एक कच्ची काली को फूल बनाया

ये कहानी बड़ी दिलचस्प है, कुछ बाते इतनी जल्दी और अनोखी होती है की हम उन बातो को भूल नही पाते. मै राज, एक शादी शुदा इंसान हू, कमर्षियल फोटोग्राफर हू. मैने घर मे ही मेरा ऑफीस बना लिया है. मेरी बीवी एक आइ टी कंपनी मे टेक्निकल अड्वाइसर है. मुझे सिर्फ़ शूट के लिए घर के बाहर जाना पड़ता है, वरना बाकी मेरी सब टेक्निकल प्रोसीजर मै घर मे पूरी करता हू, छ्होटसा स्टूडियो ही बनाया है मैने फ्लॅट मे. अपर्णा, मेरी बीवी के कहने पे मैने एक रिषेदार की रेफरेन्स से एक 17 साल की लड़की घर मे सब काम करने के लिए रखी है, गीता उसका नाम है. गीता उमर से बच्ची है,

लेकिन दिखने मे 23/24 साल की लगती है. जब पहली बार वो मेरे सामने आई तो उसे देखके मेरे अंदर कुछ हल चल हुवी थी लेकिंग उसकी उमर देखकर मैने मेरे मान के ख़याल बदल दिए. दो महीने बीत गये थे, अब गीता हुमारे घर मे काफ़ी घुल मिल गयी थी, सीधे हमारे बेडरूम तक आने लगी थी. लेकिन कुछ दीनो से मै देख रहा था, उसका बिहेवियर कुछ बदला बदला नज़र आ रहा था! मैने नोटीस किया वो मेरे इनेर-वेअर ज़्यादा देर हाथ मे लेकर गौर से देखती थी. क्या हो रहा है ये मेरी समाज़ मे नही आ रहा था. अपर्णा रोज़ सुबह 6 बजे घर से निकलती थी और 4.30 बजे तक घर आती थी. उस दौरान गीता और मै ही घर मे रहते थे. गीता काम मे बिज़ी रहती थी और मई अपने स्टूडियो वर्क मे. हॉल के एक कोने मे मेरा स्टूडियो सेट उप था.

लेकिन आजकल गीता के बर्ताव से मेरा ध्यान उड़ गया था. मैने गीता के इस बिहेवियर का पता लगाने की ठान ली. मैने अपना वेब सेमरा मेरे बेडरूम मे फिक्स किया. ताकि मै बेडरूम मे चल रही बाते मेरे लॅपटॉप पे देख साकु. बेडरूम मे भी एक डेस्कपटॉप कंप्यूटर था. गीता भी अभी कंप्यूटर चलाने मे माहिर हो गयी थी. मैने एक प्लान बनाया. मैने बेडरूम के डेस्कटॉप पे एक ट्रिपल ब्लू फिल्म शुरू करके पॉज़ करके छ्चोड़ी और मेरा एक अंडरवेयार वाहा ऐसेही छ्चोड़ दिया, कुछ सामान मैने यहा वाहा बिखेर दिया और हॉल मे लॅपटॉप पे आके बैठ गया. अभी मै मेरे बेडरूम का लिव वीडियो देख सकता था और उसे रेकॉर्ड भी कर सकता था. मैने गीता से कहा,”गीता, ज़रा मेरे बेडरूम मे जाकर मेरा बेडरूम ठीक कर देना,

पीसी अगर चालू रहेगा तो उसे शट डाउन करके अपना काम करने चली जाना.” अगले 2 मिनूट मे गीता किचन से बाहर आई और मेरे बेडरूम मे चली गयी और मैने यहा मेरा वेब केमरा ओं किया, मैने देखा, गीता जैसे ही मेरे बेडरूम मे गयी वो सब बिखरा हुवा सामान जगह पे रख रही थी. उसकी नज़र मेरे अंडरवेर पे पड़ी, वो मेरा अंडरवेर सूंगाने लगी और नीचे अपने चूत के पास रगड़ने लगी. मेरा तो बैठे बैठे लंड खड़ा हो गया, लेकिन आयेज वो क्या करती है ये मूज़े देखना था. उसकी नज़र मेरे पीसी पे गयी, उसने पॉज़्ड की हुवी फिल्म देखी, लेकिन उसने पीसी शूट डाउन करने के बजाय वो वीडियो प्ले किया.

