जीजू ने तोड़ी साली की वर्जिन चूत की सील

part 1 मई धीरे से तोड़ा साइड मे आया. जिससे मेरा पूरा लंड उसको आईने मे दिख गया. उसकी आँखे बड़ी बड़ी हो गयी और मूह से चीख निकल गयी. उईईईइमाआ इतना बड़ा. और तुरंत अपने मूह पे दोनो हाथ रख दिए.

तो उसने जो घाघरा पकड़ा था वो सर्र्र्र्र्ररर करते नीचे गिर गया. और मुझे उसकी छूट दिख गयी. वा क्या छूट थी. छूट पे एक भी बाल नही था. एक दम चिकनी छूट थी. उसको ये एहसास होते ही वाहा हाथ से छुपाने के लिए ट्राइ किया लेकिन मैने उसके दोनो हाथ पकड़ के पीछे ले लिए.शीतल ने अपनी आँखे बंद करदी और बोली.

शीतल: जीजू मुझे बहोट सरं आ रही है. प्लीज़ मेरे हाथ छ्चोड़ दीजिए. मई अपनी फुददी को ढँक देती हू.

मई: देखो अब इसमे शरमाना क्या. मैने तुम्हारी छूट तो देख ही ली है. क्या मस्त छूट है तुम्हारी. एकदम चिकनी और बिना बालो की.

शीतल शर्मा गयी और उसके गाल लाल लाल ह्ल गये. मैने अब मेरा एक हाथ उसकी छूट पे रख दिया और सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसके एक बूब्स को दबा रहा था और मूह से दूसरे बूब्स को चूस रहा था. शीतल धीरे धीरे सिसकारी ले रही थी और गरम हो रही थी.

उस बार का प्रमाण उसकी छूट से धीरे धीरे रिश्ता हुआ पानी था. मैने अब मेरी एक उंगली उसकी छूट मे दल दी. वो चीख पड़ी आआआआअहह जिजुउू.

उसकी छूट एकदम टाइट थी. मेरे मॅन मे अब और भी ख़ुसी की ल़ाहेर डॉड गयी की ऐसी टाइट छूट छोड़ने मे बहोट मजा आएगा. अब मैने उसके हाथ मे मेरा लंड थमा दिया.

उसने धीरे धीरे मेरे लंड को सहलाना चालू किया.उसके हाथो के स्पर्श होते ही मेरा लंड और लंबा हो गया. मैने अब उसको नीचे बिताया और उसके मूह के पास मेरा लंड लेके गया. उसने लपक के मेरा लंड मूह मे ले लिया और चूसना चालू कर दिया.

मई अब उसके मूह को पकड़ के लंड अंदर बाहर करने लगा. मई अपना पूरा लंड उसके मूह मे घुसा देता था. करीब 20 मिनिट्स ऐसे मूह चुदाई के बाद मेरा होने वाला था तो मैने उसके मूह को टाइट पकड़ा और 4-5 पिचकारी उसके मूह मे मार दी और पूरा मूह वीर्या से भर दिया. मैने मेरा लंड तब तक उसके मूह से नही निकाला जब तक वो सारा वीर्या पी नही गयी.

शीतल: आपका वीर्या तो एकदम नमकीन था. मई तो इसकी दीवानी हो गयी.

मैने अब शीतल को उठाया और बेड पे पटक दिया और उसके दोनो पैर खोल दिए. मेरे सामने एक टाइट पिंक छूट थी. मैने अपना मूह उसकी छूट पे रखा और एक किस दे दी. फिर मैने उसकी छूट को चाटना और चूसना चालू कर दिया.

थोड़ी देर बाद मैने उसकी छूटो के फांको को खोल के मेरी जीभ उसकी छूट मे दल दी. शीतल ने जोरदार सिसकारी ली आआआआआआआआआहह उूुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममममममम जिजुउुुउउ.

वो अपनी गांद उछाल उछाल के मुजसे छूट को चुस्वा रही थी. ऐसे ही करीब 20 मीं की छूट चूसा के बाद शीतल बोली: प्लीज़ अब मुझे शांत करो अब नही रहा जा रहा है. मुझे करो प्लीज़. मैने उसको चिड़ते हुए कहा-

मई: क्या करू शीतल?

शीतल: आपको पता ही है मई क्या कर ने का बोल रही हू.

मई: नही फिर भी तुमसे सुनना है.

शीतल: ठीक है जीजू प्लीज़ मेरी चुदाई करो.

मई: किससे करू?

शीतल: ये आपके बड़े मोटे लोड से.

मई: मेरे लोड से कहा करू?

शीतल: मेरी छूट मे डाल के.

