उफ़!! क्या मस्त चूचीयाँ थीं

मैं उस वक्त इंजिनियरिंग के पहले साल में था और मेरे मैथ्स के ट्यूशन टीचर मारवाड़ी थे।
मैं रोज़ उनके घर पर ट्यूशन पढ़ने जाता था। उनकी उम्र करीब 35 साल की थी। वो अपनी बीवी के साथ रहते थे और उनका एक लड़का था जो की हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। उसे अब तक किसी ने देखा नहीं था।
उनकी बीवी की उम्र शायद 28-30 की होगी। लेकिन वो अपनी उम्र से काफ़ी छोटी दिखती थीं!!
जब भी मैं उनके घर जाता था तो वो मेरा बहुत ख्याल रखती थीं। मेरे दिल में भी उनके लिए बहुत इज़्ज़त थी…
लेकिन एक दिन मैंने उन्हें नहाने के बाद सिर्फ़ पेटिकोट में देखा जो की उनकी चूचियों पर बँधा हुआ था। उनके गोरे पैर और पिंडलियाँ खुली थीं… उफ़!! कितने गोरे पैर थे उनके और उनकी वो अधनंगी चूचियों को तो मैं बस देखता ही रह गया!!! !!
लेकिन तभी, उन्होंने मुझे देखते हुए देख लिया। वो थोड़ा मुस्कुराईं और अंदर चली गईं… …
मेरा मन अब पढ़ाई में नहीं लग रहा था और मेरा लण्ड कड़क होने लगा था!!
किसी तरह मैं उसे दबा रहा था। आख़िरकार सर ने पूछा – क्या हुआ?
मैंने डरते हुए कहा – सर, मुझे बाथरूम जाना है।
उन्होंने अपनी बीवी से कहा – इसे बाथरूम दिखा दो।
वो तब तक साड़ी पहन चुकी थीं, मारवाड़ी स्टाइल में।
उनकी चूचियों को बड़े गले के ब्लाउज में आधे से ज़्यादा देखा जा सकता था… ये देख कर मेरा लण्ड और कड़क हो गया!! और मेरे 8 इंच के मोटे लण्ड को संभालना मुश्किल हो गया!!…
मैं बुक्स रखकर जैसे ही खड़ा हुआ, मेरे लण्ड ने मेरे पाजामे में टेंट बना दिया और उन्होंने ये देख लिया और बड़ी अदा से मुस्कुराईं और मुझसे कहा – जल्दी आओ, इधर है बाथरूम…
मैं अंदर गया, लेकिन हड़बड़ाहट और जल्दी में दरवाजा बंद नहीं किया।
मैंने अपने लण्ड को तुरंत बाहर निकाल कर मूता, लेकिन लण्ड साला ठंडा नहीं हो रहा था। सो मजबूरन मैं मूठ मारने लगा!!
2 मिनट में ही मेरे लण्ड ने ज़ोर की पिचकारी मारी, जो सामने दीवार पर गई। मैंने उसको अच्छे से धोया और लण्ड को पैंट के अंदर किया।
जैसे ही मैं पीछे घुमा, मैंने देखा दीवार के किनारे सर की वाइफ खड़ी है!!
इसका मतलब उन्होंने मुझे मूठ मारते हुए देख लिया था, क्यूंकि वहाँ से मेरा लण्ड पूरा दिखता था। मैं सिर नीचा करके बाहर निकाल आया…
उन्होंने धीरे से कहा – क्या बात है? बहुत मोटा और लंबा है!! !!! और ये कहकर वो जल्दी से चली गईं।
वैसे मुझे वो अच्छी लगती थीं और वो भी मुझे पसंद करती थीं, लेकिन उनके साथ सेक्स के लिए मैंने कभी भी सोचा नहीं था…
मेरे सर मैथ्स में एक्सपर्ट थे और उनसे पढ़ने के लिए बहुत लड़के ट्यूशन लगवाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने सिर्फ़ मुझे ही चुना था क्यूंकि मैं पढ़ने में बहुत तेज़ था और चूतिए लड़के उन्हें पसंद नहीं थे।
सर की जिंदगी में मैथ्स के सिवा कुछ मायने नहीं रखता था। वो हमेशा मैथ्स के प्राब्लम सुलझाने में ही लगे रहते थे और उनकी वाइफ को ये पसंद नहीं था…
उन्हें एक अच्छी चुदाई की चाहत थी और वो किसी को ढूँढ रही थीं, जबकि सर को लगता था की उन्हें सेक्स कि कोई ज़रूरत नहीं है।
ये बातें मुझे तब पता चलीं, जब मैं उनकी वाइफ के संपर्क मे आया और उनकी डायरी पढ़ी…
मैंने ये डायरी उनके कपबोर्ड से निकाल कर पढ़ी थी।
उस डायरी में मेरे बारे में भी लिखा था – “वो एक कमसिन लड़का है और बहुत ही गरम है… जो भी लड़की उससे चुदवायेगी, उसकी किस्मत खुल जाएगी!! जिस लड़की को उसका लण्ड मिलेगा, वो बहुत ही नसीब वाली होगी… अगर मुझे मौका मिले तो मैं इस लड़के से एक बार ज़रूर चुदवाऊँगी और अपनी चूत की प्यास बुझाऊँगी!! !!!”
