दादी जी को मैने देखा तो वो काफ़ी अची लग रही थी. 53 की आगे में काफ़ी मस्त लग रही थी. दादी जी काफ़ी गोरी थी. आचे बूब थे. उनको देख कर लंड खड़ा हो जाता था. दादी जी घाघरा पहनती थी. दादी जी की गोरी टाँग दिखती रहती थी. पर उसके बूब कमीज़ के अंदर से ही दिखते थे.
वो हमारे खेत वेल नौकर के साथ सेट थी, क्यूंकी दादा जी तो मेरी मों को छोड़ा करते थे. तो दादी जी की प्यास नौकर राम कुमार ही बुझता था. 5-6 दिन बाद दादी जी की छूट पूजा हो जाती थी. मैने मोनिका को रूम में बुला लिया.
मोनिका: क्या हुआ भाई?
अमित: यार आज राम कुमार शाम को घर आएगा.
मोनिका: तो? वो तो आता ही रहता है.
अमित: घर आएगा तो दादी जी को घर के पीछे बुलाएगा, और फिर दादी जी के साथ छोड़ा-छोड़ी करेगा.
मोनिका: ऑश वाउ दादी जी के मज़े लेगा हमारा नौकर. नौकरों के भी मज़े है जो मस्त मालकिन चूड़ने को मिल जाती है!
अमित: ह्म, दादी जी को छोड़ कर बहुत मज़े लेता है.
मोनिका: हम दोनो की चुदाई कैसे देख सकते है?
अमित: यार सामने वाला रूम है, उसमे चुदाई होगी. रूम अंदर से लॉक भी हो सकता है. लाइट ऑफ हुई तो फिर कुछ नही दिखेगा.
मोनिका: ह्म खिड़की से?
अमित: खिड़की के सामने तो दिख सकता है, पर थोड़ी डोर हुई तो नही दिखेगा.
मोनिका: ह्म रूम के अंदर एक रूम और है. हम उसमे बैठ जाए तो?
अमित: तो शायद काम बन सकता ह. पर चुदाई होने तक बाहर नही निकल सकते.
मोनिका: तो प्लान बना कोई यार. बस दादी जी की चुदाई देखनी है. देखते है नौकर कैसे दादी जी के मज़े लेता है.
अमित: चलो ठीक है. तुम अंदर बैठ जाना और मैं दादी को बोल दूँगा की 10 मिनिट बाद राम कुमार के पास चली जाना, कोई काम है. इतनी देर में मैं भी तेरे पास रूम में आ जौंगा.
मोनिका: चलो ठीक है. एक बार हम दोनो रूम को देख आते है. कहाँ च्चिपना है, और कहाँ दादी चूड़ेगी?
अमित: चल फिर.
हम रूम में गये. हमने रूम को तोड़ा सॉफ कर दिया, और सामने जगह बना दी ताकि राम कुमार दादी को उस साइड में छोड़ सके. अंदर के रूम को भी ठीक कर दिया.
शाम हो रही थी. मैने दीदी को बोल दिया की अब अंदर च्चिप जाए. दीदी अंदर वाले रूम में च्चिप गयी. राम कुमार भी आ गया था. अंधेरा भी होने लगा.
मैं अंदर गया तो मों मिल गयी. मैने मों को बोल दिया की दादी जी को पीछे राम कुमार बुला रहा था अभी. वो कोई काम पूच रहा था. मों समझ गयी थी की राम कुमार क्यूँ बुला रहा था.
मों ने बोला: चलो ठीक है, तुम जाओ, मैं बोल दूँगी.
मैं उसी टाइम वापस अंदर वाले रूम में आ गया. दीदी और मैं 5-7 मिनिट्स वेट करते रहे. फिर गाते खुला तो हमने देखा की दादी जी रूम में आ गयी. वो अंदर रूम की सफाई देख कर खुश हुई, और एक तरफ खड़ी हो गयी.
तभी वाहा झट से राम कुमार आ गया. उसने गाते बंद किया और दादी जी को पीछे से पकड़ लिया.
नौकर: ऑश मेरी जान आ गयी छूट मरवाने.
