जीजा साली का वासना भरा प्यार

sex kahani jija sali ka vasna bhara pyaar दोस्तों मेरा नाम मीना है. आज मैं अपनी सच्ची सेक्सी हिंदी कहानी ले के आई हु. मैं अभी 21 साल की हूँ.. फिगर 34-28-34 और रंग मेरा गोरा है और अपनी हॉट सेक्सी शरीर की बात करूँ तो भगवान ने भरपूर मेहरबानी की है.. हर हिस्सा गजब का हैं आम जीतने बड़ी चूचियाँ है.. गदराया हुआ बदन है अगर कोई 80 साल का बुढा भी देख ले तो कहे की काश भगवान इसे 40-50 साल पहले भेजता.. लोगों की नज़रे मेरे कपड़ो को फाड़ कर मेरे बदन को लूटने का सपना देखती है.. और वो चोदने के लिए बेताब हो जाता, वैसे मुझे भी चुदाई बहूत ही ज्यादा पसंद है. मै जवानी की दहलीज पे आते आते चुत लण्ड चुदाई सब जान गयी थी मेरी सारे सहेलियों की बॉयफ्रेंड थी और वो उनसे चुदाई भी करवाती थी अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था पर मै लोक लाज और घर वालो के डर से ये सब नहीं कर पा रही थी
आज मै आप लोगो अपने जिंदगी की सबसे मस्त चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ। मेरी जवानी के दीवाने बहुत थे लेकिन मेरी जवानी की आग मेरे जीजा ने बुझाई। मै हमेसा से किसी ऐसे आदमी से चुदना चाहती थी जो मेरा नही मेरी चूत का दीवाना हो।

बात उन दिनों की है, जब मै दसवीं में थी उस समय मेरी उम्र 17 साल थी l एक दिन दीदी ने मुझे अपने घर बुला लिया । चूँकि उस समय मेरी गर्मी की छुटिया चल रही थी तो माँ ने भी मना नहीं किया । मुझे क्या पता था की वहां मेरी चुदाई होने वाली है और वो भी मेरे जीजा के द्वारा। मै अपना सारा समान लेकर दीदी के घर रहने आ गई। मेरे जीजू का घर २ मंजिला था , निचे एक रूम ,किचन और बड़ा सा हाल था ,और ऊपर छत पर एक रूम था वही एक टॉयलेट भी था । मेरे जीजा जी बहुत चचुदकड़ टाइप है। पहले जीजू से मेरी बात ज्यादा नहीं होती थी, मगर धीरे-धीरे अब मैं जीजू के साथ घुल-मिल रही थी. हम दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई थी. उनके और मेरे बीच में बहुत सारी बातें होती थीं. हम जीजा-साली में खूब हंसी मजाक चलता था. मौका देख कर जीजू कभी – कभी मेरी बूब्स भी दबा दिए करते थे .

मुझे दीदी के घर आये हुए तीन दिन हो गया । एक दिन रविवार को दी और पड़ोस वाली एक आंटी दोपहर को शॉपिंग के लिए बाजार जाने वाली थी तो दी ने मुझे भी साथ चलने को कहा पर मुझे थकान सी लग रही तो नहीं गयी और अपने रूम में जाकर आराम करने लगी । मुझे जीजा का मोबाइल मिल गया। मैंने फोन को खोला, मैंने सोच चलो गाना ही सुन लेती हूँ। जैसे ही मैंने वीडियो का फोल्डर खोला उसमे बहुत सारी सेक्सी वीडियो भरी थी। मैंने सेक्सी वीडियो चला दिया। सेक्सी वीडियो देखकर मै गरम हो गई थी। मै अपने बड़े बड़े सुडोल और रसीले मम्मो को मसलने लगी थी। मेरा जोश धीरे धीरे बढ़ रहा था,और अपने चूत में अपने ही उंगलियों से उंगली करने लगी। मै अपने चूत के ऊपरी गुलाबी भाग को एक हाथ से मसल रही थी, और एक हाथ से उंगली कर रही थी। मुझे मजा आ रहा था, अगर कोई लंड का जुगाड हो जाता तो और मजा आ जाता। मैंने बहुत देर तक अपने चूत में उंगली करती रही। तभी जीजा जी ने अपने मोबाइल के लिए चिल्लाने लगे की मीना मेरा मोबाइल देखि है क्या ? वो अपनी मोबाइल ढूढने लगे। मैंने उनको मोबाइल लाके दे दिया। जीजा जी जान गये की मैंने सेक्सी वीडियो देख लिया है।

