गन्दू की गांद और बेहन की चूत चुदाई की कहानी

सेक्स स्टोरी अब आयेज-

वरुण फुल जोश में मुझे मज़े दे रहा था लोड्‍ा चूस कर. करीब 10 मिनिट लोड्‍ा चूसा उसने. फिर मेरा माल निकालने को हुआ.

विवेक: चूस वरुण, बहनचोड़ ज़ोर से चूस. मेरा माल आने वाला है मदारचोड़. आअहह चूस, अगर माल की एक भी बूँद वेस्ट की, तो मा छोड़ दूँगा तेरी सेयेल भद्वे.

शिखा: क्या बात है भैया. हर किसी की मा छोड़ने का मॅन है आपका?

मेरा माल छ्छूता और वरुण में टोपा ज़ोर से मूह में बंद कर लिया. लंड झटके दे रहा था, और वरुण ने सारी पिचकारी अपने मूह में ले ली, और आखरी झटके के बाद सारा माल गतक गया. फिर लंड को चारों तरफ से चाट कर सॉफ किया, और टोपे को फिर से किस करने लगा.

विवेक: वाह वरुण, बेहन के लोड, मज़ा दे दिया तूने तो. तू पहले से ही ट्रेंड है. पहले किसका चूस्टा था?

वरुण: वो मेरे होमटाउन में मेरा जो पार्ट्नर था, उसका.

विवेक: चल अब कपड़े निकाल, और गांद फदवाने को रेडी हो जेया.

वरुण: पर भैया अभी तो आपका डिसचार्ज हुआ है. इतनी जल्दी वापस कैसे?

शिखा: अर्रे यही तो बात है मेरे भाई की, जिसकी वजह से मुझे इसको हज़्बेंड बनाना पड़ा. 4-5 रौंद बॅक तो बॅक पेल देते है मुझे. मेरी कमर-तोड़ कर छूट बिल्कुल खाली कर देते है ये बहनचोड़ जी.

वरुण ने अपने कपड़े निकाले, और सोफे पर साइड में आ कर डॉगी बन गया.

शिखा: भैया सवारी तैयार है आपकी, बस चढ़ जाओ घोड़ी.

विवेक: तो फिर जल्दी से इसे मूह में लेले मेरी रंडी, और खड़ा कर दे इसे.

शिखा ने लंड मूह में लिया, और चूसने लगी. 2 मिनिट में लंड खड़ा हो गया, और शेप में आ गया. तो मैं खड़ा हुआ और उसकी गांद को खोला, और लंड उसके होल पर रखा.

वरुण: भैया गांद चाट कर गीली तो कर दो. सूखी कैसे छोड़ोगे यार.

मेरी झाँते सुलग गयी. मैं पीछे हटा और उसकी गांद पर लात दे मारी.

विवेक: अब हो गयी गीली? मदारचोड़ गांद चातु तेरी भद्वे!

शिखा ने आयिल की बॉटल दी.

शिखा: भैया यार क्यूँ इतना रूड बिहेव कर रहे हो वरुण के साथ? प्यार से छोड़ो ना, पहली बार है आपके साथ.

मैने आयिल डाला गांद पर, और लंड पर.

विवेक: चल रेडी हो जेया अब. सोफे को कस्स कर पकड़ ले. मैं कोई प्यार से नही छोड़ूँगा. आज ऐसे छोड़ूँगा की आयेज से गांद नही मरवाएगा तू किसी से.

मैं वरुण के गांद को खोला, और लंड च्छेद पर टीकाया, और फिर ज़ोर लगाया. मदारचोड़ की गांद का च्छेद छ्होटा था, मतलब ज़्यादा नही छुड़ा था. इतने में शिखा ने गांद को पकड़ कर खोला, और मैने लंड आचे से पकड़ कर धक्का पेला, तो टोपा अंदर घुस गया.

वरुण: सस्स्स्स्शह अम्मा रे, गांद फटत गयी.

