जासूसी चुदाई

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम समीर हैं और मैं उत्तर प्रदेश के बरेली का रहने वाला हूँ. मैं बी.कोम तक पढ़ा हूँ और कानपुर में एक कम्पनी में काम करता हूँ. यह कहानी नहीं बल्कि मेरा एक सच्चा अनुभव हैं जो मेरी बॉस की बीवी के साथ हुआ था. आइये मैं पहले इस घटना के किरदारों के बारे में आप को बता दूँ. मैं 24 साल का जवान और चोदने में इतना माहिर और अनुभवी नहीं था. मेरे बॉस दलप्रित सिंह जो एक पंजाबी हैं. और उनकी हॉट बीवी सीमा. सीमा भाभी कह के बुलाता था मैं उन्हें. उनकी उम्र कुछ 26 के करीब हैं, और दलप्रित सर उस से 8 साल बड़े हैं. सीमा भाभी कसे हुए बदन की औरत हैं जो डेली जोगिंग वगेरह कर के अपने बदन को चुस्त रखने में मानती हैं.

हालांकि उनको एक बेटी हैं 3 साल की लेकिन कोई कहेंगा ही नहीं की सीमा भाभी एक बच्ची की माँ हैं. दलप्रित भाई मुझे हमेशा प्रावा (पंजाबी में भाई) कह के ही बुलाते थे. उनको मेरे ऊपर बहुत भरोसा था और कंपनी और निजी जिन्दगी की बहुत बातें उन्होंने मुझ से शेयर की थी. उनके हिसाब से उनकी बीवी का किसी मर्द के साथ अफेयर चल रहा था. वो मुझे इसके बारे में रोज कहते जब मैं उनके साथ उनकी केबिन में होता. क्यूंकि मुझे अकाउंट का जिम्मा दिया गया था इसलिए मैं अक्सर उनके साथ केबिन में रहता था.

एक दिन दलप्रित सर ने मुझ से कहा,

समीर प्रावा तेरे लिए एक काम था!

हाँ, सर बोलिए.

यार थोडा पर्सनल सा हैं, पता नहीं तू कर पाएँग या नहीं.

बताइए तो सही.

ह्म्म्मम्म, एक काम कर डोर नू लत मार दे पहले.

मैंने डोर बंध किया.

यार तेनु तो पता ही हेंगा की मेनू तेरी भाभी उत्ते बड़ा शक हेगा. वो मोहल्ले ते एक कूड़े नाल सेट हेंगी. वैसे मैं वेखिया नहीं कदो पर बहुत लोगों ने दसिया मेनू आ गल. ते मैं सोच दा सी की तू एदे विच कुछ जासूसी कर सकदा के नहीं!

मुझे करना क्या होंगा?

कुछ जास्ती नहीं करना तेनू, बस सीमा उत्ते वाच रख कुछ दिना. मेनू दस की ओ की कर दी हैं पूरा दिन. सवेर ते सांजा तक कीनू मिल दी हैं ते किथ्थे जानदी हैं.

कुछ प्रॉब्लम तो नहीं होंगा ना सर?

अरे कुछ नहीं होना वीरे, होया तो भी मैं हूँ ना तेरे नाल, तू का दे वास्ते फिकर करना इन्नी.

सच में बड़ा ही हार्ड काम दिया था मुझे दलप्रित सर ने. एक अकाउंट देखने वाले को जासूस करमचंद बनाने चले थे वो. पहले मेरा मन हुआ की मना कर दूँ. लेकिन सरदार उलटी खोपड़ी का था, गुस्सा आये तो अपने बाप का भी नहीं. मैंने सोचा की कुछ दिन देखता हूँ की सीमा भाभी क्या करती हैं और फिर दलप्रित को बता दूंगा जो सच हैं. दलप्रित ने मुझे सीमा के दिन का पूरा ब्योरह दिया की सुबह से शाम वो क्या करती हैं. सुबह एक घंटा जोगिंग, फिर बच्ची को नर्सरी में ड्राप करना, सब्जी लाना. फिर दोपहर के 3 बजे बच्ची को वापस लाना और फिर शाम तक घर में ही दलप्रित के आने तक. मैंने सोचा की साला शेड्यूल तो उसने बता दिया फिर इसमें लड़का कहा आया कोई बिच में. और घर पर तो दलप्रित की माँ रहती थी साथ में उसके फिर कहाँ से चक्कर होंगा भाभी का.