चुदाई का वो वीडियो देखकर वो गरम होने लगी, उसने अपनी नाइटी उठाई और अपनी पनटी सरकाके चूत मे उंगलिया डालने लगी. जो मूज़े चाहिए था वो ही हो रहा था. मैने वो सब लिव रेकॉर्ड किया और लॅपटॉप उठाके बेडरूम मे गया. मूज़े अचानक आया देख वो घबरा गयी उसने उंगलिया निकल दी, अपना ड्रेस ठीक करके डाइरेक्ट पीसी स्विच ऑफ किया और किचन की और चली गयी. अभी मौका मेरे हाथ मे था. मैने लॅपटॉप बेडरूम मे कनेक्ट कर दिया और उसे आवाज़ डी, “गीता, ज़रा यहा आओ!” वो आगाय, मैने कहा, “तुम्हे बेडरूम ठीक करने के लिए कहा, लेकिन तुमने ठीक तरहसे कुछ काम नही किया? ये क्या मेरा अंडरवेर यही पड़ा है, पीसी तुमने प्रॉपर शटडाउन नही किया! क्या कर रही थी इतनी देर यहा? सच बताओ!” वो घबरा के बोली,

बाबूजी, मैने सब ठीक किया था. मैने कहा रूको यहा, तुम्हे कुछ दिखता हू… वो खड़ी हो गयी, मैने ज़त से लॅपटॉप ओं करके जो लिव रेकॉर्डिंग किया था वो शुरू किया. अपने आप को उस वीडियो मे देखकर उसके पसीने च्छुत गये. उस वीडियो मे गीता मेरे अंडरवेर को अपने छूट पे दबा रही थी, ये खुद को देख वो शर्म से लाल होगआई. मैने उसे मेरे बेड पे बैठने के लिए कहा, गीता सच बताओ ये सब करने के लिए तुम्हारा मान चाहता है ना? वो बोली, मूज़े माफ़ करदो बाबूजी, फिर ऐसी ग़लती नही करूँगी! मैने कहा, अरे ग़लती क्यू बोल रही हो, मई तुमसे नाराज़ नही हू, ये सब तो इस उमर मे होता ही है. सिर्फ़ तुम इतना बताओ जो तुम उस फिल्म मे देख रही थी वो तुम्हे रियल मे आजमाना है ना? उसने इशारे से हा कहा. मई मान ही मान खुश हुवा. मैने उसे फ्लॅट का मैं डोर लॉक्ड करने के लिए कहा. उसने कहा वो पहले से ही लॉक्ड है. “लेकिन बाबूजी मेडम दोपहर मे घर आज आएँगी ना?”

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उसने पुचछा, मैने कहा वो भी इटेज़ां करता हू. मैने तुरंत अपर्णा को फोन लगाया, मैने कहा की मूज़े अर्जेंट एक प्रॉजेक्ट के लिए पनवेल जाना पद रहा है, रात को मई लाते आऊंगा और शायद मेरा मोबाइल स्विच ऑफ रखूँगा. अपर्णा ने जवाब दिया, ठीक है तो मई मम्मी के यहा हो के आती हू. मेरा प्लान सक्सेस हुवा अब रात के 9 बजे तक अपर्णा के आने का दर नही था. मैने गीता को उसके सभी कपड़े उतरने के लिए कहा. उसने अपने सभी कपड़े उतार दिए. उसके बॉल नींबू के जैसे छ्होटे थे, चूत पे अभी अभी बॉल आने शुरू होगआय थे, उसका फिगर जवानी मे अभी अभी कदम रखने वाली लड़की जैसा था.