दादी जी: ऑश आ गया तू. हर टाइम मेरे ही पीछे पड़ा रहता है.
नौकर: ह्म तभी तो छूट मिलती है. ऐसी मालकिन को घर के पीछे छोड़ने का अलग ही मज़ा है. इतना मज़ा तो खुद की घरवाली नही देती जितना तू देती है.
रामकुमार ने झट से दादी जी का घाघरा उपर कर दिया. उसने अपना पाजामा खोला और दादी की छूट पर लंड रख दिया.
दादी जी: अर्रे आराम से, आते ही घोड़ी बना लेता है. तोड़ा प्यार से, चुम्मा-कहती भी किया कर.
नौकर: ऑश आपको तो पता है की मुझे तू दिखते ही कंट्रोल नही होता. पहले छूट मारूँगा फिर तेरे बूब चूसूंगा.
नौकर ने दादी को झुका कर छोड़नी शुरू कर दी.
मोनिका: ऑश भाई दादी जी तो छुड़वा रही है.
अमित: ह्म.
नौकर: ऑश मा जी घाघरा उँचा रहे तुम्हारा. ऐसे ही बहुत मज़ा आता है. कों सी चक्की का आता खाती हो जो इतनी गोरी छूट की मालकिन हो.
दादी जी: अर्रे चुप कर बहुत बोलता है तू आज-कल?
नौकर: उन्न्नह मा जी कुछ भी कहो. आप लोगों की औरत बहुत सुंदर होती है. छोड़ने में मज़ा आ जाता है.
दादी जी: ये तो है राम कुमार.
नौकर: ऑश आपको छोड़ने का सुख मुझ मिल रहा है, ये बहुत बड़ी बात है. घर के पीछे चूड़ने आ जाती हो. आअहह मज़ा आ रहा है मा जी.
दादी जी: तू भी अछा छोड़ता है, तभी तो तुमसे छुड़वा रही हू. ओह तेरा भी मॅन बहाल जाएगा.
मोनिका धीरे-धीरे मेरे कान में बोल रही थी.
मोनिका: ऑश भाई, ये दादी जी को नंगी क्यूँ नही कर रहा? देख ज़ोर-ज़ोर से कैसे दादी जी को छोड़ रहा है.
अमित: ह्म इसको बस छूट चाहिए. ये ज़्यादा प्यार-व्यार नही करता होगा. इसको भी दर्र है कही कोई देख ना ले.
मोनिका: आअहह दादी जी की आ आ सुन कर लगता है की काफ़ी मज़ा आ रहा है दादी जी को.
नौकर: ऑश मा जी क्या छूट है तेरी. ऑश पीछे से मारने में बहुत मज़ा आता है मुझे.
दादी जी: ऑश आअहह अची चुदाई करता है तू. ऑश आअहह अछा लग रहा है आह आहह.
उसने लंड बाहर निकाला, और दादी को सीधा कर लिया. वो कपड़े उतारने लगा.
दादी जी: तू भी पुर मज़े लेता है! थोड़ी देर और छोड़ लेता तो मज़ा आ जाता.
नौकर: अर्रे मेरी जान, तुम को नंगी करके तेरे बूब भी चूसने है. तभी तो तुझे और मुझे मज़ा आएगा.
दादी जी एक-दूं नंगी हो गयी थी. उसके बड़े-बड़े गोरे-गोरे बूब देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था. दादी जी 53 की आगे में भी हॉट लग रही थी.
मोनिका: ऑश भाई ये तो तेरे काम की है. काफ़ी जवान है. बूब देख ज़रा दादी जी के. ये सला नौकर मज़े ले रहा है.
सच में दादी जी काफ़ी हॉट थी. गोरी भी खूब थी. राम कुमार दादी के बूब चूस रहा था.
दादी जी: आअहह आअहह रामू आअहह रामू ऊओ मज़ा आ रहा है.
नौकर: ह्म आअहह मेरी जान आअहह क्या बूब है आअहह आअहह.
मोनिका: ऑश यार लगता है छूट गीली होगी आज.