उनकी डायरी की ये लाइन मेरे दिमाग़ में घूम रही थी। वो मुझसे चुदवाना चाहती थीं लेकिन अपने पति से डरती थीं और फिर उस दिन के बाद मेरी नज़र भी बदल गई…
उनकी उफनती हुई जवानी और कमसिन जवान बदन को याद करके, मैं अब रोज ही मूठ मारता था…!!
मैंने भी सोचा कि अपनी किस्मत को एक मौका दिया जाए, लेकिन आखिर कैसे… ??
अब इतना तो आप भी समझते है कि मैं सीधे अपने सर से जाकर यह तो कह नहीं सकता – सर, आपकी वाइफ बहुत मस्त है, उन्हें देख कर मेरा लण्ड टना जाता है और मैं उन्हें पटक पटक कर चोदना चाहता हूँ!! !!!
यह तो मुझे यकीन है कि सर की वाइफ जरूर मुझसे पहली फुर्सत में चुदना चाहती हैं… …
फिर एक दिन, मैंने उन्हें उनके सेल फोन पर कॉल किया और कहा कि आज मैं 4 बजे आऊँगा, ये बात आप सर को बता दीजिएगा…
मुझे मालूम था कि सर 4 बजे लाइब्ररी जाते हैं और रात के 10 बजे वापिस आते हैं। तो मैंने ये बात जानबूझकर उनके सेल फोन पर कही थी।
सच पूछिये, तो ये मेरी तरफ से इशारा था क्यूंकि इसके पहले मैंने उनके सेल पर कभी कोई मेसेज नहीं दिया था…
दोस्तो, जब से उन्होंने मेरा लण्ड देख लिया था तब से मैंने उनकी आँखों में भी एक तड़प देखी थी!! !!!
खैर, फिर इसके बाद मैं उनके घर ठीक 4:30 पर पहुँचा… …
जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, मैंने देखा आज उन्होंने एक पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी और साथ में खुले गले का ब्लाउज!!
आपको बता दूँ, उनका फिगर 34-26-36 है और इस वक़्त उनकी चूचियों को ब्लाउज फाड़ कर बाहर निकालते हुए देखा जा सकता था… ब्लाउज छोटा था और साड़ी नाभि के बहुत नीचे बँधी थी!! जिससे आज उनका गोरा गोरा, चिकना और सपाट पेट और पतली कमरिया साफ दिख रही थी!!! !!
उनका वो गोरा पेट और चिकनी कमर देख कर मेरा लण्ड हरकत में आ गया… !!
उन्होंने मुझे बैठने को कहा और पानी लाने अंदर गईं। पानी देते हुए वो इस तरह झुकीं कि उनकी मदमस्त अधनंगी चूचीयाँ मेरे सामने आ गईं…
उफ़!! उनकी “चूचियों की वो घाटी”।
रसदार चूचियों की वो गहरी घाटी देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया…
फिर वो सोफे पर मेरे करीब ही किनारे पर बैठ गईं और मैंने उनसे हिचकिचाते हुए पूछा – सर कहाँ है…?? क्या आपने मेरे आने के बारे में सर को बताया है या आप भूल गईं…??
उन्होंने तुरंत कहा – नहीं, मैंने तुम्हारे सर को कुछ नहीं कहा।
मैंने पूछा – लेकिन क्यूँ…??
इस पर उन्होंने कहा कि आज वो मुझे पढ़ाएँगी!! ये कहते हुए वो अपने रसीले होंठों को दाँत से दबा रही थीं और कोने में काट रही थीं!!
मैंने कहा – आप मज़ाक कर रही हैं!! पर उन्होंने कहा – नहीं, बिल्कुल नहीं!! मैं सीरियस्ली कह रही हूँ…
तो अब मैंने कहा – ठीक है, तो आप कौन सा यूनिट सिखाएँगी…??
उन्होंने कहा – मैं सीरीयस हूँ, लेकिन मैंने यह अब कहा कि मैं मैथ्स पढ़ाऊँगी!! ये बात उन्होंने बड़े नटखट अंदाज़ में कही… …
अब मैंने पूछा – तो फिर आप क्या पढ़ाएँगी…??
कुछ देर वो चुप रहीं और फिर धीरे से मेरे करीब आ गईं और मेरा हाथ पकड़ लिया।
फिर उन्होंने कहा – आज तुम मेरे मेहमान हो, लेकिन अब मैं तुम्हारी परीक्षा लेने वाली हूँ…
मैंने कहा – कैसी परीक्षा…??
