कामुकता सेक्स प्यास बुझा दो

kamukta pyas sex bujha do में सबीहा ख़ान हूँ. में 21 साल की हूँ और लनोव, इंडिया में रहती हूँ. मेरी बेस्ट फ्रेंड का नाम है सलमा. सलमा 22 साल की है. सलमा की बड़ी बहेन की शादी हो चुकी है और वो देल्ही में रहती है. मेरे टाइ के एग्ज़ॅम हो चुके थे और में देल्ही में अड्मिशन के लिए देल्ही आना चाआःआटी थी. सलमा ने मुझ से कहा कि वो भी देल्ही में अपनी बहेन के यहाँ गर्मी की छुट्टिया बिताना चाहती है. सलमा ने कहा कि उस का एक क्लासमेट सुनील भी देल्ही में अड्मिशन के लिए देल्ही जाने वाला है इसलिए हम दोनो ने देल्ही के लिए रिज़र्वेशन के लिए सुनील को कह दिया. तीन दिन बाद जाना था. में अपना लगेज लेकर सलमा के घर गयी तो वो मेरा इंतेज़ार ही कर रही थी. आज सलमा बड़ी स्मार्ट लग रही थी. में भी आज खूब मेकप करके आई थी. हम ने ऑटो लिया और रेलवे स्टेशन को चल दिए. स्टेशन पर ट्रेन नही आई थी और अभी देर थी.

रात का सफ़र था और ट्रेन बीच में कही रुकती भी नही थी इसलिए मेने सुनील से कहा कि कोई मॅगज़ीन ले आए रास्ता काटने के लिए. वह कुच्छ बुक्स ले आया. 10 मिनिट बाद ट्रेन आई तो हम लोग अपने कॅबिन में बैठ गये. इस कॅबिन में केवल 4 बर्त थी तीन हमारी थी और एक किसी और की होगी. कुच्छ देर बाद ट्रेन ने विज़ल दी और सरकने लगी तभी एक जवान खूबसूरत लंबा सा आदमी कॅबिन में आया. चौथी बर्त उसी की थी. जब ट्रेन चल दी उसने डोर लॉक कर दिया और अपनी बर्त पर जाकर लेट गया. ट्रेन रफ़्तार ले रही थी. इस कॅबिन में दो जवान लड़कियाँ और दो जवान मर्द सफ़र कर रहे थे. में और सुनील नीचे की बर्त पर थे और सलमा और वह अजनबी ऊपर की बर्त पर. मेने सुनील से मॅगज़ीन माँगी तो उसने अपनी पॉकेट से एक स्माल बुक निकालकर देदी. बुक के कवर पर ही एक जवान और खूबसूरत गर्ल की न्यूड फोटो थी. पहले पहल तो में नंगी लड़की की तस्वीर देखकर हिचकिचाई लेकिन फिर मेरे मन में उस बुक को अंदर से देखने की ललक जाग उठी. नंगे फोटो ने मेरे बदन में झुरजुरी पैदा कर दी थी. मेने सुनील को गुस्से से देखा तो वह मुस्कराने लगा और खुद भी एक छ्होटी सी बुक निकालकर पढ़ने लगा. वह अजनबी भी न्यूसपेपर पढ़ने लगा. सिर्फ़ सलमा ही कुच्छ पढ़ नही रही थी बल्कि वह उस अजनबी को घूर रही थी. ओह नो, जब मेने वह बुक पढ़नी शुरू की तो में हैरान रह गयी. उसमें राज शर्मा की बहुत ही सेक्सी चुदाई की स्टोरी थी जिसे पढ़कर में बैचेन हो गयी और पूरी स्टोरी पढ़ ली.

