हॉट सीमा 2 Xxx की चूदाई कहानी 3

हॉट सीमा 2 Xxx की चूदाई कहानी 3
मेरी पिछली कहानी आई थी
हॉट सीमा 2 Xxx की चूदाई कहानी 2
अब आगे की कहानी पर आती हूँ।
अगले 4 दिनों तक सब नॉर्मल रहा क्योंकि मेरा पीरियड आ गया था तो मैंने बाबर जी को पार्टी के लिये मना कर दिया।
अनुम को न्यू बिसनेस डील मिल गयी थी तो वो उसमें बिज़ी हो गया और मैं भी अपने ऑफ़िस के कामों में बिज़ी रही।
फिर बाबर जी ने फ्राइडे की शाम को पार्टी की बात कही तो मैंने सोचा फ्राइडे में पार्टी करना ठीक रहेगा। सैटरडे की छुट्टी है तो मैं आराम कर लूंगी।
फिर मैंने ऑफ़िस में अपनी 2 सहेलियों को और 2 लड़कों को बुला लिया, बाबर जी को बोल दिया आने को और अनुम को फ़ोन करके बोल दिया आने को पार्टी में!
अब ऑफ़िस से शाम को जल्दी अपने फ्लैट पर आ गयी और पार्टी की तैयारी करने लगी।
श्याम को 7 बजे सारे दोस्त आ गये। कोई फ्लावर बुके तो कोई कुछ और गिफ्ट लाया था।
अनुम ने मुझे एक ड्रेस गिफ्ट की जो बहुत अच्छी थी। मैंने अनुम से सभी लोगों को मिलवाया, सबको बताया कि ये मेरा बॉयफ्रेंड है।
उस टाईम तक बाबर जी नहीं आये थे।
तो हम लोग मिलकर बात कर रहे थे, कि डोर बेल बजी और बाबर जी आ गये। उनके हाथ में एक गिफ्ट था जो मैंने ले लिया और रख दिया।
फिर सब लोगों ने मिल कर बातें की, खाया पीया और डांस किया। फिर रात को 11 बजे तक सब लोग चले गये। अनुम भी चला गया।
अब मैंने सभी कपड़े निकाल दिये और नंगी होकर लेट गयी। और ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत में उंगली करने लगी।
इतनी देर में डोर बेल बजी तो मुझे लगा कि अनुम आ गया मुझे चोदने के लिये!
तो मैंने ट्रांस्परेन्ट सी नाईटी पहन ली और दरवाजा खोलने के लिये गयी।
जैसे ही मैंने दरवाजा खोला मैं देख कर दंग रह गयी, बाबर जी थे दरवाजे पर… और उनके हाथ में एक शैम्पेन की बोतल थी।
अब मेरे पास कुछ नहीं था जिससे मैं खुद को छिपा सकूँ। और बाबर जी भी चकित से होकर मेरी बूब्स और निप्पल को देख रहे थे।
मैंने दरवाजा हल्का सा बंद किया और ऊपर से गाऊन डाल लिया और स्ट्रिप बाँध कर गेट खोल कर बाबर जी को अन्दर बुलाया।
मैंने पूछा- क्या हुआ सर?
तो बाबर जी ने कहा- तुम्हारे लिये स्पेशल गिफ्ट शैम्पेन लाया हूँ, पहले बहुत महंगी लगी थी ये… पर तुम्हारी खूबसूरती देख कर सस्ती लग रही है।
मैं- तो सर आप मेरे खूबसूरती की कीमत लगा रहे हैं?
