दोस्तों, मेरी हॉट सेक्स स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट शुरू कर रही हू.
निशा (बहुत सोच ने के बाद): ठीक है डिपु, मैं रेडी हू. लेकिन होगा कैसे?
मैं: तुम बस रात तक वेट करो. आज तुम्हारी वर्जिन छूट को बड़ा सा लंड छोड़ेगा.
निशा (शर्मा कर): आपकी बातों से मैं और एग्ज़ाइटेड हो रही हू.
मैं (सेडक्टिव वाय्स में): दोनो में से किसके साथ अपनी सील तुड़वणी है?
निशा: जो भी मिल जाए. मुझे दोनो पसंद है.
मैं: और दोनो एक साथ मिल जाए तो?
निशा: डिपु मेरा पहली बार है, मैं मॅर जौंगी. वैसे आपको कों पसंद है?
मैं: मुझे भी दोनो पसंद है.
निशा: तो आप भी चलो ना मेरे साथ. आप होगे तो मुझे कोई दर्र नही रहेगा.
मैं (तोड़ा सोच कर): ठीक है. लेकिन ये बात हम दोनो के बीच हमेशा के लिए रहनी चाहिए.
निशा: डिपु, डॉन’त वरी, आज से आप मेरी बेस्ट फ्रेंड हो. हम दोनो की कोई बात किसी को नही बतौँगी.
मैं: तो रात को दोनो को सिड्यूस करने के लिए कुछ सोचा है?
निशा: हा मेरे पास एक निघट्य है, जो मैं हमेशा पास रखती हू. मेरी एक फॅंटेसी है की मैं जब भी सेक्स करू, तो अपने पार्ट्नर को सेक्सी लुक से सिड्यूस करू. और आप कुछ लाए हो?
मैं: मेरे पास भी ग़लती से एक आ गयी है. आज सुबह ही बाग में देखा. चल एक प्लास्टिक बाग में रख कर कही च्छूपा देते है.
हमने दोनो नाइटीस प्लास्टिक बाग में रख कर एक पेड़ के पास रख दी. उसके बाद मेरी और विक्रम की नज़र मिली, तो मैने उसको नॉटी स्माइल दी, और मैं उठ कर नदी के पास जाने लगी जहाँ हमने सुबह चुदाई की थी. विक्रम सब से नज़र चुरा कर मेरे पीछे आने लगा.
मैं एक बड़े से पेड़ के पीछे च्छूप गयी. वो मुझे ना देख कर बेचैन होने लगा. मैने धीरे से आवाज़ लगाई और वापस च्छूप गयी. वो मुझे ढूँढ रहा था. मैने देखा की विक्रम कहीं दिख नही रहा था. मुझे लगा वो चला गया होगा.
फिर मैं जैसे कॅंप की तरफ जाने लगी, तो किसी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया. मैं दर्र के मारे चिल्लाने वाली थी, की उसने मेरे मूह पर हाथ रख दिया. उसने मुझे सीधा किया तो वो इरफ़ान था. मैं उसको देख कर दर्र गयी, की कहीं वो कुछ बखेड़ा ना करे.
मैं: आप यहाँ क्या कर रहे हो?
इरफ़ान: विक्रम ने मुझे सब बता दिया है. तुम मेरे साथ भी मज़ा करना चाहती थी. तो अब क्यूँ शर्मा रही हो?
इरफ़ान मुझे बड़े पेड़ के पीछे लेकर गया, और मुझे किस करने लगा. मैं भी उसको फुल रेस्पॉन्स दे रही थी. मुझे पीछे से किसी और ने भी पकड़ लिया. मैने पीछे मूड कर देखा तो वो विक्रम था. उसको देख कर मैं एक-दूं से दर्र गयी. वो दोनो हासणे लगे.
मैं (डरते हुए): विक्रम अपने इनको सब कुछ क्यूँ बता दिया?
विक्रम: जानेमन तुमने तो कहा था, तुम्हे हम दोनो बहुत पसंद है.
मैं (सेडक्टिव स्माइल के साथ): हा मुझे आप दोनो पसंद हो.
