कमल ने अपनी मम्मी को चोदा

कुछ देर के बाद कमल ने मम्मी को ड्रेसिन्ग टेबल के सामने खड़ा कर दिया और मम्मी की चूत को देख देख के पेलने लगे। मम्मी की चूत पर अपने हाथ रखने के बाद वो मम्मी को वैसे ही झटके लगाते रहे और मम्मी के गाण्ड में अपने पूरे लण्ड को घुसा दिया। अब उनका पूरा लण्ड मम्मी के गाण्ड में चला गया था। कुछ देर तक उसी तरह से झटका लगने के बाद कमल ने देखा कि उनके कमर की स्पीड बढने लगी तो मैं समझ गया कि उनका सब अब अन्तिम पोजिशन पर था। मेरा सोचना बिलकुल ही सही था। क्योंकि कुछ देर के बाद कमल मम्मी के कन्धे पर अपने सर रख के शान्त पड़ गये। कुछ देर तक वैसे खड़े रहने के बाद कमल ने अपने लण्ड को मम्मी के गाण्ड से निकाल दिया। अब मम्मी बथरूम में चली गई। कमल भी उनके पीछे चले गये। कुछ देर के बाद जब दोनो बाहर निकले तो कमल ने देखा कि मम्मी ने कमल के लण्ड को अपने एक हाथ से पकड़ रखा था। रूम में आने के बाद कमल ने देखा कि कमल बेड पर बैठ गये। अब मम्मी को इशारे से लण्ड को चाटने के लिये बोले। मम्मी फ़र्श पर बैठ गई और कमल के लण्ड को अपने मुह में लेके चाटने लगी। कमल मम्मी के चूंची को अपने हाथ में ले के धीरे धीरे दबाने लगे। लगभग पांच मिनट के बाद जब कमल पूरी तरह से गरम हो गये तो मम्मी को लण्ड को छोड़ने के लिये बोला। मम्मी ने जब लण्ड को मुह से निकाला तो कमल ने देखा कि कमल का लण्ड पूरी तरह से तन चुका था। अब कमल का लण्ड मम्मी की चूत में जाने के लिये पूरी तरह से तैयार हो चुका था। अब कमल ने मम्मी को बेड पर लेटने के लिये बोला। मम्मी बिस्तर पर लेट गई।

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कमल ने मम्मी के चूत के बालो को सहलाना शुरू किया। मम्मी ने अपने अखे बंद कर लिया और जोर जोर से सासे खींचने लगी। इसके बाद कमल ने मम्मी के चूत को अपने दोनो हाथो से फ़ैलाया और बोले ये तो बहुत ही सख्त है। जैसे कि अभी तो बिलकुल ही कुवारीहै। अब वो पास के अलमारे से सरसो के तेल के दीबे को लेकर पास के टेबल पर रख दिया। अब कमल ने मम्मी के चूत पर तेल लगाने लगे। मम्मी के चूत पर तेल लगने के बाद अपने लण्ड पर तेल लगया। इसके बाद कमल मम्मी के जांघ पर बैठ गये। अब उनके लिये बर्दाश्त करना जैसे मुश्किल हो रहा था। कमल ने अपने लण्ड को एक हाथ से पकड़ के मम्मी के चूत पर सटाया और दूसरे हाथ से मम्मी के चूत को फ़ैलाया। कमल ने अपने लण्ड को मम्मी के चूत के होल पे रख के अपने कमर को हलका सा आगे के तरफ़ पुश किया तो मम्मी के मुह से हल्की सी सिसकी निकिली। मैं समझा कि मम्मी के चूत में उनका लण्ड का लाल टोपा भीतर चला गया होगा। लेकिन ऐसा नहीं था। मम्मी कि चूत कमल के लण्ड के लिये छोटी थी। अब कमल ने मम्मी के दोनो पैरो को फ़ोल्ड कर के फ़ैला दिया और दोनो पैरो के बीच में आ गये। अब मम्मी के चूत पर अपने लण्ड को सटा के रगड़ने लगे। दो मिनट तक ऐसा करने से मम्मी धीरे धीरे गरम होने लगी और तेज सांसे लेने लगी। कुछ देर के बद मम्मी ने अपने चूत को अपने दोनो हाथो से फ़ैला दिया और राज को लण्ड को घुसने के लिये बोली। कमल ने अपने लण्ड को मम्मी के चूत के छेद पर रख के जोर से झटका मारा तो मम्मी अपने जगह से दो इन्च ऊपर घसक गई। कमल ने ध्यान से देखा तो पाया कि कमल का लण्ड मम्मी में चला गया था। अब कमल अपने कमर को धीरे धीरे हिलाने लगे और मम्मी उनके हर झटके के साथ हिलाने लगी।

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