दोस्तों, वेलकम तो मी भाभी सेक्स स्टोरी. मैं ज़्यादा टाइम खराब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हू. जो मुझे नही जानता है वो मेरे पिछली सेक्स कहानी ज़रूर पढ़े. जिससे आप मेरे बारे में जान जाए. मैं इस कहानी में अपना इंट्रोडक्षन नही देने वाला.
तो दोस्तों मुझे कुछ दिन पहले एक मैल आया था. जिसमे एक हाउसवाइफ मुझसे रियल सेक्स की माँग कर रही थी. उस टाइम मैं काफ़ी बिज़ी भी था. क्यूंकी बहुत सारी गर्ल्स और हाउसवाइव्स के साथ मेरी मीटिंग बुक थी.
फिर भी उसने रिक्वेस्ट की तो जैसे-तैसे मैने सब कुछ हॅंडल करते हुए उसे रिप्लाइ दिया की सब हो जाएगा. आपको पूरी तरह खुश कर दूँगा. मेरी उससे क्या-क्या बातें हुए वो मैं बताता हू.
उसका नामे दीपाली था, आंड उसने अपनी आगे 29 बताई थी. उसने मुझसे कहा था की-
दीपाली: रोहित जी मैने आपकी सारी स्टोरी पढ़ी है. आप बहुत अछा सेक्स करते हो. ऐसा प्यार तो मेरे हज़्बेंड ने कभी नही किया.
ख़ास आपने जो रूपाली वाली स्टोरी में सेक्स किया. वो मुझे बहुत पसंद आया. मुझे थोड़ी शर्मा भी आई थी.
मैं: बेबी इसमे शरमाने की क्या बात है? सब कुछ प्यार और काम वासना में होता है.
दीपाली: मुझे भी आपके साथ सेक्स करना है. जब से आपकी स्टोरीस पड़ी है तब से मैं सिर्फ़ आपको इमॅजिन करती हू. आज काफ़ी दिन बाद हिम्मत करके आपसे बात की.
मैं: आप किसी भी बात की कोई टेन्षन मत लो. आपको पूरा हज़्बेंड जैसा प्यार दूँगा.
दीपाली: हा मुझे आपसे मिलना है. प्लीज़ रोहित जी.
मैं: ठीक है, कब मिले बताओ?
दीपाली: इसी सनडे को मिल लेते है.
मैं: ठीक है. आपकी क्यूट फोटोस तो दिखाओ?
फिर उसने अपनी 3 से 4 अची फोटोस सेंड की. दोस्तों उसके बूब्स काफ़ी छ्होटे थे. मैने कहा-
मैं: बेबी आपके दोनो बूब्स काफ़ी छ्होटे है. गांद भी पतली है.
दीपाली: हा अब आप बड़े कर दोगे. मुझे पता है आपको गांद मारना पसंद है.
मैं: श वाउ. आपने काफ़ी कुछ पता कर रखा है मेरे बारे में.
दीपाली: हा दिन भर आपकी ही स्टोरीस पढ़ती हू. अछा सुनो, आप ना प्लीज़ धीरे-धीरे करना. मुझे बहुत दर्द होगा.
मैं: ठीक है बेबी जैसा आप बोलॉगे वैसे करेंगे.
दीपाली: दूसरा ये है की मैं पहली बार किसी दूसरे मर्द के साथ ये सब करूँगी. इसलिए आपको ही सब कुछ करना होगा. मैं आँखें बंद कर लूँगी.
मैं: बहुत शर्मीली हो आप.
दीपाली: हा पहली बार कर रही हू ना. आप तो बहुत बेशर्मी से सेक्स करते हो. मुझे शरम आ जाएगी. अछा एक बात और है, अगर आपको बुरा ना लगे तो.
मैं: हा बेबी बोलो ना.
दीपाली: यार मेरा 1 साल का बच्चा भी है. उसे मुझे साथ में लाना पड़ेगा. आपको कोई दिक्कत तो नही है?
मैं: मुझे कोई दिक्कत नही है. आपको दिक्कत ना हो वो आपको सेक्स करते हुए देखे तो.
