ही फ्रेंड्स, मेरा नाम पुलकित है, और मैं राजस्थान के जाईपुर का रहने वाला हू. मेरी उमर 19 साल है, और मैं एक कॉलेज स्टूडेंट हू. मैं एक जॉइंट फॅमिली में रहता हू. ये एक रियल चुदाई की कहानी है. तो चलिए कहानी शुरू करता हू.
मेरी अपनी फॅमिली में मों-दाद, मेरा छ्होटा भाई, और मैं हू. उसके अलावा घर में चाचा-चाची और उनकी बेटी, दादा-दादी भी है. मेरे दाद एक लॉयर है, और चाचा बिज़्नेसमॅन है, और ये लोग काफ़ी अछा कमाते है, तो घर में किसी चीज़ की कमी नही है.
इनके अलावा हमारे घर में सालों से एक नौकर है, जिनका नाम है रमेश अंकल. रमेश अंकल तब से हमारे घर में है जब दादा जी जवान थे, तो सब लोग इनकी बहुत इज़्ज़त करते है. उनकी उमर कोई 55-60 के बीच होगी. लेकिन ये बुद्धा बहुत हरामी निकला, और इसने मेरी मा छोड़ दी.
सबसे पहले मैं आपको अपनी मम्मी के बारे में बता डू. मम्मी 45 साल की उमर में भी 35 साल की लगती है. उन्होने जिम जेया कर अपने आप को फिट रखा हुआ है, और थोड़े-थोड़े दिन बाद पार्लर जाती है. इतना मेनटेन करके रखा है उन्होने खुद को, की उनकी उमर के आदमी तो देखते ही है, जवान लड़के भी मेरी मम्मी पे लाइन मारते है.
मम्मी का रंग गोरा है, और फिगर साइज़ 36-30-38 है. हाइट मम्मी की 5’6″ है, और वो ज़्यादातर वेस्टर्न ड्रेसस पहनती है. ओनेपीएसए ड्रेस में तो मम्मी की बॉडी शेप कमाल की नज़र आती है. बाकी तो देखते ही है, मेरा लंड भी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है.
तो हुआ यू की काफ़ी टाइम से हम सब किसी ट्रिप पर नही गये थे. इसलिए सब ने मिल के ट्रिप पे जाने का प्लान बनाया. जब कहा जाना है पूछा गया, तो मैने पहाड़ों में कॅमपिंग करने के लिए जाने को कहा. सब को मेरा आइडिया पसंद आया, और हम सब ने दिन डिसाइड कर लिया.
फिर वो दिन आ गया. सब ने पॅकिंग कर ली, और सब गाड़ियों में बैठ गये. हम लोग पूरी फॅमिली जेया रहे थे, और रमेश अंकल भी हमारे साथ जेया रहे थे. 6 घंटे के सफ़र के बाद हम लोग अपनी मंज़िल पर पहुँच गये. वाहा जाके हमने अपने-अपने टेंट लगाए.
एक टेंट में 2 ही लोग सो सकते थे. तो एक में चाचा-चाची, एक में दादा-दादी, एक में मैं और भाई, एक में चाचा की बेटी, और एक में रमेश अंकल थे. सब लोग सेट्ल हो गये, और फिर घूमने निकल गये. हमने काई शानदार नज़ारे देखे.
फिर रात हो गयी, और बारिश का मौसम बन गया. हम सब लोग साथ बैठे थे. तभी पापा को फोन आया और उन्होने मम्मी को कहा की उनको कोई ज़रूरी काम था, तो उनको जाना पड़ेगा. मम्मी ये सुन कर खुश नही थी. तभी बारिश होने लगी, और सब लोग अपने-अपने टेंट में घुस गये. पापा गाड़ी लेके वापस चले गये.
मुझे काफ़ी थकावट थी, तो मैं जल्दी ही सो गया. मेरा भाई मुझसे पहले सो गया था. तकरीबन 2 घंटे बाद मेरी नींद खुली. बाहर बिजली कड़क रही थी, और तेज़ बारिश हो रही थी. मेरा टेंट मम्मी-पापा के टेंट के साथ ही था, तो मुझे उनके टेंट से कुछ आवाज़े आने लगी. मैने ध्यान से सुना तो ये चुदाई की आवाज़े थी.
मैं अक्सर घर में मम्मी-पापा की चुदाई च्छूप के देखा करता था, तो मुझे पता था की कैसी आवाज़े निकलती थी उनकी. बारिश का मौसम था, और उपर से ये आवाज़े, मैं हॉर्नी फील करने लगा. फिर मैने सोचा उनकी चुदाई यहा भी देखी जाए. ये सोच कर मैं उठ खड़ा हुआ.
फिर मैं छ्चाता लेके अपने टेंट से बाहर निकला. मैने देखा मम्मी के टेंट का ज़िप खुला हुआ था, जिसको देख कर मैं खुश हो गया. मैं धीरे से उनके टेंट के पास जाके बैठ गया, और कपड़ा हटा कर अंदर नज़र मारी. फिर जो मैने अंदर देखा, उसको देख कर मैं हैरान रह गया.
मैने देखा, की मम्मी नीचे थी बिल्कुल नंगी, और रमेश अंकल उनके उपर थे बिल्कुल नंगे. रमेश अंकल का काला मोटा लंड मम्मी की छूट में था, और वो लंड अंदर-बाहर करके मेरी मम्मी की चुदाई कर रहे थे. मुझे ये देख कर बहुत गुस्सा आया, और मैं उनको पकड़ने लगा. लेकिन फिर मैने रुक कर देखने का सोचा.
रमेश का लंड मम्मी की छूट के अंदर-बाहर हो रहा था. मम्मी की छूट पानी बहा रही थी, जिससे अंकल का लंड चिकना हुआ पड़ा था. वो आ आ करके मोन कर रही थी, और मज़े लूट रही थी.
कुछ देर वो ऐसे ही चुदाई करते रहे. चुदाई के दौरान अंकल मम्मी के मोटे और सेक्सी बूब्स भी चूस रहे थे. फिर रमेश अंकल रुक गये, और उन्होने मम्मी की छूट से लंड निकाल लिया. उसके बाद वो बोले-
अंकल: चल मेरी जान, घोड़ी बन हा.
मम्मी जल्दी से अपनी सेक्सी गांद बाहर निकाल कर घोड़ी बन गयी. अंकल ने पहले तो मा के छूतदों पर 3-4 थप्पड़ मारे. फिर अपना लंड पीछे से मा की छूट पर सेट किया. उसके बाद उन्होने ज़ोर का धक्का मारा, जिससे मा की आ निकल गयी.
फिर जो उन्होने मम्मी की धक्का-पेल चुदाई शुरू करी, आप पूछिए ही मत. उनके धक्के इतनी ज़ोर के थे, की जांघों से छूतदों के टकराने से ठप-ठप की आवाज़े आ रही थी. मम्मी आ आ कर रही थी, और उनकी छूट से पानी निकलता जेया रहा था. बीच-बीच में अंकल मम्मी के छूतदों पर ठप्पाड़ों की बरसात कर देते थे.
मम्मी के बूब्स ऐसे आयेज-पीछे होके उछाल रहे थे, जैसे भैंस के गले का घंटा. अंकल ने मम्मी के बाल खींच लिए, और चुदाई की स्पीड और तेज़ कर दी. मम्मी की सिसकियाँ सुन कर लग रहा था मानो वो स्वर्ग में थी. अंकल मम्मी को किसी रंडी की तरह पेल रहे थे.
तकरीबन आधा घंटा मेरे सामने उनकी चुदाई चली. उससे पहले पता नही कब से लगे हुए थे दोनो. फिर अंकल ने अपना लंड मम्मी की छूट से निकाला, और माल उनकी गांद पर निकाल दिया. मम्मी वैसे ही उल्टी होके नंगी ही लेट गयी. अंकल खड़े हुए, और कपड़े पहन के बाहर आने लगे.
मैं जल्दी से अपने टेंट में चला गया. फिर मैने उनकी चुदाई याद करके मूठ मारी, और सो गया.
थे एंड.