बाबर जी – नहीं सीमा, तुम तो अनमोल हो।
मैं बहुत खुश हुई और शर्मा गयी।
फिर सर ने कहा- यार, बीवी और बेटा घर पर होते हैं इसलिये वहाँ पी नहीं पाता हूँ बीबी ने मना कर रखा है पीने के बाद में घर नही जा सकता हु, और तुम्हारे साथ पीना चाहता था।
मुझे भी दारू पिये काफी दिन हो गये थे तो मैं भी मान गयी सर के साथ दारू पीने के लिये। और ये तो महंगी शैम्पेन थी जो मैं पहली बार पीने वाली थी।
मैं अन्दर से दो ग्लास लायी और टेबल पर रख दिये।
तो सर ने बोतल मुझे दे दी और खोलने को कहा और बताया कि इसे कैसे हिलाने के बाद खोला जाता है।
मैंने वैसे ही किया और उसके खुलते ही बहुत प्रेशर के साथ झाग निकला जो सीधा सर के ऊपर गया और बॉस पूरे गीले हो गये।
मैंने सर से कई बार सॉरी बोला तो सर ने मुझे माफ कर दिया और कपड़े गीले हो गये थे तो कुछ पहनने के लिये माँगा।
मैं अकेली रहती थी तो मेरे पास किसी जेन्ट्स के कपड़े नहीं थे इसलिये मैंने उन्हें तौलिया दे दिया।
सर ने बाथरूम में जाकर अपने कपडे उतार कर वो तौलिया लपेट लिया और बाथरूम से पूछा- ऊपर के लिये कुछ है या नहीं?
मेरे पास एक ही तौलिया था तो मैंने मना कर दिया।
तो सर ने बोला- तुमने जो गाऊन पहना है, वो ही दे दो, वो तो बाथ रोब टाइप है, लेडीज़ और जेन्ट्स सब पहन सकते हैं।
अब मैं सोचने लगी कि मैंने सिर्फ एक ट्रान्सपेरेन्ट नाईटी पहन रखी है अन्दर अब क्या करुँ?
फिर मैंने सोचा कि गलती मेरी है तो मुझे ही कुछ करना पड़ेगा… इसलिये मैंने गाऊन सर को दे दिया और जल्दी से ब्रा पेंटी पहन ली नाईटी के अन्दर।
अब सर ने मुझे तौलिया दे दिया और अपने कपड़े दे दिये जिन्हें मैंने दूसरे कमरे में पंखे के नीचे सूखने को फैला दिये।
मैंने देखा कि उन में सर की चड्डी भी थी इसका मतलब सर गाऊन में बिल्कुल नंगे हैं। यह सोच कर मेरी चूत गीली हो गयी और अपने आप कामवासना वश सर की चड्डी को लंड वाली जगह पर मैंने मुँह से लगा कर सूंघने और चाटने लगी जिससे मुझे और कामुकता चढ़ गयी। उसमें से सर के लण्ड की खुशबू आ रही थी।
फिर मैंने चड्डी नीचे रख कर जब मुड़ी तो देखा सर की पीठ मेरी तरफ थी। मैं सोचने लगी कि कहीं सर ने देखा तो नहीं।
अब मैं और सर बैठ गये पीने के लिये। मैंने मोबाइल में गाना चला दिया और पीते हुए सर से बात करने लगी।
सर की नजर मेरी नंगी जांघों पर और मेरी झाँकती हुई नंगी चुची पर थी।
धीरे धीरे मुझे नशा सा होने लगा और सर को डबल नशा मेरे नंगे जिस्म का और दारू का!
