पिछली हॉट सेक्स कहानी में ढेर सारा प्यार दिखाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.
दोस्तों स्टोरी लिखने के लिए तोड़ा टाइम नही मिल रहा. इसलिए ये स्टोरी तोड़ा लाते आ रही है. इसके लिए माफी चाहता हू. बहुत जान मैल किए है पिछली कहानी पढ़ के. उनको सिमरन भी बहुत अची लगी. और वो चाहते है की ऐसे ही कहानी को प्यार और चुदाई के साथ आयेज बढ़ते रहे. तो दोस्तों चलिए दीप्शिखा की चुदाई कैसे हुई वो पढ़ते है.
जॅक अब अपना एक हाथ दीप्शिखा के रिघ्त बूब पे ले जेया के बड़े प्यार से हल्के-हल्के मसलता है. फिर वो हल्के हाथो से दीदी के निपल को रब करता है.
जॅक को इतना बढ़िया लग रहा था दीप्शिखा के कोमल से सॉफ्ट बूब्स दबाने में. वो तोड़ा तेज़ दबाना स्टार्ट करता है. दीप्शिखा दीदी की आखें बंद हो जाती है. अपने सॉफ्ट बूब्स पे ऐसे रफ स्ट्रॉंग हाथ उसे फिर से एग्ज़ाइट कर रहे थे.
जॅक अब तोड़ा नीचे होके अपना मूह दीदी के बूब्स के उपर रख देता है. फिर वो अपनी टंग निकाल के दीप्शिखा के निपल को लीक करता है. दीप्शिखा अब अपना हाथ जॅक के हेड पे घूमने लगती है.
जॅक अब आचे से पुर बूब को सक करता रहता है. दीदी अपना हाथ जॅक के हेड पे घूमने लग जाती है. जॅक समझ जाता है की दीप्शिखा को मज़ा आ रहा था.
जॅक अब घूम के दीप्शिखा दीदी को अपने उपर ले आता है. ऐसा करने से दीदी के बूब्स जॅक के मूह के उपर लटक जाते है. जॅक को अब ईज़ी हो जाता है दीप्शिखा बूब्स चूसने में.
वो अब पूरा मूह खोल के उसका आधा बूब मूह में लेके आचे से चूसने लगता है. और दूसरे हाथ से दीदी के दूसरे बूब को आचे से दबाने लगता है. जॅक दोनो बूब्स बारी-बारी आचे से चूस्टा है. अब वो तोड़ा नीचे होके दीदी के पेट पे किस करता है. फिर तोड़ा और नीचे होके उसकी नेवेल पे किस करता है.
थोड़ी देर नेवेल पे किस करने के बाद वो और नीचे होता है, और फिर से उसके सामने दीप्शिखा दीदी की छूट थी. इस बार वो बस छूट पे 1 किस करता है और खड़ा हो जाता है. अब उसके सामने दीप्शिखा पूरी नंगी लेती हुई थी. उसके बूब्स और छूट गीले होने की वजह से अलग ही चमक रहे थे.
जॅक ने अब अपनी जीन्स उतार के अपने लंड को आज़ाद कर दिया. दीप्शिखा दीदी का पूरा ध्यान बस जॅक के लंड की उपर था. जॅक बेड के बगल में दीप्शिखा के सामने खड़ा था. वो अपने एक हाथ से अपना 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड हिला रहा था. उसका लंड फुल हार्ड था.
दीप्शिखा की नज़र जॅक के लंड पे थी. और जॅक की नज़र दीप्शिखा की चमकती हुई छूट पे. तभी जॅक आयेज होके दीदी के हाथ पकड़ के बिता देता है. अब दीप्शिखा दीदी के बिल्कुल मूह के सामने जॅक का विशालकाए लंड सलामी दे रहा था. लंड मोटा, काला, बिल्कुल किसी रोड के जैसा लग रहा था.
जॅक के लंड के टोपे पे तोड़ा प्रेकुं लगा हुआ था. जिससे वो हिस्सा अलग ही चमक रहा था.
