गर्मियो की छुट्टी मे कज़िन की चूत मारी

ये मेरी फर्स्ट कहानी है कुछ ग़लत हो तो माफ़ करना. ये कहानी थोड़ी लंबी है तो कुर्सी की पेटी बाँध ले एक लंबी उद्दान भरने के लिए.

नोट: इश्स कहँनी मे जीतने भी नाम उसे हुआ है वो ओरिजिनल नामे नही है.

कहानी मे स्टार्ट करने से पहले अपना इंट्रोडक्षन दे डू. मे भोपाल का रहने वाला हूँ, मेरी करेंट आगे 22 यियर्ज़ है आंड मे दिखने मे गुड लुकिंग आंड रंग गोरा हाइट 5’9. आंड मे रन्निंग करता हूँ डेली तो बॉडी भी अची शेप मे है. सिक्स पॅक एबेस तो नही है बुत स्लिम फिट बॉडी है.

अब डाइरेक्ट कहानी मे आता हूँ.

या 2 यियर्ज़ पहले की बात है जब मे 20 यियर्ज़ का था आंड मे आपनी बुआ का घ्र नागपुर गया था सम्मर वाकेशन मे.

बुआ के घ्र पे मेरे बुआ के हज़्बेंड जिनका अपना बहुत अछा बिज़्नेस है. आंड उनकी 2 लड़किया है, एक की शादी हो चुकी है जो मुझे 6 यियर्ज़ बड़ी है. और दूसरी लड़की जो इश्स कहानी की हेरोयिन है, उसका नामे आयुषी है. पर घ्र पे उसे सब प्यार से प्रीति बोलते है, जो मुझसे 1 एअर छोटी है.

उसकी हाइट 5’6″ होगा आंड स्लिम फिगर है, बिल्कुल एलिया भट्ट की तरहा फिगर आंड एलिया भट्ट की तरहा गोरी. आंड रोज़ की पेटल्स की तरह पिंक लिप्स. उसके बूब्स छोटे मीडियम साइज़ के आंड गोल गोल गंद.

हम दोनो के बीच अची बॉनडिंग है आंड हम दोनो ओपन माइंडेड है. एक दूसरे के साथ चिपक के बैठना, हट पकड़ लेना आंड प्रीति एक साथ ही सोना जब भी उसके घ्र जाता था, ये सब नॉर्मल था.

हम दोनो खुल के बात करते है, एक दूसरे के साथ प्राब्लम शेर करना, आपस मे अपना फीलिंग शेर करना. आंड अपने गफ़ ब्फ के बारे मे बात करना ये सब भी कामन था. हाँ लेकिन कवि सेक्स से रिलेटेड बात नही की.

बात यूयेसेस टाइम का है जब मे कॉलेज वाकेशन के टाइम अपनी बुआ के घ्र गया हुआ था. मे 11 बजे बुआ के घ्र पहुचा.. आंड बुआ ने मुझे छाई दी मे छाई पे ही रहा था की मेरी बुआ की लड़की नीचे आए मुजसे मिलने.

प्रीति मुझे देख के बहुत खुश हुई.

हम दोनो बैठ के बाते करने लगे. तब ही बुआ ने प्रीति को कहा की मुझे उप्र ले जाए. तो हम दोनो उप्र चले गये. फिर ऐसे ही कॅषुयल बाते की. उसके बाद उसने मुझसे मेरी गफ़ के बारे मे पूछा. मेरा हाल ही मे ब्रेकप हुआ था दीपिका के साथ.

मैने ब्रेकप के बारे मे कहा कैसे हुआ ब्रेकप. मे एक दिन ड्रिंक कर के उसे (दीपिका मी एक्स गफ़, दीपिका के साथ भी मैने खूब मस्ती की है अगर इश्स कहानी को प्यार मिलता तो इसकी भी कहानी ज़रूर लिखूंगा.) खूब झगड़ा किया. उसके बाद दीपिका आंड मेरा बीच कुछ अछा नही चल रहा था. फिर 1 मंत के बाद ब्रेकप हो गया.

