लड़के ने आंटी को पोज़िशन बदल-बदल कर चोदा

कैसे हो मेरे प्यासी और कमसिन चूत वाली भाभियों, आंटीस, और लंड वाले दोस्तों? मैं फिरसे मेरी और मेरे मुंबई वाली आंटी की कहानी आयेज कंटिन्यू कर रहा हू.

मेरा नाम है योगु. मैं एक इंजिनियर हू. और अभी मैं मुंबई में जॉब कर रहा हू.

मेरे लंड का साइज़ 6.7 + इंचस है. अगर किसी लॅडीस को मेरा लंड देखना होगा, तो ज़रूर बताना. मेरी इस स्टोरी का पहला पार्ट आपने पढ़ा होगा.

कुछ देर बाद हमने ऐसे ही मस्त बातें करते-करते फिरसे एक-दूसरे के बदन को सहलाना शुरू किया. आपको आंटी के बारे में बताना भूल गया. आंटी बहुत मस्त थी. उनका भरा हुआ बदन, गड्राई गांद मानो मुझसे कंट्रोल खोने को मजबूर कर देती थी.

उनका फिगर 38-34-36 का था. आप इमॅजिन करके देखो उनके घने रेशमी मुलायम बाल उनकी गड्राई गांद तक लटकते थे. अब मैने उनके बड़े-बड़े गोरे-गोरे बूब्स को हल्के से उंगलियों के बीच में निपल लेकर मसलना शुरू किया.

वो भी मेरे लंड से खेलते हुए मेरे लंड की चाँदी को आयेज-पीछे करके हिलने लगी. मैने अब उनके बड़े बूब्स को मूह में लेकर चूसना शुरू किया.

मैं उनके उपर लेट कर उनके भरे हुए पेट पर हाथो से सहलाते बूब्स को जितना हो सके मूह में भर कर चूस रहा था. हल्के से मैं निपल्स चबाने की कोशिश कर रहा था.

वो अब ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को दबा रही थी, और मेरे बालों को खींच कर मेरे सर को अपने बूब्स पर दबोच रही थी. अब मैने उनको सहलाते हुए उनके पेट पर चूमते हुए उनकी गहरी नाभि में जीभ डाली, और डाल कर चाटने लगा.

वो अब कसमसाते हुए अपने पैरों को बेड पर रगड़ती, तो कभी मेरे पैरों में फ़ससा कर घिसती और रगड़ने लगती. “आ आ ऑश एस्स योगु”. वो बहुत कामोतेज़ित हो कर ज़ोर-ज़ोर से आहे भरने लगी.

मैं आब नीचे आते-आते उनकी छूट के आस-पास गरम सांसो को फुकारते हुए छूट को चाटने लगा. उनकी छूट के होंठ फूल कर बाहर निकालने को थे. उनकी गड्राई जांघों को मैं सहलाता, तो कभी जांघों पर किस करके चाटने लगता.

वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी जांघों में मेरा सर दबोच कर अपनी छूट पर रगड़ने लगती. हमारी साँसे बहुत तेज़ हो चुकी थी. उनके बड़े-बड़े बूब्स साँस के साथ उपर-नीचे होते महसूस होने लगे.

अब मैने 69 पोज़िशन बनाई, और उनकी रसीली चूत में जीभ घुसेध कर छोड़ना-चूसना शुरू किया. इससे उसकी आ आ अफ की सिसकारियाँ चारो तरफ गूंजने लगी. अब वो भी मेरे लंड को चाट-ते हुए मेरा चोकॉलती सूपड़ा बाहर निकाल के चाटने लगी. और एक-दूं धीरे-धीरे मूह में लंड लेकर अंदर-बाहर करके चूसने लगी.

सच काहु दोस्तों, जब मेरा लंड उनके गरमा-गरम मूह में गया. तब मानो मेरे रोम-रोम में बिजली का करेंट दौड़ने लगा. मेरा सारा बदन थरथरने लगा. मानो मैं किसी जन्नत में था, ऐसा फील होने लगा.

वैसे आपको तो पता होगा मैं मेच्यूर लॅडीस बहुत पसंद करता हू. वो आचे से लाइफ एंजाय करती है. बिना झीजक जो मॅन में हो कर देती है. और जैसे चाहो उनसे आप बातें शेर कर सकते हो. उनकी और अपनी फॅंटेसी पूरी कर सकते हो.

आब वो किसी भूखी शेरनी की तरह मेरे लंड को चूस रही थी. मैं भी मेरी पूरी जीभ बाहर निकालता, और फिर पूरी छूट में अंदर घुसा कर रखता. और कुत्ते-बिल्ली जैसे पानी या दूध पीते हुए अपनी जीभ फड़फदते है, सेम वैसे अंदर जीभ फड़फड़ने लगता.

जैसे ही मैं जीभ फड़फदता उनकी छूट की पंखुड़ी को थापा-ठप जैसे छानते लगने लगे ऐसा महसूस होने लगता. वो मेरे सर पर अपनी जांघों को ज़ोर से जकड़ती, और मूह को छूट में दबा देती. मेरी ऐसी हरकत से उनका बदन तर-तर थरथरने लगता.

आह ाओ ऑश एसस्स स आह यहह. हमारी सिसकारियाँ मानो ज़ोर-ज़ोर से चीख में बदल जाती, इतना हम उत्तेजित होते. अब वो झट से उठी, और मेरे उपर आ कर मिशनरी पोज़िशन में होकर मुझे पागलों की तरह किस करते नीचे लंड पर बैठ कर कूदने लगी.