सर का लंड टाईट हो रहा था जिसे वो हाथ से दबा कर छिपाने की कोशिश कर रहे थे। उनके लण्ड को ऊपर से देख कर मेरे मुँह में पानी आ रहा था।
और मुझे लंड देखते हुए सर ने देख लिया और अपने लंड से हाथ हटा लिया। अब उनका लंड ने पूरा टाईट होकर गाऊन को ऊपर उठा लिया था।
हम दोनों जमीन पर बैठ कर दारू पी रहे थे और मेरे पीछे सोफा था।
सर- सीमा, अपने फ़ोन का कैमरा दिखाओ, सुना है आई फ़ोन का कैमरा बहुत अच्छा है।
मेरी नजर केवल सर के लण्ड पर थी, मैं उसे देखती हुई अपना मोबाइल खोजने लगी। पर मोबाइल मेरे पीछे सोफे पर था।
सर – वो तुम्हारे पीछे है।
मैं- आप खुद ले लीजिये जहाँ भी है।
और मैं दारू के ग्लास को उठाने के लिये झुकी।
तो सर उठ गये और मेरी तरफ आने लगे। जैसे ही मैं उठी मेरी नजर सर के लंड पर गयी और मैं देख कर चकित हो गई, मेरा मुँह खुल गया। सर मेरा मोबाइल उठाने के लिये झुका तो उनका लंड मेरे मुँह में घुस गया।
फिर मोबाइल लेकर सर उठे तो देखा उनका लंड मेरे गले में फंस गया है जिसे उन्होंने जल्दी से खींच कर निकाल लिया और मुझे सॉरी बोला।
मुझे तो कुछ सुनाई ही नहीं दिया, मैं तो बस उनके लंड के एहसास को मुँह में महसूस करके मदहोश हो गयी थी और आंखें बंद करके उस लम्हे को याद कर रही थी।
मेरी चूत पानी छोड़ चुकी थी।
अब सर मेरे सामने बैठ कर मोबाइल देखने लगे और उनका गाऊन सिर्फ उनके लंड को ढक रखा था। मैं चाह रही थी सर उसको हटा कर अपना लंड दिखा दे और मुझे चोदने लगे अपने मोटे लंड से।
सर ने मुझे कहा- यार सीमा, तुम नाईटी में बहुत खूबसूरत लग रही थी जब मैं आया तब!
मैं सर की बात को समझ गयी इसलिये मैंने चुटकी लेने के लिये पूछा- तो अभी खूबसूरत नहीं लग रही हूँ क्या?
सर- अभी भी लग रही हो पर उस समय तुम्हारी नेचुरल ब्यूटी देखने को मिली थी।
मैं समझ गयी सर क्या चाहते हैं।
तो मैंने कहा- मुझे बाथरूम जाना है।
और मैं बाथरूम में चली गयी।
अन्दर जाकर मैंने अपनी ब्रा निकाल दी और सिर्फ नाईटी पहन कर आ गयी।
मुझे अन्दर से नंगी देख कर सर की आंखों में चमक आ गयी।
मैंने भी मुस्कुरा कर सर को देखा और पूछा- अब कैसी लग रही हूँ?
सर ने कहा- जैसे काम की देवी धरती पर उतर गयी हो। तुम किसी स्वर्ग की अप्सरा की तरह खूबसूरत लग रही हो।
सर की नजर मेरे टाईट हो चुके निप्पल पर थे। मैं बस उनकी बातों को सुन रही थी और शर्म से चेहरा नीचे करके उनके लंड को देख रही थी। हम दोनों एक दूसरे के बहुत नजदीक खड़े थे।
फिर सर ने कहा- एक बात पूछूँ?
मैं- हां सर, पूछिये ना।
बॉस- तुम कमरे में जब मेरे कपड़े रखने गयी थी तो क्या कर रही थी?
मैं शर्मा गयी और कुछ नहीं बोल पायी।
फिर सर ने मेरे कान के पास मुँह लाकर कहा- सीमा, क्या मैं तुम्हें गले लगा सकता हूँ?
मुझे उनके जिस्म की खुशबू अच्छी लग रही थी, मैं खुद उनसे चिपक गयी।
सर ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरी नंगी पीठ को सहलाने लगे। उनका लंड मेरी चूत को प्यार दे रहा था जिसे मैं अपनी चूत में लेने के लिये तड़प रही थी।
अब सर ने मेरे नंगे कन्धों पर अपने होंठ रख दिये और उन्हें किस करते हुए चाटने लगे। मैं सिहर गयी और उनकों बांहों में कस लिया। अब सर ने भी मुझे कस लिया मेरी चूतड़ों को पेंटी के ऊपर से ही पकड़ लिया और मेरे कान की लटकनों को चूसते हुए पूछा- जो कमरे में सूंघ रही थी, वो खुशबू अपने अन्दर लेना चाहोगी? वो स्वाद महसूस करोगी?