दुसरे दिन सुबह से ही मैं सीमा भाभी के पीछे लग गया. जासूसी करने के लिए दलप्रित ने एक छोटा केमरा और बायनोक्यूलर भी दिया था मुझे. साले ने पूरा जासूस करमचंद बना डाला था मुझे. मुश्किल यह थी की सीमा भाभी मुझे अच्छे से जानती थी इसलिए सेफ अंतर भी बनाएं रखना था मुझे. सुबह उसने जोगिंग के वक्त एक दो बूढों से बात की और कुछ ख़ास नहीं हुआ. दोपहर को भी वो कार से बच्ची को छोड़ के आई और फिर वापस अपने घर में कार पार्क कर दी. मुझे कार का पीछा करने में काफी दिक्कत हुई क्यूंकि उसकी कार की मिरर व्यू से भी वो मुझे पहचान सकती थी.

दोपहर की कडकती धूप में मैं गन्ने के ज्यूस वाले के ठेले पर बैठा और 3 ग्लास अपने पेट में डाल चूका था. तभी मेरी नजर खिड़की में खड़ी हुई सीमा भाभी के ऊपर पड़ी. वो रोड की दूसरी और किसी को इशारा कर रही थी. ऐसे कोई नहीं देख सकता लेकिन मैं क्यूंकि जासूस बना था इसलिए मैंने फट से देख लिया. रोड के सामने एक लड़का खड़ा था जिसने नीली जींस और ब्लेक टी-शर्ट पहनी थी. उम्र मेरे जितनी ही थी और एंटाइसर बाइक था उसके पास. लड़का घड़ी घड़ी इधर उधर एख रहा था. भाभी उसे इशारे से पीछे कुछ दिखा रही थी. तभी लड़के ने बाइक को किक मारी और वो दलप्रित के मकान के पीछे वाले भाग में गया. मैंने अपनी हेलमेट पहनी और मैंने भी अपनी स्कूटर को उधर लिया. मैंने लड़के की बाइक को घर के पीछे वाले हिस्से में खड़ी देखी लेकिन मैं रुका नहीं. मैंने दो चक्कर लगाये और मुझे यकीन हो गया की लड़का मानो या ना मानो अंदर ही गया था. मैंने अपनी स्कूटर घर से दूर खड़ी की और फिर चोरों की तरह मैं भी घर के पिछवाड़े आया.

अंदर घुसते वक्त तो मेरा दिल ऐसे धडक रहा था जैसे की कोई फास्ट ट्रेन चल रही हो. घर के पीछे का वो हिस्सा किचन था और उसके आगे कुछ पेड़ थे. मैं पेड़ों के पीछे छिपते छिपते किचन की खिड़की के सामने वाले पेड़ के पास आ खड़ा हुआ. मोटा तना देख के मैंने वही छिपना मुनासिब समझा. मेरे दिल में हजारों सवाल थे, और सब का रूट एक ही था की क्या सीमा भाभी अपनी सासु की हाजरी में ही लड़के से मिलती हैं. तभी मेरी नजर किचन की खिड़की के अंदर पड़ी. पर्दा हवा से खिसका और मैंने देखा की दोनों प्रेमी पंछी किचन में किस कर रहे हैं. मेरा दिल और भी जोर जोर से धडकने लगा. उनका नजर और ध्यान दोनों दूसरी और था. मैं जमीन पर रेंगता हुआ किचन के दरवाजे के पास जा पहुंचा. अब मेरी धडकन बेइन्तेहाँ बढ़ गई थी.

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निचे झुक के मैं की-होल से अंदर देखा तो मेरी आँखे खुली रह गई. सीमा भाभी ने लड़के का लंड ज़िप खोल के निकाला हुआ था और वो दोनों किस कर रहे थे. भाभी किस करते करते वो 8 ईंच के लंड को हिला रही थी. लड़का भाभी के बूब्स दबा रहा था और उसके होंठो को जोर जोर से चूस रहा था. भाभी के बड़े बड़े बूब्स को वो इतनी बेदर्दी से दबा रहा था की एक पल के लिए तो मुझे भाभी की दया आ गई. लेकिन भाभी भी उसका माथा अपनी और खिंच के ऐसे उसके होंठो को चूस रही थी की कहने ही क्या…! मैं खुली आँखों से यह सब देखता ही रहा.