आ आ ऑश मुहह सीयी श एसस्स आह. फॅक फॅक आहह ठप ठप बदन से बदन टकराने की आवाज़े और हमारी सिसकारियाँ और तेज़ होने लगी.

हम अब विमन ओं टॉप पोज़िशन में थे. उनके बड़े-बड़े बूब्स ताना-टन हिचकोले खाने लगे. ठप ठप आहह श की आवाज़े गूँज कर सारा माहौल और चुदाई वाला बन गया था.

अब मैने उनको नीचे लिटाया, और में ओं टॉप हो कर उनके दोनो पैर मेरे कंधो पर लेकर आया. फिर ज़ोर-ज़ोर से मैने उनको छोड़ना शुरू किया. मैने चॉक्लेट फ्लेवर वाला कॉंडम पहना था इस बार. वो अब सता-सात अंदर-बाहर होते पच-पच की आवाज़ करने लगा था. छूट के रिझाते हुए कामरस्स के बहाव से.

अब मैने उनके होंठो को चाटना चूसना चालू किया. उनकी गड्राई जांघों पर मेरी जांघें टकराती, जिससे ठप ठप आहह फॅक फॅक की आवाज़ गूंजने लगी. मेरी गोतिया मानो हर एक धक्के के साथ मानो उनकी छूट के पास पच-पच की आवाज़ के साथ चुंबन लेने लगी हो ऐसा महसूस होने लगा था.

आब मैने उनको लेफ्ट साइट पर लिटा कर बूब्स को कस्स कर पंजो में जाकड़ कर दबाया. पीछे से खचा-खच मैं छूट मारने लगा. इस पोज़ में लॅडीस की गांद पर ज़ोर ज़ोर से फटके पड़ते है. और ज़ोर-ज़ोर से बदन से बदन घिसने वाली, और टकराने की ज़्यादा आवाज़ होती है.

इससे और ज़्यादा जोश भी चाड़ने लगता है. वो भी अब अपन सर पीछे करके मेरे होंठो को चूस्टे और स्मूच करते-करते मेरा साथ दे रही थी. अब हम खचा-खच गांद और छूट के प्रहार की आवाज़ से और उत्तेजना से चुदाई करने लगे.

अब आंटी घूम कर फेस तो फेस हुई, और मेरे मूह में मूह डाल कर स्मूच करने लगी. वो छूट में लंड सेट करके जांघों में जांघे फ़ससा कर, मुझसे चिपक कर कस्स-कस्स कर स्मूच करते हुए धक्के लगाने लगी.

उनके बड़े-बड़े बूब्स मेरी चेस्ट पर रगड़ते, घिसते, और ठप ठप पचपच की आवाज़ करके चुदाई का मज़ा देने लगे.

अब मैं मेरी लेफ्ट साइड में था, और आंटी रिघ्त साइड पर. हम एक-दूसरे को कस्स के जकड़ते. हम स्मूच करते हुए, नीचे से छूट और लंड की प्यास बुझाने लगे.

उनके गोरे-गोरे भरे बदन से मैं जितना हो सके उतना बदन रग़ाद रहा था. और हमारा मस्त स्मूच सीन करते हुए हम दोनो आब चरम सीमा पर आ गये थे.

हमारे बदन उत्तेजना से तर-तर काँपने लगे थे, थरथरने लगे थे. हम दोनो इतना एंजाय कर रहे थे की क्या बतौ. हमारी साँसे फूली हुई थी, और आहह अफ की सिसकारियाँ भी पूरी नही निकल रही थी. जस्ट आप इमॅजिनेशन करो कितना सुकून मिल रहा था हम दोनो को.

आब हम दोनो कस्स कर एक-दूसरे को बाहों में जाकड़ कर लंबा स्मूच करते हुए झड़ने लगे. हमारे बदन थरथरने लगे थे. मानो एक अलग सी सिरहन बदन में दौड़ रही थी.

हम ऐसे ही थरथरते पानी निकालने लगे. और स्मूच करते-करते एक-दूसरे की जांघों में जांघे अटका के, बाहों में लेकर स्मूच करते सो गये.

तो कैसे लगी हमारी कमसिन स्टोरी आप ज़रूर बताना. और किसी लॅडीस, आंटीस, भाभी, या गर्ल्स को मेरे साथ छत या सीक्रेट फ्रेंडशिप करनी हो, तो मुझे योमरयओ69@गमाल.कॉम पर पर, या गूगले छत पर मेसेज कर देना.

और अगर किसी लॅडीस को सीक्रेट एंजाय्मेंट करनी होगी तो भी बताना. मेरा लंड देखना होगा, तो भी बताना. आपको मेरे चोकॉलती लंड और मस्त सूपदे के दर्शन ज़रूर करवा दूँगा.

अभी मैं मुंबई में जॉब कर रहा हू. सॅटर्डे-सनडे छुट्टी होती है मुझे. तो ड्रीम सिटी में आपके भी ड्रीम्स पुर करने की कोशिश करूँगा. आपकी मैल का और फीडबॅक का इंतेज़ार कर रहा हू. मेरी एमाइल है

प्लीज़ आपकी राय ज़रूर बताना की स्टोरी कैसी लगी. आपका योगु.

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