होटल में अजनबी लेडिज की चूत और गांड मारी

वो तीनो ने दो दो शॉट्स लिए और उन्हें थोड़ी थोड़ी चढ़ सी गई. मैंने पी थी लेकिन मुझे अभी नहीं थी. क्यूंकि अगर मुझे चढ़ जाती तो मेरे चोदने का सब प्लान फ़ैल हो जाता इसलिए मैं स्लोवली स्लोवली एक एक घूंट ले रहा था. वो तीनो टल्ली हो चुकी थी.

फिर मैं उन्हें ले के वापस होटल पर आ गया. मैंने उन लोगों को अपने रूम में ही ले लिया. वो लोगों के सेंडल वगेरह निकाले मैंने. तभी उनमे से एक को उलटी आ गई. वो टॉयलेट की तरफ भागी. मैंने उसके पीछे गया और उसे निम्बू चटाया. उसको ठंडी सी लग रही थी और वो मेरे से लिपट गई. मैं अराउज़ हुआ था लेकिन उतना सब नहीं. वो अभी भी टल्ली सी ही थी. मैंने उसके होंठो के ऊपर एक किस दे दी.

उसने भी मुझे वापस किस दे दी. अब हम दोनों मजे से एक दुसरे को किस दे रहे थे. फिर मैंने किस तोड़ दी तो उसने मेरे कान में कहा, मुझे और करना हे, किस से भी ज्यादा. मैंने कहा मैं भी उसी की तो राह देख रहा हूँ मेरी जान. लेकिन क्या तुम अपनी दो सहेलियों को भी इसके लिए रेडी कर सकती हो. उन्के बिना करना ठीक नहीं हे, सब मिल के करते हे ना. उसके कहा रुको.

हम लोग वापस बिस्तर वाली जगह पर आये तो वहां वो दोनों आधी बेहोश सी पड़ी हुई थी. उस लेडी ने अपनी दोनों सहेलियों को बताया की चलो साथ में मिल के मस्ती करते हे. मैंने मेन डोर को लॉक कर दिया. मैं बिस्तर में आ गया और फिर मैंने सब को एक एक किस दे दी. पहले उन दोनों ने थोड़ी झिझक सी दिखाई लेकिन फिर वो भी मूड बना चुकी थी अपना अपना. फिर तीनो में से एक लेडी मेरे ऊपर आ गई. मेरे सभी तरफ ये लेडिज थी. मैंने एक के बूब्स को पकड़ के मसले और वो तिलमिला सी गई.

दूसरी की गांड को पकड़ के मैं दबाने लगा था. उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और स्कर्ट ऊपर होते ही उसकी गांड नंगी ही थी. मैंने अपनी दो ऊँगली को उसकी गांड के छेद में घुसा दी और वो मचल गई. मेरा लंड एकदम कड़ा हो चूका था. मैंने अब उन्हें एक एक कर के नंगा कर दिया. तीनो में से दो ने पेंटी पहनी थी और ब्रा सब ने. मैंने ब्रा पेंटी को भी निकाल फेंका. फिर मैं भी अपने सब कपडे खोल के एकदम न्यूड हो गया.

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फिर एक को पकड के मैंने उसके होंठो पर जोर जोर से किस किया. फिर जिस लेडी की चुदाई करने का मेरा पहले से मन था उसकी चूत के ऊपर मैंने अपना लंड रख दिया. वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह कर रही थी और मैं लोडे को उसकी चूत के ऊपर घिसने लगा था. बाकी की दो लेडी कह रही थी डाल से अनुष्का के भोसे में लंड को अपने.

और वो दोनों अभी भी मुझे किस कर रही थी और मेरे बदन को अपने हाथ से गरम कर रही थी. मैंने अपना लोडा चूत में घुसा दिया और अपनी कमर को हिला के उसे चोदने लगा. आह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह उईइ अह्ह्ह्ह यस याहह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह अयय्य्य्हह्ह्ह्ह हम दोनों के मुहं से नीकल रहा था. उसकी चूत मैंने सोचा था उस से ज्यादा ही ढीली थी और मेरा लंड फच फच के साउंड के साथ अंदर बहार हो रहा था. वो भी बूब्स हिला हिला के मरवा रही थी अपनी चूत को. तभी मुझे लगा की मेरा वीर्य छटकने को हे. मैंने कहा तो उसने कहा अन्दर ही निकाल दो कोई प्रॉब्लम नहीं हे. मैंने अपने झटके तेज कर दिए और दूसरी ही मिनिट मेरे लंड से ढेर सारा पानी निकल के उसकी चूत को भिगो गया.