उसमे लड़की के भाई के दोस्त भी लड़की को भाई के साथ मिलकर चोद्ते हैं. में स्टोरी पढ़ते हुए हॉर्नी हो गयी और अपने एक हाथ को चूत पर लेजाकर चूत सहलाने लगी. अपने हाथ को शलवार के अंदर डालकर चूत सहलाते हुए क्लाइटॉरिस को मसल्ने लगी. चूत से पानी लीक होने लगा था और में आँखें बंदकर मस्ती ले रही थी. तभी मुझे लगा कि कोई मेरी जुम्पर के ऊपर से मेरे मम्मों को चूस रहा है. आँखे खोला तो वह कोई और नही बल्कि सलमा का क्लासमेट सुनील था. वह मेरे पास आकर घुटने के बल बैठकर मेरी चुचि को मुँह में लेकर चूस रहा था और दूसरे हाथ से दूसरी चुचि को दबाने लगा. उसे ज़रा भी डर नही था की कॅबिन में और लोग भी है. में तो खुद मस्त थी इसलिए सुनील की गर्दन में हाथ डालकर उसे अपने चेहरे पर झुका लिया. अब उसके गरम लिप्स मेरे लिप्स से चिपक गये. ओह बड़ा ही मज़ेदार किस था. सुनील अपनी जीब को मेरे मुँह में डालकर किस कर रहा था. में भी अपनी गुलाबी गरम जीभ(तौँगे) को उसके मुँह में डालकर चारो तरफ घुमाने लगी. हम लोगो की चुम्मा चाती की आवाज़ें कॅबिन में गूँज रही थी लेकिन हमें किसी की परवाह नही थी. सुनील ने मेरी जुम्पर के बटन को खोल दिया और मेरी संतरे के बराबर की चुचियों को नंगा कर दिया. फिर एक चूची को दोनो हाथ से पकड़कर दबाते हुए चूसने लगा. मेने उसके सिर को हाथ से पकड़कर अपनी चुचियों पर दबा लिया ताकि वह सही से चूस सके. मस्ती में यह भी भूल गयी थी कि सलमा और एक अजनबी आदमी ऊपर की बर्त पर लेटे हैं. अब सुनील मेरे ब्राउन कलर के निपल को दबा दबाकर चूस रहा था और दूसरी चुचि को दबा रहा था. में अपनी चूसी जा रही चुचि को देख रही थी. एकाएक मेरी नज़र ऊपर की बर्त पर चली गयी. ऊपर देखा तो हैरान हो गयी. सलमा शायद सुनील को मेरे साथ मज़ा लेते देखकर जोश में आ गयी थी. वह उस जवान अजनबी के साथ लिपटी हुई थी. सलमा खुद उस अजनबी की बर्त पर चली गयी थी और मेरी तरह उसके साथ मज़ा ले रही थी. वह अजनबी सलमा के गोरे बदन पर हाथ चला रहा था और सलमा अपनी टाइट चुचियों को उसके चौड़े चेस्ट पर रगड़ रही थी. उसने अपनी जम्पर को खोलकर अलग कर दिया था और बर्त पर कोने में डाल दिया था. सलमा उस आदमी के होंठों को अपने मुलायम होंठों में दबाकर चूस रही थी. तभी सलमा ने अपनी एक चून्चि को उसके मुँह पर रखकर दबाया तो वह अजनबी उसके ब्राउन कलर के निपल को दबा दबाकर चूसने लगा. उसकी चूचियाँ बहुत टाइट हो गयी थी और ब्राउन कलर के निपल तने थे. एधर सुनील मेरी चूचियों को बारी बारी से चूस रहा था. में मज़ा लेती अपने हाथों से उसे पिला रही थी. मेरी चूत मेरी गोरी-गोरी जाँघो के बीच गीली हो गयी थी और उससे चूत का रस्स टपक रहा था. तभी सुनील अपना एक हाथ नीचे लाया और मेरी शलवार का एज़ॅरबॅंड खोलकर उसे सरका दिया और में नीचे से एकदम नंगी हो गयी. मेरी चूत जब नंगी हुई तो वह अपने हाथ से मेरी चूत पर उगी घनी घनी झांतों को सहलाने लगा. मेरी झाँटें चूत के पानी से भीग