अब कुछ झल्ला कर उन्होंने कहा – ज़्यादा मत बनो!! मैं जानती हूँ, तुम मुझ पर फिदा हो… !!
दोस्तो, मुझे तो मालूम था कि वो भी मुझसे चुदवाने के लिए बेताब हैं और पूरी तरह से तैयार हैं।
उन्होंने अब मुस्कुरा कर मेरा हाथ पकड़ा और खड़ी हो गईं और मुझे अपने बेडरूम में ले गईं…
वहाँ पहुँच कर उन्होंने बिना देर किए, मेरे गाल पर किस किया और लगभग तुरंत ही मेरा शर्ट और पैंट खोल दिया!!
मुझे भी मज़ा आ रहा था… आख़िर उनका नरम हाथ मेरे बदन पर घूम रहा था!! फिर उन्होंने मेरी बनियान भी निकाल दी… …
मैं क्यूँ पीछे रहता!! मैंने भी अब उनका पल्लू नीचे गिरा दिया और उनकी बड़ी बड़ी रस भरी अधनंगी चूचीयाँ मेरे सामने थीं… … …
मैं थोडा नर्वस तो था, लेकिन मुझे मज़ा भी बहुत आ रहा था!! !!!
उनकी “नोकदार चूचियों” को देख कर मेरा लण्ड और कड़क होने लगा… उनकी तनी हुई वो गोल सुडौल, दूध सी सफेद चूचीयाँ!! किसी भी मर्द को गरम कर देने लायक थीं।
अब, मैंने उन्हें अपने सीने से लगा लिया और उनके होंठों को अपने होंठों में क़ैद कर लिया और बेतहाशा चूसने लगा।
उनके हाथ लगातार मेरी पीठ और सीने पर घूम रहे थे… …
बताना चाहूँगा कि उनका ब्लाउज पीछे से सिर्फ़ 2 इंच का होगा और इस तरह मेरा हाथ उनकी लगभग नंगी पीठ पर घूम रहा था…
धीरे धीरे मैंने उनके गोल गोल चुत्तड़ दबाए। जैसे ही मैंने उनके चुत्तड़ दबाए, उनके मुँह से सिसकारी निकाल पड़ी – आहह… इस्स…
इस दौरान मैं उनके होंठों को बहुत ज़ोर से चूस रहा था!!

चूसते चूसते मैंने अपनी जीभ उनके मुँह के अंदर डाल दी और वो चूसने लगी। उनकी चूचीयाँ मेरे सीने में पूरी दब गईं थीं और वो मुझसे बहुत कस कर लिपटी हुई थीं।
अब मैंने पीछे से उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए… !! वो बेड पर बैठ गईं और मेरे गले और छाती को बेतहाशा चूमने लगीं।
मैंने भी उन्हें थोड़ी देर ऐसा करने दिया, लेकिन मैं भी अब तक बहुत गरम हो गया था और अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था… …
मैंने उन्हें दूर धकेला और उनका ब्लाउज निकाल दिया। उन्होंने गुलाबी रंग की जालीदार ब्रा पहनी थी।
अब तक मैं बिल्कुल पागल सा हो गया था और मैंने उनकी ब्रा के अंदर मेरी उंगलियाँ डाल दी और उनकी चूचीयाँ हाथ में पकड़ लीं… … …
अब उनके बूब्स मेरे हाथों में थे!!
फिर मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया और उनके नीचे के होंठ को काट लिया, वो सिसक उठीं – आह आह… उम्म… इस्स…
अब मैंने उनके गले पर होंठ रखे और वहाँ किस किया और फिर जीभ से सहलाया… उनकी आँख बंद हो गईं और – आ आ आ आ आ… उफ़… आह… अह्ह्ह… आहह आहह… उम्म्म… उम्म… जैसी आवाज़ें निकालने लगीं।
मैंने अब दोनों चूचियों के बीच में अपने होंठ रखे, थोड़ा जीभ से चाटा और फिर हल्के से दाँत लगा दिए… उउईईईई!! करके वो चिल्ला उठीं और मैं चूमते हुए नीचे जाने लगा… …
मैंने अब उनकी ब्रा निकाल दी और निप्पल को उंगलियों से छेड़ा। वो बेहद कड़क हो गये थे!! !!!
उफ़!! क्या मस्त चूचीयाँ थीं। एकदम भरे हुए, दूध के बर्तन… !!
मैंने निप्पल को मेरे मुँह में लिया और चूसने लगा!! उन्होंने मेरा सर अपने सीने में दबाया और कहा – पूरा मुँह में ले लो…!! आह… पूरा ख़ालो… !!
