हॉस्टिल की कार्य प्रभारित मेडम की चुदाई

वेलकम तो मी टीचर सेक्स स्टोरी. लेट’स स्टार्ट-

स्वागतिका मिस, हमारे कॉलेज हॉस्टिल इंचारगे, उनकी अब तक शादी नही हुई थी. उमर करीब 34-35 की होगी, सावला रंग, मीडियम से थोड़े बड़े बूब्स, और स्लिम बॉडी.

माँ रूम के सारे स्टूडेंट्स के साथ आचे से मिलती जुलती थी. तो माँ के साथ हम सारे फ्रेंड्ली रहते थे. माँ रात को डिन्नर के बाद एक घंटा हमारे साथ बिताया करती थी. और उस एक घंटे में माँ अपना फोन भी हमे देती थी, और कुछ काम भी करवाती, जैसे की पानी भरवाना, और रूम पे रख देना. माँ का एक लॅपटॉप भी था, जिसमे हम मूवीस देखते थे.

हर रोज़ अलग-अलग लड़के पानी भरते थे. फिर मेरे किसी दोस्त ने बोला की वो जब भी माँ के रूम बॉटल रखने जाता था, तो माँ के हॅंगर पे ब्रा लटकी रहती थी, वो भी ट्रॅन्स्परेंट वाली. एक दिन मुझे भी माँ बोली, तो मैं उस दिन बॉटल भरने के बाद रूम में रखा, और अंदर से डोर लॉक कर दिया.

डोर लॉक करके मैं नंगा हो गया, और उनके मुलायम बेड पर सोया. फिर उनकी ब्रा पनटी को लाया और सूंघने लगा. उतने में ही मेरा लंड खड़ा हो गया, और मैं उनकी ब्रा को लंड से कवर करते हुए मास्टरबेट किया. फिर स्पर्म को उनकी ब्रा में पोंचा और ब्रा बेड के नीचे फेंक दी. उसके बाद मैं पंत पहना, और एक ब्रा पनटी मैं खुद ले आया.

रात को उनकी ब्रा पनटी की खुश्बू से मेरी हवस मिट-ती थी. ये सब के बाद एक दिन जब मैं माँ से फोन माँगने गया था कॉल करने, तो रूम में कोई नही था. मैं माँ को पुकारने ही वाला था की मेरी नज़र उनके दरवाज़े के एक छ्होटे से होल पे पड़ी, जिसमे से माँ का रूम सॉफ नज़र आ रहा था.

मैं जब होल में से देखा तो यकीन नही हुआ की माँ ऐसी भी थी. माँ बस ब्रा में बैठी हुई थी बेड पर, और लॅपटॉप चला रही थी. उनकी क्लीवेज देख मेरा लंड खड़ा हो गया. कुछ समय मैं ऐसे ही देख रहा था की उनका कॉल आया और वो उठ कर बातरूम की और गयी.

बातरूम से आने के बाद मैने देखा माँ ने पहनी हुई ब्रा पनटी दोनो उतार दी, और उनकी छूट मैने देख ली. घाना जंगल था वहाँ, शायद कभी शेव नही करती थी. माँ फिर दूसरी ब्रा-पनटी पहन ली, और मैने आवाज़ लगा दी. फिर दरवाज़े के पीछे च्छूप कर बोली-

मेडम: क्या हुआ?

मैं बोला: माँ फोन चाहिए था, कॉल करना है.

माँ फोन दी, उसके बाद मैं चल दिया. उस दिन भी मैने फिर मास्टरबेट किया. फिर एक दिन सनडे को मेरे गार्डियन आए थे, और कुछ खाना लाए थे. तो मैं रखने के लिए रूम आया था, और मैं फोन भी लाया था. खाना रखने के बाद निकल ही रहा था की मुझे माँ के रूम से ट्रिम्मर की आवाज़ आ रही थी.