प्रीति ने कहा ग़लती तो तुम्हारी ही थी तुम्हे उसे बिना मतलब झगड़ा नही करना चाहिए था. आंड बोला की कोई बात नही मूव ओं करो बुत तुम ड्रिंक कब से करने लगे?

मैने बोला की दोस्त लोगो ने सीखा दिया जस्ट बियर ही पिता हूँ.

प्रीति: बियर तो लड़किया पीटी है.

मे: तुम भी पीटी हो क्या तुम भी तो लड़की ही हो.

तब उसने हेस्ट हुआ कहा की हाँ पिया है बुत पीने के बाद मुझे बहुत नशा चाड जाता है.

मे: ठीक है चलो एक साथ ड्रिंक करते है.

प्रीति: (तोड़ा देर सोचा) ठीक है.

उसके बाद हम दोनो ने एक साथ ड्रिंक करने का प्लॅनिंग बनाया.

मैने कहा की बियर आंड वोड्का पीएँगे. प्रीति ने कहा ठीक है बुत पी ने के बाद मुझे तोड़ा संबल लेना मे कही कुछ गड़बड़ी ना कार्दु आंड मम्मी को पता ना चल जाए.

मे: हाँ ठीक है, हम ड्रिंक करके जल्दी ही सो जाएँगे ताकि तुम कुछ हंगामा ना कर दो.

प्रीति हासणे लगी.

मे: साम के टाइम बियर आंड वोत्का ला के रख देंगे आंड हम दोनो रात को ग्राउंड फ्लोर वाला रूम मे सोएगे. अप्पर सोना रिस्की हो सकता है.

सम को दारू खरीद के लायाए.

प्रीति ने रात मे एक ब्लॅक स्कर्ट आंड एक लॉस वाइट त-शर्ट पहना था. क्या कमाल की लग रही थी. उसकी स्कर्ट शॉर्ट होने के वजा से उसकी गोरे गोरे झांग मुझे साफ नज़र आ रहे थे. और त-शर्ट का गला बड़ा होने के वजा से जब वो झुकी तो उसका बूब्स भी थोड़े दिख रहे थे. मेरा आँखें उसके तरफ़ बार बार देखने को मजबूर हो रहे थे.

रात को जब हम दोनो टीवी देख रहे थे तो मे उसके थाइस आंड बूब के तरफ ही देख रहा था. आंड मेरा लॅंड उफान मरने लगा. तभी बुआ ने हमे डिन्नर के लिए बुलाया. सब ने डिन्नर किया आंड अपने रूम मे चले गये.

10:30 हो रहा था आंड हुँने अपना प्लान एक्सेक्यूट करना स्टार्ट कर दिया. बुआ आंड फूफा 11 बजे तक सू चुके थे. हम दोनो 11 बजे दारू पीना स्टार्ट किया. आंड दारू पीट पीट 11:30 जैसे हो चुका था.

प्रीति को पूरा नशा चाड गया था क्यूँ की उसने कवि भी वोड्का नही पीया था. आंड गर्मी के दिन था तो फन भी चल रखा था. तो नशा और भी जीयादा चाड रहा था.

उसके बाद हम दोनो बात कर रहे थे आंड कुछ देर बाद ही हम दोनो बेड पे चले गये सोने के लिए.

थोरे देर के बात प्रीति ने मुझे अचानक से पूछा की तूमे दीपंनीता को किस वगेरा किया था की नही? तो मे तोड़ा घबरा गया आंड बोला की हन किया है. वो बोली तुम तो किस का नाम सुनके ही घबरा गये तुम क्या किस करोगे.. मज़्ज़ाक़ मे बोलने लगी.

तो मेने बोला देखो मेरा मज़्ज़ाक़ मत उदाव मुझे किस करना आता है आंड किया भी है. मैने सेक्स चोर के सब कुछ किया है. तो वो भी तोड़ा शॉक्ड हो गये मेरा मूह से सेक्स सुनके. वो मुझे छिड़ा रही थी तुम्हे कहा आता होगा किस वगेरा करने. तो मुझे तोड़ा गुस्सा आया. मेने बोला की देखो और मत चिड़व नही तो मे तुम्हे ही किस कर दूँगा. तो प्रीति बोली आता होगा तब ही करोगे.