जॅक: चलो चूसो जल्दी.
दीप्शिखा अपने हाथ से थूक लेके लंड पे उपर से नीचे तक सहलाती है.
जॅक (मुस्कुरा के): हाथ में ही करोगी, या टेस्ट भी करोगी?
दीप्शिखा कुछ नही बोल पाई. जॅक एक हाथ दीदी के कंधे पे रख के लंड पे झुकता है. दीप्शिखा ना चाहते हुए भी लंड की तरफ झुकती चली गयी. उसके लिप्स अपने आप खुल गये, और लंड का टोपा उसके पिंक लिप्स के बीच आ गये.
जॅक अब दीप्शिखा के सर को पकड़ के अपने लंड पे उपर-नीचे करने लगा. ऐसे करने से दीप्शिखा भी आसानी से अब लंड को चूज़ जेया रही थी. साथ ही जॅक अब झुक के अपना हाथ दीप्शिखा के बूब्स पर मसालने लगता है.
थोड़ी देर बाद अब जॅक दीप्शिखा को बेड पे लिटा के लंड चूसने को बोलता है. फिर जॅक अपने हाथ से छूट को रब करने लगता है. दीप्शिखा मूह में जॅक का लंड चूस्टे हुए, अपनी छूट को रब करवाते हुए जैसे पागल हो रही थी. अपनी छूट पे पहली बार किसी मर्द का हाथ को महसूस करना, अपने हाथ से छूट रगड़ने से काफ़ी अलग था.
जॅक को भी अब मज़ा आने लगा था. दीप्शिखा की थूक से जॅक का लंड और आचे से चमक रहा था. और दीप्शिखा के मूह की गर्मी जॅक को बहुत एग्ज़ाइट कर रही थी.
अब जॅक से रुका नही जाता. वो दीप्शिखा के पैर को पकड़ के बेड के कोने पे ले आता है. जॅक अब नीचे झुक के अपना लंड दीप्शिखा की छूट के उपर रख देता है.
जॅक: रेडी हो जन्नत की सैर के लिए?
दीप्शिखा कुछ नही बोलती, बस मूह दूसरी तरफ कर लेती है. जॅक समझ जाता है. उसने अब धीरे-धीरे अपने लंड को दबाया, और 10 इंच का भारी लंड करीब 3 इंच तक दीप्शिखा की छूट को चीरता हुआ अंदर घुस गया.
दीप्शिखा: आआहह.. आअहह.. जॅक. धीरे आअहह.
दीप्शिखा ने अपने दांतो से लीप बीते करते हुए दर्द को सहने की पूरी कोशिश की. जॅक एक और धक्का मारता है, और 1इंच और घुस जाता है. दीदी को अब अपने अंदर कुछ गरम-गरम फील होता है.
दीप्शिखा (मॅन में): जॅक दो धक्के मार चुका है, लेकिन इतना दर्द तो नही हुआ.
लेकिन दोस्तों जॅक ने 4 इंच ही लंड अंदर डाला था. 6 इंच और बाकी था. जॅक 2 इंच पीछे लेके फिर से 2 इंच ही घुसा देता है. तभी जॅक एक और तेज़ धक्का मारता है. अब उसका 2 इंच और लंड अंदर चला जाता है. दीदी को अब तोड़ा दर्द होता है. उसने ये धक्का एक्सपेक्ट नही किया था.
दीप्शिखा: आआहह जॅक. आराम से.
तभी जॅक पूरा लंड बाहर निकाल के एक और तेज़ धक्का मारता है. इस बार उसका लंड 7 इंच तक अंदर चला जाता है. इस बार दीदी को बहुत दर्द होता है. उसका मॅन था चीखने का, पर फिर उसे ध्यान आता है की घर में और लोग भी थे. वो अब अपने लिप्स दबा लेती है.
जॅक अब तोड़ा अछा फील कर रहा था. वो अब धीरे-धीरे इसी पोज़िशन मैं हल्के-हल्के धक्के मारने लगता है. दीप्शिखा की छूट बहुत गीली थी इसलिए जॅक का लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था.
