हेलो दोस्तों, मेरा नाम नंदिनी गुप्ता है. तो पहले मैं आपको अपने बारे में बता देती हू. मेरी आगे 35 है, और मैं शादी-शुदा महिला हू. मेरा एक बेटा भी है 7 साल का. मेरा फिगर 34-32-40 है. रंग दूध जैसा गोरा है मेरा.
तो दोस्तों ये बात है 2-3 साल पहले की, जब मैं पहली बार इंस्टाग्राम पर आई थी. मुझे मेरी दोस्त ने इसके बारे में बताया था. तो मैने पहली बार इंस्टगराम पर अकाउंट बनाया था. मुझे शुरुआत से ही काफ़ी लोगों के मेसेजस आने लग गये थे, और मुझे पता भी नही था ही हर किसी के मेसेज का रिप्लाइ नही करते. इसी वजह से मैं सब के मेसेजस का रिप्लाइ करती थी
तो तभी मुझे आरिफ़ करिशी का मेसेज आया, जिससे मेरी बात होने लगी. धीरे-धीरे हमारी खूब बातें होने लगी, और 2 हफ्ते बाद उसने मुझे ई लोवे योउ बोल दिया. मैं काफ़ी दर्र गयी, और मैने मेसेज सीन करके ही छ्चोढ़ दिया.
लेकिन बाद में मुझे अछा नही लगा, और मैने रात में रिप्लाइ किया. क्यूंकी हमारी ज़्यादातर बाते रात को ही होती थी, करीब 12 बजे.
मैने उसको बोला: आरिफ़ ये सही नही है. मैं मॅरीड हू, और ये ठीक नही.
आरिफ़: यार नंदू, ऐसा कुछ नही होता. ये सब अब नॉर्मल है.
मैं: नही आरिफ़, ये धोखा होगा मेरे पति के साथ. ये ग़लत है.
आरिफ़: यार नंदू, मैं बहुत प्यार करता हू तुमसे, प्लीज़.
मैं: नही आरिफ़, ये ग़लत होगा.
आरिफ़: प्लीज़!
मैं: नो.
आरिफ़: अछा ठीक है!
मैं: खाना खाया?
आरिफ़: अभी नही, मूड ऑफ है.
मैं: श हो!
आरिफ़: अब तुम ही ठीक कर सकती हो मूड.
मैं: कैसे?
आरिफ़: अपनी ब्लॅक सारी में पिक दो, वो नेट वाली सारी जो है.
मैं: ओह, अभी देती हू. इतनी सी बात? वो तो मैने अभी एक हफ्ते पहले शादी में पहनी थी.
आरिफ़: नही-नही वैसे नही. अब मेरा मूड खराब है तो पिक मेरी हिसाब से.
मैं: अछा जी. बताओ फिर.
आरिफ़: सारी वही पहनो, लेकिन ब्लाउस की जगह ओन्ली ब्रा.
मैं: श हेलो, कुछ भी मत बोलो, समझे!
आरिफ़: यार नंदू, कुछ तो मान लो. वरना मैं भूका ही रह जौंगा.
मैं: अर्रे यार.
आरिफ़: प्लीज़ नंदू.
मैं: ओक देती हू, खुश? 30 मिनिट रूको.
आरिफ़: ओक.
मैं: लो देखो पिक (पिक सेंड करके).
आरिफ़: ओह हो नंदू, क्या माल हो तुम, कसम से. तुम्हारा पति बहुत लकी है.
मैं: थॅंक योउ.
आरिफ़: सुन यार, ये पल्लू हटाओ, सामने से ब्रा नही दिख रही.
मैं: चुप रहो.
आरिफ़: प्लीज़!
मैं: ओक.
फिर पिक सेंड करी.
आरिफ़: वाह यार नंदू, क्या माल हो तुम. ये तेरा दूध जैसा गोरा गड्राया हुआ शरीर. तू बस थूकने के लिए बनी है यार.
मैं: क्या मतलब?
आरिफ़: कुछ नही, सुन्न तेरा पति सिगरेट पीटा है ना?
मैं: एस, क्यूँ?
आरिफ़: बस लास्ट बार एक पिक सिगरेट को पीने की बस आक्टिंग करना.
मैं: कुछ भी बोलते हो.
आरिफ़: बस इसके बाद मैं खाना खा लूँगा अल्लाह कसम.
मैं: ओक.
आरिफ़: जो पोज़ मैं बोलू, उनमे भेजो.
मैं: ओक.
आरिफ़: 1. सिगरेट पीते हुए. 2. ब्रा और पेटिकोट में एक टाँग टेबल पर. 3. एक सामने झुकते हुए सिगरेट हाथ में. बस.
मैं: ओक.
फिर पिक्स सेंड की.
आरिफ़: आह जान. क्या ही माल हो तुम. आग लगा दी आज. ये शरीर इतना कैसे गड्राया है तेरा?
मैं: अब तो खाना खा लोगे?
आरिफ़: हा लेकिन पहले बातरूम जौंगा.
मैं: क्यूँ?
आरिफ़: कुछ काम है?
मैं: ओक.
फिर मेरे एक रिलेटिव की शादी थी मोरडाबाद में, और हा, आरिफ़ भी मोरडाबाद से है, और मैं देल्ही से (शादी के बाद से). तो मैने उसको बताया-
मैं: आरिफ़ मुझे मोरडाबाद आना है एक शादी में.
आरिफ़: अर्रे जान, ये शहर अपना है. कब आ रही हो?
मैं: 24 डिसेंबर. और हा, कोई होटेल बता देना.
आरिफ़: अर्रे जान, तुम बस आ जाओ. पूरा शहर घुमौँगा. और वैसे कों-कों आ रहा है?
