मेरा नाम चित्र गुप्ता है, पर प्यार से लोग मुझे क्ग बुलाते है. वैसे तो मेरी बहुत सी सेक्षुयल फॅंटसीस रही है. पर ये कहानी है अपनी कंवली को छोड़ने की.
ये कहानी शुरू होती है सेप्टेंबर 2020 से, जब कोविद की पहली वेव ख़तम ही हुई थी. वफ् होने के कारण मैं भी मुंबई से अपने होमटाउन वापस आ गया था. छ्होटा शहर होने के कारण यहा की नाइट लाइफ अची नही है. तो मैं भी घर पे बोर ही होता था ज़्यादातर. ऐसे में टीमेपस्स के लिए बस पॉर्न देख के ही गुज़ारा होता था.
कुछ दीनो बाद ही एक दिन मम्मी सलोनी को घर लेके आई. सलोनी एक 22 साल की लड़की थी, जिसके मा-बाप कोविद में चल बसे थे. उसको पढ़ाई के लिए पैसों और घर की ज़रूरत थी, तो मम्मी ने उसे अपने यहा काम पे रख लिया. वो हमारे घर की च्चत पे बने एक छ्होटे कमरे में रहने भी लगी.
सुबा कॉलेज जाती थी वो और शाम को आके मम्मी का हाथ बताती और सॉफ-सफाई करती थी. वो देखने में बाकी कंवालियों जैसी लगती भी नही थी, क्यूंकी वो देखने में गोरी थी, और रहती भी सफाई से थी. मुझे तो यही लगा की मेरी तो लॉटरी ही लग गयी थी. वो जब झाड़ू लगाने आती तो उसकी क्लीवेज देख के मेरे अंदर का शैतान जाग जाता. मैने काई बार उससे बात करने की भी कोशिश की, पर वो बहुत ही रिज़र्व थी.
एक दिन सुबा मैं च्चत पे टहल रहा थी, तभी मेरी नज़र सलोनी पे पड़ी, जो बातरूम में नहाने जेया रही थी. जैसे ही वो अंदर घुसी, मैने देखा की आस-पास कोई नही था. तो मैं भी चुपके से दरवाज़े के च्छेद में से झाँकने लगा.
अंदर का नज़ारा देख के तो मैं डांग ही रह गया. सलोनी अंदर कपड़े उतार रही थी. पहले उसने अपनी शमीज़ उतरी, और उतार के खूँटि पे टाँग दी. उसके बाद उसने नाडा खोल के सलवार भी उतार दी. अब वो सफेद रंग की ब्रा और पनटी में थी.
फिर उसने अपना हाथ पीछे करके अपनी ब्रा भी खोल दी, और उसके बूब्स बाहर आ गये. उसके निपल्स ज़्यादा बड़े नही थे, पर वो लाइट पिंक कलर के थे. फिर उसने अपनी पनटी भी उतार दी. उसकी छूट पे हल्के से बाल थे जिन्होने छूट को कवर किया हुआ था. जैसे ही उसने शवर चलाया, वैसे ही पानी की बूंदे उसके गोरे बदन पे पड़ने लगी. उसका गोरा बदन पानी में और ज़्यादा चमकने लगा.
ये देख के मेरा लंड तो खड़ा ही हो गया. तभी अचानक से मुझे किसी के च्चत पे आने की आवाज़ सुनाई दी, तो फ़ौरन वाहा से डोर हॅट गया और नीचे वापस आ गया. पर उस दिन के बाद मुझे उसे पाने की प्यास और बढ़ गयी थी. लेकिन वो रिज़र्व होने के कारण मेरे से बहुत ही कम बात करती थी.
फिर एक दिन मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया, और मैने उसे उसके मा-बाप की फोटो फ्रेम करा के गिफ्ट की. तब उसने मुझे अपने बारे में सब बताया, और मेरे करीब आती गयी.
कुछ दीनो के बाद हम काफ़ी हस्सी-मज़ाक करने लगे थे, पर शारीरिक तौर पे हम उतना क्लोज़ नही थे.
फिर एक दिन मेरे घर वालों को अपने किसी रिलेटिव के यहा आउट ऑफ टाउन जाना पड़ा. मैं इसी मौके की तलाश में था. मुझे पता था की सलोनी शाम को खाना बनाने आएगी, और तब घर में कोई नही होगा. जब शाम को वो खाना बनाने आई, तो ये देख के बहुत खुश हो गयी की मैने पहले से ही चाइनीस ऑर्डर कर रखा था.
फिर हम लोगों ने खाना खाया, और उससे बातें करने लगा. बातों-बातों में मैने उसको बोला की मैं उसको नंगा देखना चाहता था. इतना सुन के ही वो घबरा गयी, और उपर भाग गयी.
मुझे लगा की ये तो गड़बड़ हो गयी. अब जब घर वाले लौटेंगे तो बड़ा हुंगमा होगा. ये सोच के मैं अगले दिन बिल्कुल परेशन रहा. फिर अगले दिन जब वो काम करने आई, तो चुप-छाप अपना काम करती रही, और मुझे भी समझ नही आ रहा था की इसको क्या बोलू.
फिर वो अपने आप ही मेरे पास आई और बोली: ई आम सॉरी, कल मैं बहुत घबरा गयी थी. आक्च्युयली ई ऑल्सो लीके योउ, पर तुमने एक-दूं से ऐसा बोल दिया तो मुझे बुरा लगा और मैने ओवर-रिक्ट कर दिया.
