कुवारि चूत फाड़ कर ब्फ ने चोदा

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की मेरी छूट चुदाई के लिए तड़प रही थी, इसलिए मैने कॉलेज में एक लड़के को अपना ब्फ बनाया. फिर हमारी पहली चुदाई शुरू हुई, की तभी आरिफ़ ने मेरी बेहन का नाम लिया. अब आयेज-

मैं ये सुन के आरिफ़ को कन्फ्यूज़्ड लुक देते हुए बोलने ही वाली थी, की आरिफ़ ने आयेज बोला: आअहह, सभी लड़कियों की छूट में नशा होता है. तुम्हारी छूट में भी है. तुम कुछ ग़लत मत समझना, ये तो तारीफ है तुम्हारी.

मैं ये सुन कर खुश हो गयी, और फिर आरिफ़ ने मेरी पनटी उतार दी. उसके सामने मेरी छूट के लाइट ब्राउन लिप्स आ गये, और उसके फेस पर स्माइल आ गयी.

आरिफ़: वाउ बेबी, ये तो तुम्हारी भेजी हुई पिक्स से भी ज़्यादा सुंदर है.

मैं: थॅंक्स बेब, मुझे पता था आपको पसंद आएगी.

आरिफ़ ने मेरी छूट के लिप्स को खोला, और उसको चाटने लगा. मैं अपने आप को कंट्रोल नही कर पा रही थी. आरिफ़ बिल्कुल एक्सपर्ट था. उसको पता था वो क्या कर रहा था. मेरी लेग्स अपने आप बंद हो रही थी. मैं बेड से उठ रही थी. मैने बेडशीट पकड़ कर खुद को संभाल रखा था. मगर मेरी हल्की-हल्की मोनिंग निकल रही थी.

आरिफ़ ने मेरी लेग्स को पकड़ कर खोल रखा था. थोड़ी देर बाद मैने अपना पानी छोढ़ दिया. आरिफ़ ने उसको पिया, और अपने मूह में भर के मेरे उपर आया, और मुझे किस करते हुए मेरे मूह में थूक दिया. मुझे ऐसा फील हुआ जैसे कोई पॉर्न का शूट चल रहा हो. मैं भी बेशर्म बन के उसको पी गयी.

आरिफ़ 2-3 मिनिट मुझे किस करते हुए अपना थूक पिलाता रहा, और फिर उसने मेरी ब्रा उतार दी. अब मैं पूरी नंगी उसके नीचे थी, और वो मेरे निपल्स को मूह में भर के चूसने लगा. साथ-साथ दूसरे बूब को ज़ोर से मसल रहा था. सेन्सेशन इतना अछा था, की मैं उसमे भी सिसकारियाँ ले रही थी.

अब आरिफ़ अपना लंड जीन्स के साथ मेरी छूट में मसालने लगा. मैं समझ गयी फोरप्ले का टाइम ख़तम, और चूड़ने की बारी थी. वो बेड पे खड़ा हुआ, और मैं अपने घुटनो में आ गयी. उसने अपनी पंत उतरी, और मेरे बाल पकड़ के मेरे फेस को अपने लंड के उपर चड्डी पे से घिसने लगा.

सच काहु तो मुझे लंड की स्मेल अजीब सी लगी, मगर बुरी नही थी. वो मुझे देख कर हवस भारी स्माइल दे रहा था. मैने उसकी चड्डी उतरी, तो उसका काला-काला 7 इंच लंबा, और 3 से 4 इंच मोटा लंड मेरे मूह के सामने था. उसने अपने लंड के बाल भी सॉफ नही किए थे. मानो बस मैं ही तैयारी के साथ आई थी.

लेकिन उसका लंड मुझे बबक पॉर्न के जैसे लग रहा था. मैं उसके कहने से पहले की उसके काले टोपे को चाटने लगी. उसका टोपा तो सूखा हुआ था. मैने उसे चाट-चाट कर गीला किया, और मूह में लेने लगी. मैने इतने पॉर्न देख रखे थे, की मुझे पता था लंड को कैसे चूसा जाता है. मैं वैसे ही उसको प्रो की तरह मज़े देते हुए लंड चूसने लगी. उसने अपना लंड बाहर निकाला, और बोला-

आरिफ़: मनीषा तुम्हे मुझसे पूछा ही नही की तुम लंड चूसने लायक हो या नही.

मैं: इसमे पूछने जैसा क्या है? तुम्हे चूसना है ना?

आरिफ़: चूसना तो है मेरी जान, लेकिन तुम उसके काबिल तो बनो पहले.

मैं: क्या मतलब, मैं कुछ समझी नही?

आरिफ़: पहले मेरे लंड की आचे से सेवा तो करो.

ये कहते हुए उसने मेरे होंठो में अपने लंड का टोपा लिपस्टिक के जैसे रगड़ने लगा.