वो मुझसे ऐसे बात नही करती बुत उस दिन वो नशा मे थी इसीलिए ऐसे बोल रही थी.

तोड़ा देर के बाद मेने उसे पकड़ के गाल पे किस कर दिया तो हँसे वो लगी. तुम इसे ही किस कहते हो, ऐसे किस तो छोटे बेबी को करते है. तुम्हे नही आता किस करना.

तो मे गुस्सा हो गया आंड उसे पकड़ के लिप्स पे किस कर दिया. उसने कुछ भी रेस्पॉन्स नही दिया. बोली की ये क्या कर रहे हो? तो मेने बोला की किस कर रहा हूँ. मुझे लगता ही की तुम्हे ही किस करना नही आता इसलिए कोई भी रेस्पॉन्स नही किया अपने तरफ से.

तोड़ा देर खामोस रहने उसके बाद मैने फिर से प्रीति को किस करना स्टार्ट कर दिया. इश्स बार मैने उसके नेक पे आंड इयर्स के पास किस करने लगा.

तोड़ा ही देर किस करने के बाद प्रीति की साँसे तेज होने लगी. तो मे साँझ गया की वो गरम होने लगी आंड मे फिर से उसे लिप्स पे किस करने का ट्राइ किया. इस बार वो भी रेस्पॉन्स कर रही थी. फिर मैने किस करते करते उसके इन्नर थाइस को सहलाने लगा. तो उसकी सास और तेज होने लगी उसका बॉडी पूरा गरम हो चुका था.

फिर मे उसके नेक मे किस करते करते उसके बूब्स के उपर अपना हाथ रख के उसे हल्के हटो से दबाने लगा. उसने मुझे रोका नही आंड धीरे धीरे मोन करने लगी.

फिर मैने किस करना रोका आंड उसके फेस के तरफ देखा तो मेरे माइंड मे अचानक से ये बात आई की ये मे क्या कर रहा हूँ, ये तो मेरी बेहन है आंड अवी आल्कोहॉल के नशे मे है. कल जब इसका नशा उतरेगा तो मे प्रीति से अपने नज़रे कैसे मिला पौँगा. हही प्रीति मुझसे गुस्सा ना हो जाए.

तभी-

प्रीति: क्या हुआ रुक क्यूँ गये आंड क्या सोच मे पद गये?

मे: सॉरी प्रीति मे खुद को रोक नही पाया आंड तुम्हे किस करने लगा ये सही नही है. अवी तुम भी नशे मे हो आंड मे भी. जब मेरा नशा उतरेगा तो मे शायद तुमसे नज़रे नही मिला पौँगा. शायद तुम्हे ऐसा ना लगे की मैने तुम्हारे नशे मे होने का फ़ायदा उठाया.

प्रीति: क्यूँ ऐसे सोच रहे हो मे नही सोचूँगी स्टुपिड.

मे: नही नही हम ये सही नही कर रही.. सॉरी प्रीति मे तुम्हे लीके करता हूँ इसीलिए मे खुद को रोक नही पाया तुम्हे किस करने से. ई आम रियली सॉरी बुत ई कॅन’त दो तीस तो योउ, ई रेस्पेक्ट योउ आंड ई कॅन’त दो तीस तो आ पर्सन हूम ई लव्ड सो मच, ई आम रियली सॉरी.

प्रीति: ई ऑल्सो लीके उ आ लॉट तट’स वाइ ई पर्मिट योउ तो किस मे.

मे: नो प्रीति तीस इस नोट एतिकल वी शौउल्ड़न’त दो तीस. प्लीज़ सो जाओ अब, हम इस बारे मे कल बात करेंगे.

प्रीति थोड़ी देर चुप रही आंड तोड़ा गुस्सा मे बोली-

प्रीति: ठीक है सो जाती हूँ!