मैंने जानकर जीजा जी से कहा- “इसमें गाने बहुत अच्छे थे”। मेरा भी चुदने का मन थी इसलिए मैंने ऐसा कह दिया। जीजा जी वहां से चले गये।
फिर मै आंखें बंद करके लेटी हुई थी. एकदम से किसी का हाथ मेरी चूची पर लगा तो मैं घबरा कर उठ गई. मैंने देखा तो जीजा बेड पर मेरे करीब बैठ हुए थे. वो चुपके से मेरे रूम में आ गये थे और मुझे पता भी नहीं चला.
मैंने कहा- क्या हुआ जीजू? आपको कुछ काम था क्या?
वो बोले- नहीं, मैं तो अपने रूम में बोर हो रहा था इसलिए सोचा कि अपनी साली से जाकर बात कर लूं ताकि थोड़ा मन बहल जाये.
जीजू मेरी चूचियों की घाटी को घूर रहे थे.

उनका मेरे रूम में आने मकसद मैं जान गयी थी. फिर हम दोनों में बातें होने लगीं. धीरे-धीरे बात मेरी शादी तक पहुंच गई.
जीजा बोले- तुम्हारा तो जरूर कोई बॉयफ्रेंड होगा. मैंने कहा- आप इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकते हो? वो बोले- तुम जैसी लड़की को देख कर भला किसका मन वो करने को नहीं करता होगा! मैंने अन्जान बनते हुए पूछा- क्या करने का मन जीजू? वो बेबाक तरीके से बोले- चुदाई! जीजा के मुंह से चुदाई शब्द सुन कर मैं शरमा गई.
मैं बोली- आप भी कैसी बातें कर रहे हो. दीदी के साथ आपका मन नहीं लगता है क्या?
वो बोले- तुम्हारी दीदी में अब वो रस नहीं रहा मीना.

मैंने पूछा- कैसा रस चाहिए आपको?
वो बोले- मुझे तुम जैसी लड़की के बदन का रस पीना है.
इतने में ही वो मेरी चूचियों को दबाने लगे.
मैंने कहा- कोई आ जायेगा जीजू, ये सब अभी करना ठीक नहीं है.
जीजू बोले- कोई नहीं आयेगा. तुम्हारी दीदी मुझसे बोल कर गई है कि वो बाजार से दो घंटे के बाद लौटेगी.
जीजू ने मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया.

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मैं उनको रोकना तो चाहती थी मगर न जाने उनके हाथ जब मेरी चूचियों पर लगे तो मुझे अच्छा लगने लगा. मैं भी उनका साथ देने लगी.दो मिनट में ही मुझे चूची दबवाने में बहुत मजा आने लगा. मैंने देखा कि जीजा का लंड तनाव में आ गया था.जीजा जी ने मुझे बांहों मे लेकर पलंग पर गिरा लिया और मेरी सलवार में हाथ डालकर मेरी छोटी सी चूत को मसलने लगे. मुझे शर्म और मजा दोनों आ रहे थे. मैं भी आनंद के सागर में उतरने लगी. अब जीजा जी ने मेरी चूत में उंगली का रास्ता बना लिया था. मेरी चूत में उनकी उंगली जा चुकी थी. मैं मस्त होने लगी.धीरे-धीरे जीजा जी एक उँगली अंदर-बाहर आराम से करने लगे तो मैं दर्द और मजे से उछलने लगी. ये देखकर वो उंगली तेज करने लगे और मेरे बूब्स नंगे करके चूसने लगे. मैं तड़पने लगी और साथ में मजा भी आने लगा. जीजा जी की उंगली मेरी चूत में तेजी के साथ चल रही थी. मेरे मुंह से कामुक सिसकारियाँ अपने आप ही बाहर आने लगी थीं.मेरे साथ यह सब कुछ पहली बार हो रहा था