मई: नही ऐसे नही पूरा एक बार बोलो.

शीतल: अरे मेरे प्यारे जीजू ये आपके बड़े मोटे गढ़े जेसे लंड को मेरी चिकनी पिंक छूट मे डाल के मेरी चुदाई करके मुझे शांत करो.

मई: ये हुई ना बात, देखो अब मई क्या करता हू.

मैने मेरा 10 इंच लंबा और्र 3 इंच मोटा लंड शीतल की छूट पे सेट किया. शीतल की छूट पूरी तरह से गीली थी और पानी छ्चोड़ रही थी. मैने वोही पानी से मेरे लंड के सुपरे को गीला किया और धीरे से धक्का मारा. मेरे लंड का सुपरा जो करीब 3 इंच का होगा वो छूट मे घुश गया और शीतल की ज़ोर से चीख निकल गयी.

शीतल: आआआआआआआआआआआआआहह जिजुउुुुुुुुुुुुुुुुुउउ प्लीज़ निकालो प्लीज़…

मई: शीतल रानी अभी तो सिर्फ़ सुपरा गया है. लंड तो पूरा बाकी है.

शीतल: अगर सिर्फ़ सुपरे से मेरी ये हालत है तो पूरा लंड डालोगे तो मे मार ही जौंगी, सो प्लीज़ निकालिए…

उसके कहने पे मई माना नही और उसके डोंक पेर को पकड़ के तोड़ा फेला दिया. मेरी इस चल को शीतल समाज नही पाई. अब तोड़ा सा लंड बाहर निकाला तो उसे दर्द कम हुआ.

मई: अब दर्द कम हुआ?

शीतल: हा कम हुआ लेकिन आप प्लीज़ पूरा निकालिए.

मैने अब उसके सामने एक कातिल सी स्माइल दी और तोड़ा लंड निकाला तो छूट मे सिर्फ़ 1 इंच जितना सूपड़ा बचा था. तो शीतल को लगा की मई लंड निकल लूँगा.

लेकिन अब मैने उसके दोनो परो को पूरा खोल दिया और एक धक्का लगाया और बाकी का पूरा 9 इंच का लंड शीतल छूट को चीरते हुए अंदर उतार गया. शीतल की आँखे छोड़ी हो गयी और पूरा रूम उसकी चीख से गूँज उठा.

शीतल: आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ हह मई मार गैिईईईईईईईईईईईईईई.

उसने अपने पूरे नाख़ून मेरी पीठ मे घुसा दिए. करीब 5 मिनिट तक शीतल सुन्न हो के पड़ी रही. अब मैने मेरा लंड का 7 इंच जितना बाहर निकल लिया. वो पूरे खून से लिपटा हुआ था.

मई मॅन ही मॅन खुश हुआ की मैने आज शीतल की छूट का सील तोड़के उसकी छूट का दरवाजा खोला था. अब शीतल थोड़ी नॉर्मल हुई तो मैने फिर से धक्का मारा और लंड छूट मे घुसा दिया.

इस बार भी शीतल ने चीख लगाई लेकिन उसको तोड़ा मज़ा भी आया. अब मैने धीरे धीरे मेरे लंड को अंदर बाहर करने लगा. अब शीतल को भी मज़ा आ रहा था.

शीतल: आआआअहह उूुुउउम्म्म्मम आआआआआहह ओह मुंम्म्मय्ययययी उईईईईईईईईईई माआआआअ ईईईसस्स्स्स्स्स्सस्स एसस्स्स्स्स्स्सस्स… ऐसी मादक आवाज़ निकालने लगी.

उसने मेरा सर को पकड़ के उसके बूब्स पे रख दिया और बोली जीजू चूसो. मई भी अब कहा मानने वाला था. मैने दोनो बूब्स निपल को मूह मे लेके चूसने लगा और नीचे छूट मे शॉट मारने लगा.

अब मई खड़ा हुआ और उसकी पतली कमर को पकड़ के छोड़ने की स्पीड बड़ा दी और तेज़ी से लंड अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगा. शीतल हर एक धक्को के साथ बेड की चदडार को अपनी मुट्ठी मे ले लेती थी और ज़ोर ज़ोर से आहे भारती थी.

शीतल: ज्ज्जुउुउऊः प्लीज़ छोड़ो और ज़ोर से छोड़ो. बहोट मज़ा आ रहा है प्लेआसीए फक मे हार्ड.. एस एस… प्लीज़ फक मे लीके तट आआआआअहह… मेरी छूट का बजा बजाईए .

करीब आधे घंटे ऐसे हचक कर छोड़ने के बाद मैने शीतल को घोड़ी बनाया. अब शीतल की छूट खुल चुकी थी और पीछे से दिख रही थी.