लेकिन प्रीति थोड़ी साद लग रही थी आंड मुझे भी ठीक नही लग रहा था फिर प्रीति ने मुझे गुड नाइट बोला ना सो गये.

मुझे नींद नही आ रही थी और मे सोच मे पद गये क्या ये सब सही है. शायद प्रीति भी यही छाती थी की मे उसे प्यार करू. या फिर वो नशे मे ऐसे करना चाह रही थी, मे बहुत कन्फ्यूज़ था. यही सब सोचते सोचते मे भी कब सू गया पता ही नही चला.

सुबा जब 7 बजे मेरे नींद खुली तो प्रीति सू ही रही थी आंड उसका एक हट मेरे चेस्ट मे था आंड के पेर मेरे पेर के उपेर. मैने धीरे से उसके पेर आंड हट अपने उप्र से हटाया आंड तब ही प्रीति जाग गयी.

प्रीति: गुड मॉर्निंग.

मे: गुड मॉर्निंग प्रीति, उठ गयी..

प्रीति: हाँ, चलो फ्रेश हो लेते है.

मे: तुम चलाओ मे आता हूँ.

हम उठे आंड ब्रश किया आंड आंड छाई पन लगे.

मे छाई पे रहा था आंड कल रात के बारे मे सोच रहा था. शायद प्रीति कल रात के बारे मे भूल गये. या फिर ये भी सरमिंदा है इसीलिए कुछ जीकर नही कर रही कल रात के बारे मे. तभी आंटी हुमलोग के पास आई, आंटी न्यू क्लोद्स पहने हुए थी. मैने सोचा इतनी सुबा क्यूँ रेडी हो गये.

मे: आंटी इतनी सुबा रेडी क्यूँ हो गये आप कही जेया रही हो?

आंटी: आज प्रीति की दीदी के घर फंक्षन है उसकी ननद की अँगेगएमेंट है वोही जाना है तुमलोग भी रेडी हो जाओ.

मे: आंटी मे कहा मे तो उनके घर कवि गया भी नही, ऐसे डाइरेक्ट्ली अँगेगएमेंट मे कैसे. और मेरे सर भी तोड़ा वारी लग रहा है. आप लोग प्रीति को लेकर चली जाए मे अकेला रह लूँगा आंड लंच ऑनलाइन ऑर्डर कर दूँगा.

प्रीति: नही मा मे भी नही जौंगी. आशीष घर मे अकेला बोर होगा मे भी रुक जाती हूँ.

मे: नही आंटी मे बोर नही हॉंगा आप ले जाए प्रीति को, मेरे वहजाह से ये क्यूँ नही जाएगी फंक्षन मे.

प्रीति: तुम चुप करो.

आंटी: हन बेटा प्रीति सही तो कह रही है तुम अकेले बोर हो जाओगे. ये भी यही रुक जाएगी, इसका तो पहले से ही मान नही था जाने को.

प्रीति: हन मे तो पहले से ही बोल रही थी मुझे नही जाना.

मे: ठीक है तब तो, सच मे तुम्हे पहले से ही जाने का मान नही तह ना?

प्रीति: अरे बाबा हाँ मे सच मे नही जाने वाली थी.

फिर अंकल आंटी निकल गये आंड प्रीति ने अंकल को बोला आते टाइम हमारे लिए कुछ खाने को ले आना पापा.

अंकल: हमे तो रात हो जाएगा. और रात को तो शॉप बंद हो चुकी होंगी.

प्रीति : ओह.. पापा आप जब रिटर्न आओगे तो शॉप के पास रुक के मुझे कॉल करना अगर शॉप खुला हो तो आंड शॉप मे क्या क्या अवेलबल है मुझे बताना मुझे जो अछा लगेगा मे बोल दूँगी आप लेते आना.

अंकल: श हू ये लड़की भी ना ठीक है इसका बचपाना गया नही अवी तक.

फिर अंकल आंटी निकल गये

हम दोनो बैठ के अपना अपना मोबाइल स्क्रोल करने लगे.

