हॉट क्लासमेट के साथ रूम शेरिंग

हेलो रीडर्स, मैं साहिल फिरसे अक़् गया हू आप लोगों के लिए अपनी एक दिलचस्प और एक-दूं सेक्सी स्टोरी लेकर. आप लोगों का प्यार मुझे इतना मिला अपनी पुरानी स्टोरी पर, तो मैं आप लोगों को निराश कैसे कर सकता हू.

आज मैं आप लोगों को सुनने जेया रहा हू अपनी बेस्ट फ्रेंड के और मेरे जिस्म के मिलन की स्टोरी. ये स्टोरी थोड़ी लंबी हो सकती है, तो प्लीज़ आप लोगों से हाथ जोड़ के मेरी विनती है, की अगर इसके अलग-अलग पार्ट हुए, तो प्लीज़ तोड़ा सबर रखिएगा.

अगर किसी फीमेल को मुझसे सेक्स करवाना हो, तो वो मुझे मैल कर सकती है



पर.

आप लोगों का ज़्यादा टाइम ना लेते हुए स्टोरी पर आते है-

ही, मेरा नाम है साहिल, महाराष्ट्रा के शहर अमरावती से बिलॉंग करता हू. मेरी आगे 22 साल है. दिखने में एक आवरेज लड़का हू. अब आते है स्टोरी के दूसरे कॅरक्टर पर, मेरी दोस्त, मेरी बेस्ट फ्रेंड, सोनल.

सोनल और मैं एक ही कॉलेज में अपनी ग्रॅजुयेशन कर चुके है. वो मेरी 5 साल से दोस्त है. सोनल और मैं एक ही उमर के है. हम दोनो ने अपनी ब.स्क. साथ कंप्लीट की थी.

ये बात आज से कुछ 5 महीने पहले की है, जब वो पुणे शिफ्ट हो गयी थी अपनी जॉब की वजह से. हम दोनो बहुत आचे दोस्त है, तो हम हर बात आपस में शेर करते थे. ईवन सेक्स के बारे में भी बातें करते थे. वो पुणे में अपनी जॉब करती थी, तो हम अब ज़्यादा कॉन्वर्सेशन नही कर पाते थे. एक दिन रात के 10 बजे मुझे उसका कॉल आया.

सोनल: ही कुत्ते, कैसा है?

मैं: कामिनी, अब मेरी याद आई तुझे. ना कॉल ना मेसेज, जैसे भूल गयी तू मुझे.

सोनल: अर्रे यार ऐसे मत बोल. जॉब की वजह से टाइम ही नही मिल पा रहा.

मैं: हा अब तू जॉब पे लग गयी तो मुझे क्यूँ याद करेगी. वाहा पे दूसरा दोस्त या बंदा बना ली होगी.

यहा मैं बता डू की सोनल सिंगल थी. वो रिलेशन्षिप में नही पड़ती थी, क्यूंकी उसको ये रिलेशन्षिप्स पसंद नही.

सोनल: यार ऐसे मत बोल. तेरे अलावा किसी के साथ ना वाइब आती है, ना ही मॅन करता है, और बंदा तो वैसे भी नही चाहिए.

मैं: अछा-अछा, वैसे आज कैसे याद आई मेरी?

सोनल: अर्रे हा यार, मैने इसलिए कॉल की, तेरी याद आ रही यार बहुत. यहा मॅन नही लगता, तू आजा ना यार पुणे.

मैं: सोच ही रहा हू वाहा आने की, और जॉब करने की कही पे.

सोनल: अर्रे तो आजा ना, मेरे ऑफीस में ही सेट्टिंग कर देती हू. साथ में दोनो दोस्त रहेंगे. मुझे भी तेरी कंपनी मिल जाएगी.

मैं: बात तो तेरी सही है. कर ना फिर जुगाड़, मैं आता हू वाहा.

सोनल: तू एक काम कर, अपना क्व मुझे भेज दे. मैं 2 दिन में ही काम कर दूँगी.

मैं: अर्रे मेरी डार्लिंग, ये हुई ना बात, अभी भेजता हू.

सोनल: ठीक है तू भेज क्व मैं करती हू.

मैं: ओक.

फिर हमने नॉर्मल बातें करके कॉल कट कर दी. आफ्टर 2 डेज़ मुझे उसका मेसेज आया की मेरा काम हो गया.

मैने कहा: ठीक है, मैं परसो पुणे आता हू.

मैं भी एक्शिटेड था. एक तो सोनल के साथ मेरा फिरसे एंजाय होगा. दो दोस्त फिरसे मिलेंगे. और दूसरा, मुझे जॉब भी मिल जाएगी, जिसकी मुझे बहुत नीड थी. 2 दिन मैं बाद पुणे पहुँचा, और उसको कॉल किया.

मैं: हेलो कुट्टी, कहा है? मैं आ गया.

