लड़के ने बेहन और गर्लफ्रेंड को साथ में ठंडा किया

हेलो दोस्तों पिछले भाग में आपने पढ़ा ही होगा की आख़िरकार मैने बेहन को छोड़ ही दिया. उमीद है आपको सेक्स पसंद आया ही होगा. अगर आप में से किसी को कोई प्राइवेट कॉमेंट या कोई प्राइवेट फीडबॅक देना हो, तो आप लोग मेरी गमाल: हॉतराहुल्प्रिवते@गमाल.कॉम पे मैल कर सकते है. अब आयेज:

रात की ज़बरदस्त चुदाई के बाद मैं बहुत तक चुका था. मेरा पहला सेक्स एक्सपीरियेन्स था तो मैं बहुत तक गया था, और लगातार 2 रात से लाते सो रहा था. तो मैं सुबह लाते तक सो रहा था. क्रिस्मस दे था, तो हॉलिडे था. मैं सुबह 10 बजे उठा तो मम्मी कपड़े धो रही थी, और दीदी पोछा लगा रही थी.

मैं अपने बॉक्सर में अपने रूम से बाहर आया. सुबह-सुबह सब लड़कों का लंड खड़ा होता ही है, वैसे ही मेरा भी खड़ा था, और बॉक्सर में टेंट बना हुआ था. दीदी लिविंग रूम में पोछा लगा रही थी. दीदी मेरी और देख के मुस्कुराइ. मैं लिविंग रूम में ही अपने बॉक्सर में हाथ डाल कर अपना लंड मसालने लगा, और लंड बाहर निकाल के हिलने लगा.

तभी मम्मी लिविंग रूम में आ गयी. मैने झट से लंड अंदर डाला, पर जल्दी में लंड च्चिपा नही पाया. मम्मी ने देखा की मैं मनु दीदी के सामने बॉक्सर में खड़ा था, और दीदी मेरा लंड नोटीस कर रही थी. फिर मम्मी मुझे ज़ोर-ज़ोर से डाँटने लगी-

मम्मी: 10 बजे उठा है. ये कोई टाइम है उठने का! जेया वापस सो जेया, अभी नींद पूरी नही हुई होगी.

मेरी तो समझ ही नही आया की वो मुझे इतना क्यूँ दाँत रही थी. मैं सस्यू करने वॉशरूम में चला गया. पीछे-पीछे मम्मी भी कपड़े ढोने आ गयी. हमारी वॉशिंग मशीन वॉशरूम में ही रहती है इसलिए.

मम्मी: ये क्या कर रहा था तू लिविंग रूम में?

मैं ( मैं एक-दूं से घबरा गया की मम्मी ने देख तो नही लिया मुझे दीदी के सामने लंड हिलाते हुए): क्या किया? कुछ भी तो नही कर रहा था.

मम्मी ( प्यार से): राहुल बेटा, तू अब छ्होटा बच्चा थोड़ी है, जवान हो गया है. तू मनु के सामने बॉक्सर में खड़ा था. ऐसे अछा थोड़ी होता है अपनी बेहन के सामने जाना.

मैं (शरीफ बनते हुए): बॉक्सर पहनने को आपने ही तो कहा था ना. और बॉक्सर में दीदी के सामने खड़ा था, तो इसमे क्या ग़लत है?

मम्मी: हा बॉक्सर बस रात को पहनने बोला था बस. घर में घूमने के लिए नही बोला था. बॉक्सर में तेरा प्राइवेट पार्ट दिखता है, तो तू मनु के सामने बॉक्सर में मत जेया

मैं (अंदर ही अंदर मुस्कुराते हुए. अब मम्मी को क्या पता की रात को दीदी ने मेरा लंड अपनी छूट में लिया था): ओके मम्मी, आयेज से नही जौंगा.

मम्मी: चल अब मेरी च्चत पे कपड़े सूखने में मदद कर दे.

फिर हम च्चत पे गये. हल्की-हल्की ठंड थी, और मीठी-मीठी धूप निकली हुई थी. मुझे ठंड लग रही थी, तो मम्मी ने मुझे लोवर पहन के आने को कहा. पर मैने बोला-

मैं: थोड़ी दे की बात है, जल्दी से कपड़े सूखा के अंदर ही जाना है.