मैं समझ गया की अब वो भी मज़ा ले रही हैं और गरम हो गईं हैं…
मैंने पूरी चूची को मेरे मुँह में लेने की कोशिश की, फिर निप्पल को अरोला के साथ मुँह में ले लिया!! दूसरी तरफ की चूची को मैं सहला रहा था और निप्पल को उंगली से मसल रहा था…
ये सिलसिला, एक एक कर दोनों चूचियों के साथ कर रहा था… …
बीच बीच मैं हल्के से काट लेता तो वो चिल्ला उठती थीं – उईइ माँ, काटो मत, चूसो… ज़ोर से… हाँ ऐसे… आह… उम्म… इश्… इस्स…
दोस्तो, अब उनका मारवाड़ी बदन गोरे से लाल हो रहा था और मैं उनकी चूचियों के साथ पूरी बेदर्दी से पेश आ रहा था!!
आख़िर उन चूचियों को देख देख कर मैंने बहुत बार मूठ मारी थी…
इधर मेरा लण्ड भी कड़क हो चुका था और बाहर आने को तड़प रहा था!! सो, मैंने उन्हें इशारा किया और उन्होंने तुरंत मेरा अंडरवियर नीचे खींचा और मेरा लण्ड उछलकर बाहर आ गया… … …
मेरे लण्ड को निहारते हुए उन्होंने कहा – राज, सच में तुम्हारा लण्ड बहुत मस्त है!! मैंने उस दिन भी कहा था ना, इतना लंबा और मोटा लण्ड मैंने कभी नहीं देखा!! !!!
यह कहते ही फ़ौरन, उन्होंने मेरे लण्ड को अपने हाथ से पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया और बहुत देर सहलाने के बाद फिर मेरे सुपाड़े को किस किया, उसे जीभ से बेतहाशा चाटा और फिर उसे मुँह में लेकर होंठों से चूसने लगीं…
मित्रो, आप लोगों को बता दूँ कि मैं “मुस्लिम” हूँ और जैसा की सब जानते ही होंगे मेरा लण्ड कटा हुआ है, जिससे चुदाई करने में कुछ ज़्यादा ही मज़ा आता है!! !!!
मुस्लिम लड़कों से चुदीं, सभी लड़कियाँ या औरतें यह बात समझती होंगी।
खैर, अब जब मैंने उनकी तरफ देखा तो उनके चेहरे को देख कर ऐसा लगा। जैसे किसी भूखे को पकवान की तली मिल गई हो!! !!! अब वो बहुत आराम से मेरा लण्ड चूसने लगीं…
उनके चेहरे पर मुझे परम संतोष नज़र आ रहा था!! वो मेरे लण्ड को चूस रही थीं और मैं सातवे आसमान में था…
अब मैंने उनके मुँह को अपने लण्ड से चोदना शुरू किया… …
उन्होंने भी फ़ौरन अपने होंठ गोल कर लिए और अंदर बाहर जाते लण्ड पर दबाने लगीं।
हाय!! लण्ड चूसने में तो वो माहिर थीं… और फिर मुझे लगा कि मेरा लावा निकाल जाएगा।
मैंने उनका सिर तुरंत ही पीछे हटाना चाहा पर उन्होंने इशारे से पूछा – क्या है…??
मैंने कहा – जल्दी हटिए, मेरा निकालने वाला है!!
लेकिन उन्होंने बिना लण्ड निकाले, इशारे से कहा – मेरे मुँह में ही निकालो!! और फिर कुछ ही पलो में मेरे लण्ड से बहुत सारा सीमेन उनके मुँह में जा गिरा…
यकीन मानिए मित्रो, उन्होंने एक एक बूँद चाट लिया!! !!!
हालाकी मेरा लण्ड पानी छोड़ चुका था पर वासना अभी भी मुझ पर पूरी तरह हावी थी… मैंने ज़रा भी इंतेज़ार किए बिना उनकी साड़ी पूरी निकाल दी और उनके पेटीकोट का नाडा खींच दिया…
या अल्लाह!! उन्होंने अंदर कुछ भी नहीं पहना था… उनकी एकदम “नंगी चूत” मेरे सामने थी!! !!!
एक मर्द उठते बैठते, सोते जागते बस यही तो चाहता है, “एक गुलाबी, नंगी और किस्मत बहुत ही बुलंद हो तो कुंवारी चूत…”
ऐसे ही चूत अब मेरे सामने नंगी पड़ी थी और मेरा लण्ड इतना कड़क हो गया था कि डर था की कहीं फट न जाये!!
मैंने तुरंत उन्हें धकेल कर बेड पर लिटाया और उनकी चूत को एकटक देखने लगा… …
उफ़!! एकदम “गुलाबी चूत” थी… किसी 18 साल की लड़की जैसी और उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था!! !!!