मैं उनकी बात सुन कर मैं समझ गयी कि आज सर के साथ नई चुत चुदाई कहानी बनेगी, इस बात को सोच कर और सिहर गयी और खुशी के मारे अपनी चूत को सर के लंड पर दबा दिया। जिसे सर ने मेरी हाँ समझ कर मुझे धीरे धीरे सोफे पर बिठा दिया और मेरे सामने अपना गाऊन उतार दिया।
अब सर मेरे सामने बिल्कुल नंगे खड़े थे और उनका 9.5 इंच लंबा 3 इंच मोटा लंड मुझे देख कर सलामी दे रहा था।
फिर सर ने कहा- सीमा , अच्छा नहीं लगा?
मैंने मुस्कुरा कर आंखें बंद कर ली और सर के लंड को पकड़ लिया,
अब वो मेरे सिर को सहलाने लगे और मैं उनके लंड को चूमने लगी और जीभ से चाटने लगी।
मैंने चेहरा ऊपर करके देखा तो सर ने आँखें बंद कर ली थी। मैंने मौके का फायदा उठाया और सर के लंड को मुँह में ले लिया।
सर सिहर गये और मेरे सिर को हाथों में कस लिया और पकड़ के अपना लंड मेरे मुँह में घुसा दिया। लंड मेरे गले में चला गया और मुझे खांसी आ गयी तो सर ने जल्दी से निकाल लिया और मुझे खड़ा करके मेरे चेहरे को पकड़ लिया फिर मुझसे सॉरी सॉरी बोलने लगे।
मैंने जल्दी से सर के मुँह को अपने मुंह में ले लिया और उनके होंठों को चूसने लगी।
फिर उस के बाद मैंने सर के लंड को पकड़ रखा था और हल्का हल्का दबाने लगी थी।
सर को भी अच्छा लग रहा था और उन्होंने मेरी नाईटी के अन्दर हाथ डाल कर मेरी नंगी कमर को पकड़ लिया।
मैं सर के नंगे जिस्म से चिपक कर उनके जीभ को चाट रही थी।
फिर मैंने कहा- मेरे मुँह में गयी दुनिया की सबसे अच्छी चीज के लिये सॉरी मत बोलिए।
इससे मेरा सर उत्तेजित हो गया और मेरी नंगी पीठ को सहलाते हुए मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दिया।
मैं भी नंगी पीठ को सहलवाते हुए अपने जीभ को चुसवा रही थी। सर का लंड मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत में घुसने की कोशिश कर रहा था।
5 मिनट की जीभ चुसायी के बाद सर ने कहा- क्या दुनिया की सबसे अच्छी चीज को प्यार करोगी?
मैं सर को देख कर मुस्कुरा दी और उनके लंड को दबा दिया, फिर सर को धक्का देकर सोफे पर बिठा दिया।
अब मैंने पूछा- क्या और नेचुरल ब्यूटी देखना चाहते हैं?
सर – हां!
मैं- पर थोड़ी मेहनत करनी होगी।
सर – क्या करना होगा?
मैं सर की नंगी टांगों के बीच बैठ गयी और जीभ निकाल कर सर के लंड को चाट लिया और बोल दिया- क्या करना है, ये आप खुद जानो।
अब मैं सर के लंड को चूसने लगी, सर ने आँखें बंद कर ली फिर मेरी नाईटी को पकड़ कर खींच लिया। अब मैं सर के सामने ऊपर से नंगी बैठ कर उनका लंड चूस रही थी। अब सर ने मेरी नंगी चुची को पकड़ कर मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया।
मुझे अच्छा लग रहा था अपना मुँह चुदवाने में! मेरे मुँह से बस ‘गुं गुं…’ की अवाज निकल रही थी और सर मेरे सिर को पकड़ कर मेरे गले में अपना लंड घुसा रहे थे। मेरी मुँह का छेद पूरा खुल गया था। मेरे मुँह की चुदायी आज तक ऐसी नहीं हुई थी।
सर ने स्पीड बढ़ा दी और ‘बहुत टाईट माल हो नेहा मेरी जान!’ बोल कर मेरे मुँह में अपना वीर्य भरना शुरू कर दिया।
मैं वैसे ही मुँह को चुदवाते हुए सर का वीर्य पीने लगी। मुझे बहुत टेस्टी लग रहा था। फिर मैंने थोड़ा सा वीर्य मुँह में भर लिया और सर के लंड को मुँह से निचोड़ कर लंड निकाल दिया।
अब मैंने दारू वाले ग्लास में सर का वीर्य अपने मुंह से डाल दिया, फिर सर का लंड चाट कर साफ कर दिया।
इसके बाद मैंने उठ कर सर के गिलास में दारू डाल कर सर को दे दिया और जिस गिलास में वीर्य था, उसमें दारू डाल कर मैं सर के नंगे लंड पर बैठ गयी उनकी गोद में!
सर ने मेरी नंगी कमर में हाथ डाल कर पूछा- गिलास में वीर्य डाल कर पियोगी क्या?
मैंने बोला- ये वीर्य अनमोल है, इससे दारू का स्वाद अच्छा हो जायेगा।
अब सर मेरी नंगी चुची को चूसने लगे और मैं उनके सर को सहलाते हुए अपना निप्पल चुसवाने लगी और साथ में सर के लंड से निकला वीर्य पीने लगी।
सर का लंड दुबारा से खड़ा होने लगा और मेरी गांड में चुभने लगा।
सर- सीमा, मेरे लंड में दर्द हो रहा है!
मैं- क्यों सर?
सर – तुम्हारी पेंटी बहुत टाइट है।
मैं- हंसते हुए। जो इतने टेस्टी और मोटे लंड को टाइट होने से रोके उसे दुनिया में रहने का हक नहीं है।
सर ने जैसे ही ये सुना, मेरी पेंटी को फाड़ कर मेरी चूत और गांड को नंगा कर दिया। ये मुझे बहुत अच्छा लगा। और मैंने सर के होंठो को चूम लिया। अब सर का लंड मेरी गांड की छेद को चाट रहा था।
सर – आज मुझे अपने लंड से जलन हो रही है।
मैं- क्यो?
सर – मेरा लंड दुनिया की सबसे प्यारी चीज को चाट रहा है।
मैं- कौन सी चीज को आपका लंड चाट रहा है?
सर – सीमा तुम्हारे गांड की छेद को।
मैं- तो आपको जलन क्यों हो रही है?
सर – सीमा मैं तुम्हारी गांड का दीवाना हूँ और मैं तुम्हारी गांड चाटना चहता हूँ।
यह सुन कर मेरी चूत टाईट हो गयी और मैं सर के सीने से लग गयी, मैंने सर के कान में कहा- मेरी चूत गांड आज सब कुछ आपकी है, आप जैसे चाहे चाट लीजिये या मुझे चोद दीजिये।
अब सर की खुशी दुगनी हो गयी क्योंकि मैंने उनको चोदने की इजाजत दे दी थी।
सर ने मेरे कान में कहा- मुझे बहुत रफ सेक्स पसन्द है, तुम झेल नहीं पाओगी।
मैंने कहा- आपके लंड को अपना बनाने के लिये मैं आज कुछ भी झेल जाऊंगी. प्लीज सर सेक्स कीजिए मेरे साथ… मुझे खा जाईये मेरी प्यास बुझा दीजिये।
अब सर ने मेरा चेहरा पकड़ लिया और फिर मेरे होंठों को अपने होंठों से लगा लिया। मैं भी सर के मुँह में अपनी जीभ डाल कर सर के जीभ को चाटने लगी।
दस मिनट तक हम दोनों ने एक दूसरे के होंठों को जीभ को चूसा।
फिर सर ने मुझे बोला- अपना मुँह खोलो!
मैंने खोल दिया।
तो सर ने मेरे मुँह में अपने मुंह से थूक दिया जिसे मैं पी गयी।
और फिर सर मेरे पूरे चेहरे को जीभ से चाटने लगे, मेरे निप्पल को दबाने लगे और मुंह में लेकर मेरे निप्पल को चूसने लगे।
अब सर ने मेरी चुची पर थूक दिया और अपने हाथ से थूक को मेरी चुचियों पर मसल कर लगाने लगे। मुझे थूक से चुचियों की मालिश करवाने में मजा आ रहा था। अब सर ने मुझे अपने लंड पर घुमा दिया और मेरे पीठ को अपनी तरफ कर लिया, मेरी नंगी पीठ को चाटना शुरू कर दिया।
नीचे से सर का लंड मेरी चूत को चाट रहा था।
अब सर ने मुझे खड़ा कर दिया और पीठ को चाटते हुए नीचे जाने लगे।
यह मेरे साथ कुछ अलग हो रहा था तो मैं बहुत उत्तेजित हो गयी थी।
अब सर ने मेरे नितम्बों पर जोर जोर से चांटे मारे और फिर मेरे चूतड़ों को मुँह में लेकर चूसने लगा, पीछे से मेरी चुची को पकड़ कर दबाने लगा और मेरे चूतड़ों को काट कर उसे जीभ से चाटना शुरू कर दिया।
सर – सीमा मेरी जान, अपनी गांड दिखाओ ।
मैं आगे से झुक गयी और अपने दोनों हथों से चूतड़ फैलाए जिससे मेरी भूरे रंग की गांड का छेद मेरे सर को दिख गया।
सर ने एक मिनट तक मेरी गांड के छेद को देखा,सर ने मेरे सामने अपना हाथ कर दिया और बोला- थूक दो इस पर।
मुझे उनका अंदाज बहुत अलग लग रहा था इसलिये वो जैसा बोल रहे थे, मैं वैसे ही कर रही थी। तो मैंने सर के हाथ पर थूक दिया। जिसे सर ने मेरे निप्पलों पर लगा दिया। फिर दूसरा हाथ आगे किया, मैंने उस पर भी थूक दिया और उसको उन्होंने मेरी पीठ पर रख दिया।
अब ऐसे 3 बार मेरे दोनों निप्पल और मेरी नंगी पीठ पर थूक लगा कर सर ने दोनों को मसलना स्टार्ट कर दिया।
अब सर ने मेरी गांड को चाटना स्टार्ट कर दिया। जो मुझे पागल बना रहा था।
सर ने अब मेरी दोनों टांगें फैला दी और मेरी गीली हुई चूत पर जीभ रख दिया और चाटना स्टार्ट कर दिया। वो अभी जीभ मेरे चूत के छेद से मेरी गांड के छेद तक ले जाता जो मुझे अच्छा लग रहा था।
मेरी चूत के छेद में जीभ डाल कर जीभ से मुझे चोदने लगा और फिर दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को फैला कर मेरी गांड को और फैला दिया और उसमें जीभ घुसा दिया।
सर – सीमा डार्लिन्ग, अपनी गांड का छेद खोलो।
मैं- सर, मेरी गांड तो आप खोलेंगे ना लंड से?
सर – क्या तुमने कभी गांड मरवायी है कभी?
मैं- नहीं सर, बस चूत मरवायी है मैंने, मेरी गांड कुंवारी है अभी।
सर ने मेरी चूत में अपनी एक उंगलि एक झटके में घुसा दी जिससे मैं चीख पड़ी।
सर – चूत मरवा चुकी हो, फिर भी दर्द है?