मैं टब से निकाल-निकाल के कपड़े वाइयर पे सूखा रहा था. तभी मुझे मम्मी की ब्रा दिखी. मैने चुपके से ब्रा उठाई, और मम्मी का साइज़ चेक किया. उसमे लिखा था 36द. तभी मम्मी ने मुझे ब्रा चेक करते देख लिया.

मम्मी: क्या कर रहा है तू मेरी ब्रा से?

मैं ( अब मुझे मम्मी से किसी बात का दर्र नही था. वो मुझे बच्चा समझती थी): वो मैं सूखा रहा था आपकी ब्रा. तो इसमे 36द लिखा है. इसका क्या मतलब होता है मम्मी?

मम्मी: ये साइज़ होता है 36 ब, सी, द, ड्ड, ड्ड. तेरे काम की चीज़ नही है.

फिर मैने दीदी की ब्रा उठाई, उसमे 34सी लिखा था. मैं एक-एक करके मम्मी और दीदी की ब्रा पनटी सूखने लगा. मम्मी ने ये बात नोटीस की के मैं बस ब्रा और पनटी ही उठा के सूखा रहा था. मैं भी दीदी और मम्मी की पनटी फील कर-कर के सूखा रहा था, और मेरा लंड खड़ा हो गया. मम्मी मेरे लंड को घूर रही थी.

मम्मी: तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?

मैं: अचानक ये सवाल क्यूँ?

मम्मी: कुछ नही, अब तू कॉलेज में जाता है. बड़ा भी हो गया है. गर्लफ्रेंड तो होगी ही.

मैं: है मम्मी एक, टानू नाम है.

कपड़े सूखने के बाद मैं और मम्मी नीचे आ गये. दिन में सब अपने-अपने काम में लग गये. रात को खाना खाने के बाद हम रूम में चले गये. आज दीदी खुद ही सेक्स करने का इंतेज़ार कर रही थी. वो बातरूम में जाके ब्रा पनटी निकाल के त-शर्ट और लोवर में आके बेड पे लेट गयी.

मैं अपने फोन पर टानू से छत करने लगा, पर दीदी से रुका नही जेया रहा था. दीदी ने मेरे लंड पे हाथ फेरना शुरू किया, और मेरा लंड खड़ा कर दिया. मेरा भी मूड बन गया. मैने टानू को बाइ बोला, पर वो इस बात पे गुस्सा हो गयी और बोली-

टानू: पूरा दिन तो बिज़ी था. एक मेसेज नही किया. अब भी टाइम नही है मेरे लिए?

मैं भी फ़ासस गया. इधर दीदी चूड़ने की ज़िद कर रही थी. दूसरी तरफ टानू ( मेरी गफ़) बात करने की ज़िद कर रही थी. अब टानू को तो रीज़न दे नही सकता था.

मैं: दीदी थोड़ी देर रुक जाओ, टानू बात करने के ज़िद कर रही है.

दीदी: मुझे नही पता, मुझे अभी चूड़ना है. कल रात की चुदाई के बाद मुझे तेरे लंड की तड़प हो गयी है. बोल दे उस कुट्टी को, बाद में बात करेगी.

मैं: बोल दिया दीदी, नही मान रही है. गुस्सा हो रही है की अभी कर.

मम्मी: साली को इतनी भी क्या चुल्ल है. शायद इसकी छूट तेरा पानी पीना चाहती है. तू ब्रेक उप क्यूँ नही कर लेता? वैसे भी तेरे पास तेरी बड़ी बेहन है.

मैं: कर लूँगा ब्रेक उप, जब सही टाइम आएगा. अब हर्ट नही कर सकता बिना बात के.

मैं टानू से छत करने लगा, पर दीदी नही मानी. दीदी ने मेरा लंड अंडरवेर से बाहर निकाला और चूसने लगी. दीदी तो जैसे बहुत दिन से तड़प रही हो ऐसे चूज़ जेया रही थी. टानू का मेसेज आया की उससे वीडियो कॉल करनी थी. मैने माना करने की कोशिश की, पर वो नही मानी.