अमित: काफ़ी आचे से कर रहा है.
दादी जी: तू हमेशा ही उल्टा करता है. पहले चुम्मा-छाती होनी चाहिए, फिर मेरी चुदाई.
नौकर: ऑश आपको बोल दिया ना आपको देखते ही छूट में घुसेड़ने का मॅन होता है.
रामू दोनो बूब को बारी-बारी से चूस रहा था. दादी जी की आ आ से लग रहा था की मज़ा आ रहा था.
दादी जी: और कितने चूसेगा मेरे बूब्स? तोड़ा उपर भी आजा.
दादी ने उसको उपर किया और दादी जी उसको किस करने लगी. ये देख कर मोनिका मुझे सब इशारे से बता रही थी, और वो स्माइल दे रही थी.
मोनिका: दादी जी भी पूरी एक्सपर्ट है. ऑश खूब मज़े ले रही है.
दादी जी उसको लीप लॉक कर रही थी.
दादी जी: सेयेल लोड्ा डाल मेरी छूट में, रुक क्यूँ गया मोतेरचोड़. छोड़ मुझे सेयेल.
ये गाली सुन कर मोनिका मेरी तरफ देख कर स्माइल देने लगी. उसने हाथ के इशारे से बताया की दादी जी की छूट में आग लगी हुई त्ीी.
रामकुमार ने दादी जी की को तोड़ा लिटा लिया, और दोनो टांगे उपर करके छोड़ना शुरू कर दिया. चुदाई की आवाज़ आने लगी.
दादी जी: आहह आहह ऊहह ऊओह आओउउन्ण आहह ववावव वाहह छोड़ साले छोड़ ले. छोड़ मेरी छूट आहह, रुकना मत अब.
नौकर: ऑश साली आहह मज़ा आ रहा है. तेरी मा की छूट छोड़ू आअहह आहह. ऐसे ही मरवती जाओ आहह मज़ा आएगा साली रंडी.
दादी जी: तो छोड़ ना, आअहह आअहह छूट आहह मज़ा आ रहा है. आचे से छोड़ सेयेल आहह आहह.
उनकी चुदाई देख कर मोनिका और मेरा मूड भी बन गया था. बुत हम वाहा कुछ नही कर सकते थे.
दादी जी की आवाज़ सेक्सी हो गयी थी. इस आगे में भी वो चुदाई के पुर मज़े ले रही थी. बार-बार शॉट मारने से दादी जी के बूब हिल रहे थे.
नौकर: ऑश तेरे मुममे बहुत आचे है ऑश, क्या खाती हो तुम? ऑश देख कैसे हिल रहे है. ऑश साली कुटिया ऊओ तेरे मुम्मो की कसम बहुत मज़ा दे रही हो.
दादी जी: ओह मुममे पकड़ कर छोड़ ले. जल्दी कर सेयेल मज़ा दे मुझे. बहुत देर से तेरे आयेज चुड रही हू.
नौकर: आअहह पहले घोड़ी बन जा साली. वैसे ज़्यादा मज़ा आएगा.
उसने दादी को छ्चोढा और फिरसे घोड़ी बना लिया. लंड छूट पर रखा, और छोड़नी शुरू कर दी. इस बार वो दादी के मुममे पकड़ कर छोड़ रहा था.
दादी जी: आहह बस तू मुझे मज़ा दे दे. मज़ा आना चाहिए मुझे बस. तू जैसे उपर-नीचे करे मुझे, कर लिया कर.
ये बात सुन कर मोनिका स्माइल दे रही थी.
मोनिका: दादी जी सब कुछ करने के लिए तैयार है. देख भाई दादी के मुममे कैसे हिल रहे है.
सच में दादी चुदाई के मज़े ले रही थी. रामू उसको काफ़ी ज़ोर-ज़ोर से छोड़ रहा था. दादी की छूट आवाज़ करने लगी.
दादी जी: उउऊईईए माआ आअहह ऊहह इय्याअरर्ररर चूड़ने वाली हू. ऊओ ज़ोर से छोड़ मुझे. आअहह होने वाली हू.