मैं- सर, अभी ज्यादा नही चूदी है । पर आपकी बीवी की तरह मेरी किस्मत कहाँ जो इतना मोटा लंड ले सकूँ डेली।
सर ने मुझे खींच कर सोफे पर लिटा दिया और मेरी टाँगें फैला कर एक झटके में अपना लंड घुसा दिया।
मैं- आआअह्ह्ह सर नहीं।
सर का लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर फंस गया और मेरी सांसें अटक गयी, मेरा मुँह खुल गया था।
सर ने मेरे दर्द की परवाह किये बिना मुझे दूसरा झटका मारा और मेरी चूत को पूरा फाड़ दिया। मैं सर की बांहों से निकलना चाहती थी पर सर ने मुझे पकड़ लिया था और वे मेरे निप्पल चूस रहे थे।
मैं- सर प्लीज छोड़ दीजिये, मैं मर जाऊंगी। मेरी चूत फट गई है।
सर – मेरी जान, जब तुम्हारी चूत खुल रही थी तब दर्द हुआ था ना?
मैं- हां सर।
सर – और क्या तुम मेरे लंड से प्यार नहीं करती हो?
मैं कुछ बोलती उससे पहले सर ने लंड चूत से निकाल लिया और कपड़े से पौंछ कर मेरे मुँह में डाल दिया। मैं सर के लंड की दीवानी थी इसलिये सब कुछ भूल कर लंड को पागलों की तरह चूसने लगी, लंड पर थूक कर मसलने लगी।
फिर सर ने दारू के गिलास में लंड डाला और मेरे मुँह में डाल कर मुझे लंड से दारू पिलाया और मेरी फटी हुई चूत को दारू से धो दिया। मुझे चूत में बहुत जलन हुई पर सर मेरी चूत में लगी हुई पूरी दारू चाट गये।
अब सर मुझसे दूर दूसरे सोफे पर बैठ गये नंगे ही… और मैं उनके सामने अपनी टाँग फैला कर अपनी नंगी चूत दिखा रही थी।
सर – सीमा, तुमको मेरी बीवी से जलन है?
मैं- जी सर।
सर – क्यों?
मैं- इतना अच्छा लंड है उनके पास।
सर – मेरा लंड आज तुम्हारा गुलाम है सीमा रानी।
मैं उठ गयी और सर के लंड को मुँह में लेकर चूसा, फिर हाथ से पकड़ लिया और सर के लंड को पकड़ कर उन्हें बेडरूम में ले जाने लगी। सर भी पूरे नंगे थे और मैं भी। सर मेरी चूतड़ों को सहलाते हुए चल रहे थे। कभी कभी मेरी गांड की छेद को रगड़ देते जिससे मैं सिहर जाती।
मैंने सर को बेड पर लिटा दिया और उनके लंड को मुँह में ले कर चूसा एक बार।
सर – सीमा मेरी जान, मुझे अपनी गांड का स्वाद लेने दो।
मैंने सर के मुँह पर गांड रख दी और सर ने जीभ निकाल कर मेरी गांड को चाटना स्टार्ट कर दिया। हम दोनों 69 की अवस्था में थे, मैं सर का लंड चूस रही थी।
10 मिनट गांड और चूत चटवाने के बाद मैं बहुत उत्तेजित हो गयी और सर को बोल दिया- अब चोद दीजिये ना सर!
सर ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी टांगों को फैला कर बोले- सीमा , चूत फैलाओ!
मैंने दोनों हाथों से चूत को खोल दिया और सर के लंड को रास्ता दिखा दिया।
अब सर ने मेरी चूत में थूका और फिर लंड को रगड़ना स्टार्ट कर दिया। मैंने सांसें रोक ली थी जिससे दर्द कम हो!