मैं: मैं और मेरा बेटा.
आरिफ़: अर्रे वाह.
मैं: क्या मतलब?
आरिफ़: अर्रे कुछ नही, बस तुम आ जाओ, सब हो जाएगा.
और दोस्तों, फिर मैं मोरडाबाद चली गयी. मुझे स्टेशन पर लेने आरिफ़ आया हुआ था. फिर उसने मुझे होटेल तक छ्चोढा. तो दोस्तों 24 की शादी अटेंड करके मैने आरिफ़ को मेसेज किया और बोला-
मैं: आरिफ़ कल मेरे बेटे का बर्तडे है. आप प्लीज़ केक वग़ैरा का इंतेज़ां कर लेना. और हम कल सेलेब्रेट करेंगे होटेल रूम में.
आरिफ़: हा-हा जान, कल मिलते है रात को 8 बजे तक.
मैं: और हा, अपने दोस्तों को भी बोल देना, क्यूंकी लोग होंगे तो मेरे बेटे को अछा लगेगा!
आरिफ़: ओक जान. कल का मुझे बहुत इंतेज़ार रहेगा.
मैं: गुड नाइट.
फिर जब कल रात हुई, तो शाम 6 बजे आरिफ़ का कॉल आया मुझे.
आरिफ़: हेलो जान, कैसा है सब?
मैं: मैं ठीक हू. आप आ रहे हो ना समान लेके?
आरिफ़: अर्रे बिल्कुल यार. तुम ये बताओ तुम्हारा फॅवुरेट फ्लेवर कों सा है?
मैं: मतलब? मैं समझी नही, आप बताओ!
आरिफ़: अर्रे जैसे स्ट्रॉबेरी, चॉक्लेट, लेमन, ग्रेप, कोला या बब्ब्लीगम?
मैं: आपको जो अछा लगे ले आओ.
आरिफ़: ओक जान, मैं सब ले आता हू, बाइ.
मैं ये सोचने में पद गयी की ये इतने सारे केक क्यूँ ला रहा था? फिर मैं तैयार होने चली गयी. मैने इस दिन के लिए ब्लॅक चमकीली नेट वाली सारी वित ब्लॅक ब्लाउस रेडी किया था. तो जब रेडी हुई, तभी दरवाज़े की घंटी बाजी. फिर मैने गाते खोला, तो वहाँ आरिफ़ अपने 5 दोस्तों के साथ खड़ा था. 1. क़दीर, 2. फेरूक, 3. आदिल, 4. बिलाल, 5. रफ़ीक़
सब की बड़ी-बड़ी दाढ़ी थी बिना मूच के, जिससे मैं तोड़ा घबरा गयी. लेकिन मैने ये सब इग्नोर किया. फिर वो उसके दोस्त मुझे घूर्ने लगे. मुझे तोड़ा अजीब लगा. तभी मैने उनका ध्यान भटकने के लिए बोला-
मैं: चलो-चलो केक काटेंगे.
फिर हमने केक काटा और थोड़ी देर में मेरा बेटा सो गया, क्यूंकी उसे तोड़ा बुखार हो गया था. फिर खाना खाने से पहले मैं वॉशरूम गयी, तो मैने उन लोगों की बातें सुनी.
रफ़ीक़: भाई आरिफ़, क्या माल है यार. दूध जैसा रंग, गड्राया शरीर, मोटे-मोटे चुचे, पेट पर चर्बी. क्या माल है भाई!
क़दीर: भाई ये तो बस थूकने के लिए बनी है. ऐसी औरत को तो बस दिन-रात छोड़ो. बिस्तर से उठने मत दो. बेल्ट से चाँदी उढेढ़ दो.
अब मैं यहीं सोच रही थी, की ये क्या इरादे से आए थे. फिर मैने ये सब इग्नोर किया, क्यूंकी मैं अकेली थी. मैं जब बाहर आई तो खाने की प्लेट लगी थी. मैने देखा की सब नों-वेग था.
मैं: आरिफ़ ये सब क्या है?
आरिफ़: जान खाना भी तो मँगवाया था?
मैं: हा लेकिन ये नों-वेग है, और मैं वेग हू?
वो सब हासणे लगे और बोले: आज हम आपको असली खाना खिलाएँगे भाभी जी.
मैं पुर दिन की भूखी थी, और कुछ मंगवा भी नही सकती थी. तो मैं खाने बैठ गयी.
मैं: ये क्या-क्या है?
आरिफ़: ये है मटन निहारी, चिकन बिर्यानी, बीफ के क्बब, बीफ कॉर्मा.
मैं: क्या यार, वेग ले आते. मैं ये सब कैसे ख़ौ?
आदिल: अर्रे भाभी जी, ट्राइ तो करो. हमे पता नही था. और अब बाहर कुछ नही मिलेगा. ये देल्ही नही है.
बिलाल: ये लो भाभी जान, ये बीफ क्बब खाओ. ये बेस्ट है यहाँ के.
मैं: हंजी, अब कुछ और ऑप्षन भी नही.
आरिफ़: ये हुई ना बात!
फिर मैने पहली बार नों-वेग खाया. पहले तो अजीब लग रहा था, लेकिन बाद में बहुत मज़ा आया. धीरे-धीरे मैं उन लोगों के साथ नॉर्मल फील करने लगी थी. और अब हमने एक कार्ड्स ग़मे खेलना शुरू किया. इस ग़मे के रूल क्या थे, वो नेक्स्ट पार्ट में. अगर आपको ये स्टोरी अची लगी, तो मुझे मैल करिए. तभी नया पार्ट आएगा. एक मैल से भी काम चलेगा.