इस सेक्स स्टोरी में पढ़े की कैसे मैने अपनी सलेज़ की तड़पति छूट की चुदाई की.
मेरे प्यारे छोड़ू दोस्तों, और चुड़क्कड़ भाभियों, आप सभी को मेरा हवस भरा, और चुदाई भरा नमस्कार.
आशा है बीते दीनो आप सभी अपने माधमस्त लंड को और अपनी प्यासी छूट को किसी ना किसी तरह से संतुष्ट करने में सफल रहे होंगे. और आपको मनचाही छूट और लंड का सेवन करने का मौका मिलता रहा होगा.
आयेज बढ़ने से पहले मेरा सभी दोस्तों से अनुरोध है की अपने लंड को हाथ में लेले, और भाभियों से प्यार भारी गुज़ारिश है, की वो अपनी-अपनी छूट को ज़रा मुति से मसल कर तैयार होने का इशारा मैल में ज़रूर कर दे.
तो आप लोग मुझे एमाइल करना जारी रखे, और जब मेरी किस्मत में आपकी रसीली छूट भोगने का लिखा होगा, तो ज़रूर आपकी और मेरी हसरत पूरी होगी.
पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हू. मेरा नाम रक्षित है, और मैं देल्ही का रहने वाला हू. मेरी हाइट 6 फीट है. मेरे लंड का साइज़ इतना है, जिससे कोई भी लॅडीस सॅटिस्फाइड हो जाए. मेरी शादी को 8 साल हो चुके है, और मेरी 1 बेटी है, और मेरी वाइफ का नाम आकाँशा है.
मेरी और मेरी वाइफ की सेक्स लाइफ ना तो बेकार और ना ही अची है. वाइफ का फिगर साइज़ 36-28-38 है. शुरू-शुरू में मैने अपनी वाइफ को बहुत छोड़ा. लेकिन बेटी होने के बाद थोड़ी कमी आ गयी हमारी चुदाई में.
तो आयेज बढ़ते है मेरी आज की कहानी पर, जो की मेरे और मेरी सलेज़ (सेयेल की बीवी) वर्षा (बदला हुआ नाम) जिसकी हाइट 5 फीट 6 इंच है, के बीच की है. उसका फिगर 34-26-36 का है. वर्षा गोरे रंग की मालकिन है, और उसके नैन-नक्श बहुत तीखे है, और उसके जिस्म पर बड़े और रसीले चुचे और उभरी हुई गांद और पतला पेट है.
ये लड़की किसी को भी अपना गुलाम बनाने के सारे औज़ार अपने जिस्म में च्छुपाए हुए है. मेरी ससुराल जाईपुर में है, और मेरे और मेरी सलेज़ की बीच हुई चुदाई सत्या घटना पर आधारित है. पर नाम और जगह में तोड़ा हेर-फेर किया है.
मेरे ससुराल में 3 लोग रहते है. मेरी सास, सोनू (सला) और वर्षा (सलेज़). इनकी शादी लोवे मॅरेज थी, और शादी को 2 साल हो गये थे. लेकिन कोई बच्चा नही था. इसलिए वर्षा कुछ बेचैन सी रहती थी.
मेरा सला देल्ही में ही जॉब करता है, और वीकेंड पर घर जाता है. जब मैने वर्षा को देखा, तभी से मैं उसका दीवाना हो गया था, और उसको छोड़ने के सपने देखने लग गया था.
वर्षा अक्सर मेरी पत्नी से हमारी सेक्स लाइफ के बारे में पूछती रहती थी, जिससे उसका भी मूड बन जाता था. एक दिन मैं और मेरी वाइफ दोनो बैठे थे, और मैं अपनी वाइफ से सेयेल और सलेज़ की सेक्स लाइफ के बारे में पूछने लगा.
तो मेरी वाइफ बोली: वो पूच लेती है, लेकिन मैं नही पूछती भाभी से कुछ भी.
