिर मैने उनके ब्लाउस का एक बटन खोल दिया, और जब दूसरा बटन खोलने गया, तब उन्होने मेरा हाथ पकड़ लिया, और कहा-
शांटबैई: इसे मत खोलो, जो भी करना है उपर के उपर करो.
तब मैने गुस्से में आ कर दोनो हाथो से उनका ब्लाउस पकड़ा, और उसे बड़ी ताक़त के साथ बीच में से फाड़ दिया. जैसे ही उनका ब्लाउस फटा, उनके दोनो माममे उछलते हुए बाहर निकल आए. ये जो भी कुछ मैने किया वो मुझसे कहने लगी-
शांटबैई: ये सब मत करो. इस तरीके से तो मत करो.
तब मैने उनसे कहा: मैने पहले ही कहा था नखरे नही करना.
वो चुप हो गयी और चुप-छाप सब सहन करने लगी. मैं उनके मम्मो को देख रहा था. पुर दूधिया सफेद, उनके उपर उनके निपल जो ब्राउन कलर में थे उन पर चार चाँद लगा रहे थे. तब मैने उन्हे अपनी गोद में उठा लिया, और बेड पर ले जेया कर बिता दिया.
फिर मैने अपना त-शर्ट निकाल दी. मेरे त-शर्ट निकालने के बाद उन्होने मुझसे कहा-
शांटबैई: तू क्यूँ अपने कपड़े निकाल रहा है? जो भी करना है चुप-छाप करो. अपनी पंत की ज़िप खोलो, और जल्दी-जल्दी करो, और यहा से चले जाओ.
मैने कहा: तेरे घर वालो को लौटने के लिए शाम होने वाली है. इसलिए जल्दी तो मैं कुछ नही करूँगा. हर एक चीज़ के मज़े लेकर करूँगा.
फिर मैं उनके पास में जेया कर बैठ गया. वो बिस्तर पर बैठी हुई थी.
मैने उनसे कहा: आ जाओ और मेरे पेट पर बैठ जाओ.
तब ना चाहते हुए भी वो खड़ी हुई, अपने पेटिकोट को सावरा, मेरे पेट पर आ कर बैठ गयी. फिर अपना चेहरा एक तरफ कर लिया. ऐसा करने की वजह से उनके दोनो माममे अब मेरे बहुत पास आ गये थे. मैं तोड़ा सा उठा, और उनके दोनो मम्मो को दबाने लगा.
फिर मैं एक माममे के निपल को अपने मूह में लेकर चूसने लगा, और दूसरे को हाथो से दबाने लगा. 1 मिनिट, 2 मिनिट, 3 मिनिट तक ऐसे ही उनके निपल को चूस रहा था. तब मुझे एहसास हुआ की शांटबैई भी सिसकियाँ ले रही थी, लेकिन ये सिसकियाँ पहले के मुक़ाबले थोड़ी अलग थी.
शायद उन्हे भी मज़ा आ रहा था, लेकिन मजबूरी ऐसी थी की वो बता नही सकती थी मुझे. मैने फिरसे एक निपल को मूह से निकाल के दूसरे निपल को अपने मूह में भर लिया. मैं अपनी ज़ुबान से बूब्स कभी चाट-ता कभी चूस्टा. अब उनके दोनो निपल तंन गये, और अब उनकी सिसकियों में भी रिदम आना शुरू हो गया था.
तब मैने उनसे कहा: शांटबैई, अब खड़ी हो जेया तू.
उन्होने मुझे गुस्से से देखा और कहा: खड़ा क्यूँ होना है? मैं यहा लेट जाती हू, तू मुझे छोड़ ले, और यहा से निकल जेया.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. आप लोगों को ये कहानी कैसी लगी आप मुझे मैल करके बताए. मेरी मैल ईद है: