नमस्कार दोस्तों, मैं थोर अपनी अगली सेक्स कहानी लेके आया हू. उमीद है मेरी बाकी स्टोरीस की तरह आपको ये स्टोरी भी पसंद आएगी. ये कहानी हरयाणा के सुशील की है. तो चलिए कहानी शुरू करते है सुशील की ज़ुबानी.
ही फ्रेंड्स, मैं सुशील कुमार हरयाणा का लौंडा हू. मेरी उमर 21 साल है, और मैं कॉलेज स्टूडेंट हू. ये कहानी मेरी मा की चुदाई की है, वो भी उसके 2 यारों के साथ. तो चलिए कहानी शुरू करता हू.
मेरी मा का नाम निशा है. उसकी उमर 42 साल है, लेकिन उसको देख कर वो 30 के आस-पास की लगती है. मा का फिगर घर के सारे काम कर-कर के ज़बरदस्त बना हुआ है. उनका साइज़ तकरीबन 36-32-38 होगा. उपर से वो लेगैंग्स और कुरती ही डालती है, जिसमे उनके जिस्म का नक्शा बहुत आकर्षित करता है.
घर में तो मा दुपट्टा भी नही लेती, तो उनकी क्लीवेज का नज़ारा आसानी से देखने को मिल जाता है. उनके झुकने पर उनकी गांद ऐसी लगती है, जिसको देख कर मूह में पानी आ जाता है. इस सब के बावजूद मैने मम्मी के बारे में कभी ग़लत नही सोचा था, क्यूंकी मुझे लगता था की वो एक शरीफ औरत है. लेकिन वो तो चुड़क्कड़ रंडी निकली.
एक दिन मेरे फोन की बॅटरी डेड हो गयी, तो मैने एक कॉल करने के लिए मम्मी का फोन माँगा. फिर जब कॉल करके मैं फोन वापस देने जेया रहा था, तो तभी लॉक स्क्रीन पर एक मेसेज दिखा “कैसी हो जान” का.
मैं मेसेज देख कर तोड़ा हैरान हुआ, और मजबूर हो गया फोन खोल कर मेसेज पढ़ने के लिए. जब मैने मेसेज पढ़े, तो मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी. मेरी मम्मी, जिसको मैं शरीफ समझता था, उसका अफेर चल रहा था पापा के दोस्त माणिक अंकल से.
उन्होने छत में खूब सेक्स वाली बातें की थी. मम्मी ने तो अंकल को अपनी नंगी फोटोस भी भेज रखी थी. मम्मी की नंगी फोटोस इतनी सेक्सी थी, की मेरा भी लंड खड़ा होने लगा था.
अभी मैं उनकी छत पढ़ ही रहा था, की तभी किसी दूसरे नंबर से मेसेज आया “जान, तुम्हारी याद आ रही है”. मैने देखा तो ये मेसेज पापा के दूसरे दोस्त ठिंकू अंकल का था. फिर मैने उनकी छत ओपन की, तो उनके साथ भी मम्मी ने खूब सेक्स छत कर रखी थी. इससे पहले की मैं पूरी छत पढ़ पाता, मम्मी ने मुझे आवाज़ दी, और मैने उनका फोन वापस कर दिया.
2 दिन तक मैं सोचता रहा की क्या मेरी मम्मी इतनी बड़ी रंडी थी? फिर मैं सोचने लगा की मम्मी को एक्सपोज़ कैसे किया जाए. तभी मेरे दिमाग़ में आइडिया आया. मैने सोचा की मम्मी के दोनो यारों को एक साथ घर बुला लेता हू, इससे मम्मी फ़ासस जाएँगी.
मेरे पापा एक इन्षुरेन्स एजेंट है, और अक्सर दूसरे शहरों में घूमते रहते है. वो महीने में 2-3 दिन ही घर आते है. फिर मैने एक दिन मम्मी का मोबाइल लिया, और माणिक अंकल और ठिंकू अंकल दोनो को एक ही टाइम पर घर बुला लिया, और मेसेज डेलीट कर दिए.
फिर वो दिन आ गया. मैं उस दिन बहाना करके घर से निकल गया, और पिछले दरवाज़े से वापस अंदर आके च्छूप गया. कुछ देर बाद बेल बाजी. मम्मी ने दरवाज़ा खोला, तो माणिक अंकल बाहर खड़े थे. वो उनको देख कर हैरान हो गयी, और बोली-
मम्मी: आप यहाँ कैसे?
माणिक: अर्रे तुमने ही तो बुलाया था.