गयी थी. तभी उसने अपनी उंगली मेरी चूत में डाली तो में बोल पड़ी”ओह सुनील डार्लिंग, बहुत मज़ा आ रहा है. राजा प्लीज़ अपने लंड को मेरी चूत में पेलकर फाड़ दो मेरी चूत को. अपने लंड का पानी मेरी चूत को पिलाकर इसकी प्यास बुझा दो.” चालाक छ्होकरा था. मुझे सिसकारते देखकरा समझ गया की लौंडिया पैल्ने के लिए तैयार है. मेरी बेचैनी देखकर वह मुस्कराने लगा. वह मुझसे अलग हुवा और अपने कपड़े उतारने लगा. जब वह नंगा हुवा तो उसका अनकट, मोटा लंबा लंड आज़ाद होकर फुदकने लगा. पहले तो में सलमा की वजह से डर रही थी पर सलमा खुद हम दोनो को आपस में उलझे देखकर उस अजनबी जवान के साथ लिपटी थी. सलमा की तरफ से मेरा डर और शरम ख़त्म हो गयी थी. फिर मेने उसके हार्ड लंड को पकड़ा तो मेरा बदन कापने लगा. उसके लंड को सहलाते हुए अपनी चूचियों को दब्वा रही थी. उसका लंड चिपचिपा गया था जिससे मेरी उंगलियाँ भी लसलसा गयी और मेरा मंन उसके प्रेकुं को चाटने का हुवा तो में बोली”ओह सुनील में तुम्हारे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसना चाहती हूँ. इसका रस्स चाटना है मुझे.” मेरी बात सुनकर वह अपना लंड मेरे गुलाबी गालों पर रगड़ने लगा. गाल पर गरम लंड का टच मुझे सिहराने लगा. इतने पास लंड को देखकर मेरी प्यास बढ़ी तो मेने लिप्स खोल दिए तो सुनील ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया.

उसका लंड इतना मोटा था और केवल उप्पेर का हिस्सा ही अंदर गया. में उस पर लगे नमकीन रस्स को चाटने लगी तो सुनील अपने लंड को इन आउट करते मेरे मुँह को चोदने लगा. में भी उसके लंड पर अपना मुँह दबा दबाकर उसका लंड चूस रही थी. तभी वह उठा और मेरे मुँह से लंड निकालकर मेरी टाँगों के बीच आ गया. उसने मेरी जांघों को फैलाया और बीच में बैठ गया. उसने मेरे पैरों को अपने कंधे पर रख लिया जिससे मेरी चूत उसके लंड से टच करने लगी. मेरी चूत लंड के लिए बेकरार थी पर वह अपने लंड को चूत के चारो तरफ रगड़ने लगा. कुच्छ देर बाद लंड को चूत के छेद पर लगाकर दबाया तो 1/4 लंड मेरी गीली चूत के अंदर चला गया. लंड अंदर जाते ही मेने अपने पैरों से सुनील की गर्दन कस ली और उसके पूरे लंड को खाने के लिए कमर को उच्छालने लगी. मेरा मंन सुनील के पूरे लंड को निगलने को हो रहा था. चूत में लंड जाते ही सुनील लंड को धक्का देने लगा और में चूत को उसके मोटे लंड से चिपकाने की कोशिश करने लगी. हर धक्के के साथ लंड मेरी टाइट चूत में पिस्टन की तरह जाने लगा. मुझे हल्के दर्द के साथ जन्नत का मज़ा मिलने लगा. अब सुनील धक्का लगाते हुए मेरी रसीली चूत में अपने मोटे लंड को पेल रहा था. तभी मेरी नज़र ऊपर की बर्त पर चली गयी. सलमा और वह अजनबी एकदम नंगे थे. सलमा उस अजनबी के ऊपर लेटी थी और चूत को उसके खड़े लंड पर दबाकर रगड़ रही थी. फिर सलमा ने उसके लंड को पकड़कर अपनी चूत के सेंटर पर लगाकर कमर को दबाया तो उसका लंड सलमा की चूत में सरकने लगा. सलमा उसके लंड