इरफ़ान ने मेरी कमर में हाथ डाला, और मुझे अपनी तरफ खींच कर किस करने लगा. मैं भी उसको किस में रेस्पॉन्स देने लगी. पीछे से विक्रम मेरी त-शर्ट उतारने जेया रहा था. मैने उसका हाथ पकड़ कर रोक दिया.
मैं: हे गाइस, रात तक रुक जाओ. आज कोई और भी हमे जाय्न करने वाला है. और वो एक कक़ची काली है. उसकी सील आप में से किसी एक को तोड़ने को मिलेगी.
इरफ़ान (एग्ज़ाइट्मेंट के साथ): ये काम तो मैं ही करूँगा.
मैं: अर्रे तुम इतना भी एग्ज़ाइटेड ना हो. वो आप दोनो में से किसके साथ चूड़ने रेडी होती है, वो मुझे भी पता नही है.
विक्रम: अर्रे ये तो बताओ, कों है वो?
मैं: निशा, मेरे साथ जो लड़की है ना, वो.
इरफ़ान: अर्रे विक्रम, वहीं, मैने तुझे बताया था ना? जब से आई है हुमको घूर-घूर कर देख रही थी. या अल्लाह, क्या किस्मत खुली है. बहुत मस्त माल है. छोड़ने में बहुत मज़ा आएगा.
विक्रम: हा लेकिन सब के होते हुए करेंगे कैसे?
मैं: मैने कुछ सोचा है.
मैने दोनो को पूरा प्लान समझा दिया. वो दोनो को मेरा आइडिया बहुत सही लगा. मैं जब प्लान समझा रही थी, तब इरफ़ान मुझे पीछे से हग करके खड़ा था.
इरफ़ान: बहुत सही आइडिया निकाला है. ब्यूटी वित ब्रायन.
मैं: थॅंक्स बेबी.
इरफ़ान: विक्रम तुमने तो इसका मज़ा लिया है. अब मुझे भी तोड़ा मज़ा लेना है. तू कॅंप पर जेया, मैं आता हू.
विक्रम के वहाँ से जाते ही इरफ़ान मेरे लिप्स चूसने लगा. मैं भी उसके गले में दोनो हाथ डाल कर किस कर रही थी. इरफ़ान विक्रम से ज़्यादा एनर्जेटिक था. लेकिन विक्रम ज़्यादा रोमॅंटिक और पॅशनेट था. मुझे दोनो के साथ डिफरेंट एक्सपीरियेन्स हो रहा था.
इरफ़ान: सच में तुम बेहद कमाल की हो. खुदा ने तुम्हे बहुत सही बनाया है. मैने आज तक तुम जैसी औरत नही देखी. तुम सच में बेहद खूबसूरत हो. विक्रम कह रहा था ये सब तुम पहली बार कर रही हो. सही में, या हमसे झूठ बोल रही हो?
मैं: मैं ये सब पहली बार कर रही हू. आप लोगों को लगता होगा मैं ऐसी होंगी. लेकिन ऐसा नही है. मैं यहाँ एंजाय करने के इंटेन्षन से ही आई थी. और आप दोनो ने मुझे इंप्रेस कर दिया.
इरफ़ान (मेरी गांद को सहलाते हुए): इंप्रेस तो हम दोनो तुम्हे देख कर हो गये थे. हमारी रात को ही तुम्हारे बारे में बात हुई थी. मुझे विक्रम ने बताया की वो तुम्हे सुबह छोड़ दिया था. मुझे तो पहले लगा की वो मज़ाक कर रहा था. लेकिन उसने ये बताया की तुम्हे मैं भी पसंद हू, तब से तुम्हे पाने के लिए मैं बेचैन था.
मैं (उसकी त-शर्ट को खिच कर): मैं भी तुम्हारे साथ सेक्स करने को बेचैन हू. चलो अब जाते है. अभी रिस्क नही लेना. मेरे फ्रेंड्स मुझे ढूँढ रहे होगे.
मैने और इरफ़ान ने 2-3 मिनिट किस किया, और हम दोनो अलग-अलग रास्ते से कॅंप पर आ गये. मैने निशा को इशारे से समझा दिया की हमारा काम हो गया था. सन्नी मुझे ना देख कर ढूँढने लगा था, और मुझे सब के सामने दाँत रहा था.