तो मैने उसको बोला: उनको अभी बच्चा नही हुआ है. 2 साल हो गये है. एक बार पूच कर देखो. कही कोई प्राब्लम या कुछ और तो नही है?
मेरे बोलने पर वाइफ Wहत्साप्प पर उनकी सेक्स लाइफ की जानकारी लेने लग गयी.
वर्षा: दीदी क्या बतौ एक तो इनका वीकेंड पर आना होता है, और दूसरी बात एक बार ही करते है उसके बाद नही करते.
वाइफ: उसको बोला करो बच्चे के लिए 2 साल हो गये.
वर्षा: बोलती हू तो बोल देते है कर तो रहा हू. जीजा जी इतने रोमॅंटिक है. उनको बोलो ना तोड़ा सा ज्ञान देने को क्यूंकी मैं जब गरम होती हू, इतने में वो ठंडे हो जाते है.
वाइफ: ठीक है बोलती हू इनको उससे बात करने के लिए.
तो मेरी वाइफ ने सारी बात मुझे बताई. मुझे समझने में देर नही लगी, की मेरा सला सलेज़ की चुदाई सही से नही कर पाता था, और उसको चुदाई ज़्यादा चाहिए थी. इससे मेरी आधी लाइन क्लियर हो गयी थी. फिर मैने अपने सेयेल से बात की.
मे: क्या हाल है?
सला: जीजा जी नमस्ते, ठीक हू, आप बताओ?
मे: घर नही जाता क्या?
सला: जाता तो हू वीकेंड पर.
मे: लेकिन तेरे जाने का फ़ायदा तो दिख नही रहा.
सला: वो कैसे?
मे: 2 साल हो गये शादी को, और हुमको फूफा जी कब बना रहा है?
सला: अर्रे जीजा जी, आप भी ये ही बात कर रहे हो. उधर घर वाली और मम्मी भी सेम बोल रहे है.
मे: मुझे उन लोगों ने ही बोला है तुझसे बात करने को.
सला: यार जीजा जी, समझ नही आ रहा कैसे बतौ?
मे: अपने बीच में कुछ च्छूपा नही है. लेकिन तू नही बताना चाहता तो कोई बात नही. मैं तुझे फोर्स नही करूँगा.
सला: वो बात नही है.
मे: फिर क्या बात है? खुल कर बता, तभी तो मैं कुछ सलाह दे पौँगा.
सला: मैं वीकेंड पर जाता हू घर, और आपको पता ही है घर से डोर रहने पर हालत क्या होती है. ना खाने का होश, ना रहने का. घर संभालने की टेन्षन, और भी बहुत कुछ दिमाग़ में चलता रहता है. और हम रात में एक बारी करते है. लेकिन उसका मॅन नही भरता. बार-बार बोलती है दीदी जीजा जी से सीखो कितना मज़ा करते है दोनो. अब बताओ क्या है मेरी ग़लती.
मे: औरत की चुदाई पूरी तरीके से की जाती है. ये नही अपना हुआ तो उसको बोल दिया, और डोर होके सो जाओ. और औरत की चुदाई तो जितनी हो सके उतनी कर. अभी तो वो ठीक है. लेकिन अगर तेरी ये ही हालत रही, तो वो बाहर मूह मारेगी. फिर ना तो तू कुछ कर सकेगा, और ना ही हम. और हम लोग रोक भी नही पाएँगे उसको. वैसे भी क्या बोल के रोकेंगे? बात समझ और ध्यान दे.
इतनी बात होके हमारी बात ख़तम हुई, और मैने अपनी वाइफ को बोला ये बात हुई थी.
तो मेरी वाइफ बोली: अगर समझ जाए तो ठीक है वरना हम कर भी क्या सकते है समझने के अलावा?
इसके आयेज क्या हुआ, वो मैं आपको कहानी के अगले पार्ट में बतौँगा. फीडबॅक के लिए वॉर्स्तबॉय60@आउटलुक.कॉम पर मैल करे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.