इसलिए कुछ ही देर में मेरा पानी निकल गया और मैं निढाल हो कर आँखें बंद करके आराम से लेट गयी. जीजा जी अब दोनों बूब्स काटने-दबाने में लगे हुए थे. मेरी चूत में चुदास उठने लगी. अब हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. जीजू मेरे कपड़ों के ऊपर से ही मेरी चूचियों को मसल रहे थे और मैं जीजू के लंड को सहला रही थी.जब उनसे नहीं रहा गया तो उन्होंने मेरी कमीज को निकलवा दिया. मैं ऊपर से नंगी हो गई. चूची देख कर जीजा उन पर टूट पड़े. वो मेरी चूचियों को अपने मुंह में भर कर पीने लगे. मुझे भी मदहोशी सी आने लगी.उसके बाद जीजा ने मेरी सलवार को भी निकलवा दिया. अब मेरे बदन पर केवल मेरी पैन्टी रह गयी थी. वो अपनी साली की चूत को अपने हाथों से सहलाने लगे. मेरी चूत गीली होने लगी थी मैंने उनको बांहों में भर लिया. दोनों एक दूसरे को जोर से किस करने लगे.फिर उन्होंने मुझे बेड पर लिटा दिया. मेरी पैन्टी को निकाल दिया. मेरी चूत को नंगी कर दिया. मेरी चूत की सफाई मैं अक्सर करती रहती हूं. अभी दो दिन पहले ही मैंने अपनी चूत की सफाई की थी.

जब जीजा को मेरी चिकनी चूत दिखी तो वो हवस भरी नजरों से मेरी चूत को देखने लगे। उन्होंने अपने मुह को मेरी दोनों टांगो के बीच में रख कर मेरी चूत को पीने लगे। जब वो अपनी जीभ की मेरी चूत में डाल के अपनी ओर खीचते तो बहुत मजा आ रहा था और साथ ही साथ मै “……उई..उई..उई…. माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. .अहह्ह्ह्हह..” करके चीखने लगती। बहुत समय तक जीजा जी मेरी चूत को पीने का आनन्द उठते रहें। चूत चुसाई करवाने में मुझे बहुत मजा आता था. थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरी चूत को पीना बंद कर दिया, और मेरी चूत में उंगली करने लगे। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। जीजा जी ने मेरे भोसड़े में अपनी उंगली को बहुत तेजी से डाल रहें थे और मै बेकाबू हो के “……… सी सी सी सी सी …. आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह आअह्ह्ह्हह …. उह उह इह ,……….. करके चीखने लगी। जीजा जी लगातार मेरी चूत में उंगली किये जा रहें थे। फिर उन्होंने अपनी उंगलियों को क्रोस में करके मेरी चूत में बड़ी तेजी से डालने लगे। मै मदहोश होने लगी मेरा जोश इतना बढ़ रहा था कि मै अपने आप पे काबू नही कर पा रही थी, और जोर जोर “आ …….आ आ…….. हा हा हा ……उई उई उई ……. मम्मी मम्मी ….. चीख रही थी।