मैने उसको कहा: आयेज से कहीं जौंगी तो तुम्हे बता कर जौंगी.
वो बेचारा मेरी बहुत केर कर रहा था. मैं मौका देख कर निशा को साइड पर ले गयी, और आचे से प्लान समझा दिया, जिससे कोई गड़बड़ ना हो. हम दोनो को अब रात का इंतेज़ार था. रात को हम सब डिन्नर के बाद मिल कर गाने गेया रहे थे, और कॅंप 2 लोग अछा गिटार बजा रहे थे. वो टाइम मैने बहुत एंजाय किया. हम जब सोने जेया रहे थे, तब विक्रम हमारे पास आया.
विक्रम: कैसे है आप लोग? मज़ा आ रहा है ना?
सब लोग: हा, बहुत मज़ा आ रहा है.
मैं कुछ नही बोल रही थी, और उसको देख रही थी. तो उसने मुझे पूछा: क्यूँ आपको मज़ा नही आ रहा है क्या?
मैं: हा मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है (मैने उसको स्माइल दी).
विक्रम: वैसे आपकी हॉबीस क्या है?
मैं: कुछ नही, बस हाउसवाइफ हू. अभी इन बच्चो के साथ यहाँ जंगल सफ़ारी का मज़ा ले रही हू.
विक्रम: पढ़ाई कहा तक किए हो?
मैं अब हमारी स्क्रिप्ट के अकॉरडिंग उसके साथ बात कर रही थी. उसने फिर मेरे कॉलेज के बारे में पूछा और कों से एअर में थी. ऐसे ही उसने मेरे एक दोस्त का नाम बताया, जिसको वो भी जानता था. ऐसे हम बातें कर रहे थे.
मैं: गाइस, विक्रम सिर पहचान वाले निकले है तो काफ़ी बातें होने वाली है. आप सब आराम करो.
विक्रम: हा बच्चो, आप लोग तक गये होंगे.
मुझे पता था की सन्नी मेरे साथ रुकेंगा, तो मैने निशा को पहले से समझा दिया था की वो उसको सोने का बोल कर मेरे साथ रुक रही थी ऐसा कह दे. और मैने जैसा सोचा था ऐसा ही हुआ.
सन्नी: आप लोग सो जाओ. मैं और डिंपल आते है.
निशा: सन्नी मैं हू इनके साथ. तुम टेन्षन मत लो, तुम सो जाओ.
विक्रम (फॉरमॅलिटी में): आप सब सो जाओ. इनके साथ मैं हू. डॉन’त वरी.
निशा: विक्रम सिर आप ने अपना कॉलेज बताया, उसमे तो मेरे मामा थे.
विक्रम: कों से एअर में?
उसके बाद उसने बताया की वो तो मेरा दोस्त है. उसके बाद निशा भी रुक गयी (ये सब हमारा पहले से प्लान था): पर सन्नी वहाँ से जेया नही रहा था.
मैं: विक्रम सिर आप दोनो बातें करे, मैं आती हू.
विक्रम: हम दोनो हमारे टेंट में बैठ कर बातें कर रहे है. आप वही आ जाना.
मैं: ओक.
मैने सन्नी की तरफ गुस्से में देखा तो वो समझ गया. मैं अपना मूह बना कर टेंट में चली गयी. सन्नी मेरे पीछे-पीछे आ गया. मैने सन्नी को ये एहसास कराया की मैं उसके ऐसे नेचर से बोर हो रही थी. मैं सन्नी के सामने मूह फूला कर बैठी थी.
सन्नी: क्या हुआ? आप क्यूँ अपसेट लग रहे हो?
मैं कुछ रिक्षन नही दे रही थी. सन्नी बार-बार पूच रहा था. मैं उसको बस गुस्से से आँखे दिखा रही थी. फिर मैने उसको गुस्से में कहा-
मैं: कब से मेरा दिमाग़ खराब कर दिया है. छ्होटी बच्ची नही हू मैं. मैं अपनी देख-भाल खुद से कर सकती हू.