मे प्रीति से नज़रे नही मिला पा रहा थी. प्रीति को भी ये अहसास होने लगा.

प्रीति: क्या हूँ तुम इतने टेंससिओं मे क्यूँ हो मेरा रुकना अछा नही लगा तुम्हे?

मे: ऐसे कोई बात नही है..( सोचने लगा चलो इसे कल रात की बात याद नही है.)

प्रीति: या फिर?

मे: (तोड़ा घहब्राते हुआ ) ये फिर क्या?

प्रीति: कल रात को लेके परेशन हो?

मे: ई आम सॉरी प्रीति मुझसे कल कंट्रोल नही हो पाया. मुझे लगा था जब तुम्हारा नशा उतरेगा तो तुम्हे लगेगा की मैने तुम्हारे फ़ायदा उठाया. ई आम सॉरी मे तुम्हारे फ़ायदा नही उठा रहा था..

प्रीति मेरा पास आके भात के बोली

प्रीति: ई नो की तुमने मेरा फ़ायदा नही उठाया. उठना होता तो कल ही उठा लेते आंड उसके वजह से मेरे दिल मे तुम्हारे लिए और भी इज़्ज़त बढ़ गये बुत…

आंड वो रुक गयी.

मे : बुत क्या? मैने किस जान बुझ के नही क्या था सच बोल रहा हूँ. ई लीके योउ तट’स वाइ ई लॉस्ट मी कंट्रोल.

प्रीति: तुमने कवि बताया नही की योउ लीके मे.

मे: बाते घूमने की कोसिस करने लगा. हाँ ई लीके योउ मी कज़िन, सब कोई अपने कज़िन को लीके करता है.

प्रीति: मुझे तो ऐसा फील हुआ की तुम मुझे आस आ कज़िन लीके नही करते हो. ऐसा लग रहा था की सच मे लीके करते हो.

मे: ई वाज़ ड्रंक तट’स वाइ तुम्हे ऐसा लगा होगा, तुमने भी तो कहा था ई लीके योउ.

प्रीति: हाँ बुत मैने कज़िन की तरहा नही बोला था.. कल नशे मे कहा था आंड अवी पूरे होश मे बोल रही हूँ… ई लीके योउ आशीष आंड कल के बात मेरे दिल मे तुम्हारे लिए प्यार और भी बढ़ गया है. तुम छाते तो और भी आयेज बढ़ सकते थे बुत तुमने मेरे लिए खुद को रोका.

आंड प्रीति मेरे होठों के पास आके मुझे किस करने लगी आंड मेरा तो पूरा सरीर ही जाम गया हो आंड मैने उसके किस का कोई भी रेस्पॉन्स नही दिया.

उसने अपने से अलग करके कहा प्रीति ये क्या कर रही है ई कॅन’त दो तीस. मे तुमसे बहुत प्यार कटा हूँ आंड मे नही चटा की मेरे वजह से तुम्हे तकलीफ़ हो.

प्रीति: क्यूँ मे तुम्हरी कज़िन हूँ इसीलिए?

मे: हाँ इसीलिए

प्रीति: अगर मे तुम्हरी कज़िन ना होती तो?

मे: बात वो नही है.

प्रीति: तो क्या बात है क्या मे अची नही हूँ.. या फिर तुम मुझे ही ग़लत साँझ रहे हो?

मे: नही प्रीति मे तुम्हे क्यँ ग़लत समझूंगा, तुम ग़लत नही हो सकती कवि भी.

प्रीति: तो भूल जाओ की मे तुम्हरी कज़िन हूँ आंड मुझे प्यार करो.

मे: क्या ये ग़लत नही है?

प्रीति: तुम बहुत सोचते हो आंड देन शी अगेन स्टार्टेड तो किस मे.

आब आयेज क्या हुआ नेक्स्ट पार्ट मे, कैसे मैने प्रीति अपनी प्यारी प्यारी बतो मे फसा के चोदा. अपना फीडबॅक मुझे ज़रूर दे.
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