हाए दोस्तों क्या खोज खबर है, भाई, क्या कोई देसी गांड मारने को मिली इधर बीच? अरे यार अगर मारने को न मिली तो मरवाया जरुर होगा, हा हा! चलो तुम्हें कहानी सुनाते हैं अपनी ताजा ताजा पर रोमांचक और लंड को दनदनाती हुई। क्या कभी अपनी टीचर की वाईफ को पेला है? नहीं ना? मैं आप सबको बताने जा रहा हूं अपने टीचर की बीबी की रसदार जवानी को चोदने की घट्ना। सुकेश चौधरी, जो कि हमारे कालेज में एक सम्मानित प्रोफेसर हैं, उनके अंदर में मैं रिसर्च कर रहा हूं। वो कमाल का चूतिया आदमी है और उसकी बीबी बहुत खूबसूरत है।
पर वो ठरकी आदमी अपनी बीबी पर ध्यान देने के बजाय, अपनी छात्राओं को चोदने और टेबल के नीचे बुलाके लंड चूसाने में लगा रहता है। मुझको वो अक्सर अपने घर के काम धाम पर लगा देता है। यही सच है रिसर्च करने वालों की जिंदगी का। लड़की आई तो प्यार से बिठाएगा, बातें करेगा, अपनी बैल जैसी आंखों से उसका अंग प्रत्यंग स्कैन कर लेगा और फिर चोदने की जुगत भिड़ाता रहता है। अरे भाई, लड़का होना गुनाह है क्या, कोई हमारी सुनता ही नहीं। सच है, लड़कियों के पास तो चूंचे हैं दबाने को, चूत है मरवाने को, गांड है फड़वाने को और होट हैं चुसवाने को , हम लड़कों के पास क्या है जी? एक निरा लंड वो भी हिलाने को?? शायद इसी वजह से हमारी जिंदगी गधे के लंड से लिख गयी है, वो भी पोतन धोबी के गधे के लंड से। क्या तकदीर है बीड़ू!! इतने दिनों तक यही सब सोच सोच के अपने को दिलासा दे रहा था कि एक दिन मेरी भी लाटरी निकल गयी। उस दिन सुकेश चौधरी ने मुझे अपने घर भेजा और कहा कि कोई नहीं है, मैं भी दिल्ली जा रहा हूं, तुम तीन चार दिनों तक जब तक मै न लौट आऊं, वहीं मेरे घर पर रहना, और जरुरी काम धाम करते रहना जैसा तुम्हारी मैड्म कहें।
मैने कहा ओके सर। अगले दिन सुकेश जब फ्लाइट से देल्ही निकले तो मैं उनके घर ड्यूटी बजाने चला गया। काल बेल दबाई ट्रिंग ट्रिंग!! और दरवाजा खुला, एक खुश्बु सी बिखर आई, मुझे ये समझ न आया कि सर के जाने के बाद इतना सजने संवरने की क्या जरुरत है। फिर भी मैने उनको गुडमार्निंग विश किया और उनके साथ गेस्ट रुम में आ गया। मैम बोलीं कि आकाश तुम यहीं रहो और मैं आई। मैने कहा कि ओके मैम। थोड़ी देर बाद वो जिस ड्रेस में आईं वो देख कर मुझे लगने लगा कि उनके ईरादे कुछ नेक नहीं हैं। वो एकदम झीनी नाइटी पहन के दिन में ही मेरे पास आकर बैठ गयीं, मुस्कराती हुई। मैने चोर नजरों से देखा, उनके गोरे गोरे चूंचे को।
मस्त स्तन एक दम दूध भरे लग रहे थे, और झीनी ड्रेस में हल्की जालीदार पैंटी में से छन छन के आता गोरी चूत का नजारा? उफ्फ!! क्या कहना!! मैने अपनी तिरक्षी नजर उनकी गांड पर मारी जो कि एकदम मलाई जैसी कोमल लग रही थी। मैम मेरे पास बैठ गयीं और प्लेट में रखे ड्राईफ्रूट्स मुझे आफर किए। मैने औपचारिकता वश उठा कर खाना शुरु कर दिया, पर सच तो ये है कि मेरी नजरें उनके चमकदार हुस्न से हट नहीं रहीं थीं और चूत की आमद होने के उम्मीद में मेरा लंड कुलबुला रहा था। तभी मैम ने टीवी पर एचबीओ चैनल लगा दिया, किसिंग सीन और बेड सीन चल रहे थे, धकाधक, हिरोइन की चूत में गांड की तरफ से हिरो उसकी कमर लचका लचका के कुतिया स्टाइल में चोदे जा रहा था। मैं थोड़ा झेंप गया पर मैडम मुझसे बोलीं ” आकाश, तुमने कभी अपनी जीफ के साथ ऐसा किया? मैं शरमा गया, उनसे ऐसे प्रश्न की उम्मीद न थी, पर लंड को थी उम्मीद। मैने कहा मैम अभी तो मेरी कोई जीएफ ही नहीं बनी। वो बोलीं ” ऐसा तो हो नहीं सकता बेटा, एक काम करो कि मुझे जरा चेक करना है कि वाकई क्या तुमने कभी सेक्स न किया है?” मेरे होश उड़, क्या लड़कों के मामलों में भी ऐसा संभव है कि पता किया जा सके कि कौन चुदा है कौन नहीं चुदा है? फिर भी मैने कहा ओके मैम, क्योंकि मुझे मजा आ रहा था।
लंड लेके अपनी गांड में डलवाने को उतारु थी गुरुमाता।
मैम सोफे के नीचे आराम से बैठ गयीं, मेरा पैंट खोल के अलग कर दिया और फिर चड्ढी खींच कर एक ही झटके में अलग कर दी। अब कहानी में थ्रिल आता जा रहा था, मैम ने मेरा लंड अप्ने हाथ में लेकर उसे चूमते हुए कहा ” बहुत बुड्ढा लड़कियों के साथ ऐश करता है, आज उसकी आदत छुड़ा के रहूंगी। मैं भी उस्के साथ वही करुंगी जो वो मेरे साथ करता है। ऐसा कहके उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी और बेड पर पांव पसारे लोट गयीं। बोलीं आकाश आओ और मुझे चोद दो, मेरी प्यास बुझा दो मेरी रंगीन जवानी की आग वो ठरकी कभी न बुझा पाया।