को खाने के लिए कमर उच्छाल उच्छाल कर धक्के लगाने लगी. उसके नाज़ुक बदन का भार उस अजनबी के ऊपर था जिससे उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ उसके मुँह से रगड़ खा रही थी. अब वह अजनबी उसकी एक चुचि को मुँह में लेकर चूस्ते हुए दूसरी को मसल रहा था और सलमा की कमर को अपने पैरो से जाकड़ कर नीचे से धक्का लगा रहा था. तभी सलमा की नज़र मुझसे मिली तो उसने मुस्कराने की कोशिश की पर मस्ती की वजह से मुस्करा ना पाई. वह उस अजनबी से चुदवाने में बिज़ी थी. सलमा का चूतड़ उसके लंड पर फिरकी की तरह नाच रहा था और उसकी चूत में लंड फ़चा फ़च अंदर बाहर हो रहा था. सलमा अपनी चुचियों को चुस्वाते हुए ढ़ाचढ़च लंड को चूत में ले रही थी. उसकी चूत से चुदाई का पानी बह रहा था. उसके आँखें लाल हो गयी थी और वह मदहोशी के आलम में चिल्ला रही थी”ओह ओह डार्लिंग मेरे राजा बहुत मज़ा आ रहा है.” वह कराहते हुए बोल रही थी. उसे ज़रा भी होश नही था की कॅबिन में और लोग भी हैं. में समझ गयी कि वह खल्लास होने वाली है. वह बड़ी तेज़ी से अपनी गांद उठा उठाकर धक्के लगा रही थी. तभी एक ज़ोरदार धक्के के साथ सलमा उस अजनबी के ऊपर गिरकर उससे चिपक गयी. में समझ गयी की उसकी चूत ने चूटरस छ्चोड़ दिया है. उस अजनबी ने उसे कसकर अपने बदन से चिपका लिया था. सलमा उससे चिपकी ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रही थी. इधर सुनील अपने लंड को जड़ तक मेरी चूत में पेलकर धक्के लगा रहा था. वह अपने पूरे लंड को बाहरकर करारे धक्के के साथ चूत के अंदर तक पेल रहा था. में अपने पैरों से उसके कंधे को जकड़ते हुए उसकी गांद के च्छेद को कुरेद रही थी.

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उसकी मस्ती भी इनक्रीस कर रही थी. मेने एक चुचि को हाथ से पकड़कर उसे चूसने का इशारा किया तो वह अपने मुँह को चुचि पर लाया और फिर खूब सा थूक उस पर गिराया और फिर जीभ से उसे पूरी चुचि पर लगाने लगा. फिर दोनो चुचियों पर थूक लगाकर एक को मसल्ते हुए दूसरी को चूसने लगा. निपल को फिंगर से चुटकी ले रहा था जिससे में जन्नत में थी. तभी सलमा उस अजनबी के बदन से अलग हुई और वो दोनो हम लोगो के पास आ गये. उस अजनबी का लंड अभी भी टाइट था और उसपर सलमा की चूत का गाढ़ा वाइट रस लगा था. तभी उस अजनबी ने सुनील के पीछे आकर उसके चूतड़ को सहलाया और फिर एक उंगली सुनील की गांद में पेल दी. एकाएक गांद में उंगली जाने पा सुनील दर्द से कराह उठा और मेरी चुचि उसके मुँह से बाहर हो गयी. वह अजनबी सुनील के दर्द की परवाह ना कर उसकी गांद को फिंगर फक करने लगा. तभी सलमा एकदम नंगी ही मेरे पास आई और सुनील के थूक से भीगी मेरी चुचियों को चाटने लगी. अब कॅबिन में चारो लोग एक दूसरे से उलझे थे. अब वह अजनबी अपने हेवी लंड को धीरे धीरे सुनील की गांद में पेल रहा था और सुनील का लंड मेरी रिस रही चूत में उस अजनबी के धक्के के साथ आ जा रहा था. सलमा मेरी