और फिर सर से मेरी चूत को फाड़ते हुए अपना मोटा मूसल घुसा दिया।
मैं जोर से चीख पड़ी तो सर ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया और फिर एक शॉट मार पूरा कर लंड मेरी चूत में पेल दिया।
मुझे दर्द हो रहा था पर मैं खुश थी कि इतना मोटा और बडा लंड मेरी चूत में घुसा हुआ था।
मैंने सर के हाथ को हटा कर कहा- थैंक सर मेरी चूत मारने के लिये।
अब सर मेरी चूत में लंड डाल कर मेरे निप्पल को चूसने लगे।
मैं- सर, मुझे जोर जोर से चोदिये।
सर ने मुझे चोदना स्टार्ट कर दिया, मैं अपनी टाँगें हवा में उठा कर चुदवा रही थी और सर की कमर को पकड़ कर अपनी कूलेह उछाल रही थी।
आधे घन्टे में मैं दो बार झड़ चुकी थी।
अब सर ने स्पीड बढ़ा दी और मेरे मुंह में मुँह डाल कर चोदना तेज कर दिया।
सर – सीमा मेरी जान, तेरी चूत बहुत मस्त है रानी!
मैं- मेरी चूत को चोद चोद कर भोसड़ा बना दीजिये सर, मुझे जोर से चोदिये।
सर – मेरी जान, तुझे चोदने में मजा आयेगा।
मैं- सर, मेरी चूत में लंड डाल कर रखियेगा हर रोज।
सर ने मेरे निप्पल को चूसते हुए जोर से काटा और बोला- मेरी जान, तुझे रखैल बना कर रोज चोदूँगा मेरी रंडी सीमा डार्लिंग!
मैं- हां सर, मैं रखैल हूँ सर आपकी… मेरी चूत फ़ाड़ दीजिये, मुझे अपनी रंडी समझ कर चोदिये सर… और तेज तेज… और तेज… फ़ाड़ दीजिये सर मेरे भोसड़े को फ़ाड़ दीजिये।
अब सर का वीर्य निकलने लगा मेरी चूत में!
सर के नंगे जिस्म को मैंने अपने नंगे जिस्म से चिपका लिया और सर ने मेरे निप्पल को दाँतों में दबा लिया।
हम दोनों एक साथ झड़ गए।
अब सर मेरे उपर निढाल हो कर लेटे रहे हम दोनों सुस्ताने लगे।
सर – सीमा तुम्हारी चूत बहुत शानदार है।
मैं- आपकी बीवी की चूत कैसी है सर?
सर – मेरा बेटा उसकी चूत से ही निकला है इसलिये बीवी की चूत ढीली हो गयी है।
मैं- तो आपके लंड की देखभाल कौन करता है?
सर – मेरा हाथ! और हंस दिए।
मैं- मेरे होते हुए मेरे सर को हाथ से काम चलाना पड़े तो मुझे जीने का कोई हक नहीं।
सर – सीमा मेरी जान, मैं तो तुमको बहुत दिनों से चोदना चाहता था।
मैं- तो सर, मुझे चोद देना चाहिये था ना। मैं आपके लंड की दीवानी हूँ सर। इतना प्यारा लंड छिपा कर रखा था आपने। ये लंड हाथ में नहीं, मेरे मुँह में रहने के लिये बना है। मुझसे प्रोमिस कीजिये कि अब से इसको आप हमेशा मेरे मुँह में रखेंगे, जब कहूँगी तब।
सर ने प्रोमिस किया।
तो मैंने तुरन्त कहा- मैंने मुँह खोल रखा है, इशारा समझ लीजिये।
सर ने वीर्य लगा हुआ लंड मेरे मुँह में डाल दिया, मैं लंड चाटने लगी।
सर – सीमा , तुमको मेरा वीर्य कैसा लग रहा है?
मैं- सर, अमृत का टेस्ट भी इससे अच्छा नहीं हो सकता। काश… यह एक कटोरी भर मिल जाता तो चम्मच से खाती।
तो सर ने मेरी चूत में उंगली डाल कर मुझे वीर्य चाटने को दिया।
अब हम दोनों ने अपने लंड चूत को धो लिया और बेड पर नंगे लेट गए। मैं सर की बांहों में नंगी ही सो गयी और बॉस भी नंगे ही मुझसे चिपक कर सो गए।
आप मेरे साथ बने रहिए और इस हॉट सीमा 2 हार्ड सेक्स कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

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