तभी भाभी निचे अपने घुटनों के ऊपर बैठी और लड़के का लंड अपने मुहं में डाल के चूसने लगी. लड़के का लंड बहुत ही लम्बा था लेकिन सीमा भाभी आँखों में पानी ला के भी उसे चूसती ही जा रही थी. पता नहीं उसके 4-5 इंच के मुहं में वो लंड कैसे समा रहा था. मैं तो जैसे कोई ब्ल्यू फिल्म का सिन देख रहा था. भाभी ने अब अपना नाड़ा खोला और अपनी सलवार को उतार दी. उसने अंदर कोई पेंटी नहीं पहनी थी. उसने फिर से लड़के का लंड अपने मुहं में डाला और वो अपनी चूत को हाथ से सहलाने लगी. फिर चूत के अंदर एक ऊँगली डाल के वो उसे अंदर बहार करने लगी. लड़का आँखे बंध कर के इस हॉट ब्लोजोब का पूरा मजा लुट रहा था. मैंने फट से अपना मोबाइल निकाला और उसके केमरे को की-होल पर रख के 10-12 फोटो खिंच ली. इस लाइव ब्ल्यू फिल्म के चक्कर में मैं अपना असली काम भुला नहीं था.

अब सीमा भाभी किचन का प्लेटफोर्म पकड के खड़ी हो गई. लड़के ने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाला और फट से उसे चोदने लगा. सीमा भाभी की बड़ी चुंचियां उस वक्त इतनी सेक्सी लग रही थी की बस पूछना ही क्या. मेरे लंड में ऐसा तनाव आ गया था की मैंने एक पल तो सोचा की वहीँ खड़े खड़े मुठ मार लूँ या दरवाजे को लात मार के भाभी की चूत में अपना हिस्सा भी मांगू. लेकिन मैंने दोनों में से कुछ भी नहीं किया. मैंने भाभी की चुदाई की और भी 10-12 फोटो ली और फिर वहाँ से खिसक लिया. वही गन्ने के ठेले पे बैठ के मैंने एक ग्लास रस और लिया और लड़के के निकलने की राह देखने लगा. पूरी 20 मिनिट के बाद वो लड़का अपना एंटाइसर ले के निकला. मैंने देखा सीमा भाभी परदे के पीछे से उसे बाय कर रही थी. मेरे दिमाग में वही भाभी की चूत और उसके सेक्सी चुन्चों की आकृति बार बार a रही थी. मेरे शैतानी दिमाग में एक ख्याल आया जिसमे दलप्रित भाई के खिलाफ बगावत भरी हुई थी. मैंने सोचा की क्यूँ न in फोटो से भाभी को ब्लेकमेल कर के उसकी चूत और पैसे दोनों ऐंठे जाएँ. मेरा दिल मना कर रहा था लेकिन लंड और दिमाग यह विचार से सहमत थे.

मैंने अपने मुहं को रुमाल से साफ़ किया और सीधा घर की और गया. घंटी बजाई और सीमा भाभी ने ही दरवाजा खोला.

अरे समीर भाई आप, आइये!

मैं अंदर घुसा और भाभी ने हॉल में मुझे सोफे के ऊपर बिठाया. मैंने अंदर नजर की और देखा की दलप्रित की माँ कमरे में सोई थी जिसके खर्राटों की आवाज बहार भी आ रही थी. सीमा भाभी ने मुझे सरबत दिया और वो खुद भी सोफे के ऊपर आ बैठी.

कहिएं समीर भाई, क्या मंगवाया हैं दलप्रित ने. (भाभी ने यह कहाँ क्यूंकि मैं ज्यादातर घर से कुछ सामान लाने के लिए ही आता था)

नहीं भाभी आज कुछ लेने नहीं पर देने के लिए आया हूँ!

क्या?

मैंने फट से अपना मोबाइल निकाल के उसके सामने रख दिया, गेलरी से वो फोटो निकाल के.

आधी मिनिट में ही सीमा भाभी के माथे से पसीना टपक पड़ा. उसका गला सुख गया और वो मेरी और देखने लगी. उसकी आँखों में आंसू आ गए थे जो किसी भी वक्त टपक सकते थे बहार.

मैंने गला साफ़ किया, भाभी जी दलप्रित भाई को दिखानी हैं सोचा आप से पूछ लूँ पहले की सब दिखाऊं या आप जो सिलेक्ट करें…!

समीर भाई, आप ऐसा अनर्थ ना करें प्लीज़, सरदार मुझे मार ही डालेंगा.