मैंने धीरे से अपने लंड को निकाला तो वो तीनो ने उसे चूस के और चाट के एकदम क्लीन कर दिया.

अब दूसरी की चूत को लेने की बारी थी. वो पहली वाली से पतली थी. लेकिन उसके बूब्स बड़े थे. मैंने उसके बूब्स को मुहं में ले लिए और वो मेरे लंड को अपने हाथ में ले के उसे स्ट्रोक करने लगी. पांच मिनिट में उसके हाथ से और मुहं से मेरा लंड फिर से कडक हो गया.

मैंने उसे कहा मैं तुम्हे घोड़ी बनाऊंगा मेरी जान.

वो खुद ही घोड़ी बन गई. मैंने पीछे से उसकी चूत को चाटी और गीली कर दी. उसकी चूत कोई फूली हुई पूरी के जैसी और चिकनी लग रही थी. मैंने लंड उसके ऊपर थपथपा दिया. और फिर धीरे से अन्दर डाला तो आराम से घुस गया. ये बेन्चोद लेडी का भोसड़ा भी खुला हुआ था. मैंने उसके ऊपर चढ़ के घोड़ी वाले पोज में उसे 10 मिनिट तक ठोका. बाकी की दो कभी मेरी जांघ को किस करती थी तो कभी खड़े हो के मेरे होंठो को. और बिच बिच में वो एक दुसरे के साथ लेस्बियन किस करती थी और एक दुसरे के बूब्स और चूत को भी प्यार करती थी.

मैंने घच घच कर के इस लेडी को और पांच मिनिट चोदा और फिर से अपने लंड का पानी उसकी भोसड़ी में ही निकाला. अब मैं थोडा थका था. मैंने उसके छेद से लंड निकाल के सिगरेट जलाई. हम चारों ने साथ में मिल के सिगरेट फूंकी. अब तीसरी वाली की चूत को लंड की लगन लागी हुई थी. उसको मैंने कहा तुम मेरे लंड पर सवारी करोगी मेरी जान. वो बोली, यस क्यूँ नहीं.

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मैंने तीनो को लंड चुसाया फिर से. इस बार लंड को खड़ा होने में ज्यादा ही टाइम लग गया. फिर मैंने लंड को निचे लेट के ऊपर कर के लेटा. और वो तीसरी लेडी मेरे ऊपर चढ़ गई. उसके बूब्स दबा के मैंने निचे से एकदम जोर जोर के धक्के मारे. वो भी रंडी के जैसे अपनी गांड और कमर को हिला हिला के मेरे लंड का मजा ले रही थी.

पांच मिनिट उसे लंड पर जम्प करवाने के बाद मैंने उसे कहा चलो तुम भी कुतिया बनो मेरी जान. उसने घोड़ी बन के अपनी चूत को फैलाया. लेकिन मैंने कहा आगे नहीं पीछे डालूँगा. इतना कह के मैंने उसकी गांड पर थूंक दिया और अपने लंड को उसकी गांड में डाला. वो बेतहाशा पेन से तिलमिला चुकी थी. लेकिन पूरा लंड उसकी गांड में आराम से घुस चूका था. मैं पुरे लंड को बहार निकाल के वापस उसकी गांड में देता था और जब पूरा लंड अंदर जा के मेरे बॉल्स उसकी चूत पर घिसते थे तो उसके मुहं से आह निकलता था. मैंने दोनों हाथ से उसकी गांड को पूरा खोला हुआ था ताकि उसे गांड मरवाने में कम से कम पेन हो.

पांच मिनिट एनाल करने के बाद मेरे लंड का पानी निकल पड़ा. जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी गांड से निकाला तो मेरा वीर्य बेक फ्लो होते हुए बहार आ गया. मैंने वापस लंड को अन्दर डाला और कुछ देर उसकी गांड फिर से मारी. उसकी गांड का छेद और मेरे लंड का सुपाड़ा दोनों लाल हो चुके थे. वो भी थक गई थी अपनी गांड मरवा मरवा के.

लंड बहार निकाल के मैंने उन्हें चटाया और फिर कुछ देर के लिए हम लोग लेट गए. रात को करीब डेढ़ बजे हम सब वापस उठे और खाना ऑर्डर किया. खाने के बाद हम लोग फिर से एक बार ग्रुपसेक्स करने के लिए रेडी थे.

मैं और वो तीनो उसी होटल में और तिन दिन तक रुके और चुदाई का खेल ऐसे ही चलता रहा हर रोज दिन में और रात में!

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