ऐसा लगा जैसे उनकी चूत पर कभी बाल थे ही नहीं, शायद उन्होंने आज ही साफ किए थे…
मन तो कर रहा था कि वक़्त यहीं थम जाए और मैं उनकी “गुलाबी चूत” को यूँही निहारता रहूँ!!
मैं उनकी चूत को और करीब से देखना चाहता था, सो मैंने उनके पैर फैलाए और फिर उनकी मदमस्त चूत के दोनों होंठों को फेलाया… …
ऐसा लगा जैसे वो चूत ना होके “गुलाब की पंखुड़ी” हो… …
लेकिन दोस्तो, चूत का मुँह एकदम छोटा था तो मुझे थोड़ा शक़ हुआ सो मैंने उनसे पूछा – क्या आप को सर कभी चोदते नहीं…??
उन्होंने आँखें नीची करके, धीरे से कहा – मेरी चूत “कुँवारी” है!! !!!
मैं कुछ समझ नहीं पाया। “कुँवारी चूत” और एक लड़का… …
खैर! कुछ भी हो, मुझे क्या करना… … फिलहाल तो मैं बहुत खुश हो गया, क्यूंकी चूत कुँवारी नहीं भी हो फिर भी थी एकदम टाइट!!
यह तो पक्का था की लड़का उनकी चूत फाड़ के तो नहीं निकला था।
खैर, वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी…
साँचे में ढाला हुआ संगमरमर का बदन… एकदम गोल और सुडौल चूचियाँ, आसमान देख रही थी… और पैर फैलाए उनकी बंद चूत मेरे सामने थी… … …
मैंने चूत के दाने को ढूँढा और हल्के से रगड़ने लगा…
वो – आ आ आ आ आ… आह… आ… आहह… आह… उम्म… इश्… आअ… आह… उफ़!! राज, मत तडपा मुझे… उम्म्म… उफ़फ्फ़… राज!!
मैं अब अपना चेहरा उनकी चूत के पास लाया!! हाय, उनकी मूत और “कामरस” की क्या मस्त खुश्बू थी…
मैंने उनकी चूत पर अपनी जीभ फेरी और वो उछल पड़ीं – अह्ह्ह्ह्ह… उम्म्म्ममममममममममम… र र रा रा रा ज ज ज…
उनकी चूत से बहुत पानी निकाल रहा था!!! !! उनका कामरस उनकी गाण्ड की तरफ लगातार बह रहा था…
मैंने उनकी गाण्ड के नीचे एक तकिया रखा और पैर ऊपर उठा कर बीच में बैठ गया और उनकी गुलाबी और कुँवारी चूत के दरवाजे खोल कर जीभ अंदर डाल दी… …
सिर्फ़ 2 मिनट में ही उनकी चूत से झरने जैसा पानी बाहर निकाल आया और मेरा मुँह पूरा भर गया!! !!!
इधर वो ज़ोर से चिल्लाईं – माआआआआआआआआआआ कीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई चूतत तत त त… राआआआआआअ ज्ज्ज्ज्ज्ज… अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… और फिर वो मुझे दूर धकेलने लगीं…
उनकी चूत चाटते हुए मेरा लण्ड फिर से फनफना गया था!! मैंने उनकी चूत से निकालने वाले पूरे कामरस को चाट लिया!! ऐसा करते हुए मैं उनकी चूत के दाने को भी जीभ से सहला रहा था… जिससे वो फिर गरम हो गईं और वो कहने लगीं – अब मत तडपा… राज… मैं बहुत तरसी और तड़पी हूँ… अब तू मेरी जवानी को अपना ले… अपना भूसंड लंड अंदर डाल के फाड़ डाल मेरी चूत को…
भला मैं क्यूँ पीछे रहूँगा, मैं तुरंत उठा और अब मैं नीचे की तरफ गया और उनकी चिकनी मोटी जांघों को चूमने और चाटने लगा… …

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ना जाने कितनी देर तक मैं उन मखन से मुलायम जांघों को बेतहाशा चाटता रहा!!
आज मैं पूरी तरह अपना जी भर लेने के मूड में था। फिर मैंने उसे पेट के बल लिटा दिया और फिर उनके चुत्तड़ और पीठ को भी जीभ से चाटने लगा…
मित्रो, उनका पीछे का भाग तो और भी ग़ज़ब सेक्सी था!! उभरे हुए गोरे मस्त चुत्तड़ और उनकी घाटी… चिकनी गोरी पीठ…
उनकी पीठ चूमते हुए मैं सामने हाथ ला कर उनकी चूची और निप्पल मसल रहा था…
उनके गोल गोल चुत्तड़ चाटने और दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था!! !!!