फिर गांद का होल तोड़ा खुला, तो टोपे को आयेज-पीछे किया, जिससे गांद रिलॅक्स हुई और ढीली पद गयी. शिखा ने आयिल की बॉटल उठा कर गांद पे पिचकारी मारी 2-4 बार, टोपे को और आयेज-पीछे किया. फिर एक झटका मारा और पूरा लंड उसकी गांद में उतार दिया. मेरे गोते उसकी गांद को टच कर गये. वरुण एक्सपेक्ट नही कर रहा था शायद, तो वो आयेज से एक-दूं उठ गया आहह करते हुए.

वरुण: आअहह भैया, मार दिया आपने. फक! बहुत मोटा है यार, गांद फटत गयी मेरी. निकालो बाहर इस गढ़े के लंड को.

शिखा उसके सिर पर हाथ घूमते हुए दूसरे हाथ से पीठ सहलाने लगी. मैने लंड बाहर खींचा, बस टोपा अंदर रखा, और वापस से पूरा दे मारा. वरुण की तो मा ही चुड गयी इस बार. उसने सोफे को मूह से दबाया, और ना में सिर हिलने लगा इधर-उधर. वो एक हाथ से सोफे पर मुक्का बना कर मारने लगा, और दूसरे से गांद को खींचने लगा.

अब मैने उसके पैर थोड़े साइड में खोले, और कमर पकड़ी, और लंड को पेलने लगा अंदर-बाहर अंदर-बाहर. आयिल की वजह से गांद में लंड घिसता हुआ अंदर-बाहर हो रहा था, तो गरम हो गया लंड. सच में यार गांद तो मस्त थी सेयेल की, टाइट और गद्देदार. लंड को भी मज़ा आ रहा था गरम भट्टी में अंदर-बाहर आने-जाने में.

वरुण का लंड भी खड़ा हो गया था, और झटके दे रहा था. पर वो सोफे में मूह दबाए झटके बर्दाश्त कर रहा था, और हर झटके को रोकने के लिए हाथ पीछे करके मेरी कमर पर पीछे ज़ोर दे रहा था. अब मैने उसकी गांद पर चपेट लगाई और रोक-रोक कर झटके पेले.

वरुण: भैया प्लीज़ यार, तोड़ा रुक जाओ. गांद बहुत जल रही है. आपका बहुत बड़ा है यार, उउईइ मा रे.

शिखा ने उसका चेहरा देखा.

शिखा: भैया रुक जाओ प्लीज़, ये तो रो रहा है.

मैने धक्के लगाना बंद किया, तो वरुण ने लंबी साँस ली.

वरुण: मार दिया भैया यार आपने तो. शिखा तू कैसे झेलती है इतना बड़ा?

शिखा: बस पूच मत यार, पहली बार तो मेरी आँखें ही बाहर आ गयी थी दर्द से. जान मूह को आ गयी थी. पर ये भोंसड़ी वाला तो बस पेलना जानता है, और अब थोड़ी देर में तू भी मज़े से गांद मरवाएगा.

मैने शिखा को सोफे के उपर बैठने को बोला टांगे फैला कर, और वरुण को उसकी छूट चूसने को बोला.

विवेक: वरुण शिखा की छूट चूस, और अब मुझे रोकना मत, वरना वो झाड़ू घुसा दूँगा गांद में. जितना ज़्यादा दर्द हो, उतना डीप्ली उसकी छूट चूसना और काटना तू.

वरुण: भैया मैने कभी छूट चूसी नही है, और मुझे कुछ मज़ा भी नही आता छूट देखने से.

इतने में मैने लंड पेल दिया, तो उसने सिर उपर किया. मैने पीछे से उसके बाल पकड़े, और मूह शिखा की छूट पर रख दिया, और छूट पर रगड़ने लगा. अब पीछे से उसकी गांद में फुल स्पीड में लंड पेल रहा था, और मूह शिखा की छूट पर रग़ाद रहा था.

शिखा: उफ़फ्फ़ यार भैया, सीन देख कर ही गरम हो रही है छूट. चूस ना वरुण यार, मुझे भी मज़े दे. अकेले ही सारे मज़े लूटेगा क्या?

वरुण ने शिखा की छूट मूह में भर ली, और ज़ोर से होंठो से दबा ली. क्यूंकी मैं पीछे से पेले जेया रहा था, तो दर्द को बर्दाश्त कर रहा था.

शिखा: आबे सेयेल कुत्ते, चूसनी है, होंठो से दबानी नही है. आअहह कमीने छ्चोढ़, दर्द हो रहा है.