फिर बोला: जैसे-जैसे मैं काहु, वैसे करती जाओ.

मैं उसको कहाँ माना करने वाली थी. मुझे तो लंड चाहिए था. उसके लिए कुछ भी करने वाली थी. मैं उसका कहना मानने लगी. उसने पहले मुझसे अपने लंड पे थूक कर गीला करने को कहा, और फिर अपने हाथो से रग़ाद कर आचे से टाइट होने तक हिलने को कहा.

देखते ही देखते उसका लंड मेरी थूक से गीला हो कर चमक रहा था. काला लंड और लंड की नास्से देख मेरे मूह में पानी आ रहा था, मानो कोई चॉक्लेट रखी हो. उसने मेरे फेस पे थूका, और और अपना लंड मेरे फेस में घिसने लगा.

आरिफ़: आअहह फक बेबी, तुम इतनी सुंदर हो की तुम्हारे फेस को देख कर ही बोनेर आ जाता है. तुम्हे चाहने वाले इतने है, बुत तुमने मुझे ही अपना बाय्फ्रेंड बनाया. ई आम सो लकी. आज मैं तुम्हे छोड़ कर अपने दोस्तों के बीच स्टड बन जौंगा.

और ये कहते हुए उसने मेरा फोन लिया, और मेरे फेस में अपना काला लंड रगड़ते हुए वीडियोस और पिक्स लेने लगा. फोन मेरा ही था, तो मैने उसे माना भी नही किया. फिर देखते ही देखते मेरा पूरा फेस उसकी थूक और लंड की तरह स्मेल कर रहा था. फिर उसने मुझे फाइनली लंड चूसने दिया, और मेरे बालों को पकड़ कर लंड को अंदर डालने लगा.

मैं जितना से सकती थी उनका सहती, और फिर उसको धक्का देके साँस लेती. मैं पहली बार लंड चूस रही थी. जैसे ही लंड मेरी केपॅसिटी से ज़्यादा अंदर जाता, मुझे ऐसा लगता मुझे उल्टी हो जाएगी. मैने जैसे-तैसे उसके लंड को चूसा. काफ़ी देर हो गयी थी. इतना फोरप्ले करते हुए ही हमारा टाइम ख़तम हो गया, और स्टाफ रूम नॉक करने लगा. मैं बेडशीट के अंदर आ गयी और आरिफ़ चड्डी में डोर ओपन किया.

वहाँ एक अंकल ने कहा: आपका टाइम ख़तम हो गया है. रूम खाली करिए.

लेकिन चुदाई तो हुई ही नही थी. आरिफ़ मुझे देखने लगा. मेरा फेस उसकी थूक से गंदा हो चुका था, और अंकल भी मुझे देख कर समझ गये थे. उपर से हमारे कपड़े भी फ्लोर में गिरे हुए थे. मेरी ब्रा-पनटी अलग से दिख रही थी.

मैं आरिफ़ को बोली: थोड़ी देर और रुख़ जाते है.

मगर आरिफ़ ने बोला की उसके पास बस उतने की पैसे थे. वो दोनो डोर में खड़े हुए थे. मुझे मॅन नही था बिना चुड़े यहाँ से जाने का. मैं अपने आप को कवर करते हुए उठी, और अपनी जीन्स उठा कर वहाँ से पर्स निकालने लगी. वो अंकल बस मुझे ही देख रहा था.

फिर मैं डोर के पास गयी, और उसे पैसे देने लगी. उसने मेरी क्लीवेज में देखते हुए पैसे लिए, और स्माइल करता हुआ चला गया. फिर आरिफ़ ने डोर बंद किया, और मेरे उपर से बेडशीट हटा कर मुझे गोद में उठा लिया, और बेड में ले गया. जाते ही उसने मेरी टाँगें खोल दी. मैं बेड की साइड में अपनी टाँगें खोले उसके लंड का इंतेज़ार कर रही थी.

तभी उसने अपनी चड्डी उतरी, और लंड में तीन कॉंडम लगाया, और छूट के उपर रगड़ने लगा.

वो मुझे बोला: तैयार है तू तेरी छूट की सील खुलवाने के लिए?

मैं भी बहुत एग्ज़ाइटेड थी. मैने हल्के से हा कहा, और उसके लंड को छूट में घुसते हुए देखने लगी. लेकिन जैसा मैने सोचा था वैसा कुछ नही हुआ. छूट में लंड घुसते ही छूट में ऐसे जलन हुई, मानो मेरी जान निकल जाएगी. लेकिन मुझे चूड़ना भी था. तो मैने हिम्मत की, और गहरी साँसे लेने लगी.

लेकिन कुछ देर बाद जैसे उसने लंड और अंदर डाला, मैं उससे धक्का दे दी, और माना करने लगी. मुझे पता नही था इतना दर्द होगा. लेकिन वो मुझे बिना छोड़े जाने नही देने वाला था. वो मुझे किस करने लगा, और मेरे साथ बेड में आ गया. थोड़ी देर बाद हमने फिर ट्राइ किया.