दीपाली: नही होगी, क्यूंकी मेरे पति भी कभी-कभी उसके सामने करते है. मेरे बच्चे को पता नही चलता है.
मैं: फिर ठीक है बेबी.
फिर हमने बहुत सारी प्यारी-प्यारी बातें की. उसने अपनी परसोनल लाइफ के बारे में भी बताया. वो मेरे साथ पूरी तरह से कंफर्टबल हो गयी थी. दीपाली को मुझ पे पूरा भरोसा हो गया था. वो मेरे साथ दिन में सेक्स करना चाह रही थी. मैने भी हा बोल दिया था. वो मुझसे मिलने को तड़प रही थी. क्यूंकी मैने उसे सेक्स छत पर भी काफ़ी गीली कर दिया था. मेरे लंड की फोटोस देख कर तो उससे रहा ही नही जेया रहा था.
अब हम सनडे को मिलने वाले थे. सनडे को उसने कॉल करके कहा-
दीपाली: रोहित सुनो. आप होटेल में आ जाओ. मैं 10 मिनिट में आने वाली हू.
मैं: ठीक है बेबी.
फिर मैं 11 बजे सुबह होटेल पहुँच गया. दीपाली मुझे होटेल के बाहर अपने बच्चे के साथ मिल गयी. उसने रूम पहले से ही बुक कर लिया था. दीपाली ने आचे से मूह को धक रखा था. उसने मुझे रूम में चलने को कहा.
दोस्तों दीपाली ने ब्लॅक कलर की सारी पहन रखी थी, और उसका फिगर 28-30-30 था. अब दोनो होटेल रूम पहुँच गये थे. वो सीधा अंदर जाके बेड पर बैठ गयी, और अपनी दूसरी तरफ बच्चे को बिता लिया. उसका 1 साल का बच्चा मुझे देख कर सोच पद रहा था की ये सब क्या हो रहा था? अब मैं दीपाली के पास आके बैठा और बोला-
मैं: बेबी आप ठीक हो ना? अनकंफर्टबल तो नही लगा रहा है?
दीपाली: नही बस थोड़ी शर्मा आ रही है. मैं पहली बार ऐसे आई हू.
मैं: कोई बात नही बेबी. थोड़ी देर में सारी शर्मा निकाल दूँगा.
दीपाली ने शर्मा के अपना चेहरा नीचे कर लिया. वो अपने बेटे के चेहरे पर हाथ फेर रही थी. मुझे पता चल रहा था की अब सब कुछ मुझे ही करना पड़ेगा.
फिर मैने दीपाली का हाथ पकड़ा जिससे वो तोड़ा काँप गयी थी. मैं उसके हाथ को चूमने लगा. वो एक-दूं से सिसक गयी थी. 2 मिनिट हाथ को चूमने के बाद मैने उसका हाथ पकड़ के उसको उठाया. वो भी बात मानते हुए बेड से उठ गयी. दीपाली ने अपनी आँखें नीचे की हुई थी.
मैने अब अपना हाथ उसकी मुलायम और गोरी कमर पर रखा, और उसे पकड़ कर अपनी तरफ खींचा. इससे वो उहह करते हुए मुझसे चिपक गयी. मैं अब उसके लाल लिपस्टिक वाले होंठो पर किस करने के लिए अपने होंठो को ले गया. तो दीपाली ने मुझे रुकने को कहा. वो मुझसे डोर हुई और अपने बेटे को बेड के दूसरे तरफ बैठने को कहा.
उसने उसे समझाया: ये डॉक्टर अंकल है. ये मेरा इलाज कर रहे है. तू इस तरफ मत देखना वरना ये तुझे भी इंजेक्षन लगा देंगे.
मुझे उसकी बातों पर हस्सी आने लगी. मैं दीपाली को देख कर हस्सा, और वो भी स्माइल करने लगी. फिर वो मेरे पास आ गयी. मैने उसे एक झटके में अपने से चिपका लिया, और उसके मुलायम रस भरे होंठो को चूमने लगा. दीपाली ने अपने दोनो हाथ मेरी पीठ से चिपका लिए, और अपनी आँखें बंद कर सिसकी लेने लगी.
दीपाली: उम्म्म आह ष्ह.
