लड़का अपनी मूह बोली बहन को चोदने वाला था

मी नामे इन आमिर आंड ई आम फ्रॉम देल्ही. रिघ्त नाउ मी आगे इस 26. ई आम आ फेर कंपेक्स्षन गाइ वित हाइट ऑफ 5’11” आंड डिक साइज़ ऑफ 6.5 इंचस आंड इट’स आ थिक वन.

एनफ अबौट मे, अब स्टोरी पर आते है जो मेरे लाइफ का 2न्ड एक्सपीरियेन्स था. 1स्ट्रीट एक्सपीरियेन्स किसी और कहानी में बतौँगा. मैं 1स्ट्रीट एअर में 2014 में पढ़ता था और मेरे साथ मेरी फ्रेंड जिसका नाम हबीबा है पढ़ती थी. हम दोनो स्कूल से साथ में थे, और अची दोस्ती थी हमारी.

मेरा उसके घर आना-जाना लगा रहता था, जिसकी वजह से उसके घर वाले मुझे जानते थे. मैं उसकी मदर को अम्मी कह कर बुलाता था, जो हमारे में कामन है.

हबीबा के बारे में बतौन तो वो बाला की खूबसूरत. हाइट उसकी 5’5” थी, और भरा गोरा बदन था. और उसका फिगर 34-28-36 था. आप इमॅजिन कर सकते है की 5’5” हाइट पर 34सी के दूध कैसे लगते होंगे.

इनिशियली मेरी ऐसी कोई इंटेन्षन नही थी. वो मुझे अपना भाई मानती थी और उमर में मुझसे 6 महीने छ्होटी थी. उसके कुछ बाय्फरेंड्स रहे थे, जिसके बारे में मुझे पता था. पर उसने ज़्यादा कभी किसी को टाइम नही दिया, जिसकी वजह से कोई कभी टिक नही सका.

1स्ट्रीट एअर में जब हम थे, तो उसके घर एक फंक्षन था जिसमे मैं गया. और वाहा मैने उसको एक येल्लो कलर के टाइट सूट में देखा पटियाला टाइप. उपर से डीप गले का था सूट.

उसको ऐसे कपड़े पहनना पसंद था. मैं बराबर उसके दूध देखता रहा, और काम करवाने के बहाने उसको निहारता रहा. और कभी-कभी हाथ वग़ैरा टच हो जाता जिससे की मुझे और अछा लगता.

मैं हमेशा से ही उसको आस आ भाई हग करता था, और वो भी अक्सर मेरे गले लग जाती थी. मेरी पूरी क्लास इस चीज़ से जलती थी. फंक्षन वाले दिन मेरे थॉट्स उसके लिए चेंज होने लगे, और मैं उसको दूसरी निगाह से देखने लगा.

खैर उस दिन जैसे-तैसे मैं घर आया. फिर पिक्स देखते हुए फंक्षन वाली, उसके नाम की मूठ मार कर सो गया. उस दिन उसके नाम की मूठ मैं कभी नही भूलूंगा.

ऐसे ही टाइम निकलता गया, और मेरी तारक उसके लिए बढ़ने लगी. मुझे कैसे ना कैसे करके उसको छोड़ना था अब हर हाल में. मैं अब उसको बहाने से छूने लगा. बिके पर होती तो ब्रेक्स मारने लगा ट्रॅफिक में. शॉपिंग के लिए कुछ पूछती तो जान बूझ कर उसको रिवीलिंग कपड़े लेने की अड्वाइज़ करता.

मैने घर पर उसके ब्रा और पनटी का सेट भी देखे हुए थे, जो कभी बेड और कभी आल्मिराह से बाहर पड़े होते थे. उसका उसे किया हुआ एक सेट मैं चुरा कर ले गया था घर, जिसको सूंघ कर मैं पागल हो जाता था, और उसका नाम पुकार-पुकार कर मूठ मारता था.

मैं यही सोचता था, की कैसे उसको अपने नीचे लाउ, और उसको दिल भर के छोड़ू. खैर किस्मत ने मेरा साथ दिया, और वो दिन आया. वो दिन था कॉलेज फ़ायरवेल्ल का. हमने अपने सीनियर्स के लिए फ़ायरवेल्ल पार्टी रखी थी.

सब अपनी-अपनी कन्वीनियेन्स से आए थे, क्यूंकी उस दिन बस नही गयी थी लेने और ड्रॉप करने. सो हबीबा ने मेरे साथ चलने को कहा, और मैं मान गया. हमारा ड्रेस कोड था रेड फॉर गर्ल्स आंड ब्लॅक फॉर बाय्स.

मेरी क्लास में सब लड़कियों में सबसे अची हबीबा लगती थी और लड़कों में मैं. और इसके लिए हमारे टीचर्स भी हमे काई बार कॉंप्लिमेंट कर चुके थे. मैं उसके साथ शॉपिंग गया और उसको रेड सारी के लिए सजेस्ट किया डीप ब्लाउस वाली, जो उसको बहुत पसंद आई.

वो ऐसे कपड़े पहनती थी, और उसके कहने पर मैने अपने लिए ऑल ब्लॅक 2-पीस लिया. फेरवेल वाले दिन सब को सुबा 10:30 तक हर हाल में पहुँचना था. मैं तैयार हुआ आचे से (ऑल ब्लॅक सूट वित ब्लॅक टीए और अंदर सिल्वर चैन पहनी).