बहुत देर तक जीजा जी मेरी चूत में अपनी उंगलियों को डालते रहे और अंत में उन्होंने मेरी चूत से पानी निकल लिया। जब मेरे चूत से पानी निकलने लगा तब मुझे थोडा आराम मिला।मेरी चूत से पानी निकालने के बाद जीजा जी ने मुझे फिर कुछ देर तक किस किया। उसके बाद जीजा जी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लंड कि ओर ले जाने लगे। फिर जीजा जी ने अंडरवियर निकाल कर मुझे अपना लिंग मेरे हाथ में पकड़ा दिया. पहली बार मैंने लिंग को हाथ में लिया तो लगा कि कोई गरम लोहे की रॉड पकड़ ली है मैंने .जीजा का लंड काफी मोटा था.उन्होंने मेरे हाथो से अपना बड़ा सा, मोटा लंड निकाला और मेरे मुह में रख दिया।

मै जीजा जी के लंड को बड़े प्यार से चूस रही थी, और जीजा जी मेरी चुचियों का दबाने में लगे हुए थें। मै जीजा जी के लंड को आराम से चूस रही थी कि अचानक जीजा जी ने मेरी मुह में ही पेलना शुरू कर दिया। वो मेरे मुह में बड़ी तेजी से पेलने लगे थे। शायद जीजा जी बेकाबू हो रहें थे। वो लगातार मेरी मुह में अपना लंड डाल रहें थे।बहुत देर तक जीजा जी ने मुझे अपना मोटा और रसीला लंड चूसाया, मुझे जीजा जी का लंड को चूस कर बहुत मजा आया। फिर जीजा जी ने अपने लंड से पहले हलके हाथ से सहलाने लगे और, थोड़ी देर में पहले उन्होंने अपना लंड मेरी चुत में थोडा सा डाला। जब थोडा सा लंड मेरी चूत में डाला तो मै हल्का सा पीछे पिछड गई।

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जीजा जी का लंड मेरी चुत से बाहर हो गया। जीजा जी ने दुबारा मेरी कमर को पकड़ा हल्का सा जोर लगाकर अपना लंड मेरी चूत में डाल दी।मै इस बार भी हल्का सा पीछे हुई लेकिन जीजा जी ने मेरी कमर पकड रखी थी इसलिए उनका लंड इस बार बाहर नही निकला। मुझे ऐसा लगा कि किसी ने मेरी चूत में चाकू घुसा दिया. मैं दर्द के कारण तड़पने लगी. जीजा जी वहीं रुक गये और मेरे होंठों को मुँह में लेकर चूसने लगे. मैंने अपनी योनि में आज से पहले कभी लिंग नहीं लिया था इसलिए दर्द बहुत ही ज्यादा हो रहा था.दो मिनट तक जीजा जी ऐसे ही पड़े रहे और फिर बोले- बस अब जो दर्द होना था वो हो गया, अब मजे ही मजे होंगे.

मैं भी जीजा की बात से सहमत हो गई थी क्योंकि मेरी योनि का दर्द कम होना शुरू हो गया था. जीजा जी ने अब मुझको ठीक से चोदना शुरू किया, उनकी स्पीड धीरे धीरे बढ़ने लगीऔर मै मस्ती से अपने जीजा से चुदने लगी। जब जीजा जी कि चुदाई करने कि स्पीड बढ़ रही थी तो मै “आऊ….. ..अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्……उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह…..चोदोदोदो…..मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो” करके चीख रही थी। मेरी इस तरह से पहली बार चुदाई हो रही थी, मुझे तो मज़ा आ रहा था। साथ में जीजा जी भी खूब मज़ा लेते हुए मुझे चोद रहें थे। मेरे जीजा मेरी चूत को चोदने में लगे हुये थे.