दीप्शिखा दीदी का दर्द भी तोड़ा सेट्ल होता है. वो भी अब इन हल्के-हल्के धक्को को एंजाय करने लगती है. पर उसे ये आइडिया नही था की लंड अभी आधा ही गया था.
दीप्शिखा कमर उठा के लंड को अंदर ले रही थी. जॅक भी ये समझ चुका था की अब ये साली तोड़ा और प्रेशर झेल सकती थी. वो 4 से 5 इंच लंड को बाहर निकाल कर अंदर डालने लगा फक.. फक.. फक.. फक.. करते हुए.
दीप्शिखा (जॅक की आँखों में आँखें मिला के): आअहह.. जॅक हा.. ऐसे ही. छोड़ो.. छोड़ डालो… मज़ा आ रहा है, फक.
दीप्शिखा की आँखें बंद हो गयी.
दीप्शिखा: आहह यू ही छोड़ते रहो जॅक, मुझे तुम्हारा लंड चाहिए. आहह.. छोड़ो.. छोड़ो.. मैं.. तुम्हारे लिए ही बनी हू.. अफ.. फक..
जॅक धक्के लगता रहा. 5 मिनिट बाद दीप्शिखा जॅक के गले में हाथ कस्स ली, और जॅक को जाकड़ लिया.
दीप्शिखा: आहह जॅक. मेरा निकालने वाला है. आअहह… आआहह.
दीप्शिखा की छूट की दीवारो से छूट के पानी की बौछार जॅक के लंड को भीगने लगती है. जॅक मुस्कुरा के दीप्शिखा के लिप्स को चूसने लगा. दीप्शिखा झाड़ के थोड़ी ढीली पद गयी. जॅक छूट से लंड निकाल लिया. छूट के पानी से भीगा लंड चमक रहा था.
जॅक: इसको मूह में लेलो मेरी जान. अपनी छूट का पानी टेस्ट करो. लंड पे लगा छूट का पानी और ज़्यादा टेस्टी लगता है.
दीप्शिखा ने उठ के लंड को मूह में ले लिया, और कस्स-कस्स के चूसने लगी. उसको सच-मच वो और ज़्यादा टेस्टी लग रहा था. दीप्शिखा आँखें उपर उठाए जॅक की आँखों से आँखें मिलाए लंड को चूस रही थी. जॅक फिर लंड को दीप्शिखा के मूह से निकालता है.
दीप्शिखा: तुम्हारा भी पानी निकला क्या?
जॅक (मुस्कुरा के): मेरा पानी निकला होता तो तुम्हे पता नही चलता क्या? चलो लेट जाओ.
दीप्शिखा मुस्कुराइ और लेट के टाँगें खोल के जॅक को देखती बोली-
दीप्शिखा: छोड़ो मुझे मेरे जानू. मैं फिर से झड़ना चाहती हू. बहुत टेस्टी है मेरी छूट का पानी.
जॅक: तुम्हे अपनी छूट झदाने की ही फिकर है?
दीप्शिखा: नही जानू, तुम्हारा लंड भी तो तभी झदेगा ना जब और छोड़ोगे मुझे.
जॅक: ये हुई ना बात. जाम के छोड़ूँगा तो.
दीप्शिखा: क्यूँ नही. जाम के छोड़ो. मेरी छूट पे तुम्हारा ही तो हक़ है.
जॅक एक बार फिर से उसका लंड दीप्शिखा की छूट में उतारने लगा. इस बार जॅक पहले से ज़्यादा फ्री हो कर छोड़ने लगा. लेकिन इस बात का ख़याल वो रखा था, की बस 6 इंच तक ही अंदर डालूँगा.
दीप्शिखा बूब्स को मसालते हुए अपनी कमर को उपर-नीचे करते हुए लंड छूट के अंदर लेने लगी. वो भी लंड अपनी छूट के अंदर महसूस करती हुई मोन कर रही थी.