फिर मैं अपनी होंडा सिटी लेकर उसके घर पहुँचा, और वो कमरे में रेडी हो रही थी. उसने 10 मिनिट बोला वेट करने को मुझे. मैं वेट करने लगा और अम्मी से बातें करने लगा, और 10 मिनिट बाद वो आई. उसको देख कर मेरी आँखें फाटती की फाटती रह गयी.

कसम से बाला की खूबसूरत लग रही थी वो. उसने मुझे देखा, और देखती रह गयी.

वो बोली: भाई आज आप बहुत ज़्यादा स्मार्ट लग रहे हो.

उसकी अम्मी हम दोनो को देख रही थी. मैने अपने इफ़ॉंे से सेल्फ़िएस क्लिक की, और अम्मी ने हम लोगों की साथ में क्लिक की. उसने ग्रीन कलर के लेंस पहने थे, और मैने ब्लू. ये हम लोगों का प्री-प्लॅंड था.

मेरा इरादा थे तोड़ा लाते जाने का, क्यूंकी लाते एंट्री का मज़ा ही और और है. वो भी मान गयी, और हम 10:55 में कॉलेज एंटर किए. तब तक सब आ गये थे, और बस हम लोगों की वेट हो रही थी.

क्लास में हमारी एंट्री पर सब देखते रह गये, और भौचक्के हो गये. आधे गर्ल्स और बाय्स तो जलन से मॅर गये. खैर पार्टी शुरू हुई, और थोड़ी देर में गेम्स और खाना शुरू हुआ. फिर हमने डॅन्स किया. मैं बराबर उसके पास चिपका रहा, और गांद छूटा रहा उसकी अपने हाथ से.

कॉलेज में मिस्टर.हॅंडसम और मिस गॉर्जियस का कॉंपिटेशन था. इसे हमारे टीचर्स डिसाइड करने वाले थे. मैने और हबीबा ने वो टाइटल जीते, और सब की गांद जल गयी.

इसके बाद ग़ज़ब का डॅन्स शुरू हुआ और सब पागलों की तरह नाचने लगे. मैं बार-बार उसके पास जाता, और उसको घूर रहा था. ये उसने देखा, और वो मुझसे बोली-

हबीबा: क्या हुआ आमिर भाई?

मैं: कुछ भी नही.

हबीबा: भाई कुछ तो है. आप बार बार मुझे देख रहे हो. मेरे चेहरे पर कुछ लगा है क्या. मज़ाक नही भाई.

मैं: नही कुछ नही लगा, सीरियस्ली.

हबीबा: तो फिर?

मैं: सच बतौ?

हबीबा: हा भाई.

मैं (मुस्कुराते हुए): आज बहुत खूबसूरत लग रही हो, बहुत ज़्यादा. आधी लड़कियाँ जाली बैठी है.

हबीबा (शरमाते हुए): भाई आप भी ना. वैसे बाकी लड़कियाँ आपको देख रही है, और आप यहा मेरे साथ है.

मैं: मुझे जिसके साथ होना चाहिए मैं हू. मुझे बाकियों में कोई इंटेरेस्ट नही है.

हबीबा: मेरे साथ रहेंगे तो बाकी लड़कियों के साथ कैसे टाइम स्पेंड करेंगे? आप जाइए उनके पास. हो सकता है कोई रिटर्न गिफ्ट मिल जाए आपको.

मैं: कुछ ना कुछ तो आज मैं लेकर रहूँगा आज, और वो भी तुमसे.

हबीबा: भाई मैं आपको क्या दे सकती हू?

मैं: आज मुझे सिर्फ़ तुमसे मतलब है, और किसी लड़की से नही. आज का दिन मैं सिर्फ़ तुम्हारे साथ स्पेंड करना चाहता हू. और तुम्हे अपने पास ही रखना चाहता हू. तुम्हे कोई दिक्कत है तो बता दो.

मेरी ये बात सुन कर हबीबा मुझे देखने लगी, और मैं भी ठीक से उसके सामने खड़ा रहा और उसकी कमर से पकड़ कर गले लग लिया.

वो कुछ नही बोली, और मैं पार्टी ऐसे ही सब टीचर्स से बचते-बचाते हुए एंजाय करने लगा. मैं हर मौके में उसके बदन के करीब ही रहा, और 4:30 बजे हमारा फेरवेल ओवर हुआ और हम सब एक-दूसरे को बाइ कहने लगे.

फिर हमने गिफ्ट्स रिसीव किए, और आँखों ही आँखों में मैं अपना इरादा उसको बता चुका था. फेरवेल के बाद मैने उसको घर छ्चोढा. अगले दिन मेरी किस्मत चमकने वाली थी, क्यूंकी मुझे याद था अगले दिन उसका बर्तडे था, और हमारे कॉलेज का भी ऑफ था.

जानिए कैसे अगले दिन मैं उसके घर गया, और ब’दे गिफ्ट देकर उसको बातों में फसाया, और वही उसके घर पर उसको छोड़ा. और फिर कैसे हमारी चुदाई का सिलसिला वाहा से शुरू हुआ.

आपको अब तक मेरी कहानी कैसी लगी ज़रूर बताए. जितना आपको बेसब्री से आयेज जानने का इंतेज़ार है, उतना ही मुझे एक मज़ेदार और बेरहम चुदाई के बारे में बताने का इंतेज़ार है.


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