मैने माँ के डोर के होल पे मोबाइल का कॅमरा ओं किया, और होल पे रखा. उस दिन की बात ही कुछ अलग थी. माँ अपनी छूट के बाल शेव कर रही थी, जो मैने रेकॉर्ड कर लिया. जैसे ही शेव ख़तम हुई उनकी छूट मुझे पहली बार दिखी, और शेव होने के बाद माँ ने फिंगरिंग भी की. मेरा तो फिर खड़ा हो गया ये सब देख कर.

मैने अपने फोन से वीडियो को ड्राइव पे सवे किया, और फोन से डेलीट कर दिया. गार्डीयन्स के जाने के बाद मैं रूम आया, और माँ के रूम पे देखा तो उन्हे छोड़ने की आस जागृत हुई. हिलने का सोचा तो मॅन नही माना. मैने तान लिया आख़िर कब तक हिलौँगा? उनकी वीडियो अब उनको ही दिखौँगा.

मैने फिर माँ का डोर नॉक किया. माँ नंगी थी तो थोड़ी लाते हो गयी खोलने में. खोलते ही मैं अंदर गया, और माँ को बोला-

मैं: माँ क्या आप अपना फोन देंगी?

फिर फोन लेने के बाद मैने अपना गूगले अकाउंट लोजीन किया, और ड्राइव से वीडियो निकाला.

फिर माँ से कहा: माँ मेरा लंड हुमेशा खड़ा हो जाता है.

माँ हैरान हो कर बोली: तुम लोगों से इतनी फ्रेंड्ली हू, तो मुझे ये बात भी शेर करोगे क्या? टीचर के सामे ऐसी बात नही करते, जाओ आइन्दा ऐसे मत बोलना.

मैं खुद ही लंड निकाल कर माँ को दिखा दिया और बोला: माँ एक बार करते हैं ना.

माँ देखते ही आँखें बंद करके बोली: मार खाओगे, जाओ यहाँ से.

मैने फिर वीडियो प्ले किया, और माँ को दिखा कर बोला: इसे देखने के बाद रहा नही गया मुझसे, एक बार प्लीज़.

माँ वीडियो देख शॉक हो गयी.

माँ खुद डोर लॉक करके आई और बोली: ये कहाँ से मिला?

मैं बोला: माँ मिलना बड़ी बात नही है. मुझे आपसे रोमॅन्स करना है. आख़िर-कार आपका स्टूडेंट ही हू, और अभी रूम में कोई नही है. किसी ने मुझे अंदर आते नही देखा.

माँ ने बोला: ठीक है, ऐसे भी मत बोलो. तूने तो देखा मुझे उंगली करते हुए. उस वक्त ही नॉक कर देते.

मैं बोला: मतलब आप मान गयी?

माँ बोली: ये सब नॅचुरल है. लंड है तो खड़ा होगा ना. छूट है तो लंड भी अंदर जाएगा. तू अची पढ़ाई करता है, टॅलेंटेड है, और देख लंड भी निकल कर दिखा दिया कितना बड़ा रखा है. अगर तू नही तो कोई और मुझे पेलता होता. कोई डल बच्चा भी नही है तू. खड़ा होना तो नॉर्मल बात है. पहले किसी को छोड़ा है?

मैने बोला: नही, लेकिन वीडियो देखा है.

माँ बोली: टूट पदो फिर.

मैं पहले ही नंगा हो गया, और जेया कर माँ के पास बैठा और लीप किस कर लिया. फिर उनका हाथ मेरे लंड पे रख दिया. माँ मेरे लंड को मस्त सहला रही थी. कुछ समय किस करने के बाद उनके दूध पे हाथ पड़ा और माँ ने आँखें बंद कर ली.

उनके निघट्य के उपर से ही मैं बूब्स दबा रहा था. फिर थोड़ी देर बाद निघट्य के आधे बटन्स खोल कर दूध पे हाथ रखा. उनके दूध की दर्शन के साथ स्पर्श भी हो गया.

माँ बोली: ज़ोर दब्ाओ ना.

मैने फिर अपने दोनो हाथो से दबोचा, और निपल्स काट खाए. माँ भी मज़े लेते जेया रही थी. उनकी शेव्ड छूट कमाल की लग रही थी.

माँ मुझे लिटा कर बोली: रूको, डालने से पहले चूस लू.

माँ ने थोड़ी उपर-नीचे किया और बस मूह में डाल दिया. मैं उनके बालों पे हाथ रख के सहला रहा था, और उनको लंड चुस्वा रहा था. जैसे आइस-क्रीम को चूस्टे है, बिल्कुल वैसे वो लंड चूस रही थी. फिर लंड मैने उनकी छूट में डाला, और उनकी गर्मी मेरे लंड को महसूस हुई. मैं अंदर-बाहर करता रहा. माँ चीखती रही. आधे घंटे बाद मैं बोला-

मैं: अंदर तो स्पर्म नही छ्चोधुंगा, गांद में छ्चोढता हू.

माँ बोली: गांद में क्यूँ? उधर दर्द होगा.

मैने कहा: इतना दर्द सहा, ये दर्द नही से पावगी?

फिर मैं तेल लाया और लंड पे लगाया. माँ की गांद के च्छेद में भी कुछ तेल उंगली में लेके डाला.

माँ बोली: तोड़ा धीरे.

फिर मैने उनकी गांद की च्छेद में लंड धीरे से डाला. च्छेद छ्होटा होने के कारण थोड़ी दिक्कत हुई पहले, और तेल लगाने के कारण शायद वो आचे से घुस गया. माँ की आँखों से आँसू आ गये, और वो चीख पड़ी. मैने फिर बाहर निकाला, और फिर ऐसे अंदर-बाहर करता रहा.

माँ चीखती रही और मैं डालता रहा. कुछ देर बाद गांद में ही सारा स्पर्म निकाल दिया. स्पर्म घुसने के कारण लंड और आचे से घुस रहा था. फिर माँ ने लंड चूस के सॉफ कर दिया, और मैं फिर उनकी छूट में लंड डाल कर उनके उपर सोया रहा.

माँ ने बोला: ऐसा भी कोई करता है? गांद फाड़ दी!

मैं बोला: माँ बस अनल फक सर्च करके देखिए, मज़ा आएगा. अभ्यस्त होने दो, आप खुद बोलेंगी.

माँ बोली: ऐसा छोड़ा की रुला दिया.

मैं बोला: दर्द में ही तो वो मज़ा है.

माँ बोली: ठीक है, ये बात बाहर किसी से ना कहना, वरना सब मेरी लेने लगेंगे. तेरा जब मर्ज़ी करे आना देख कर जब कोई ना हो, या फिर रात में सब के सोने के बाद.

मैं बोला: माँ क्या हम दोनो एक साथ नहाए?

माँ ने कहा: ठीक है.

उसके बाद हम दोनो बातरूम गये, शवर ओं किया. फिर माँ मेरी बॉडी में साबुन लगाने लगी, और मैं उनकी बॉडी में. साबुन लगा कर उनकी छूट की उंगली भी की. और माँ ने मेरा लंड हिलाया और सारा स्पर्म उनके दूध में लिया.

फिर बाहर आके माँ ने फिर मेरा लंड खड़ा किया, और खुद मेरे लंड पे बैठ कर उप-डाउन होने लगी. मैं बस दूध दबाता और गांद में स्पॅंक शॉट मारता. फिर कुछ देर बाद गांद की चुदाई की, और फिर वो मूह में स्पर्म लेकर बोली-

माँ: आज के लिए इतना ही.

इस तरह स्वागतिका माँ मेरे लंड की पुजारन बन गयी, और उनकी रोज़ चुदाई की मैने. मेरी टीचर सेक्स स्टोरी पर अपने कॉमेंट्स ज़रूर दे.

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