दीप्शिखा: आआहह जॅक.. छोड़ो.. मेरे.. जानू. तुम्हारे लंड से चूड़ने के लिए ही पैदा हुई हू मैं.
जॅक ने धक्को की स्पीड बधाई. फक.. फक.. फक फक.. लंड छूट के अंदर-बाहर हो रहा था. दीप्शिखा की आँखें जैसे किसी नशे की हेवी डोस से उलट रही थी.
एक पल में लंड छूट के गहराई तक जाता, और दूसरे पल बाहर आता. छूट के अंदर 4 से 5 इंच की गहराई दीप्शिखा को दूसरी दुनिया की झलक दिखा रहा था. 20 मिनिट की धमाकेदार चुदाई के बाद दीप्शिखा फिर से झड़ने के कगार पे आ गयी थी.
दीप्शिखा: आहह.. जॅक मेरा.. अब.. निकालने.. वाला है… आअहह आआआ.
जॅक: ऊहह.. एस…बेबी मेरा भी निकालने वाला है. उफ़फ्फ़…
जॅक अपना लंड बाहर निकाल के बिल्कुल दीप्शिखा के उपर उसके बूब्स के पास ले जाता है. तभी जॅक अपना लंड हिलता है, और दीप्शिखा के बूब्स के उपर अपना माल निकाल देता है. आज भी बहुत सारा क्रीम निकलता है. काफ़ी सारा दीप्शिखा के बूब्स पे गिरा. कुछ दीदी की गर्दन पे. तोड़ा सा उसके लिप्स पे.
ऐसी मलाई अपने उपर गिरने से दीप्शिखा जॅक का लंड पे देखती है, जिससे थोड़ी क्रीम लटक रही थी. दीदी को फील होता है थोड़ी क्रीम उसके लिप्स पे भी गिरी हुई थी. उसके दिमाग़ में पता नही क्या आता है, की वो अपनी टंग निकाल के उस क्रीम की ड्रॉप को अपनी टंग से लीक करने लग जाती है.
उसे वो पुराना टेस्ट याद आ जाता है, जो उसे पसंद भी आया था. अब वो आचे से टंग निकाल के अपने लिप्स को लीक करती है. जॅक ये देख के खुश होता है. वो अब अपने लंड सीधा दीप्शिखा दीदी के मूह के उपर ले आता है. उसके लंड से थोड़ी मलाई लटक रही थी. दीप्शिखा दीदी की नज़र उसपे जाती है.
अब कम के टेस्ट और स्मेल से दीदी मदहोश होने लगी थी. दीप्शिखा से अब रहा नही जाता, और अपनी टंग निकाल के लंड पर लटक रहे क्रीम को चाट लेती है.
जॅक ये देख के बहुत एग्ज़ाइटेड होता है. वो दीप्शिखा के बूब्स पे गिरे हुए क्रीम पे अपने लंड को आचे से रग़ाद के फिर से दीप्शिखा के मूह के पास ले जाता है. दीप्शिखा लंड पे लगी मलाई को आचे से चाटने लगती है. लंड को मूह मैं लेके चूसने लगी, और आचे से लंड को सॉफ करती है. दोनो अब काफ़ी तक चुके थे ऐसी ज़बरदस्त चुदाई के बाद.
जॅक अब दीप्शिखा की बगल में लेट जाता है. दीप्शिखा तुरंत जॅक के पास जाके उससे चिपक जाती है. वो आज लाइफ में पहली बार इतना संतुष्ट फील कर रही थी. वो लेट-ते ही एक सेकेंड में सो गयी.
जॅक का मॅन तो नही भरा था अभी. पर अब उसे इतना तो पता चल गया था की अब दीप्शिखा उसके जाल में फ़ासस चुकी थी. वो जब मर्ज़ी दीप्शिखा को छोड़ सकता था. इसलिए दोनो साथ में सो जाते है. बाकी सेक्स कहानी, अगले पार्ट में.