भैया यार तोड़ा धीरे-धीरे छोड़ो इसकी गांद, ये साला मेरी छूट दबाए है ज़ोर से.

वरुण (दर्द में): आअहह मा, भैया प्लीज़ स्लो डाउन. मैने पहले कभी इतनी ज़ोर से और इतने बड़े लंड से नही मरवाई हह. शिखा प्लीज़ बोलो भैया को, मेरी गांद जल रही है यार.

मैं नही सुन रहा था उसकी बात. मैं बस गुस्से में पेले जेया रहा था उसको दाना दान. रूम में भी आवाज़ गूँज रही थी मेरे धक्को और ठप्पाड़ों की. मैने वापस से उसका सिर दबा दिया छूट पर, और उसकी आअहह आहह शिखा की छूट में ही डब गयी.

10 मिनिट की चुदाई के बाद शायद गांद में लंड पूरी तरह अड्जस्ट हो गया. तो फिर वरुण की दर्द भारी सिसकियाँ बंद हुई, और वो मज़े से लंड लेने लगा.

शिखा: एस वरुण चूसो मेरी छूट को यार, जैसे भैया को मज़े दिए मुझे भी जादू दिखाओ अपना.
भैया प्लीज़ फक मे आ.

वरुण: नो भैया प्लीज़ फक मे. आज दिन भर आप सिर्फ़ मेरे पति हो. मेरी गांद के मलिक हो. छोड़ो मुझे, हाए कितना मज़ा दे रहा है लंड गांद में उफफफ्फ़. कभी नही छोड़ा किसी ने मुझे ऐसे बेदर्दी से एम्म्म एस.

वरुण एक हाथ नीचे ले जेया कर अपना लंड हिलने लगा.

वरुण: एस भैया फक मे. मेरा झड़ने वाला है भैया. प्लीज़ तोड़ा और ज़ोर से पेलो, आअहह आअहह एस हार्डर भैया, एस फक मे हार्डर. शिखा थॅंक योउ यार अपने हब्बी को मुझसे शेर करने के लिए.

वरुण अपना लंड ज़ोर-ज़ोर से हिला रहा था, और 2 मीं में झाड़ गया.

वरुण: आअहह बस करो भैया. अब तोड़ा रेस्ट लेने दो मुझे. मेरी कमर तोड़ दी आपने.

शिखा: भैया अब उसे छ्चोढो मुझे पाकड़ो. इस सेयेल ने चूस कर आग भड़का दी, पेल दो मुझे भी.

मैने वरुण की गांद से लंड निकाला, और वो साइड में लेट गया. लंड शिखा की छूट पर रखा, और एक झटके में उतार दिया छूट में.

शिखा: आहह माआ उफ़फ्फ़ हाए रे. इतने टाइम बाद भी लंड जब भी छूट में जाता है, जान मूह को आ जाती है.

वरुण: वाह शिखा, एक झटके में पूरा लंड खा गयी. छोड़ो साली को भैया, फक हार्डर.

मैने वरुण का मूह शिखा की छूट पर रखा, और वहीं दबा दिया. अब मेरा लंड वरुण के होंठो से रगड़ता हुआ शिखा की छूट में जेया रहा था, और रूम में पट्ट पट्ट और शिखा की आ आ गूँज रही थी.

5 मिनिट शिखा को छोड़ा, और वो पानी छ्चोढने लगी, जिसे वरुण को पिलाया मैने. फिर उन दोनो ने बारी-बारी से मेरा लंड चूसा, और मेरा माल आधा-आधा पिया. 10 मिनिट रेस्ट किया हम तीनो ने.

विवेक: शिखा अब तू जल्दी से रूम में जेया, और रेडी हो जेया. मुझसे और वेट नही हो रही है यार. मुझे अब बस सिद्धि को पेलना है.

वरुण: भैया यार 2 बार झाड़ गये हो, और अभी भी छोड़ना है आपको? और ये सिद्धि कों है?

शिखा: मेरी मा.

वरुण: क्या! भैया तेरी मा भी छोड़ते है? आंटी भी आई है क्या?

यह कहानी भी पड़े  भाई ने देखा बेहन का सेक्सी शूट

error: Content is protected !!