चूमते और चाटते हुए मैंने हल्के से उनकी गाण्ड पर काट लिया और वो चिल्ला उठीं – आआआहह… नहीं…
मैं पागलों की तरह उनके चुत्तड़ ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहा था और मेरी जीभ दोनों चूतड़ों के बीच की घाटी मे सैर कर रही थी…
उस वक़्त तो ऐसा लग रहा था कि उनके इन गोल चूतड़ों में ही सारी दुनिया समाई है और इन चूतड़ों के सिवा दुनिया में कुछ है ही नहीं…
मित्रो, चुत्तड़ इतने नरम और मुलायम थे की उन्हें दबाने में एक अलग ही मज़ा आ रहा था… ऐसा लग रहा था की नरम रूई में मेरे हाथ धँस रहे हों!!
फिर मैने उनके चूतड़ों की घाटी में अपना हाथ फेरा और गाण्ड का छेद सूँघा…
ठीक आप ही की तरह, अगर उस पल से पहले मुझसे भी कोई ऐसा कहता कि उसने किसी लड़का की गाण्ड का छेद सूँघा तो मैं भी यही कहता – “छी:”
पर उस वक़्त मैं पूरी तरह मदहोश था, यकीन कीजिए उनकी गाण्ड का छेद भी गुलाबी था। उस सुराख में मैंने जीभ की नोक घुमाई और वो सिहर उठीं, उनका ऐसे मचलना बहुत ही मजेदार था… …
फिर ना जाने कितनी देर मैं उनके गाण्ड के छेद को अपनी जीभ घुसा कर चाटता रहा और वो यूँही मचलती रहीं!!
कुछ देर बाद मैंने पीछे से ही उनकी फूली हुई चूत को सहलाया और एक उंगली अंदर डालने की कोशिश की।
चूत तो गीली थी, लेकिन सही में बहुत टाइट थी!!…
मेरी उंगली के अंदर जाते ही वो थोड़ा चिल्लाईं – अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… माआआअ दार चोद धीरे।। दर्द होता है, बहन के लौड़े…
मैंने कहा – ये तो उंगली है और तुम मेरा 3 इंच मोटा और 9 इंच लंबा लण्ड लेने के लिए तड़प रही हो… … …
इस पर उन्होंने कहा – मालूम है, पर मेरी चूत में आग लगी है… अंदर चीटियाँ रेंग रही है… चुदने के बाद मैं मर भी गई, तो मुझे अफ़सोस नहीं होगा!! !!!
क्या इसके बाद दुनिया का कोई भी मर्द कुछ कह सकता है, शायद नहीं।
अक्सर मैंने सुना था औरत की आग, वासना और उत्तेजना के बारे में पर यकीन कीजिये दोस्तो, सच तो यह है काम उत्तेजना में जलती एक औरत की चूत अपनी प्यास बुझाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है!! !!!
अब मैंने उन्हें कुछ देर चूमा, लेकिन मैं समझ गया था कि लोहा गरम है और हथौड़ा मारने का सही समय अभी है…
मैंने उन्हें सीधा लिटाया और पेट और नाभि को जीभ से कुछ देर चाटा… थोड़ी देर बाद मैंने फिर चूत पर मुँह लगाया, अब मेरी जीभ चूत के अंदर खेल रही थी… चूत एकदम फूलने लगी।
मज़ा उन्हें भी बहुत आ रहा था और वो भी अपनी कमर उछाल रही थीं…
मैं अभी उन्हें और तड़पाना चाहता था इसलिए मैंने चूत को देखा नहीं और उनके पैरो से लेकर जाँघो के जॉइंट तक पूरा चाट चाट कर जीभ से गीला कर दिया…
इस बार मैं चूत मे नहीं उसके चारों तरफ जीभ और हाथ से सहला रहा था… …
मैंने देखा बिस्तर की चादर उनकी गाण्ड के नीचे से पूरी गीली हो रही थी। अब वो पूरी गरम हो गईं थी और वासना और उत्तेज्ना में अपने पैर रगड़ रही थीं…
अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… अब सहन नहीं हो रहा और उन्होंने हाथ बड़ा कर मेरे लण्ड को हाथ में ले लिया।
वो भी फिर से पूरे जोश में आ चुका था, इस बार वो और भी मोटा लग रहा था!!