मैने बोला: मैं तुम्हे माफ़ तो कर दूँगा, पर इसी शर्त पे की तुमको मेरी हसरत पूरी करनी पड़ेगी.
काफ़ी इनकार के बाद, उसने बोला: ठीक है, पर मैं सिर्फ़ कपड़े उतरुँगी. मुझे चूना मत तुम.
मैने मॅन में सोचा की एक बार कपड़े तो उतरो, आयेज की बाद में देखेंगे.
फिर वो बोली: प्लीज़ कमरे का गाते तो बंद कर दो.
तो मैने कहा: शरमाओ मत, घर में हम दोनो के अलावा कोई नही.
फिर उसने अपनी त-शर्ट उतरी, आज भी उसने वही वाइट कलर की ब्रा पहनी थी. आज जब पास से देखा तो पता लगा उसके लेफ्ट बूब के पास एक तिल था. मैं उसी तिल में खोया हुआ था, की तभी उसने अपनी जीन्स भी उतार दी. अभी एक-दूं खुली रोशनी में उसका फिगर एक-दूं ही ग़ज़ब लग रहा था. पर वो तोड़ा शर्मा रही थी-
तो मैने उसको बोला: अभी तुम्हे पूरी पनिशमेंट नही मिली है.
ये सुन के उसने अपनी ब्रा और पनटी भी उतार दी और बोली: लो, अब तो हो गया ना?
उसका नंगा बदन देख के मैं तो पूरा ही बहक गया था. पर मुझे समझ नही आ रहा था की उसे सेक्स के लिए कैसे राज़ी करू. फिर वो बोली की उसे ऐसे बहुत ऑक्वर्ड लग रहा था, और वो कपड़े पहनने लगी.
मैने उसको रोका और बोला: रूको, मैं भी कपड़े उतार देता हू. फिर तुमको ऑक्वर्ड नही लगेगा.
ऐसा बोल के मैने भी तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिए. फिर वो मेरा खड़ा लंड देख के बोली की उसने पहले कभी लंड नही च्छुआ था. अब तक मैं समझ चुका थी की वो अभी तक किसी से नही चूड़ी थी.
मैने कहा: तुम इसे तभी चू सकती हो, जब तुम मुझे अपनी छूट छूने डोगी.
वो बोली: ठीक है, बस चूना ही है, और कुछ नही करना है. फिर उसने धीरे से मेरे लंड को च्छुआ और सहलाने लगी.
तो मैने बोला: अगर इसे मूह में लॉगी तो ये और बड़ा हो जाएगा.
फिर उसने हिचकते हुए मेरा लंड अपने मूह में लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर तक चूसने के बाद मैने बोला-
मैं: अब मुझसे रहा नही जाता. अब तुम अपनी भी छूट टच करने दो.
वो बोली: ठीक है कर लो.
तो मैं उसकी छूट पे उपर से हाथ फिरने लगा. फिर मैने हल्के से अपनी एक उंगली उसकी छूट में डाली, तो वो तड़प उठी. फिर मैं धीरे-धीरे उसके फिंगरिंग करने लगा. अब उसको भी मज़ा आ रहा था. अब उसकी छूट गीली हो रही थी, तो मुझे समझ आ रहा था की अब ये लंड लेने के लिए तैयार हो रही थी.
फिर मैने उसको बेड पे चलने का इशारा किया तो वो इस बार अपने आप राज़ी हो गयी, और जाके बेड पे लेट गयी. ऐसा देख के मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नही रहा.
फिर उसने बोला: प्लीज़ धीरे से करना, ये मेरा फर्स्ट टाइम है.
मैने उसको बोला: घबराव मत, मैं पूरा ख़याल रखूँगा.
फिर मैं बेड पे जाके उसकी छूट पे अपना लंड रगड़ने लगा, और धीरे से अपने लंड का आयेज का हिस्सा उसकी छूट में घुसाया. उसको तोड़ा दर्द हुआ, तो वो करही, और मुझे कस्स कर पकड़ लिया. फिर मैने हल्के-हल्के अपना लॉडा अंदर-बाहर करना शुरू किया.
मैने देखा की एक खून की पतली धार उसकी छूट से निकल के उसकी गांद के च्छेद तक जेया रही थी. पर अब उसे भी मज़ा आ रहा था, और अब उसकी करहने की आवाज़ सिसकारियों में बदल गयी थी. मैने भी अपने लंड की स्पीड कुछ तेज़ कर दी.
कुछ ही देर में वो एक-दूं से झाड़ गयी, और उसका बदन एक-दूं ढीला पद गया. वो एक-दूं से बिस्तर पे निढाल होके पद गयी. पर मेरा लॉडा तो अभी खड़ा हुआ था, और उसकी प्यास अभी बुझी नही थी. तो मैने सलोनी को अपना लंड चूसने को बोला.
उसने पहले मेरा लंड से अपनी छूट का खून और रस्स सॉफ किया, और फिर उसे चूसने लगी. थोड़ी देर में मैं भी झाड़ गया.
फिर मैने उसको बोला: कैसा रहा तुम्हारा पहला सेक्स?
तो वो खुशी से मेरे गले लग गयी.
फिर जब तक मेरे पापा मम्मी वापस नही आए, हम लोगों ने रोज़ चुदाई की. पर वो कहानी किसी और टाइम के लिए.