तो दोस्तों स्वागत है आपका इस ग्रूप सेक्स स्टोरी के आखरी पार्ट में, जहाँ गोकुलधाम की सारी लॅडीस, और टापू सेना ने एक-एक पार्ट्नर चूज़ करके चुदाई करना शुरू कर दिया था. अब आयेज-
सबसे पहले अंजलि पिंकू की तरफ गांद करके सोफा पे चढ़ गयी. उसके बाद वो स्क्वाट करके, पिंकू का लंड पकड़ के, छूट पे सेट करके चूड़ने लगी. पिंकू ने पीछे से अंजलि को हग कर दिया, जिससे अंजलि की नंगी पीठ पे पिंकू की चेस्ट डब रही थी, और दोनो को एक गर्माहट सी महसूस होने लगी.
दूसरी तरफ रीता रिपोर्टर जब गोली की लुल्ली पे उछाल रही थी, तो वो बार-बार बाहर निकल जाता. फिर रीता ने दिमाग़ लगाया. वो उठ कर गोली की तरफ मूड गयी. फिर उसकी लुल्ली को सेट करके छूट में डाल दिया. गोली की अप्पर बॉडी को उसने उठा दिया, और रीता ने उसको कस्स के गले लगा दिया.
गोली की बड़ी चेस्ट और रीता के छ्होटे-छ्होटे बूब्स अब आपस में डब रहे थे. रीता उपर-नीचे ना उछाल कर, बस हो सके उतनी तेज़ी से अपनी गांद आयेज-पीछे कर रही थी, ताकि उसकी लुल्ली निकल ना जाए. इसमे रीता की मेहनत ज़्यादा थी, लेकिन दोनो को मज़ा आ रहा था.
दूसरी तरफ गोगी ने बबिता की बड़ी गांद पकड़ ली थी साइड से. वो पीछे से उसकी छूट एक-दूं सही तरीके से मार रहा था. बबिता के बड़े-बड़े बूब्स टेबल पे रब हो रहे थे. लेकिन उसकी साँसे तेज़ हो चुकी थी. जब गोगी उसकी छूट में पूरा लंड डालता, तो बबिता की गांद एक-दूं से ज़िज्गले होती उसके साइज़ की वजह से, आप इमॅजिन कर सकते होंगे. थोड़ी देर करते-करते बबिता की पीठ से पस्सेनए छ्छूटने लगे थे. इससे वो अलग लेवेल की खूबसूरत लग रही थी.
थ्रीसम कपल यानी माधवी की बात करे तो वो टापू का लंड काफ़ी देर से ले रही थी छूट में. लेकिन उसे दर्र था की अगर ये जल्दी झाड़ गया, तो सोनू नाराज़ हो जाएगी. इसलिए उसने लंड अपनी छूट से निकाला, और झुक के टापू का लंड चूसने के बाद उसने सोनू से कहा, की अब वो आ कर बैठे.
इस बाद टापू ने लेड लेते हुए सोनू को लिटा दिया. फिर उसकी टाँगों के बीच पहले थूक लगा के अपना लंड सेट कर रहा था. माधवी ये सब देख रही थी.
माधवी: टापू एक-दूं धीरे हा. एक झटके में अंदर मत डालना.
उसने अपना हाथ टापू की गांद पे रखा और तोड़ा जितना हो सके उतना उसकी गांद को धीरे-धीरे आयेज पुश करती रही. फिर उसकी गांद पकड़ कर पीछे खींचती, ताकि सोनू आराम से ले पाए.
कुछ देर ऐसा करने के बाद सोनू और टापू को तो मज़ा आने लगा था. लेकिन जब माधवी ने अपना हाथ टापू की गांद से हटाया, तो वो पूरी लाल हो चुकी थी, जिसे देख कर माधवी मुस्कुरा उठी.
खैर बच्चे तो नादान और जवान थे. लेकिन यहाँ सबसे पहले पानी छ्चोढने वाला पिंकू था. उसका पानी अंजलि की छूट में ही निकल चुका था, लेकिन वो शांत रहा. अंजलि को कुछ देर में जब महसूस हुआ, तो वो लंड छूट में रखते हुए ही रुक के पीछे मूड के पिंकू को देखने लगी.
अंजलि: पिंकू, तेरा निकला है या मेरा?
पिंकू (हल्के से मूह हा में हिलाते हुए): मेरा निकला है.
अंजलि: हे भगवान, बाहर तो निकालता. अब प्रेग्नेंट हो गयी तो?
बबिता (ये सब सुनने के बाद): अंजलि भाभी टेन्षन मत लीजिए. आप सस्यू कर लीजिए, और मेरे पास एक पिल है, वो ले लेना, टेन्षन की बात नही है.
