हैल्लो दोस्तों, में सेक्सी फिगर वाली आंटी को चोदने के चक्कर में रहता हूँ और मौका मिलते ही चोद देता हूँ. फिर ऐसा ही एक वाक्या हुआ जब में 12वीं क्लास पास करके बी.ए पार्ट I में गया था. मेरे एक भैया जिनका तबादला होने की वजह से अपने सारे मकान को किराए पर दे गये थे. हमने भी अपना मकान पास में बना रखा था, तो कभी-कभी में वहाँ किराया लेने और कोई समस्या हल करने जाता था.
अब वहाँ पर एक आंटी (मीना) जो पड़ोस में रहती थी, वो ब्याज पर पैसे देने का काम करती थी और चालू भी थी. फिर एक दिन मौका देखकर मैंने उसे चोदने की कोशिश की तो वो बोली कि मेरी उम्र 50 साल हो गई है और तुम्हें कोई फ़ायदा नहीं है, लेकिन मैंने उसके मुँह और गांड में अपना लंड डालकर उसको खूब चोदा था, लेकिन उसके बाद वो मुझसे अकेले में नहीं मिलती थी. मुझे उसकी गांड का स्वाद आज भी याद आता है. मुझसे बात करना उसकी मजबूरी थी, क्योंकि उसके पैसे फंसने पर वो मुझे ही याद करती थी और वादा करती थी कि तुझे में अच्छी आंटी चुदवाऊँगी.
अब मेरी नजर एक किरायदारनी आंटी पर काफ़ी दिन से थी, लेकिन भैया के रहते में कुछ नहीं कर पाता था, लेकिन वो मुझे राजा बेटा कहती थी, लेकिन हर औरत को मर्द की निगाह का पता होता है. उसका पति एक लोकल फेक्ट्री में काम करता था और उसका लड़का एक होटल में काम करता था और उसको घरवालों से कोई मतलब नहीं था, वो शराबी बाप की वजह से घर छोड़कर भाग गया था. उस आंटी का नाम रजनी था, आंटी थी भी रजनीगंधा का फूल, वो साड़ी में बहुत सेक्सी लगती थी, उनकी उम्र 32 साल से ज्यादा नहीं लगती थी. मैंने कई बार उनको सपनो में चोदा था, लेकिन वो मुझसे दूर-दूर रहती थी और वो बहुत शरीफ थी.
फिर एक दिन मैंने ब्याज वाली आंटी मीना के घर से उसे निकलते हुए देखा तो वो उदास थी. फिर मैंने मीना को शाम को मंडी में रोककर पूछा, तो वो चालू बनी. फिर मैंने उसे धमकाया साली तेरे सारे पैसे जो मार्केट में है सब डूबा दूंगा, नहीं तो बता क्या बात है?
तब वो बोली कि वो मेरे पास 15000 रुपए माँगने आई थी और गहने दे रही थी, जिनकी कीमत बस 9000 रूपए है, तो तब मैंने कहा कि 6000 रुपए तक दे सकती हूँ. तो उसने कहा कि में हमेशा के लिए अपने गाँव जाना चाहती है और पति की नौकरी छूट गई है तो गाँव में एक दुकान खोल लूँगी. तब मैंने कहा कि में दे दूँगा पैसे बस किसी तरह उसे दो रात के लिए राज़ी करा ले. तब उसने कहा कि वो ऐसी नहीं है.
फिर मैंने कहा कि तू क्या ऐसी थी? तू भी तो मजबूरी में चुदी थी, वो भी मजबूर है प्यार से उसे समझा और फिर मैंने उसे प्लान समझा दिया. फिर दो दिन के बाद में प्लान के अनुसार भैया के घर गया तो जब रजनी कपड़े धो रही थी और उसका पति कुर्सी पर बैठा था. फिर उसने मुझे बुलाया और बोला कि राजा बेटा इधर आना. में आंटी को सेक्सी निगाह से देखता हुआ आगे बढ़ा तो वो घबराकर नीचे देखने लगी.
उसके पति ने मुझको मीना वाली बात बताई और गोल्ड बैचने के लिए कहा तो मैंने कहा कि देखो अंकल ये तो सुनार बता सकता है कितने का माल है? (अंकल ने आंटी को इशारे से चाय के लिए बोला) वैसे आपको भी पता होगा. फिर तब आंटी बोली कि 12000 रुपए का है. तब मैंने कहा कि कोई भी इसके 6000 रुपए से ज्यादा नहीं देगा और अंकल को एक दोस्त का पता देकर कहा कि आप इसके पास अभी चले जाइए और मेरा नाम लेना, वो बता देगा. तब इतने में आंटी चाय ले आई, तो तब में जानबूझकर बोला कि प्यासे को गर्म कर रहे हो, आंटी जी पानी पिला दो और फिर वो पलटकर मटके से पानी निकालने लगी.
अब डॉगी स्टाइल में उसके कूल्हें देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था. फिर वो पानी लेकर आई तो अंकल की नजर बचाकर मैंने उनका हाथ दबा दिया. फिर वो कुछ नहीं बोली और अब उसका चेहरा लाल हो गया था. फिर मैंने सोचा कि बहुत प्यासी है, ये लंड लेगी तो मज़ा आ जाएगा. फिर अंकल ने चाय पी और निकलने लगे. में भी रूम से बाहर आ गया और आंटी को इशारे से बोल गया कि में आ रहा हूँ और फिर अंकल के जाते ही में आंटी के पास गया तो तब वो बोली कि तुम बहुत चालक हो तो में हंसा और अपने मन में कहा कि क्या करूँ तुम्हारे जिस्म ने पागल बना रखा है?
फिर मेरे खुला बोलने पर वो बोली कि देखो राजा बेटा मुझे 15000 रुपए चाहिए, मीना ने बताया कि तुम दे दोगे और तुमसे बात करने के लिए कहा था. तब मैंने सोचा कि अब मजबूरी का फायदा उठाने का अच्छा मौका है. तब मैंने कहा कि आंटी जी में दे तो दूँगा, लेकिन मेरी एक शर्त है.