मैं: बेबी क्या रस्स-भरे होंठ है तेरे. आज तेरी सारी लिपस्टिक चूस जौंगा.
दीपाली: ह्म एम्म्म.
मेरा एक हाथ उसकी कमर के माज़ को मरोड़ रहा था, और दूसरा सॉफ्ट गांद को दबा रहा था. हमारी किस्सिंग बहुत मज़ेदार चल रही थी. दीपाली ने अपने होंठो को खोला, और मेरे लिप्स को भी चूसने लगी. इधर जब मैं उसकी गांद मसल रहा था, तो वो दर्द में सिसक रही थी.
दीपाली: उहह आह श उफ़फ्फ़.
फिर मैं गांद से हाथ हटा कर उसके बँधे हुए बालों को खोलने लगा. दीपाली के काले लंबे बाल उसकी कमर तक फैल गये. उधर उसका बेटा मोबाइल चलाने में लगा हुआ था.
दीपाली अब गरम होने लगी थी. जिससे वो मुझसे कस्स कर चिपक गयी और मुझे किस और लीक करने में हेल्प करने लगी. मैं उसकी ज़ुबान को चूज़ जेया रहा था. हमने बिना रुके 5 मिनिट तक एक-दूसरे के होंठो को खूब चूसा.
दीपाली: ह्म उहह श.
मैं: ह्म.
अब मैने उसकी दोनो टांगे एक-दूं से अपनी कमर से चिपका दी. दीपाली मेरी गोद में थी. उसने मुझे गले से कस्स कर पकड़ लिया. दीपाली की आँखें बंद थी. वो अपना चेहरा मेरे कंधे पर रखे हुए थी. जब वो मेरी गोद में थी, तो उसकी सारी घुटनो तक आ गयी थी. मुझे उसकी गोरी जांघें देख रही थी.
मेरा अब एक हाथ उसके घुटनो पर था. मैं उन्हे सहलाने लगा. फिर दीवार से दीपाली को चिपका कर उसके गालों और गले को चूमने लगा. दीपाली भी मेरे गले को चूमने लगी. उसके बदन काम वासना जाग रही थी. रूम में उसकी सिसकियाँ निकल रही थी. मैने कहा-
मैं: मेरी जान. धीरे आवाज़ निकालो. तुम्हारा बेटा सुन लेगा वरना.
फिर मुस्कुरा उठी और हा में सिर हिलाया. मैने कहा-
मैं: लगता है तेरे अंदर की काम वासना बाहर आ रही है.
दीपाली: ह्म. सब आपके छ्छूने का कमाल है.
फिर अब मैं उसके उपर वाले होंठ को खींच-खींच कर चूसने लगा. वो भी अपने हाथो को मेरे बालों में घुमा रही थी. दीपाली ने अब धीमी सिसकियाँ लेनी शुरू की.
दीपाली: ह्म उहह उफ़फ्फ़.
हम दोनो एक-दूसरे को चूमने में खो चुके थे. कभी मैं उसके होंठो को चूस्टा तो कभी वो मेरे गालों चाटने लगती. साथ-साथ गरम सिसकियाँ भी निकल रही थी.
अब मैने उसके कान को चूसना शुरू किया, जिससे वो और मचल गयी. दीपाली के गोरे बदन को मैं दोनो हाथो से मसल रहा था. कभी उसके गांद को तो कभी उसके गोरे घुटनो को. वो बस लंबी-लंबी साँसे लेते हुए सिसकियाँ निकल रही थी.
दीपाली: उम्म्म उहह आह श हा या.
15 मिनिट के बाद मैने उसके होंठो से डोर हुआ. दोस्तों मैने होंठ चूस कर और चेहरे को चाट-चाट कर गीला कर दिया था. होंठो से लिपस्टिक गायब हो चुकी थी. उसका चेहरा काम वासना से लिप्त था. दीपाली की हर साँस के साथ उसके ब्लाउस में बूब्स भी उपर-नीचे हो रही थी.
दोस्तों आयेज की भाभी सेक्स स्टोरी अगले पार्ट में. कहानी पर अपनी फीडबॅक देना ना भूले.