मैने भी मेरे सारे कपड़े निकल दिए सिवाय अंडरवेर के. गीता मेरे अंडरवेर से उभरने वेल लंड को देख रही थी. मैने उसे नज़दीक बुलाकर उसका हाथ पकड़के मेरे लंड पे रख दिया. वो मेरे लंड को भूखे की तरह टटोलने लगी. मैने पुचछा, गीता मेरा लंड देखना है, लेकिन उसकी चुम्मि लेनी पड़ेगी. वो हासकर बोली, बाबूजी मूज़े मंज़ूर है. मैने अंडरवेर उत्ारदी, अभी लंड खड़ा हुवा गीता को ही देख रहा था. मई खड़ा होगआया और उसको बिताकर उसके मूह मे मेरा लंड दे दिया. मैने तुरंत पीसी पे ब्लूएफील्म शुरू की. फिल्म मे वोही सीन सेट करके मैने प्ले किया. अब गीता वो फिल्म देखकर मेरा लंड चूसने लगी. मेरा लंड और टाइट होने लगा था. मैं गीता के मूह मे अंदर तक लंड डालके आयेज पीछे करने लगा.

हम दोनो को बहोट मज़ा आ रहा था. मेरा लंड पानी छ्चोड़ने के लिए तैयार होगआया. मैने वो सारा पानी उसके छ्होटे छ्होटे बॉल्स पर छ्चोड़ दिया. मेरा लंड ढीला होगआया था. मैने गीता से पुचछा, गीता मई तेरी चूत चातु क्या? वो शर्मा गयी. उसकी चूत पे भूरे भूरे बॉल थे, उसमे च्छूपी चूत को मै चाटने लगा.फिर मैने अपने जीभ उसकी चूत मे डाली, वो और एग्ज़ाइट होगआई. उसकी चूत बहोट ही टाइट थी. अभी तो उसकी चूत मे लंड घुसने को मेरा मान कर रहा था. वो बच्ची थी, उसे दर्द हो सकता था इसीलिए मैने उसकी चूत मे जेल्ली लगाई और मेरे लंड पे हेर आयिल लगाया, ताकि लंड ज़त से अंदर घुस जाए. लेकिन जैसे ही मैने गीता की टांगे फैलक्र् उसकी छूट मे लंड घुसने की कोशिश की, वो माना करने लगी,

बाबूजी प्ल्ज़ ये मत करो ना, मूज़े दर्द होगा, इतना ही ठीक है. लेकिन मई तो अभी चोदने की मूड मे था. गीता उठकर बेडरूम से जाने लगी, मई चौक गया. तबतक वो हॉल मे आगाय, मैने भागकर उसको पकड़ा और खीचते हुए बेडरूम की तरह ले जाने लगा. वो रोने लगी, प्ल्ज़ बाबूजी मूज़े माफ़ करो, मूज़े भगवान के लिए छ्चोड़ दो. मै बोला, साली हरांजड़ी मेरा लंड खड़ा करके आधे मे भाग रही है, तेरी मया की चूत! तेरी मया को भी चोदुन्ग, छ्चोड़ूँगा नही, आज तो तेरी चूत का सील मई ही खोलूँगा, ज़्यादा नाटक मत कर. मैने तो उसे किसी भी हालत मे चोदने का निश्चय किया था. मै उसे खीचके बेडरूम ले आया और उठाकर उसे बेड पे पटक दिया. “साली अपनी चूत फैला” मई चिल्लाया. लेकिन उसने अपनी टांगे और ज़्यादा जाकड़ ली,

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मूज़े गुस्सा आगेया, मैने उसके गाल पे एक थप्पड़ मारी और मई बोला साली तेरी चूत चाहिए मूज़े अभी, ठहर तेरी चूत मे बॅमबू घुसेड़ता हू… वो रो रही थी, मैनेउसकी टांगे ज़बरदस्ती फैलड़ी और ज़ोर लगाकर उसकी चूत मे लंड घुसेड़ना चाहा. वो दर्द से चिल्ला उठी, लेकिन मई तो चोदने की मूड मे ही था. मैने मेरी एक उंगली उसकी चूत मे डाल्डी और हिलने लगा, उसकी छूट थोड़ी फैल गयी और गीली भी होगआई है ये मेरे उंगली से मूज़े मालूम हुवा. फिर एक बार मैने लंड पे आयिल लगाके उसकी चूत के मुहपर लंड रखा और एक ज़ोर का धक्का दिया. अभी मेरा लंड आधा उसकी चूत मे गया. वो दर्द से चिल्लाई,