नौकर: आहह मेरा भी होने वाला है, आअहह साली आअहह मा जी आप बहुत अची हो. आ आ आपकी छूट आअहह अची है.
थोड़ी ही देर में नौकर ने दादी को छोड़ लिया था. दादी खड़ी होना चाहती थी. बुत नौकर ने उसको फिरसे घोड़ी बना लिया.
नौकर: रुक जेया मेरी रंडी. एक बार चुड तो जेया साली. मज़ा आने वाला है मुझे.
दादी जी के चूड़ने के 1-2 मिनिट बाद रामू भी झाड़ गया. वो आ आ करके दादी जी की छूट में शॉट मार रहा था. फिर उसने दादी जी के बूब दबाए, और पीठ पर हाथ फेरने लगा.
नौकर: ऑश आअहह अब चूड़ी है तू. आहह खड़ी हो जेया.
दादी जी उसके सामने खड़ी हो गयी थी.
दादी जी: आहह बहुत अची छोड़ी आज, मज़ा आ गया. ऐसे ही छोड़ा कर मुझे. बहुत तक गया होगा. आअहह थोड़ी देर आराम कर ले, तेरे लिए खाना लगती हू. दूध पी कर जाना.
नौकर: ऊओह ये तो तेरा कमाल है मा जी, बहुत अची हो आप. छूट भी देती हो और सेवा भी करती हो.
दादी जी: बस कर अब छूट-छूट, कोई सुन लेगा. छूट मिल गयी तुझे. आहह आज बहुत अची चुदाई की है मेरी.
नौकर ने दादी के मुममे पर हाथ फेरे.
नौकर: ये बहुत सुंदर है.
दादी जी: ह्म तूने बहुत दूध पिया है इनका. चल अब चलो.
दोनो ने कपड़े पहने और बाहर निकल गये.
मोनिका: ऑश भाई यार इस घर की हर छूट मस्त है आज पता चला. दादी जी को तू छोड़ एक बार, बहुत मज़े देगी.
अमित: ह्म दादी जी भी माल है. नंगी हुई तो पता चला यार.
हम दोनो भी थोड़ी देर में बाहर आ गये. अंदर गये तो दादी जी राम कुमार को बड़े ही प्यार से खाना खिला रही थी.
मैने देखा की थोड़ी देर पहले एक-दूसरे को छोड़ने वाले बाहर की दुनिया में बहुत शरीफ दिख रहे थे. दादी जी जो रंडी की तरह चुड कर आई थी, वो उसको खाना दे रही थी.
दादा जी से रोज़ चूड़ने वाली मों खाना बना रही थी. उसको भी शायद चूड़ने की जल्दी थी. मों ने आवाज़ दे कर रामू से पूछा-
मों: और लेगा क्या?
रामू ने माना कर दिया. मों स्माइल दे रही थी. उसको पता था की वो उसकी सास को छोड़ कर आया था. दादी जी पास आई तो मों ने स्माइल देते हुए पूछा की वो और लेगा क्या? दादी भी समझ गयी.
वो बोली: लेली उसने तो, अब तुम देख लेना.
दादी चुड कर आज काफ़ी खुश लग रही थी.
मोनिका: मेरा शो आने वाला है, मेरा और भाई का खाना लगा दो.
मों: मैं तो ससुर जी को भी दूँगी. जल्दी-जल्दी खा लो सब. वो भी भूखे बैठे है.
मैं समझ गया की दादी की छूट चूड़ते ही दीदी और मों की छूट में खुजली होने लगी थी. मानो एक-दूसरे से पहले चूड़ने का कॉंपिटेशन चल रहा हो. दीदी मेरे लंड को देख कर स्माइल दे रही थी.
मोनिका: चलो भाई, क्या देख रहे हो? खाना खा लो.
मैं मों के बूब देख रहा था. दीदी ने मों के बूब देखते हुए देख लिया. हम दोनो ने जल्दी-जल्दी खाना खा लिया. फिर मैं और दीदी उपर चले गये. दीदी की छूट की आग को बुझाने के लिए. मेरी स्टोरी अची लगी हो तो बताना.