जीजू ने दीदी समझ कर मुझे ही चोद दिया

तो चलते है सेक्स कहानी पर दोस्तों. बात तब की है, जब मेरी दीदी प्रेग्नेंट थी सात महीने से, और उनका ख़याल रखने के लिए कोई नही था. हमारी मा तो मेरी शादी से पहले ही गुज़र चुकी थी. घर पर बस पापा अकेले होते थे, तो दीदी की प्रेग्नेन्सी के लिए जीजू ने मुझे अपने घर बुला लिया.

उन्होने मेरे पति से बात की, और मेरे पति भी मान गये. वो खुद मुझे छ्चोढने के लिए दीदी के घर आए. फिर एक रात वहाँ रहे, और मॅन भर के मेरी छूट छोड़ी. फिर सुबह वापस चले गये.

दीदी का सातवा महीना चल रहा था, तो दीदी को घर के काम करने में तकलीफ़ होती थी. इसलिए सब काम मैं करने लगी. दीदी का मैं बहुत ख़याल रखती थी. वक़्त पर दीदी को दवैया देना, सब मैं देख रही थी.

एक दिन की बात है. मैं रात का खाना होने के बाद अपने काम कर रही थी. जीजू अभी तक घर नही आए थे. मैने सारे बर्तन धोए, और फिर किचन सॉफ करके अपने रूम में सोने चली गयी.

मैने देखा तो दीदी मेरे बेडरूम में सो रही थी. दवाई से दीदी को गहरी नींद आती थी. इसलिए मैने सोचा क्यूँ उनको उठना. तो मैं खुद ही उनके बेडरूम में जेया कर सो गयी.

मेरी निघट्य काम करते वक़्त पूरी गीली हो चुकी थी. तभी मैने उनके कपबोर्ड में देखा तो मुझे एक निघट्य मिली. मैने वो निघट्य पहन ली, और चादर ओढ़ कर दीदी के बेडरूम में ही सो गयी.

मैं गहरी नींद में थी, और करवट लेकर सोई हुई थी. इतने में मुझे मेरी कमर पर कुछ फील हुआ. मेरी नींद टूट गयी, और मैने देखा तो जीजू मेरे पीछे सोए हुए थे. मैने जीजू का हाथ हटाया, और तोड़ा डोर हो कर सो गयी.

पर अचानक जीजू ने मुझे अपनी तरफ पलटा दिया. जीजू के मूह से दारू की स्मेल आ रही थी, और वो जैसे नींद में थे. तभी उन्होने मेरे गालों पर हाथ रखे और बोले-

जीजू: रीना कितने दिन हो गये हमे किए हुए. प्लीज़ आज करते है ना. आराम से करूँगा मैं पक्का.

और यही कहते हुए वो एक-दूं से मेरे उपर आ गये, और मुझे पागलों की तरह किस करने लगे. मेरी निघट्य उन्होने एक सेकेंड में खोल दी. वो नशे में थे इसलिए उनको ये पता नही चला की मैं उनकी साली थी. वो बस मुझे पागलों की तरह किस कर रहे थे, और मेरे बूब्स को दबा कर चूसने लगे थे.

मैं बस अम्म्म अम्म्म्म ह आराम से आ ह उम्म ऐसे ही करने लगी थी. जीजू मेरे होंठो से होते हुए मेरे गालों को, मेरी नेक पर, और मेरे बूब्स चूस्टे हुए नीचे चले गये, और मेरी पनटी भी निकाल दी. फिर वो मेरी छूट को चाटने लगे.

उनके छूट चाटने से मैं पागल हो गयी. महीने भर से मैने भी कुछ नही किया था, तो मैं गरम हो गयी. और उनका मूह अपनी छूट में दबाने लगी. मैं बस आह ह उफफफ्फ़ आह ऐसे ही, ऐसे ही, ह कर रही थी.

वो किसी भूखे कुत्ते की तरह मेरी छूट चाट रहे थे. फिर अचानक मेरी छूट से पानी निकालने लगा, और मैने उनका मूह अपनी छूट में दबा कर पूरा पानी उनको पीला दिया.

उसके बाद वो झट से मेरे उपर आ गये, और मुझे किस करने लगे. वो धीरे-धीरे अपना लंड मेरी छूट में अंदर-बाहर कर रहे थे, और मुझे किस कर रहे थे. मुझे मज़ा नही आ रहा था. तभी मैने किस तोड़ी, और उनके कान के पास जेया कर बोली-

मैं: बेबी फास्ट करो ना. आज मेरा भी मॅन है. तुम जैसे प्रेग्नेन्सी के पहले करते थे, बस वैसे ही करो बेबी.

बस फिर क्या था, अचानक जीजू ने मेरी टाँगें उठाई, और अपने कंधे पर लेकर ज़ोर-ज़ोर से मेरी छूट छोड़ने लग गये. मैं भी मज़े से आह ह आह बेबी आराम से आ आह ऐसे ही की आवाज़े निकाल रही थी. जीजू 30 मिनिट तक मुझे वैसे ही छोड़ते रहे, और फिर मेरी छूट में ही झाड़ के मेरे उपर सो गये.

सुबह अचानक जीजू उठ गये, और मुझे देख कर हैरान रह गये. उनकी हड़बड़ी से मैं भी उठ गयी. फिर जीजू मुझे सॉरी कहने लगे, और दीदी को ना बताने को बोलने लगे.

तभी मैं भी वैसे ही नंगी उठी, और जीजू का पास जेया कर उनसे चिपक गयी और बोली: जीजू कल रात जो हुआ वो मैं दीदी को नही बतौँगी. पर उसके बदले आप अभी फिर से कीजिए ना. रात को तो आप मुझे दीदी समझ कर आराम-आराम से छोड़ रहे थे. मैं चाहती हू आप मुझे पुर होश में अपनी साली की तरह छोड़े.

मैं तभी उनके सामने घुटनो पर बैठ गयी. बस फिर क्या था, जीजू भी नंगे ही थे. मैने उनका लंड अपने हाथ में लिया, और बस उनकी आँखों में देखते हुए उनका लंड चूसने लगी. मैं उम्म उम्म्म अम्म्म अम्म्म स्लूर्प्प स्लूरप्प्प की आवाज़े निकालते हुए उनका लंड चूस रही थी.

2 मिनिट बाद उन्होने अचानक मुझे खड़ा किया, और बातरूम का दरवाज़ा खोल कर मुझे अंदर धकेल दिया. मैं बातरूम में जेया कर गिर पड़ी. फिर वो मेरे उपर ऊट पड़े.

मैं उल्टी फर्श पर पड़ी हुई थी, और वो पीछे से मेरी नेक पर, मेरी पीठ पर काट रहे थे, और अपने दोनो हाथो से मेरे बूब्स दबा रहे थे. इतने में ऐसे ही लेते हुए उन्होने अपना लंड मेरी छूट के अलावा गांद में डाल दिया. मैं ज़ोर से चिल्लाई-

मैं: आह आह जीजू, गांद नही जीजू छूट में डालो.

तभी उन्होने मेरी गांद पर एक छाँटा मारा और बोले: सीमा तेरी गांद ने मुझे कब से पागल किया हुआ था. आज तो मैं तेरी गांद ही मारूँगा साली.

फिर एक ज़ोर का झटका दे कर आधा लंड मेरी गांद में डाल दिया. और मैं बस आ आह जीजू नही, आराम से जीजू, दर्द हो रहा है जीजू, आह आह ऐसे ही करती रही. पर जीजू नही माने. वो यू ही फर्श पर मेरी गांद मारते रहे, और मेरी पीठ पर, और मेरी नेक पर काट-ते रहे.

जीजू ने 20 मिनिट तक मुझे वैसे ही पेला, और बाद में मुझे नीचे बिता कर अपना खून से साना लंड मेरे मूह में डाल दिया. फिर 2 मिनिट मेरा मूह छोड़ कर मेरे मूह में ही झाड़ गये.

उसके बाद जब तक मैं दीदी के पास रही, जीजू हर रात मुझे चुपके से छोड़ते, और आज तक छोड़ते आए है.

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