मुझे उन्होंने ही आप की जासूसी के लिए भेजा था और मेरे पास सबूत हैं पक्के अब तो.

आप भगवान् के लिए ऐसा ना करें प्लीज़. मैं आप जो कहेंगे वो करने को तैयार हूँ.

क्या कर सकती हैं आप.

मैं आप को दस हजार रुपयें दूंगी.

पैसे तो दलप्रित भाई खुश होक दे देंगे मुझे भाभी जी, इतना कह के मैं जोर से हंस पड़ा.

भाभी मेरे पास आई और बोली, मैं आप के हाथ जोडती हूँ समीर भाई, आप के पांव पड़ती हूँ.

मैंने कहा, पाँव हाथ को छोड़ और उसके बिच में पड़ो तो बात शायद बन सकती हैं.

सीमा भाभी मेरी और देखने लगी, वो मेरा मतलब समझ चुकी थी. उसने मुझे हाथ से चुप रहने का इशारा किया और उठ के अपनी सास का कमरा बहार से बंध कर दिया. फिर उसने मुझे इशारा किया अपने बेडरूम की और.

उसके बेडरूम में जाते ही मैंने उसके बूब्स पकड़ लिए. सीमा भाभी अभी थोड़ी देर पहले चुदवा चुकी थी लेकिन अभी मज़बूरी में चुदवाने के लिए उसने कपडे फिर से खोल दिए. वही सेक्सी बूब्स और प्यासी चूत मेरे सामने थी. सीमा भाभी नंगी होने में जरा भी देर नहीं करती हैं. अब वो आगे आई और उसने मेरे लंड को पेंट के अंदर ही दबाया. उसके आंसू अब गायब ओ चुके थे और उसकी जगह मेरे बड़े लंड को पकड के चमक सी आ गई थी. उसने मेरा लंड पेंट से बहार निकाला और उसे हिलाने लगी.

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आप का तो बहुत बड़ा हैं!

तो चूस लो इसे जरा प्यार से!

वो अपने घुटनों के ऊपर आ बैठी और मेरे लंड के सुपाड़ें को चूसने लगी. मेरा लंड अभी पूरा टाईट नहीं हुआ था. मुझे ब्लोजोब और लंड को हिलवाना होता हैं तब जाके मेरा लंड असली रंग में आता हैं. और सीमा भाभी को शायद पता था की लंड कैसे खड़ा करते हैं. वो मेरे लंड के सुपाड़ें को चूसने लगी और मेरे अंडकोष को दबाने लगी. मैं आँखे बंध कर के प्लेटफोर्म को पकड के खड़ा था. अब धीरे धीरे मेरा लंड सीमा भाभी की चूत में अंदर घुसने लगा. वो लंड को अब पूरा मुहं में ले के उसके ऊपर अपनी जबान को घुमा रही थी. मैं तो जैसे सातवें आसामान पर घूम रहा था उस वक्त. साला यह फुलझड़ी पहले क्यूँ नहीं मिली मुझे. अब वो अपने दांतों को हलके हलके से लंड के ऊपर घुसा रही थी, बाप रे क्या मजा था उसकी यह लंड चुसाई में. मुझे लगा की अगर उसने एक मिनिट भी लंड और चूसा तो मैं वीर्य छोड़ दूंगा. मैंने उसे कंधे से पकड के खड़ा किया. भाभी ने मुझे अपना एक बूब्स मेरे मुहं में दे दिया. मैं उसके बूब्स को चूसने लगा और भाभी अपनी चूत के ऊपर दुसरे नम्बर की ऊँगली को फेरने लगी. वो चूत को हिला रही थी और अपने चुन्चो का दूध मुझे पिला रही थी. भाभी के चुन्चो में सच में दूध था. इतना सारा नहीं लेकिन जोर से चूसने पर एक दो बूंद आ रही थी मेरे मुहं में. मैंने अब अपना हाथ उसकी चूत के ऊपर रखा और ऊँगली अंदर कर दी. भाभी की चूत अंदर से पूरी गीली और चिकनी थी. शायद आगे वाले लंड का वीर्य उसने सही तरह धोया नहीं था.

मैंने कहा, भाभी चूत तो साफ़ कर लेती अपनी, कितने कीटाणु होंगे उस रावडी राठोर स्टाइल के लड़के के.

भाभी ने सिसकी ले के कहा, समीर आप ने मौका ही कहा दिया कुछ करने का.