अब मैने अपना लंड छूट पे सेट किया तो शीतल बोली जीजू प्लीज़ अपना पूरा लंड एक साथ अंदर दल देना. मुझे दर्द अक्चा लगता है. मई खुश हो गया और सुपरा छूट पे लगाया.

उसकी बड़ी सी गांद पे हाथ सहलाया और एक चप्पत मारा और उसकी कमर को टाइट पकड़ा और एक ज़ोर का धक्का मारा और पूरा लंड उसकी छूट मे एक साथ उतार दिया.

शीतल: आआआआआआआआआआआहह जीज्ज़ज़ज्ज्ज्ज्जुउुुुुुुुुुुुउउ मज़ा आ गया.

अब मैने कमर को पकड़ के छोड़ना चालू कर दिया. शीतल की चीख पूरे रूम को भर रही थी. करीब 15 मिनिट्स के बाद मैने उसके दोनो जुल रहे बूब्स को पकड़ा और दबाना चालू करके शीतल की छूट को ठोकना चालू रखा.

शीतल: आआआआआआहह बहोट मज़ा आ रहा है जीजू आआआअहह फक मे… कुत्ते के जेसे छोड़ो मुझे आआआआअहह… आज मई आपकी दीवानी हो गयी. आज तक मई आपकी साली थी तो आधी घरवाली थी, आज आपने मेरी छूट को खोलके अपनी पूरी घर वाली बना दिया है आआआआआअहह… आप जब भी चाहे तब मेरी छूट छोड़ सकते हो.

मई: हा मेरी रानी, आज से तुम मेरी साली नही लेकिन मेरी घर वाली हो.

करीब आधे घंटे की ऐसी चुतफाड़ चुदाई के बाद मेरा होने वाला था. शीतल तो अबतक 4 बार जड़ चुकी थी. शीतल मेरा होने वाला है. कहा निकालु?

शीतल: ओह मी गोद. जीजू मेरी छूट के राजा आज आपने इसको खोला ही है तो इसको अपने वीर्या से भर ही दीजिए और इसको अपने वीर्या का स्वाद दीजिए.

अब मैने डॉगी स्टाइल मे ही शीतल की कमर को पकड़ के तेज़ी से धक्के लगाना चालू कर दिया. करीब 15 मिनिट्स की ऐसी तेज़ चुदाई के बाद मैने शीतल को टाइट अकड़ लिया और वीर्या की पिचकारी उसकी छूट मे मार दी. आआआआआआहह..

वीर्या की पिचकारी करीब 2 मिनिट्स तक चली और पूरी छूट को वीर्या से भर दिया. वीर्या शीतल की छूट मे नही सामने की वजह से बाहर रिसने लगा. मैने शीतल को पकड़ के उसके बाजू मे सोया.

मई: शीतल रानी मज़ा आ गया आज तुम्हारी इस छूट छोड़ कर. काई सालो की मेरी इक्चा आज पूरी हो गयी. मैने जब तुमको पहली बार देखा था तभी तुमको छोड़ने की इक्चा हो गयी थी. लेकिन इतने साल बाद आज वो मोका मिला.

शीतल: सच काहु जीजू मैने भी जब आपको पहली बार देखा था तब से आपको अपना दिल दे बेती थी और आज अपनी छूट दे दी. मज़ा आ गया आज मेरी छूट का सील तुद्वके. आज से मई आपकी हुई… और उसने मुझे एक किस दी.

हम दोनो पसीने से नहा चुके थे. मैने शीतल को नज़दीक खिचके उसकी बगल मे से आती पसीने की स्मेल ली. फिर दोनो बगल को किस किया और छाता.

मेरी इस हरकत से शीतल फिर से गरम हो रही थी. मुझे भी बगल चटके नयी सकती मिल रही थी और लंड रॉकेट बन गया. मैने शीतल को फिरसे छोड़ना चालू कर दिया.

आआआआआआआआआआआअहह की आवाज़े पूरे रूम मे गूँज रही थी. उस रात मैने उभह तक शीतल को 4 बार छोड़ा और उसकी छूट का भोसड़ा बनके ही छ्चोड़ा.

सुबा हम तैयार होके शादी मे गये. पूरे दिन रात की चुदाई की याद और थकान सता रही थी. उसके बाद तो शीतल मेरी घर वाली ही बन गयी थी. जब भी मोका मिलता तब हम चुदाई करते थे.

ये थी मेरी चुदाई की कहानी प्लीज़ कॉमेंट करके सजेशन दीजिएगा. अगली बार और कोई कहानी के साथ हाजिर होऊँगा.

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