उन्होंने उठ कर मेरे लण्ड को किस किया, थोड़ा चाटा और फिर उन्होंने कहा – सच में राज, उस दिन मैंने बाथरूम में जब तुम्हारा ये प्यारा लण्ड देखा; तभी सोच लिया था कि मेरी “कुँवारी चूत” की सील अब इसी लण्ड से तुड़वाऊँगी: उस दिन के बाद से, मैं सिर्फ़ इसी लण्ड को सपने में देखती हूँ और मेरी चूत, पानी निकाल देती है…
मैंने कहा – तो फिर आज इसे अपनी चूत में डलवा लो और यह कहते हुए मैंने उनके पैरों को फैलाया और मेरे लण्ड को उनकी चूत के ऊपर रगड़ा ताकि उनकी चूत के रस से मेरे लण्ड का सूपड़ा चिकना हो जाए।
फिर मैंने उन्हें किस किया और लण्ड को चूत के लाल छेद पर रखा और थोड़ा सा पुश किया, उनकी चूत का मुँह वाकई बहुत छोटा था और मेरा सूपड़ा बहुत मोटा; सो मेरा लण्ड फिसल गया…
अब मैं उठा और मैंने पास रखे तेल के डिब्बे से बहुत सारा तेल मेरे लण्ड पर लगाया और उनकी चूत के छेद में भी डाला और फिर उनके पैरों को थोड़ा और चोडा किया… और फिर लण्ड को छेद पर रख कर पूरी ताक़त से धकेला… …
लण्ड का सूपड़ा जैसे ही अंदर घुसा वो चिल्लाईं – मर गई… अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… नहिन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकालो इसे बाहर… बहुत मोटा है तेरा लण्ड… नहीं जाएगा… राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज… ऩहिंन्नननननननननननननननननननननननननननननननननणणन्…
मैंने कहा – सच में, निकाल लूँ… वो मेरी तरफ देखने लगीं…
उनकी आँखों में आँसू थे।
एक 28 साल की औरत और एक 22 साल का लड़का: और लण्ड तो बहन-चोद, लोहे की रोड हो गया था!! !!!
फिर मैंने उसे किस किया, तब वो बोलीं – ठीक है राज; मैं कितना भी चिल्लाऊँ, तुम आज मेरी चूत फाड़ दो… !!!
अब क्या था, मैंने उनके होंठ पर अपने होंठ रखे ताकि वो ज़ोर से चिल्ला ना सके।
दोस्तो, अब तक मैं समझ गया था कि वो सच में कुँवारी ही हैं!! !!!
सो अब मैंने अपनी कमर को सख़्त किया और लण्ड को ताक़त के साथ अंदर धकेला, लण्ड 2 इंच घुसा ही था कि वो दर्द से बिलबिला उठीं और तड़पने लगीं… …
मैंने भी लेकिन उनका मुँह नहीं छोड़ा, इसी दौरान मैंने महसूस किया कि उनकी चूत के अंदर कुछ है, जो मेरे लण्ड को अंदर जाने से रोक रहा है!! …।
शायद इतनी बड़ी उम्र होने के कारण, “चूत का परदा” मोटा हो गया था।
अब मैंने अपने लण्ड को थोड़ा बाहर खींचा, और पूरी ताक़त से झटका मारा!!
चूत के परदे को ककड़ी की तरफ फाड़ कर मेरा लण्ड 5 इंच अंदर हो गया और उनकी चूत ने खून की उल्टी कर दी और तभी वो बेहोश जैसी हो गईं… … …
यकीन मानिये दोस्तो, मेरी गाण्ड फट कर हाथ में आ गई…
सोचा, अगर कहीं ये बेहोश हो गईं और सर के आने तक होश में नहीं आईं, तो क्या होगा, मेरे तो लौड़े लग जायेगें!! दो मिनट के अंतराल में मैंने न जाने क्या-क्या सोच लिया, क्या बताऊँ…
अब मैं उन्हें चूमने लगा और कुछ देर तक ऐसे ही रहने के बाद, वो होश में आयीं…
उनकी आँखों में पानी और चेहरे पर दर्द था, थोड़ी देर में जब दर्द कम हुआ तो मैंने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू किए!!
अब उन्हें भी मज़ा आने लगा…
मैंने पूछा – अब दर्द कम हुआ… ??
उन्होंने कहा – हाँ।
जैसे ही उन्होंने हाँ कहा, मैंने लण्ड को बाहर खींचा और करारा झटका देते हुए पूरे लण्ड को जड़ तक उनकी चूत में पेल दिया…
वो फिर से चिल्लाईं – अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… मादर-चोद… नह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हि…
पर इस बार मेरे धक्के चालू थे और फिर 4-5 मिनट बाद, उन्होंने भी चुत्तड़ उछलते हुए धक्के शुरू कर दिए, अब तक उनकी चूत से पानी निकालने लगा था और लण्ड को भी अंदर बाहर होने में थोड़ी सहूलियत हो रही थी।
मैं उन्हें अब ज़ोर से चोद रहा था!! !!!
वो भी मज़े लेकर कह रही थीं – ज़ोर से और और ज़ोर से… फाड़ दे… मुझे रंडी बना दे… रज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज… अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…
अब मैंने उनसे पूछा – एक बात बताओ, अगर तुम कुँवारी थी तो फिर वो लड़का किसका है; जिसे तुमने हॉस्टल में रखा है… ??
उन्होंने कहा कि वो उनकी बड़ी बहन का लड़का है, जिसकी एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी और उनके पति ने दूसरी शादी कर ली, इसलिए 1 साल के बच्चे को उन्होंने गोद ले लिया था। अब वो अपने बच्चे की माँ बनाना चाहती हैं…
फिर वो बोलीं – राज, प्लीज़ मेरे पेट मे बच्चा दे दे… आह, क्या मस्त मज़बूत लण्ड हैं तेरा!! !!!