मैने दीदी को बोला: वीडियो कॉल कर रहा हू, कुछ बोलना मत.

दीदी ने लंड चूस्टे-चूस्टे ही अपना हा में सर हिलाया. फिर मैने वीडियो कॉल उठाई, और वीडियो कॉल पे बात करने लगा. दीदी ने ज़ोर-ज़ोर से लंड चूसना शुरू कर दिया, और पूरा गले तक अंदर लेने लगी. बिल्कुल चिकना कर दिया चूस के लंड.

दीदी की हरकतों से मेरी आँखें बंद होने लगी, और चेहरे के एक्सप्रेशन्स चेंज होने लगे. टानू ने मुझसे पूछा की क्या हुआ, क्या कर रहा था मैं. मेरे दिमाग़ में कोई जवाब नही आया तो मैने सीधा बोल दिया की मूठ मार रहा था.

ये सुनते ही टानू गरम हो गयी, और उसने मुझे लंड दिखाने को बोला. मैने दीदी से कहा की उसे लंड देखना था, तो दीदी ने मुझे नीचे लेटने को कहा. मैं नीचे लेट गया. दीदी ने मुझसे मेरा फोन लिया, और कॅमरा स्विच करके बॅक कॅमरा ओं कर दिया. दीदी ने ये सब ऐसे किया ताकि टानू को दीदी ना दिखे. फिर दीदी ने अपना लोवर निकाला, और मेरे मूह पर अपनी छूट रख के बैठ गयी, और फोन का कॅमरा लंड की तरफ कर दिया.

दोस्तों हम कुछ इस पोज़िशन में थे की मैं नीचे लेता हुआ था. दीदी मेरे मूह पर छूट रख के ऐसे बैठ गयी की दीदी का फेस मेरे पैरों की तरफ था, और दीदी की गांद मेरे सर की तरफ. दीदी ने मेरा फोन अपने हाथ में पकड़ रखा था, और टानू को दिखा रही थी. नीचे से मैने दीदी की छूट चाटनी शुरू कर दी, और छूट को जीभ से छोड़ना शुरू कर दिया.

हम तीनो बहुत गरम हो चुके थे. टानू ने लंड हिलने को बोला तो मैने अपना हाथ आयेज बदते हुए लंड पकड़ के हिलने लगा.

जीभ से दीदी की छूट चाट रहा था और हाथ से अपनी मूठ मार रहा था. मैं ज़्यादा जोश में आ गया, और मेरा लंड रोड जैसे हार्ड हो गया.

अब मेरा पानी निकालने वाला था. दीदी ने मेरे होंठो से अपनी छूट थोड़ी उपर की, और मैने कहा-

मैं: मेरा पानी निकालने वाला है.

इससे दीदी और टानू दोनो को ही पता चल गया. मैने ज़ोर-ज़ोर से लंड हिलना शुरू कर दिया. दीदी अपनी कमर हिला-हिला के मेरे होंठो पे छूट रगड़ने लगी, और फोन के जस्ट उपर झुक गयी. तभी मैने 2-3 तेज़ पिचकारी मार के सारा पानी निकाल दिया, और मेरा पानी सीधा दीदी के मूह पे गिर गया, और कुछ दीदी के मूह में.

दीदी ने सारा पानी पी लिया, और टानू की वीडियो कॉल कट कर दी. उसके बाद दीदी ने फिरसे मेरा लंड खड़ा किया, और मैने उनको मस्त छोड़ा, और दीदी के पेट पर पानी निकाल दिया. मैने अपनी त-शर्ट से पानी पोंछ दिया, और हम सो गये. अगले दिन कॉलेज जाके दीदी ने पिल लेली, और हम रोज़ रात को ऐसे ही सेक्स करने लगे. कभी दीदी पानी मूह में निकळवती, तो कभी दीदी के शरीर पे निकाल देता, और फिर त-शर्ट से पोंछ देता.

हफ़्ता 10 दिन तक सब नॉर्मल चलता रहा. पर फिर बाद में कुछ ऐसा हुआ की हमारी लाइफ में फिरसे एक बड़ा बदलाव आया. आयेज क्या हुआ ये जानने के लिए इस कहानी का अगला भाग ज़रूर पढ़े.

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