अंजलि तोड़ा रिलॅक्स होते हुए पिंकू के लंड से उठी, और बातरूम में ना जेया कर, वहीं सोफा के पास ही बैठ के सस्यू करने लगी. क्यूंकी उसे रिस्क नही लेना था बिल्कुल भी. उसके बाद वो और पिंकू बैठ गये साइड में सब को देखते हुए.
उसके बाद हमारी टापू सेना के लीडर को लग रहा था की वो और कंट्रोल नही कर पाएगा.
टापू: सोनू मेरा पानी निकालने वाला है.
माधवी (सुनते ही शॉक हो गयी): अर्रे टापू लंड निकाल सोनू की छूट से.
उसे तोड़ा अलग करते हुए जैसे ही लंड छूट से बाहर आया, माधवी ने उसका लंड हिलना शुरू कर दिया. सोनू लेटते-लेटते ही ये देख रही थी.
माधवी ने हिलना शुरू ही किया था, की टापू की पिचकारी सोनू के पेट पे और तोड़ा उसके बूब्स पे उड़ी. और फिर तीनो साँस में साँस लेते हुए बैठ गये.
उसके बाद अब रेस थी टापू सेना के सबसे बड़े लंड वाले शेर पुत्तर गोगी और सबसे छ्होटे लंड वाले मोटे प्यारे गोली की.
खैर साइज़ तो एक बहाना है, बाकी अगर सामने कोई बबिता को छोड़ रहा हो, और रीता को छोड़ रहा हो, तो बबिता की गांद के दीवानो में तो लंड अंदर जाते ही सब का पानी निकल जाए.
खैर इसी वजह से गोगी का निकालने वाला था. लेकिन बाकी लोगों को देखने के बाद उसे लगा की छूट के अंदर निकालना अछा नही है. तो वो लंड निकाल के रुक गया, और बबिता की गांद पे 2 बार हाथ लगा के बबिता का वेट करने लगे.
बबिता ने जैसे ही नोटीस किया, वो समाज गयी की उसकी बारी भी आ चुकी थी. जिसके बाद वो घुटने पे बैठ गयी, और गोगी का लंड हिलाते हुए उसने गोगी की पिचकारी पूरी अपने फेस पे ले ली. उसका कम इतना वॉटरी था, जैसे वो रोज़-रोज़ हिलता होगा. ऐसा बबिता को लगा.
इसके बाद उसने अपना फेस सॉफ करते हुए, गोगी की गांद पे प्यार से थप्पड़ लगा के, उसको इशारा किया की वो भी बाकी सब के साथ जेया कर बैठ जाए. कमाल की बात ये थी की गोली का पानी नही निकला था छ्होटा लंड होने के बाद भी. खैर ये तो टेक्नीक की बात है, साइज़ से क्या फराक पड़ता है.
वहाँ रीता इतनी मेहनत करने की वजह से पसीना-पसीना हो चुकी थी. अब गोली की साँसे तेज़ होने लगी थी. सबसे अची बात ये थी, की रीता वहाँ पहले ही ऑर्गॅज़म फील कर चुकी थी. लेकिन गोली अभी तक झाड़ा नही था, जिसकी वजह से वो रुक नही रही थी.
रीता: गोली, प्लीज़ छूट में मत झड़ना. मुझे बता देना निकालने वाला होगा तो.
गोली: रीता आंटी, मैं तो आपका वेट कर रहा हू. ताकि आपको सॅटिस्फाइ कर लू. उसके बाद मैं झाड़ू. मैं तो कब से कंट्रोल कर रहा हू (तेज़ साँसे लेते हुए).
रीता: अर्रे, मेरा तो हो चुका है. मैं तेरे निकालने का वेट कर रही हू. कोई बात नही, तू पानी निकाल दे.
गोली: निकाल दो रीता आंटी.
इसके बाद रीता उठ के नीचे बैठी, और गोली की लुल्ली को पकड़ के ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगी. जिसके बाद गोली जल्दी ही झाड़ गया रीता के हाथो में.
गोली का कम पूरा वाइट थिक लिक्विड था, क्यूंकी वो काफ़ी देर से कंट्रोल कर रहा था. लेकिन कमाल की बात कर दी थी उसने. उसके बाद उसने भी तोड़ा रिलॅक्स किया. सभी ने एंजाय कर लिया था, और अपने-अपने कपड़े पहन कर क्लब हाउस से निकल गये.
तो दोस्तों आपको ये कहानी कैसे लगी मुझे कॉमेंट करके और एमाइल करके ज़रूर बताए.
शुक्रिया