मैं फिर अपनी टाँगें खोले लेट गयी, और वो मेरे उपर आया, और लंड सेट करने लगा. इस बार भी वही हुआ. अब उसे गुस्सा आने लगा. उसे लगा मैं नखरे कर रही थी, और उसे छोड़ने नही देने वाली. फिर उसने अपनी चड्डी ली, और मेरे मूह में डाल दी और बोला-

आरिफ़: अब तुझे कुछ नही होगा. तू बस अपनी आँखें बंद कर, और फ्री हो जेया.

मैं वैसा ही की. उसने मेरी गांद को पकड़ कर उपर उठाया, और टाँगों के बीच आ गया. उसने छूट में अपनी थूक गिराई, और लंड को सेट करके बिना सोचे ज़ोर का धक्का दिया. उसका आधा लंड मेरी छूट में घुस गया. मैं बहुत ज़ोर से चीखती अगर उसकी चड्डी मेरे मूह में ना होती. फिर भी मेरी आवाज़ ज़ोर की आई, और मैं जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी.

मेरी छूट में जलन होने लगी मानो 100 सुई एक साथ किसी ने छूट में डाल दी हो. लेकिन उसके बाद वो हॅट गया. मैं बेड में ही रोटी रही. कुछ देर तक उसने मुझे अकेला छ्चोढ़ दिया, ताकि मैं थोड़ी स्टेबल हो साकु. मैं रोते-रोते अपनी फटत चुकी छूट हॅंड टवल से सॉफ करने लगी, और आरिफ़ ये सब की वीडियोस और फोटोस लेने लगा.

उसके बाद वो मेरे पास आया, और मेरे मूह से चड्डी हटा कर मुझे किस करने लगा. फिर हम दोनो एक-दूसरे से लिपट कर लेते रहे. उसने फिर लेते-लेते अपना लंड मेरी छूट में सेट किया, और फिरसे छोड़ने लगा. धीरे-धीरे अंदर-बाहर होते उस लंड की गर्मी मैं मेरी छूट में फील कर रही थी. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मगर अंदर ही अंदर मैं जानती थी की अब मैं वर्जिन नही थी.

उसने मुझे लेते-लेते ही आराम से छोड़ा, और उसके बाद मेरे उपर आके कॉंडम उतार के मेरे फेस में रखा. फिर मेरे बूब्स के बीच अपना लंड घिसते हुए थूक कर गीला करके मेरे बूब्स में ही अपने लंड का पानी गिरा दिया. और ये सब की पिक्स और वीडियोस लेने लगा.

मैं अब बस लेती थी. मेरी पहली चुदाई में मेरा पानी ही नही निकला. मैने जैसा सोचा था सेक्स वैसा नही था. दर्द होता है, पर मुझे पता नही था इतना होगा. उस दिन मैं बस दर्द ही दर्द में थी. हमारी चुदाई का मज़ा बस आरिफ़ ने लिया था. मैं तो बस उसके चाटने से की खुश हुई थी. चुदाई में तो मेरी हालत खराब हो गयी थी.

फिर वो उठा, और उसने कपड़े पहने. मैं भी उसके पीछे-पीछे अपने कपड़े पहनने लगी. फिर हम बाहर आने लगे. मेरी चाल ही बदल गयी थी. फेस भी उतार गया था. वो होटेल वाले अंकल मुझे देख कर हासणे लगे, और आरिफ़ को बोले लगते है-

अंकल: आज तो बहुत मेहनत हुई है. तक गयी है बेचारी.

आरिफ़ भी मूड में था.

उसने बोला: हा अंकल, पहली बार है ना, ताकि तो होगी ही.

मैं उनकी बात सुन के बाहर आ गयी. आरिफ़ भी आया, और मुझे बाइ बोलते हुए हग करके जाने लगा. मैं जैसे-तैसे घर आई, आते ही वॉचमन ने बोला-

वॉचमन: क्या हुआ बेटी, सब ठीक है ना? कहीं गिरी तो नही?

मैं नही अंकल बोल कर उपर चली गयी. घर में मेरा भाई मस्ती कर रहा था. मेरे आते ही उसने मुझे टक्कर मारी, और हग किया. वो छ्होटा है तो उसके कारण सीधा मेरी कमर में दर्द हो गया. मुझे अचानक गुस्सा आया, और मैं उसे थप्पड़ मार दी, और रूम में जाने लगी.

ये देख मेरी दीदी गुस्सा हो गयी, और मेरे पास आने लगी. लेकिन मैने डोर लॉक कर दिया, और बेड में लेट गयी. पर क्या मेरी चुदाई शुरू होते ही ख़तम हो गयी?

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