चुचियों को मज़ा दे रही थी और में उसकी चूत पर लगे चुदाई के पानी को उंगली में ले लेकर चाटने लगी. जब उस अजनबी का पूरा लंड सुनील की गांद में चला गया तो वह गांद मारने लगा और में उसके हर धक्के के साथ नीचे से अपनी गांद उचका उचककर सुनील के लंड को निगल रही थी. कॅबिन में हम चारो की आवाज़ें गूँज रही थी जिससे बड़ा ही अनोखा म्यूज़िक बन रहा था. सलमा को चोदने में वह अजनबी झाड़ा नही था इसलिए वह सुनील की गांद में झरने को बेकरार था. काफ़ी देर बाद सुनील का गाढ़ा पानी मेरी चूत में गिरने लगा तो मेने उसकी गर्दन को मज़बूती से अपने पैरो में जकड़ा और खुद भी झरने लगी. इधर वह अजनबी भी सुनील की गांद में अपना रस छ्चोड़ने लगा. सुनील गांद में गरम पानी महसूस कर काँपने लगा. मेने झरते हुए सलमा के सिर को अपनी चुचियों पर कस लिया था. हम सभी झरने के बाद सुस्त पड़े थे. कुच्छ देर बाद उस अजनबी ने अपना लंड सुनील की गांद से बाहर किया तो सुनील भी मुझसे अलग हुवा. मेरी चूत से सुनील के लंड का रस बाहर आने लगा और उसकी गांद से भी रस बाहर गिरने लगा. सलमा ने अपनी शमीज़ से मेरी चूत सॉफ की और फिर में और सलमा कपड़े पहनकर टाय्लेट चले गये. वाहा जाकर हम दोनो ने पेशाब किया और बिना कुच्छ बोले वापस आए. जब कॅबिन में वापस आए तो वी दोनो कपड़े पहनकर आपस में गपशप कर रहे थे. सुनील ने उस अजनबी का इंट्रोडक्षन देते हुए कहा “सबीहा डार्लिंग यह मिस्टर. ज़ुबैर हैं. यह एक सॉफ्टवेर इंजिनियर हैं और देल्ही तक जा रहे है. और डार्लिंग यह हम लोगो का साथ देल्ही तक देंगे.” “ओह मिस्टर. ज़ुबैर आपसे मिलकर बहुत खुशी हुई. ओह सुनील यह बहुत ही दमदार आदमी लगते है.” में मस्त होकर बोली. ट्रेन अपनी रफ़्तार से चली जा रही थी. हमलॉग आपस में गपशप करते और साथ में छेड़खानी भी कर रहे थे. अब हमलॉग नीचे की बर्त पर ही थे.

एक पर में सुनील के ऊपर लेटी थी और दूसरी बर्त पर सलमा ज़ुबैरल के ऊपर लेटी थी. सुनील मेरी चुचियों को छेड़ रहा था जबकि ज़ुबैर सलमा की गांद सहला रहा था. हमलॉग एक दूसरे को देखकर मुस्करा भी रहे थे. रात के 2 बज रहे थे. अब सुनील मेरे गालों को चूमते हुए मेरी चूत के घने बालों को सहला रहा था और सलमा ज़ुबैर के लंड को सहला रही थी. ज़ुबैर भी उसके मम्मो को मसल रहा था जिससे वह सिसक रही थी. तभी मेरा दिल ज़ुबैर के लंड के ख़याल से सुलग उठा. उसका लंड सुनील के लंड से काफ़ी तगड़ा था. सुनील के लंड का मज़ा तो ले ही चुकी थी अब मेरा मॅन ज़ुबैर के लंड से चुदवाने को बेकरार हो गया. यह ख़याल आते ही में बोली”मेरा ख़याल ही कि अब हमलॉग अपने अपने साथी बदल ले?” मेरी बात सुनकर ज़ुबैर मुझे घूर्ने लगा. उसके घूर्ने के अंदाज़ से में समझ गयी कि वह भी मेरी जवानी को चखना चाहता है. में उसके घूर्ने पर मुस्करती हुई बर्त से उठी तो वह फ़ौरन मेरे पास आया और चिपककर चूमने लगा. उसका किस मुझे मदहोश कर गया और में उससे चिपक गयी. सुनील और सलमा एक बर्त पर