सोनल: सॉरी-सॉरी, बस आ ही रही हू. रास्ते में हू, रुक वही पे

आफ्टर 5 मिनिट्स वो आई. उसने ब्लॅक जीन्स आंड वाइट टॉप पहना हुआ था. मैं बता डू सोनल का फिगर बहुत मस्त है 34-30-34. वो एक-दूं गोरी है, और बहुत सेक्सी भी.

वो आई अपनी स्कॉटी से, और आके सीधे मुझे हग की. हम दोनो में हग कामन बात थी. मैने भी उसको हग किया, और उठा लिया. मैं बहुत खुश था उससे मिलके, और वो भी. उसके बूब्स मुझे पूरी तरह से फील हो रहे थे मेरी छ्चाटी पे. उसकी नेक से पर्फ्यूम की स्मेल मुझे बहुत अची लग रही थी.

वो मुझे बोली: अब आएगा मज़ा. मैं बहुत खुश हू तू आ गया. चल अब.

वो अपनी स्कॉटी निकली, और मैं पीछे बैठ गया. बाग मैने सामने की खाली जगह में रख दिया था, उसके पैरों के पास जिसकी वजह से वो थोड़ी पीछे होके गाड़ी चला रही थी. उसकी गांद मुझसे चिपकी हुई थी. मैं भी उसके कंधे पे सर रख के लंड गांद पे चिपका के बातें कर रहा था.

गाड़ी चलते-चलते धक्के लग रहे थे, और अपने आप मेरा लंड उसकी सेक्सी और नरम कोमल गांद पे रब हो रहा था. इससे वो खड़ा हो गया. मैं उसको चिपक कर उससे बातें कर रहा था, और लंड उसकी गांद में डब रहा था. मुझे भी मज़ा आ रहा था. ऐसे ही लंड को रगड़ते-रगड़ते हम लोग उसके रूम पे पहुँचे.

वो एक 1भक फ्लॅट में रह रही थी अकेली. जब मैं पुणे आया मेरे पास कोई रहने का इंतेज़ां नही था.

वो बोली: जब तक तेरा अरेंज्मेंट नही होता, तू मेरे फ्लॅट पे रहना.

हम लोग अंदर एंटर हुए, शाम के करीब 7-8 बाज रहे होंगे. मुझे भूख भी लगी थी, तो मैने उसको कहा-

मैं: यार सोनल भूख लगी है.

सोनल: मुझे पता है तुझे भूख लगी है. तू 5 मिनिट रुक, मैं खाना लगती हू.

मैं: ठीक है मैं तब तक फ्रेश होके आता हू.

मैं बातरूम में गया, और हाथ मूह ढोने लगा. अचानक मेरी नज़र कपड़े टाँगने के हॅंगर पे पड़ी. उसपे सोनल की ब्रा और पनटी तंगी हुई थी. मैने उसकी पनटी निकली, और छूट की जगह को सूंघने लगा. मुझे काफ़ी अछा महसूस हुआ.

मैने उसकी पनटी को लीक भी किया. उसकी छूट के पानी का टेस्ट मुझे तोड़ा सॉल्टी सा लगा. फिर मैने उसे वही वापस टाँग दिया, और फ्रेश होके बाहर आ गया.

मैं मस्ती करते हुए बोला: बातरूम में ऐसे मस्त कपड़े मत रखा कर, मेरे जैसे शरीफ लड़के बिगड़ जाते है.

तब वो बोली: सेयेल तू सुधरेगा नही. चल आ खाना खा ले.

मैं खाना खाने बैठ गया. वो भी मेरे साथ खा रही थी. हम दोनो ऐसे ही नॉर्मल बातें कर रहे थे. फिर जॉब की बातें निकली.

उसने कहा: कल मेरे ऑफीस चलना. इंटरव्यू का मैं संभाल लूँगी. मैं जैसा बोलू वैसे करना बस.

मैने ओक कहा. हमारा खाना ख़तम हुआ. मुझे सिगरेट पीने की आदत है, तो मैने एक सिगरेट बाग से निकली. उसको भी ये पता है, और मैं बाल्कनी में जाके खड़ा हो गया. जब मेरी सिगरेट ख़तम हुई, तो वो कॉफी लेके आई और मेरे बाजू में आके खड़ी हो गयी. बाल्कनी छ्होटी थी. हम दोनो चिपक के खड़े थे.

तब वो बोली: मुझे रेलिंग के पास आने दे.

वो वाहा आके खड़ी हुई. अब मुझे जगह नही थी, तो मैं उसके पीछे खड़ा हो गया. उसके बालों की स्मेल और पर्फ्यूम की स्मेल से मुझे फिर उसके करीब होने का मॅन हुआ. मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा. वो मेरे आयेज खड़ी थी, इसलिए उसकी गांद पे हल्का-हल्का मेरा लंड फील होने लगा.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. फ्रेदबाक्क देना ना भूले.

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