मम्मी: मैने कब…
अभी मम्मी बोल ही रही थी, की माणिक अंकल ने उनको अपनी बाहों में भर लिया, और उनके होंठ चूसने लगे. कुछ ही सेकेंड्स में मम्मी इतनी गरम हो गयी, की उनको पूछना भूल कर चुसाई पर ध्यान देने लगी. मम्मी ने हमेशा की तरह लेगैंग्स और कुरती पहनी थी.
अभी उनकी चुसाई चल ही रही थी, की फिर से बेल बाजी. बेल सुन कर दोनो घबरा गये. मम्मी ने दरवाज़े के पास जाके पूछा, तो बाहर से ठिंकू अंकल ने आवाज़ दी. अब मम्मी के चेहरे का रंग उडद गया. उनके पास अब कोई ऑप्षन नही था सिवाए दरवाज़ा खोलने के, तो उन्होने दरवाज़ा खोला.
मा का दूसरा आशिक़ अंदर आया, और बिना कुछ बोले-सुने उनको गले से लगा लिया.
माणिक अंकल तभी बोले: ये कों है निशा?
ठिंकू अंकल ने माणिक अंकल को देखा, और उन्होने भी यहीं पूछा. मुझे लगा मा अब फ़ासस चुकी थी, लेकिन वो बहुत बड़ी कलाकार थी. मा अचानक से रोने लगी, और उनके सामने कहानियाँ बनाने लगी. वो दोनो मा के प्यार में इतने डूबे हुए थे, की मा की हर बात मान ली.
फिर आख़िर में मा ने उनसे कहा की वो चाहती थी की वो दोनो साथ मिल कर मा को प्यार करे. ये बोल कर मा ने अपने कपड़े उतार दिए, और ब्रा-पनटी में आ गयी. इतनी सेक्सी औरत को ब्रा पनटी में देख कर कोई भी मर्द उसकी बात मानने को मजबूर हो जाएगा.
वो दोनो मम्मी के करीब आए, और उनके नंगे बदन को चूमने लगे. माणिक अंकल ने मम्मी की ब्रा उतार दी, और दोनो अंकल मम्मी के एक-एक बूब को चूसने लगे. फिर कुछ देर बाद ठिंकू अंकल नीचे बैठ गये, और पनटी उतार कर मा को पूरा नंगा कर दिया.
मा की छूट एक-दूं चिकनी थी. ठिंकू अंकल मा की छूट को चाटने लगे. मा बस आहें भर रही थी. वो माणिक अंकल के सर को अपने बूब्स में, और ठिंकू अंकल के सर को अपनी छूट में दबा रही थी. कुछ देर मा को आचे से चूसने के बाद दोनो अंकल खड़े हो गये, और अपने लंड बाहर निकाल लिए.
मा घुटनो पर बैठ कर दोनो के लंड को बारी-बारी से चूसने लगी. वो लंड चूस्टे हुए किसी पॉर्न वीडियो की मिलफ लग रही थी. कुछ देर बाद उन दोनो ने मा को उठाया, और बेड पर ले गये. फिर ठिंकू अंकल बेड पर लेट गये, और मा को अपने उपर बिता कर लंड उनकी छूट में डाल दिया.
मा ठिंकू अंकल के लंड पर उछलते हुए छूट छुड़वाने लगी. इसी दौरान माणिक अंकल ने पीछे से लंड मा की गांद में डाल दिया. मा की हल्की आ निकली. उनके आराम से लंड लेने से पता चल रहा था की वो कितना चूड़ी हुई थी, जिससे उनके दोनो च्छेद खुले हुए थे.
फिर मा आ आ करते हुए दोनो के लंड को मज़ा दे रही थी. वो दोनो मम्मी को छोड़ते हुए चूम-चाट रहे थे. ठिंकू अंकल नीचे से मम्मी के होंठ, गर्दन, और बूब्स को चूस रहे थे. माणिक अंकल पीछे से मम्मी की पीठ चाट रहे थे, और उनके चूतड़ मसल रहे थे.
एक घंटे की उठा-पटक वाली चुदाई के बाद उन दोनो ने मा को अपने माल से नहला दिया. अब तक उन दोनो की आपस में भी दोस्ती हो चुकी थी. फिर वो दोनो वहाँ से चले गये, और मेरा प्लान मा को फसाने का फैल हो गया.
सेक्स कहानी की फीडबॅक गुलाटी.गुलाटी555@गमाल.कॉम पर दे. मेरी कहानी मौसी के घर की ऐश-1 भी पढ़े.