चुपचाप बैठे हम्दोनो को देख रहे थे. में ज़ुबैर के साथ खूब आह ऊह कर सीसियाते हुवे मज़ा ले रही थी. हम दोनो एक दूसरे को लिप्स पर किस कर रहे थे. ज़ुबैर मेरे नाज़ुक बदन को भींचकर मेरे लिप्स चूमते हुए मेरी जुम्पर को अलग करने लगा. मुझे इस वक़्त कपड़े बहुत भारी लग रहे थे. नंगे होकर ही चुदाई का मज़ा आता है. कुछ देर में ज़ुबैर ने मुझे नंगा कर दिया और मेरी गोरी गोरी चुचियों को मेरे पीछे से चिपक कर पकड़ लिया और दबाने लगा. इस तरह से उसका लंड गांद पर चिपका था और मेरी सनसनी इनक्रीस करने लगी. मेने सुनील और सलमा को देखा तो वे अलग अलग बैठे हमें ही देख रहे थे. अब ज़ुबैर अपनी उंगली को मेरी चिपकी जाँघो पर लाकर मेरी चूत सहलाने लगा था. तभी उसने मेरी क्लाइटॉरिस को मसला तो मेरी चूत ने जोश में आकर पूछ से पानी बाहर फेंक दिया. में मस्त होकर चूत में लंड डलवाने को बेकरार हुई तो ज़ुबैर के कपड़े खोलकर उसे भी एकदम नंगा कर दिया. ओह अल्लाह, पॅंट अलग होते ही ज़ुबैर का लंड फुदकने लगा. एकदम आइरन रोड की तरह लग रहा था. उसका लंड अपने हाथ में लेकर में सहलाने लगी. सच, सुनील के लंड से काफ़ी बड़ा था. में हाथ से मुठियाने लगी तो ज़ुबैर मेरी चूत को फिंगर फक करने लगा. कुच्छ देर बाद ज़ुबैर नीचे बैठा और अपना चेहरा मेरी जाँघो के बीच ला मेरी चूत पर जीभ फिराने लगा. ओह… चूत चुसवाने पर में गन्गना उठी.

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वह अपनी जीभ को चूत के चारो तरफ फिरा कर चाट रहा था. मेरी झांतो को भी चाट रहा था और में अपनी जाँघो को फैलाती चली गयी. उसके थूक से मेरी चूत भीगी थी और वह क्लाइटॉरिस को मुँह में लेकर चूस रहा था. सुनील और सलमा अभी भी चुपचाप हम दोनो को देख रहे थे. में सलमा से बोली”अरे सलमा तुम क्या हमलगो को ब्लू फिल्म की तरह देख रही हो? अरे क्यों मज़ा खराब कर रही हो. तुमको लंड की ज़रूरत है और सुनील को चूत की. तुम सुनील के लंड का मज़ा लो.” मेरे बोलने का असर उन्दोनो पर हुवा. ऊन्दोनो ने एक दूसरे को देखा फिर सुनील उठकर सलमा के पास गया और उसके गाल को चूम लिया. सलमा गाल पर किस पाकर मस्त हो गयी और खड़ी होकर सुनील से चिपककर उसके लिप्स चूमने लगी. मेने ज़ुबैर की चेहरे को अपनी चूत पर दबाया और उन्दोनो को देखने लगी. वो भी अब एक दूसरे से लिपटे थे. सुनील जम्पर के अंदर हाथ डालकर सलमा की चुचियों को पकड़े था और सलमा सुनील के लंड को. अगले कुच्छ ही वक़्त में सुनील ने सलमा को एकदम नंगा कर दिया. सलमा की चूत पर घुंघराले बॉल थे जिनको सुनील उंगली से सहलाने लगा. सलमा ने सुनील के लिए अपनी जांघों को फैलाया हुवा था. तभी सुनील ने उसे उठाकर बर्त पर लिटा दिया. तब सलमा ने दोनो पैरो को चौड़ा किया तो ज़ुबैर की तरह सुनील भी उसकी चूत पर झुकता चला गया. सुनील अपनी जीभ निकालकर सलमा की चूत को चाटने लगा. सलमा के पैर मेरी तरफ होने की वजह से नज़ारा एकदम क्लियर मिल रहा था. सलमा कमर उच्छालकर