सन्नी: सॉरी आंटी. वो अनु ने कहा था की आपका ख़याल रखना इसीलिए.
मैं: हा ठीक है. अब चुप-छाप सो जाओ. मैं और निशा बाद में आते है. और प्लीज़ सो जाना, मेरे पीछे आने की ज़रूरत नही है.
सन्नी को मैने इतना दाँत दिया की उसको कुछ बोलने की हिम्मत ही नही हो रही थी. उसको रीयलाइज़ हो गया की मैं उससे बोर हो गयी थी. मैं जब बाहर आई, तब वहीं टेंट के पास खड़ी रही. मुझे सन्नी पर भरोसा नही था. वो मेरे पीछे-पीछे आ सकता था. मैने सुना-
बिजल: सन्नी तुम ना बिल्कुल पागल हो. जब से आए हो आंटी को एक मिनिट के लिए छ्चोढ़ नही रहे. तेरे से ना कोई भी बोर हो जाएगा. वो बेचारी यहाँ कुछ दिन शांति से लाइफ एंजाय करने आई है. तुमने उनका मूड खराब कर दिया.
सन्नी: अर्रे पर तुम्हे पता है ना उनको कुछ हो गया तो अनु मुझे फिर कितना बोलेगी?
बिजल: अर्रे वो छ्होटी बच्ची थोड़ी है. उनकी कॉलेज टाइम की कितनी मस्त बातें चल रही थी, और तू उनको डिस्टर्ब कर रहा था. सन्नी बिहेव युवरसेल्फ. आंटी की जगह मैं होती तो तुम पर और गुस्सा करती. अब चुप-छाप सो जेया. वो दोनो विक्रम सिर के साथ है. टेन्षन मत ले, आ जाएँगे.
सन्नी: ठीक है. कल सुबह आंटी को सॉरी बोल दूँगा.
बिजल: यार.. तेरे दिमाग़ का स्क्रू ढीला है क्या? वो बिचारी यहाँ एंजाय करने आई है. किसी को शांति से घूमने फिरने दे. अब कल से तू आंटी से डोर रहना. नहीं तो तेरी कंप्लेन अनु से कर दूँगी, की तू आंटी को परेशन कर रहा था.
सन्नी: नही-नही . अब मैं आंटी को अपने मॅन की करने दूँगा. उनसे डोर ही रहूँगा.
बिजल: वेरी गुड. अब चुप-छाप सो जेया.
मेरा काम तो बिजल ने कर दिया था. अब मुझे पक्का यकीन हो गया था, की सन्नी हमे डिस्टर्ब नही करेगा. मैं विक्रम और इरफ़ान के टेंट में गयी, तो अनु वहाँ दोनो से बात कर रही थी. मुझे देख कर इरफ़ान खुश हो गया.
विक्रम: हमे लग रहा तो वो लड़का आपके साथ यहीं आएगा.
मैं: नही उसको बिजल ने बहुत दांता है. वो अब चुप-छाप सो गया है.
निशा: मुझे लग रहा था ये सन्नी हमारा प्लान फैल कर देगा.
इरफ़ान (उसके कंधे पर हाथ रख कर): बेबी तुम तो हम से भी ज़्यादा एग्ज़ाइटिंग लग रही हो.
मैं: बेचारी को कितने दीनो से अपनी सील तुड़वणी है. आज इसको सही मौका मिला है (मेरी बात से निशा शर्मा रही थी).
मैं (निशा के हाथ में प्लास्टिक बाग देख कर): तो तुम वो लेकर आ गयी?
विक्रम: हा निशा ने हमे बता दिया तुम दोनो के सर्प्राइज़ के बारे मेऊन. अब तो मेरे से रहा नही जेया रहा.
मैं: तो आप दोनो बाहर जाओ. हम दोनो चेंज कर लेते है.
इरफ़ान: चलो ब्रो, आज तो मज़ा आने वाला है (वो मुझे आँख मार कर चला गया).
उसके बाद हम दोनो ने क्या पहना, और कैसे हम दोनो की चुदाई हुई, आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी.