हिंदी पोर्न स्टोरी एक रात का सईया

Hindi porn story ek raat ka saiya दोस्तों, आजकल मोबाइल फ़ोन का चलन बहुत बढ़ गया है और हम सब मोबाइल के बिना अपनी जिन्दगी को महसूस नहीं कर सकते | जो मेरे साथ हुआ, वो हजारो लोगो के साथ रोज़ होता है, लेकिन लोग उन चीजों पर ध्यान नहीं देते; पर उस दिन, मेरी किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था | मेरा नाम उर्मी है और मै एक स्कूल मे पढ़ती हु | मैने भी जिद करके अपने पापा से एक मोबाइल फ़ोन ले लिया है, लेकिन मै उसे स्कूल नहीं लेकर जाती | जब वो घर पर होता है, तो मेरा फ़ोन साइलेंट होता है, ताकि अगर कोई कॉल और एसएम्एस आये, तो कोई पढ़ ना सके |

एक दिन जब मै घर वापस आयी और मैने अपना फ़ोन देखा, तो एक बड़ा ही प्यारा और रोमेंटिक एसएम्एस आया था; नंबर देखा, तो वो मेरा जाना पहचाना नहीं था | मैने उस नंबर पर कॉल किया, तो एक बन्दे ने फ़ोन उठाया और और पूछा, कौन है? मैने कुछ भड़कते हुए पूछा, मुझे पूछना चाहिए, कि आप कौन है? उसने कहा, मतलब | मैने कहा, आप इस तरह के एसएम्एस अनजान नंबर पर भेज देते है और फिर भूल जाते है | अब तब उस लड़के को भी गुस्सा आ चुका था और उसने थोड़े सी तेज आवाज़ मे कहा आपका दिमाग तो ठीक है, बिना जान पहचान के मै आपको क्यों एसएम्एस भेजुगा ? मैने फिर वो एसएम्एस उसको पढ़के सुनाया, उसने बोला, ये तो मैने अपनी होने वाली बीवी को भेजा था, आप को कैसे चला गया? फिर, उसने अपना फ़ोन चेक किया और अपनी गलती मान ली | उसने मुझे कई बार सॉरी बोला और मैने फ़ोन काट दिया |

कुछ देर बाद, उसका एक लम्बा चौड़ा एसएम्एस आया, जिसमे कम-से-कम २०-३० सॉरी लिखा था | मुझे उस पर अब हंसी आने लगी थी और मैने उसकी होने वाली बीवी के बारे मे सोचा | बहुत खुशकिस्मत थी, कि उसको काफी संजीदा इंसान जीवनसाथी के रूप मे मिल रहा था | मैने भी, उसको कुछ अच्छी लाइन लिख दी | रात को उसका फिर से एसएम्एस आया और सबसे नीचे लिखा था, इस बार मैने गलती से नहीं, जानबूझ कर एक अनजान दोस्त को एसएम्एस भेजा है |

मुझे हंसी आ गयी और मैने मजाक मे लिख दिया, कि दोस्त तब तक अनजान है, जब तक उसको जानने की कोशिश ना की जाये | उसकी तो लाटरी निकल पड़ी और उसका एक छोटा सा इंट्रो का एसएम्एस आ गया |उसका नाम राज शर्मा था मुझसे १२ साल बड़ा था वो; और किसी अच्छी कंपनी मे काफी अच्छी पोस्ट पे था | सब से बड़ी बात मेरे ही शहर का था | और उसका ऑफिस मेरी कोचिंग क्लास के पास ही था | उस रात हमने एसएम्एस पर काफी बातें की | अगले दिन मैने उसको एक मिस्स्ड कॉल मारा और उसका तुरंत एसएम्एस आ गया | मैने मजाक मे लिखा, बात करने की हिम्मत नहीं है क्या? तो उसने कहा, बात की क्या बात, तुम्हे लेने आया हु; तुम्हारी कोचिंग क्लास के बाहर हु और हम काफ्फी पीने जा रहे है |

मैने कहा, तुम पागल हो; बिना तुम्हे जाने थोड़ी जाउंगी | उसने कहा, आज की मुलाकात मे जान लेना और मैने कब कहा, कि हम बाहर जा रहे है | हम तुम्हारी क्लास की कैंटीन मे जा रहे है | मै क्लास से बाहर आ चुकी थी और मैने बाहर एक बड़ी सी मस्त गाडी देखी | मैने उसको पूछा, कि कहाँ हो आप, तो उसने बोला एक बड़ी गाडी खड़ी है, तुम्हारे गेट के सामने | फिर, मैने उसको हाथ हिलाकर अपने बारे मे बताया और वो गाडी से निकल के बाहर आया | मै तो उसपर फ़िदा हो गयी | क्या मस्त लड़का था? सुंदर और मस्त | मेरे आसपास की लडकिया तो आहे भर रही थी उसपर | फिर, वो मेरी तरफ आया और मुझ से हाथ मिलाने लगा | मै कभी उसका चेहरा देख रही थी और कभी उसका हाथ | सारी लडकिया मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी |

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हम दोनों ने एक दुसरे का हाल चाल पूछा और क्लास की कैंटीन मे चली गयी | हम दोनों ने काफ्फी पी और फिर उसने मुझे घर छोड़ने की पेशकश की | मै बिना कुछ कहे और सुने, उसकी गाडी मे बैठ गयी | वो गाडी चला रहा था और मै उसे अपने घर का रास्ता बता रही थी | किस्मत ही, हम दोनों को मिलवाने पर तुली हुई थी | साला, उसका घर मेरे घर के पीछे निकला और हम दोनों एक दुसरे की छतो पर थोडा जुगाड़ करके जा सकते थे | हम सब के घरो की पीछेवाली दीवारे काफी ऊची थी, इसलिए थोड़ी सी जुगाड़बाजी जरुरी थी | ख़ैर, उसने मुझे घर छोड़ा और मै तो उस पर फ़िदा हो चुकी थी |

मुझे उसके बारे मे नहीं पता था, तो उसे पता करना जरुरी था | उसकी कार के सारे शीशे काले थे, तो मैने आगे बढकर सारी खड्किया बंद कर दी और थोडा सा उचककर उसके होटो पर एक चुम्मा जड़ दिया | उसकी आँखे बड़ी हो गयी और मुस्कुराया | फिर, उसने गाडी को घर जाते-जाते दूसरी तरफ मोड़ दिया, जहाँ थोडा सा अँधेरा होता है और गाडी खड़ी करके मेरे चेहरे को अपने हाथो मे लेकर मेरे होटो को चूसने लगा |

बहुत ही मस्त था उसका चूमना | मेरी तो चूत गीली होने लगी | फिर, उसने अपनी पेंट की जिप खोलकर अपना लंड निकाला और मेरा हाथ उसपर रखकर मुठ मारने लगा | फिर उसने ऊपर-ऊपर से ही मेरे चूचो को दबा डाला | इतने मे ही, मेरी चूत गीली हो चुकी थी और मुझे डर लगने लगा | मैने उसका लंड छोड़ा और अपने कपडे ठीक किये और उसे मुझे घर छोड़ने को बोला | उसने भी मुझे कुछ नहीं बोला और चुपचाप गाडी चलाने लगा | वो उसकी सबसे बड़ी समझदारी थी |

अगर, वो मुझे उस दिन जबरदस्ती से चोद देता, तो शायद मै उससे कभी नहीं मिलती; लेकिन, उस दिन उसने मुझे सिर्फ मस्ती का रास्ता बताया और मेरे अन्दर आग लगा दी | फिर उसने मुझे हर रात को चोदा और मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया | उसके साथ मेरी पहली चुदाई के बारे मे, मै आपको कल बताने वाली हु |
क्रमशः …………..

जब मै घर पहुची, तो मेरे पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे | मै उसे अपना बॉयफ्रेंड समझने लगी थी और मेरे सारे ग्रुप मे, मेरा बॉयफ्रेंड सबसे अमीर और सुंदर था और उसका लंड भी काफी बड़ा और मोटा था | मेरे ग्रुप मे सिर्फ मेरा ही बॉयफ्रेंड नहीं था और जब वो लोग अपने बॉयफ्रेंड के बारे मे बातें करते है, तो मै अन्दर से जल-भुन जाती थी और वो सब अब बॉयफ्रेंड के लंड के बारे मे मुझे बताते थे, तो मुझे बड़ा अजीब लगता था; क्योकि मैने लंड अपने हाथ मे तो क्या, असली मे देखा तक नहीं था | मै सोच रही थी, कि सब क्या-क्या बोलना है| सब कुछ मस्त था और मैने एक थैंक्स का एसएम्एस उसको भेज दिया और उसने भी एक प्यारा सा एसएम्एस मुझे कर दिया |

२-३ दिन ऐसे ही निकल गये और हम दोनों एसएम्एस-एसएम्एस खेलते रहते थे | एक दिन रविवार था और मेरी और उसकी दोनों की छुट्टी थी और मै अपने कमरे मे अकेले थी और मेरा उससे मिलने का मन कर रहा था | किस्मत उस दिन मेरे साथ थी; तभी मेरे माँ-पापा को कहीं बाहर जाना पड़ा और उनको कम से कम ३-४ घंटे लगने वाले थे |

मैने उसको एसएम्एस किया, मै घर मे अकेले अपनी चूत तेरे लिए ही खोल कर बैठी हु; हिम्मत है तो आजा | उसका कोई जवाब नहीं आया | २ मिनट, ३ मिनट, ५ मिनट और १० मिनट निकल गये और मैने ३-४ एसएम्एस ठोक डाले; लेकिन, कोई एसएम्एस नहीं आया | अब मुझे गुस्सा आने लगा | तभी छत के दरवाजे पर कुछ ठक-ठक हुई, तो मै ऊपर भागी | देखा, वो साला ऊपर खड़ा है | मैने दरवाजा खोल दिया और झूठ-मुठ की नाराज़ होने लगी | उसने अपनी जेब से एक सोने की चेन निकाली और मेरे गले मे डाल दी और बोला डार्लिंग, तुम्हरे लिए तोफा लाने गया था; इसलिए देर हो गयी |

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फिर, मैने उसका हाथ पकड़ा और उसको खीचकर अपने कमरे मे ले आयी | और उसको अपने पलंग पर धक्का दे दिया | वो बोला, रेप करने का इरादा है क्या? मैने कहा कुछ ऐसा ही समझ लो | फिर, मै कूदकर उसकी छाती पर बैठ गयी और उसके होटो पर अपने होट रख दिए और उसके होटो को पागलो की तरह चूमने लगी | मुझे ऐसा लगा रहा था, कि वो दुनिया का आखरी मर्द है, जिसके पीछे सारी लड़किया पड़ी है | मैने तेजी से उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए और उसके शर्ट के सारे बटन तोड़ डाले | उसने मुझे अब धक्का देना शुरू कर दिया और बोला, साली आज तू पागल हो गयी है |

मैने कहा, हा, लेकिन आज तुझे नहीं छोडूंगी | फिर मैंने उस को आधा नंगा करके खुद ब्रा-पेंटी मे आ गयी और फिर मैंने अपनी ब्रा भी खोलकर फेक दी | उसके सामने मेरे अधपके हुए चुचे झूल रहे थे; ज्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन उनकी लालिमा किसी को भी अपने तरफ खीच सकती थी | फिर उसने मेरे चूचो को अपने हाथ मे ले लिया और उसको दबाना शुरू कर दिया | मै मस्ती मे कामुक आवाज़े निकालने लगी और सी-सी-आ-आह करने लगी | उसका लंड पुरे जोर से खड़ा हो चुका था | फिर उसने नीचे हाथ डालकर अपनी पेंट को उतारा और अपने लंड को खुली हवा मे निकाल लिया | उसका बड़ा लंड देखकर मेरा दम निकलने लगा |

फिर, उसने मेरी पेंटी को फाड़ डाला और मेरी चूत पर अपने लंड को पर रख दिया और लंड को रगड़ने लगा | मेरे शरीर मे मस्ती छाने लगी और मै मस्त आवाजो के साथ-साथ अपने शरीर को हिलाने लगी | उसने अपने लंड को अपने थूक मे पूरा डुबो दिया और मेरी चूत को भी | उसके बाद, उसने मुझे पलग पर लिटाया और फिर, चूत पर अपना लंड लगा दिया और वो मेरे चूचो को हल्का-हल्का दबाता रहा | मैने आँखे बंद कर रखी थी | जब मुझे थोडा सा आराम मिलने लगा |

तो उसने एक ही धक्के के साथ अपना पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दिया | मै चीख उठी और सारी चादर मेरी चूत के खून मे गीली हो गयी | उसका लंड आधे से ज्यादा मेरी चूत मे था और मै सिसकिया भरकर रो रही थी | उसने मुझे चुप करवाया और धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत मे हिलाने लगा; इससे मुझे दर्द कम होने लगा और उसने फिर धीरे से धक्के लगाने शुरू किये |

अब मुझे भी मज़ा आने लगा था और उसका लंड मुझे कहीं अन्दर लगने लगा था | तो मैने भी अपनी गांड को मस्ती मे हिलाना शुरू कर दिया | मै झड चुकी थी और मेरा शरीर गिरने लगा था | उसने अपना लंड निकाल लिया और मुझे ऐसे ही पड़ा रहने दिया | कुछ देर हस्त्मथुन के बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरी फटीहुई चूत पर डाल दिया | गरम-गर्म वीर्य ने मेरी चूत के फटे हुए दरवाजे को कुछ आराम दिया और फिर वो कपडे पहनकर वहा से निकल गया | मै अभी भी ऐसे ही लेटी थी |

मेरे अन्दर खड़े होने की हिम्मत ही नहीं थी | लेकिन, कुछ देर बाद मुझे आराम मिला और मैने अपने कमरे को ठीक किया और सो गयी | जब माँ-पापा आये तो मैने उठकर दरवाजा खोला और चाय बनाई | तब तक मै बिलकुल ठीक थी, लेकिन रात को सोते टाइम मेरी वाट लग गयी दर्द के कारण | उस दिन के बाद तो मुझे चुदाई मे मज़ा आने लगा और अब मै एक नंबर की चुदक्कड बन गयी हु | दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी जरूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त



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