चटा रही थी. फिर सुनील ने अपनी जीभ सलमा की चूत में पेल दी और सलमा कोजीब से फक करने लगा. सलमा अपनी चूत को सुनील की जीभ पर नचाने लगी. सलमा की चूत के नमकीन रस को सुनील मज़े से चाट रहा था. इधर ज़ुबैर भी सुनील की तरह मेरी चूत के पिंक होल में अपनी जीभ पेलकर मुझे जीब से फक कर रहा था. सुनील की तरह ज़ुबैर ने भी मेरी टाँगो को फैलाया हुवा था. में जब बेकरार हो गयी तो बोली”ओह ज़ुबैर डार्लिंग अब चूत को चूसना ख़तम करो और मेरी चूत में अपना लंड डाल दो नही तो में मर जाउन्गी. आ जल्दी चोदो मुझे.” मेरी बात सुनकर ज़ुबैर ने अपने लंड को मेरी चूत पर सेटाकर एक करारा शॉट मारा तो उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुवा अंदर जाने लगा. दर्द हुवा तो मेरे मुँह से निकल पड़ा”हे राजा आराम से. ओह तुम्हारा तो सुनील से बहुत मोटा है. ज़रा धीरे धीरे पेलो डार्लिंग में कही भागी नही जा रही हूँ.” ज़ुबैर मेरी बात सुनकर रुक गया और मेरी चुचियों को दबाने लगा. वह लंड को मेरी चूत में डाले दोनो मम्मो को दबा रहा था. कुच्छ देर बाद दर्द कम हुवा और मज़ा आया तो में नीचे से गांद उचकाने लगी. वह मेरी कमर के उच्छाल को देखकर समझ गया और धक्के लगाने लगा. कुच्छ पल में ही उसका लंड मेरी चूत की तह में ठोकर मारने लगा. ज़ुबैर के साथ तो अनोखा मज़ा आ रहा था. उसके पेलने के अंदाज़ से ज़ाहिर हो रहा था कि वह चुदाई में माहिर है. वा मेरे मम्मो को दबाते हुवे चूत की तह तक हमला कर रहा था. में होश खो बैठी थी. उधर चूत चूसने के बाद सुनील सलमा की चुचियों को चूस रहा था. सलमा अपने हाथ से अपने मम्मों को सुनील को चूसा रही थी. सलमा ने सुनील के कपड़े अलग कर दिए थे और उसके लंड को मुठिया रही थी.

वह मेरी ऊवार देखकर बोली”ओह सुनील देखोना ज़ुबैर और सबीहा को कैसे मज़े से चोद रहा है. तुम भी अब मुझे तरसाओ नही और जल्दी से मुझ को चोदो.” सुनील ने सलमा के पैरो को अपने कंधे पर रखकर लंड को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया तो सलमा बोली “ओह्ह हेय मेरे राजा, क्यों मुझे को तडपा रहे हो. हे जल्दी से मुझ को चोद दो.” सुनील ने अपने लंड को उसकी चूत पर लगा धक्का लगाया तो चौथाई लंड उसकी चूत में चला गया. सलमा ने उसके चूतादो को दबाते हुवे कहा”यस यस डालो. पूरा डालकर चोदो.” वो दोनो एक दूसरे के ऑपोसिट धक्के लगाने लगे और इस तरह सुनील का पूरा लंड सलमा की चूत में चला गया. सलमा की चूत के बॉल उसके लंड के चारो ऊवार फैल गये थे. सुनील पूरा पेलकर उसके मम्मो को मसल्ने लगा था. इधर ज़ुबैर मेरी चूत में अपने मोटे लंबे लंड को पुक्क पुक्क अंदर बाहर कर रहा था और में हर धक्के के साथ सिसक रही थी. सुनील से चुदवाने से ज़्यादा मज़ा मुझे उस अजनबी ज़ुबैर के साथ आ रहा था. में चुदवाते हुए दूसरी बर्त पर भी देख रही थी. सुनील मम्मों को मसल्ते हुए सलमा की चूत को चोद रहा था और वह नीचे से कमर उचकाते हुए सुनील की गांद को