चलिए अभी धो लो, मैं नहीं चाहता की मैं ऐसी गंदी चूत को चोदूं.

भाभी ने कपडे उठाये लेकिन मैंने कहा की, नंगे ही जाओ ना, घर में क्या कपडे पहनने.

भाभी बाथरूम में गई और चूत को लाइफबॉय साबुन से मस्त धो के बहार आई. मैंने अपना हाथ वही किचन के सिंक में धो लिया. फिर मैंने अपनी दो ऊँगली भाभी की चूत में डाल के उसे पूरी गीली कर दी. भाभी के मुहं से सिसकियों पर सिसकियाँ निकल रही थी.

समीर, अब नहीं रहा जायेंगा मुझ से…अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह करो जोर जोर से, अरे लंड ही दे दो मुझेह्ह्हह्ह प्लिज्ज्ज्जज्जज्ज्ज्ज़…….!

मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और उसकी टाँगे मेरी कमर की दोनों तरफ कर दी. उसने टांगो की गाँठ लगा दी और उसकी चूत मेरे लंड के पास ही थी. मैंने चूत के ऊपर लंड को सेट किया और भाभी को गांड से उठा के झटके देने लगा. मेरा लंड भाभी की चूत में रगड़ने लगा और वो जोर जोर से उछलने लगी. मैंने सपोर्ट के लिए अपनेआप को प्लेटफोर्म के साथ खड़ा कर दिया. सीमा भाभी की चूत के अंदर मेरा लंड जोर जोर से अंदर बहार होने लगा और हम दोनों ही भावना और सुख के समन्दर में गोते लगाने लगे. भाभी अपनी गांड को उठा उठा के चुदवा रही थी मेरे पास. और मैं भी अपने लंड को उतनी ही तीव्रता के साथ उसकी चूत में धकेल रहा था. सीमा भाभी भी अपनी गांड उतनी ही जोर से मुझे मारती थी जितनी जोर से मैं उसकी चूत में लंड धकेलता था. पुरे पांच मिनिट वो ऐसे ही मेरे लंड पर उछलती रही और फिर मैंने उसे निचे उतारा. सीमा भाभी को मैंने अब कुतिया बनने के लिए कहा.

सीमा भाभी वही निचे उलटी हो गई और उसकी फैली हुई गांड मेरे सामने थी. मैंने अपना लंड उसकी चूत आर सेट किया और फच से उसे अंदर कर दिया. भाभी ने आह निकाली और फिर मैं भूखे कुत्ते की तरह उसे चोदने लगा. भाभी अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी और मेरा लंड चस चस की आवाज करता हुआ चूत में अंदर बहार होने लगा. सीमा भाभी बड़ी अनुभव वाली लगती थी तभी तो वो बिच बिच में अपनी गति स्लो कर देती थी ताकि मैं जल्दी से झड़ ना जाऊं उसकी चूत के अंदर. मैंने अब अपने झटके तेज किये और जैसे ही मैं झड़ने वाला था लंड को बहार निकाल दिया. वीर्य की एक एक बूंद को मैंने भाभी की गांड पर नितार दी. भाभी ने वीर्य को गांड पर फैला दिया और फिर वीर्य वाली उँगलियों को उसने चाट ली. मैंने अपना लंड भी उसे चाटने के लिए दे दिया जिसे उसने साफ़ कर के पूरा चमका दिया. भाभी खड़ी हुई और हम दोनों ने कपडे पहन लिए.

समीर, अब आप वो फ़ोटोज़ डिलीट कर देना प्लीज़.

आप घबराओ नहीं जब तक मुझे पैसा और चूत मिलती रहेंगी मैं मुहं नहीं खोलूँगा.

भाभी समझ गई की मैं बड़ा हरामी हूँ. उसने अंदर से मुझे 5 हजार लाके दिए और बोली, मेरी सास दोपहर में सोती हैं. कभी भी प्लीज़ शाम में या सुबह में मत आना.

मैंने कहा, जैसा आप कहे भाभीजान.

भाभी के पैसे जेब में डाल के मैं वहाँ से निकल गया. दलप्रित से मैं दोपहर में जासूसी के बहाने छुट्टी लेता था और इधर सीमा भाभी की चूत बजा लेता था. वहाँ मुझे सेलरी मिलती थी और भाभी ओवर टाइम दे देती थी…! इसे कहते हैं की चोर चोर चचेरे भाई…!



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