चुदाई करते हुए वो फ्री होने का नाम ही नहीं ले रहे थे.मेरा पानी एक बार निकल चुका था. जीजा जी पूरी गति के साथ मेरी चूत में लंड को घुसाने लगे थे. मैंने अब उनकी गर्दन को बांहों में भर लिया और अब मैं भी गर्म होने लगी. जीजा जी खुश होकर जोरों से मेरी फुद्दी को चोदने लगे. जीजा जी अपना पूरा जोर लगाके मुझे चोद रहे थे , इतना जोर लगा रहें थी कि मै अपने आवाज़ को रोक ही नही पा रही थी। और …………..अह्ह्ह उ उ उ उ उ ,….. ई ई ई ई…. माँ माँ माँ …. ओह ओह …….. ना ना ना ………

आह आह करके चीख रही थी। जब दूसरी बार मुझे महसूस हुआ कि अब मेरा पानी निकलने ही वाला है तो मैंने जीजा की तरफ अपने होंठों को बढ़ा दिया. जीजा जी ने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया और मेरी चूत को चोदते रहे.जीजा जी इतनी देर से नई सील पैक फुद्दी को ठोक रहे थे तो कितनी देर रह सकते थे. उनका भी शरीर अब अकड़ने लगा और फुद्दी में पानी की नदी बहा दी. दोनों ने एक साथ ही पानी छोड़ दिया और मैंने अपनी आंखे बंद कर लीं. मैं इस चरमोत्कर्ष का आनंद लेने लगी. जीजा जी मेरे ऊपर निढाल हो कर गिर पड़े.मैंने जीजा जी को ऊपर से हटा दिया तो वह मेरी बगल में लेट गये. उसके बाद जब वो सामान्य हो गये तो उठ कर बाथरूम में चले गये. मेरा बदन मेरा साथ ही नहीं दे रहा था. मैं वहीं बेड पर पड़ी हुई सोच रही थी कि मेरी फुद्दी का आज उद्घाटन हो गया है.

मजा तो आया मगर अब कुछ बुरा भी लग रहा था. पता नहीं कैसी भावना थी वो मैं समझ नहीं पाई.मैं यह सब सोच रही थी कि जीजा जी बाथरूम से बाहर आ गये. बाहर आकर कहने लगे कि मीना तुम भी अपने आप को बाथरूम में जाकर साफ कर लो.जब उनकी आवाज मेरे कानों में गई तो मैं अपने ख्यालों से बाहर आ गयी. मैंने जीजा जी को बताया कि मुझ से उठा नहीं जा रहा है.उसके बाद जीजा जी ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और खुद ही मुझे बाथरूम में लेकर गये.मैंने अपने आप को साफ कर लिया और जीजा जी ने फिर से मुझे उठा कर बेड पर लेटा दिया.उसके बाद जीजा जी ने लाइट ऑन कर दी. हम दोनों अभी तक नंगे ही थे. मैंने नीचे गद्दे पर देखा तो पूरे गद्दे पर लाल खून के निशान हो गये थे.

मैं यह सब देख कर डर गई मगर जीजा जी ने मेरे बालों में हाथ फिराना शुरू कर दिया.उसके बाद जब मैं कपड़े पहनने के लिए उठने लगी तो जीजा जी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरी चूची को दबाते हुए कहने लगे कि एक राउंड और कर लेते हैं.मैंने उनको साफ मना कर दिया. मैं सच में उस वक्त दोबारा जीजा जी का मूसल लंड अपनी योनि में नहीं लेना चाहती थी. मेरी चूत में पहले से ही बहुत दर्द हो रहा था.

मैंने जीजा जी को सारी बता दी और जीजा जी मान भी गये. जीजा जी ने खुद खून लगे कपडे को बदल दिया और मै सो गयी। दी और उनकी पड़ोस की आंटी शाम को आयी तब तक मै सामान्य हो चुकी थी.यह थी मेरी कहानी. जीजू से चुदने के बाद मेरी चुत में ऐसे आग लगी की अब मुझे बस लण्ड लेने की चस्का सी हो गयी है । अगर आपको कहानी पसंद आई हो तो मुझे मेल ( ) करके जरूर बताना ताकि मैं आगे भी आप लोगों के लिए मै और किस किस से कहा और कैसे चुदी ये सब कहानियाँ लिख सकूँ.



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