फिर वो मुझसे चिपकने लगीं और कहने लगीं कि उनका निकालने वाला है। उन्होंने मुझे कस के पकड़ लिया और वो झड़ गईं… …
तभी मुझे मेरे कंधे पर से कुछ गरम बहता हुआ महसूस हुआ, मैंने हाथ लगा कर देखा तो वो “खून” था!!
दरअसल जब उनकी सील टूटी तब उन्होंने नाख़ून से मेरे पीठ पर घाव बना दिया था और वहीं से खून निकाल रहा था… ये देख कर मुझे और जोश आ गया और मैंने मेरे धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी…
उनकी चूत को इस तरह की चुदाई उम्मीद नहीं थी और उनकी चूत अब तक एकदम लाल हो गई थी…
मैंने उनकी कमर और चुत्तड़ को दोनों हाथों से पकड़ा और चूत में लण्ड डाले हुए ही मैं सीधा लेट गया और उन्हें अपने ऊपर खींच लिया!!
अब मैंने उनसे कहा – अपनी गाण्ड ऊपर-नीचे करो!! !!!
उनके इस तरह उछलने से उनकी मस्त चूचियाँ मेरे मुँह के सामने उछल रही थीं…
मैंने दोनों हाथों से उनकी चूचियों को पकड़ा और निप्पल को मुँह में ले कर चूसने लग।।
इस दौरान, वो लगातार झड़ रही थीं… मेरी गोटियां तक गीली हो गईं उनके चूत के पानी से!!
और फिर, थोड़ी देर में वो थक कर मेरे सीने पर लेट गईं।
मैंने बिना चूत से लण्ड निकाले, फिर उसे नीचे लिया और खींचते हुए बेड के किनारे लाया। वहाँ उनकी चूत के नीचे तकिया लगाया और मैं खुद नीचे खड़ा हो गया, उनके पैर मेरे कंधे पर रखे और उन्हें ज़ोर-ज़ोर से चोद्ने लगा… …
इस बार मेरे धक्के, बहुत ही तूफ़ानी थे!!
वो चिल्ला रही थीं – क्या मस्त लण्ड है रे तेरा, मेरी चूत की तो किस्मत खुल गई और ज़ोर से चोद… आह… मैं तो गेयीईयियी… और वो फिर झाड़ गईं!!
अब मेरा भी झड़ने का टाइम हो गया था, सो मैंने पूछा – मैं झड़ने वाला हूँ; कहाँ निकालूँ… ??
उन्होंने कहा – मेरी चूत में भर दो और मुझे माँ बना दो… तुम्हारी मज़बूत लण्ड से मुझे गर्भवती कर दो… …
मैंने 5-6 जबरदस्त धक्के मारे और लण्ड को उसके बच्चे दानी के मुँह पर रख कर लण्ड से नल चला दिया।
उफ़, क्या जबरदस्त पिचकारी थी!! !!!
उन्होंने अपने पैर मेरे कमर पर जकड़ दिए और मुझसे चिपक गईं… हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे और फिर मैं उठा और अपने लण्ड को बाहर खींचा।
वो खून और दोनों के रस से लथपथ हो रहा था और उनकी चूत वो तो मुँह खोले सब माल बाहर निकाल रही थी…
उनकी चूत का शेप “ओ” जैसा हो गया था।
मैंने कहा – चलिए बाथरूम मे चलते हैं… उन्होंने उठने की कोशिश की पर फिर – आअहह… उउईई… करते हुए लेट गईं। उनके पैर कांप रह थे, तो मैंने उन्हें सहारा देकर उठाया।
अब तक शाम के 5:30 हो गये थे… …
हम बाथरूम मे फ्रेश हुए, उनकी नंगी जवानी को देख कर मेरा लण्ड फिर से तैयार होने लगा। उन्होंने साबुन से मेरे लंड को साफ किया और उनका हाथ लगते ही, वो फिर गुर्राने लगा।
हम बाथरूम से लौटे और नंगे ही बेड पर लेट गए।
मैंने उन्हें रात के 9 बजे तक और 2 बार और चोदा… अलग-अलग पोज़ में!!
एक बार तो उन्हें उनके किचन टेबल पर बैठा कर मेरे लण्ड पर झूला झूलाया!!
उसके बाद से मैं उन्हें चोद्ने, ठीक 4:30 बजे उनके घर जाता था!! !!!
इस दौरान मैंने उसे 2 बार प्रेग्नेंट किया!! लेकिन उनके पति के डर से उन्हें एबॉर्शन करवाना पड़ा… …
तो दोस्तो, यह थी मेरी कहानी!! उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आई होगी…

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