उई मया दर्द हो रहा है बाबूजी, मूज़े मत चोदो, लंड बाहर निकालो. मई बोला चुप साली रंडी, आज तो तुज़े चोद्के ही मूज़े चैन मिलेगा. मैने कासके और धक्का मारा, मेरा लंड अभी पूरा उसकी चूत मे घुस गया. मैने देखा उसकी चूत से खून आ रहा था. मैने कप्डेसे वो खून पोचहकर उसे चोदना शुरू कर दिया. अब उसकी चूत भी रेस्पॉन्स दे रही थी, मैने चोदने की स्पीड बधाई. शायद उसे अभी अच्छा लग रहा था, उसने अपने दोनो टाँगो से मूज़े ज़कड़ लिया. अब वो रो नही रही थी, मैने कहा, तेरा ****आड़ नीचे से उठा और तू भी चोदन शुरू कर. गीता नीचे से अपनी गांद उठाकर मूज़े रेस्पॉन्स दे रही थी, मैने कहा क्यू अभी चोदने का मज़ा आ रहा है ना? वो हासकर बोली हा बाबूजी. चोद्ते चोद्ते मैने उसे पुचछा तेरी मया दिखने मे कैसी है गीता?

उसने कहा अच्छी है, मई बोला तेरा बाप तेरी मया को कितना चोद्ता है. वो बोली रोज़ चोद्ता है. मैने पुचछा तुम्हे कैसे मालूम? उसने कहा मैने कई बार मया बापू की चुदाई च्छुपकर देखी है. मई बोला साली चुड़क्कड़ सब तुज़े मालूम है और भेंचोड़ इतना अकड़ती है. अब अगली बार तेरी मया को तेरे सामने चोदुन्ग, चलेगा क्या? वो बेशर्मी से बोली, मया को चलेगा तो मूज़े कोई प्राब्लम नही. मैने पुचछा तेरे बाप का लंड कैसा है, मेरे लंड से बड़ा या छ्होटा? वो बोली, बाबूजी आपका लंड बड़ा है. अब मैने उसकी चूत से लंड निकाला और उसे घूमकर पिच्छवाड़े लिटाया और उसकी गांद पर लंड रख दिया. गीता तोड़ा दर्द होगा लेकिन ज़्यादा मज़ा आएगा, अब मई तेरी गांद मे लंड डाल रहा हू.. लंड पे तोड़ा और आयिल लगाके मैने गीता की गांद मे हल्केसे लंड डाल दिया,

धीरे धीरे मेरा लंड गीता की गांद मे घुस गया, और मई उसे गांद मे चोदने लगा. उसे मई डॉगी स्टाइल मे छोड़ रहा था, मूज़े जन्नत का मज़ा मिल रहा था. उसकी मूह से आवाज़े आ रही थी अयाया आआअहहाआह अया अयाया आआहह और छोड़ो ज़ोर से चोदो ऊऊओह ऊऊऊः अयाया अयाया अया! मेरे लंड से अभी पानी आने का वक़्त हुवा था, मैने लंड उसकी गांद से निकाला, और उसे फिर पलटी घूमकर उसके पेट पे सब पानी छ्चोड़ दिया. हम दोनो सॅटिस्फाइड हुए थे. मैने कहा क्यू गीता अभी कैसा लग रहा है? उसने कहा बाबूजी बहोट अच्छा लग रहा है. एक बार और चोदेन्गे मूज़े? मई बोला रुक लंड खड़ा होने दे, और मज़ा करेंगे

. थोड़ी देर बाते करते है. मैने पुचछा तेरी मया को कब बुला रही मुज़से चुद्वाने के लिए? उसने कहा मई मया को गाओं से बुलाती हू… आप उन्हे भी खूब चोदना, वो खुश हो जाएँगी. मैने कहा गीता मई तुज़े और तेरी मया को एक साथ चोदुन्ग, बहोट मज़ा आएगा हम तीनो को! मैने कहा ठीक अब मेरा लंड फिरसे मुहमे लेलो और चूसो ताकि वो खड़ा हो जाए.. गीता ने मेरी बात मानी और अगली चुदाई के लिए मेरा लंड मुहमे ले लिया. . . . . . . . . . . .दोस्तो इस तरहसे मैने एक कच्ची काली को फूल बनाया.. अब मै डेली गीता को चोदने लगा था,



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