कुरेद रही थी. अब सुनील सलमा की चुचियों को मुँह में लेकर चूस्ते हुवे तेज़ी से चुदाई कर रहा था. सलमा मदहोशी में बोली”ओह सुनील मेरे यार बहुत मज़ा आ रहा है. हे और ज़ोर से चोदो. पूरा जाने दो फाड़ दो मेरी चूत. चिथड़े उड़ा दो.” सलमा पूरे जोश में अपनी कमर उचका कर लंड का मज़ा ले रही थी. में उन्दोनो की चुदाई का नज़ारा करते ज़ुबैर से चुदवा रही थी. ज़ुबैर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा तो मुझे ऐसा लगा कि मेरी चूत से पानी निकाल पड़ेगा. ऐसा महसूस करते ही मैं ज़ुबैर से बोली”आह ज़ुबैर डार्लिंग मेरा निकलने वाला है. राजा मेरी हेल्प करो तुम भी मेरे साथ ही अपनी मलाई मेरी छूट में ही निकालो.” ज़ुबैर पर मेरी बोली का असर हुवा और वा तेज़ी से चुदाई करने लगा. कुच्छ देर में ही मेरी चूत से फव्वारा चलने लगा और मेरे साथ ही ज़ुबैर के लंड की पिचकारी भी चल दी. उसकी पिचकारी ने गरम पानी से मेरी चूत भर दी. जब मेरी चूत भर गयी तो मलाई चूत से बाहर निकलने लगी. झड़ने के बाद हम दोनो एक दूसरे लिपटकर उखड़ी सांसो को दुरुस्त करने लगे. मेरा ध्यान फिर सलमा की तरफ गया. सलमा मदहोशी में कराह रही थी और कमर को हवा में लहराते हुवे सुनील से चुदवा रही थी. कुच्छ देर बाद जब ज़ुबैर अलग हुवा तो में उठकर सलमा के पास गयी. मेरी चूत लंड के पानी से चिपचिपा गयी थी और ज़ुबैर के लंड ने इतना ज़्यादा पानी उगला था कि जांघे तक भीगी थी. में ऐसे ही सलमा के पास गयी और उसको लिप्स पर किस करने लगी. सलमा ने मेरी गर्दन दो अपने हाथो से पकड़ लिया और मेरे सिर को अपनी चुचियो पर लाने लगी. मैं समझ गयी की वह अपनी चुचियो को चुसवाना चाहती है. में उसके एक माम्मे को मुँह में लेकर चूसने लगी. उसकी एक मोटी मोटी चुचि को चूस्ते हुवे में दूसरी को दबाने लगी. सलमा चूतड़ तेज़ी से उठाने गिराने लगी और सुनील भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा. 20-22 धक्को के बाद सलमा की गांद रुक गयी. उसकी चूत से पानी गिरने लगा था. सुनील ने भी दो चार धक्के और लगाए और सलमा के ऊपर लेटकर लंबी लंबी साँसे लेने लगा. उसका लंड भी गरम लावा निकल रहा था. सुनील अपनी क्लासमेट की चूत में अपने लंड का माल उंड़ेल रहा था. वो दोनो काफ़ी देर तक सुस्त होकर एक दूसरे से चिपके रहे. फिर वो अलग हुवे तो मेने सलमा की ओर अपनी चूत सॉफ की फिर दोनो के ढीले लुंडो को भी सॉफ किया. फिर हमलॉग अलग होकर सोने चले गये. मुझे नीद नही आ रही थी. मेरी आँखों के सामने दोनो के लंड नाच रहे थे. ज़ुबैर का देल्ही में अपना फ्लॅट था और वो अनमॅरीड था. उसने सुनील और मुझ को अपने फ्लॅट में रुकने को कहा तो में तय्यार हो गयी. सलमा अपनी सिस्टर के घर चली गयी. ज़ुबैर ने उसको भी अपनी कॉंटॅक्ट डीटेल्स देदी. ज़ुबैर के फ्लॅट पर ज़ुबैर ने मुझे कैसै चोदा! वो में आप लोगो की फीड बॅक मिलने पर लिखूं गी.
समाप्त



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